गर्भावस्था

गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित और असुरक्षित टीके

जिस क्षण आपको अपनी गर्भावस्था के बारे में पता चलता है, आप अपने शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी शक्ति सीमा के भीतर सब कुछ करना शुरू कर देती हैं । हालांकि ऐसे समय में जबकि बाहरी पर्यावरणीय कारकों का बारीकी से ध्यान रखा जाता है, आंतरिक कारकों जैसे कि इम्युनिटी को अक्सर अनदेखा किया जाता है।

गर्भावस्था के दौरान आपके बच्चे की इम्युनिटी कमजोर होती है, यही वजह है कि गर्भावस्था के दौरान माताएं भ्रूण को एंटीबॉडीज प्रदान करती हैं। हालांकि एंटीबॉडीज संक्रमण के खिलाफ एक निश्चित सीमा तक सुरक्षा प्रदान करती हैं, लेकिन कुछ और बातें भी होती हैं जो उन्हें बाईपास करके भ्रूण को प्रभावित करने में कामयाब हो जाती हैं। यहाँ आपको गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण के बारे में पता होना चाहिए।

गर्भावस्था में टीकाकरण क्यों जरूरी है

जब आपका शिशु गर्भ में होता है, तब वह टीकाकरण के लिए बहुत छोटा होता है। इसलिए, माओं को टीके-निवारक संक्रमणों से भ्रूण की सुरक्षा के लिए टीका लगवाना आवश्यक है। टीकाकरण आसपास के वातावरण में संचारी रोगों के प्रसार को रोकता है और भ्रूण में जन्म से ही होने वाले विभिन्न दोषों और विकास संबंधी विकृतियों की संभावना को कम करता है। आपकी समय पूर्व प्रसव की संभावना कम से कम हो जाती है, और आपका शिशु गर्भावस्था में सुरक्षित रहता है।

क्या टीके के तत्व सुरक्षित होते हैं

एफडीए की सुरक्षा और पर्यवेक्षण दिशानिर्देशों के तहत प्रत्येक टीके का परीक्षण किया जाता है। उपयोग के लिए सक्षम होने से पहले शुद्धता, खुराक और प्रभावशीलता की जांच की जाती है। कुछ टीकों में अंडों जैसी सामग्री उपयोग होती है जैसे कि इन्फ्लूएंजा का टीका, जो कुछ गर्भवती महिलाओं में एलर्जी का कारण हो सकता है और यही कारण है कि पहले डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।

क्या टीकाकरण आपके होने वाले बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है

कुछ टीके जैसे कि लाइव-वैक्सीन आपके होने वाले बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं। गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती माँ को अन्य टीके लगाए जाते हैं जबकि बाकी बच्चे के जन्म के तुरंत बाद लगाए जाते हैं।

गर्भावस्था के लिए कौन से टीके लगाने की सलाह दी जाती है

गर्भावस्था के लिए आवश्यक कुछ टीकों की सूची यहाँ दी गई है। इनमें कुछ टीके गर्भधारण से पूर्व और कुछ गर्भधारण के बाद लगाने की सलाह दी जाती है।

यदि आप अभी तक गर्भवती नहीं हुई हैं, तो निम्नलिखित टीके लगवाने पर विचार करें-

1. रूबेला

यह जांचने के लिए कि क्या आपके शरीर में रूबेला का वायरस है या नहीं, गर्भावस्था से पहले रूबेला टेस्ट करवाएं । यदि हो तो, तो रूबेला टीकाकरण करवा लें तथा गर्भ धारण की कोशिश के लिए कम से कम एक महीने तक प्रतीक्षा करें। रूबेला का टीका गर्भावस्था के दौरान उतना सुरक्षित नहीं है।

2. हेपेटाइटिस बी वैक्सीन

हेपेटाइटिस बी एक गंभीर संक्रमण है जो वायरस के कारण होता है जिससे लिवर की दीर्घकालीन बीमारी, थकान, मतली और गंभीर मामलों में मृत्यु तक हो सकती है। जो माएं हेपेटाइटिस बी वायरस से प्रभावित होती हैं, उन्हें अपने बच्चों की रक्षा और सुरक्षा के लिए गर्भावस्था से पहले टीकाकरण की आवश्यकता होती है। इस टीकाकरण की पुष्टि करने के लिए अपनी गर्भावस्था से पहले इस वायरस का परीक्षण करवाएं और इस टीकाकरण का विकल्प चुनें क्योंकि आपके शरीर में पहले से ही वायरस हो सकता है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के करीब रहती हैं, जो हेपेटाइटिस बी से संक्रमित है, तो इस टीकाकरण पर विचार करें।

गर्भधारण के बाद माओं को लगाए जाने वाले टीके निम्नलिखित हैं-

3. फ्लू का टीका

फ्लू गर्भधारण के बाद निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन जाता है, और कई माताओं को गर्भावस्था की जटिलताओं का सामना करना पड़ता है जैसे कि शुरुआती प्रसव और ऐसे प्रसव जिनमें जन्म के समय वजन कम हो सकता है और शिशुओं में विकास संबंधी विकृतियां हो सकती हैं। संरक्षित रहने के लिए फ्लू का टीका लगवाएं और सुनिश्चित करें कि आपकी गर्भावस्था के महीनों बाद भी आपका शिशु फ्लू से प्रभावित न हो।

फ्लू का टीका गर्भावस्था की किसी भी तिमाही में लिया जा सकता है।

4. काली खांसी

जन्म के बाद आपके बच्चे को काली खांसी होना उसके लिए एक गंभीर जोखिम में रूपांतरित हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर 27 से 36 सप्ताह के बीच या गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के शुरुआती समय के दौरान काली खांसी का टीकाकरण करवाने की सलाह देते हैं। चूंकि आपके शिशु को खांसी का टीका नहीं लगाया जा सकता, इसलिए सबसे अच्छा सुझाव यह है कि आप इसे अपनी गर्भावस्था के दौरान जितनी जल्द हो सके ले लें। इसके अतिरिक्त, कोई भी बड़े या बूढ़े व्यक्ति जो आपके बच्चे से मिलते हों, सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें भी यह टीकाकारण करवाने की सलाह दी जाती है।

गर्भावस्था में किन टीकों से बचना चाहिए

गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित टीकों से बचना चाहिए-

1. हेपेटाइटिस ए

इस टीकाकरण की सुरक्षा और शक्ति का पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया गया है। इस वायरस के संपर्क में आने का अधिक खतरा रखने वाली माताओं को यह वैक्सीन चुनने से पहले इससे होने वाले खतरे और फायदे के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

2. एमएमआर (खसरा, मम्प्स, रूबेला)

यह एक लाइव-वायरस टीका है और रूबेला के प्रारंभिक परीक्षण करवाने से पता चलेगा कि आप रूबेला वायरस से प्रतिरक्षित हैं या नहीं। यदि आप रूबेला से प्रतिरक्षित नहीं हैं, तो आपको यह वायरस प्रसव के बाद ही दिया जाएगा।

3. छोटी चेचक

वैरिसैला एक वैक्सीन है जिसे गर्भावस्था से एक महीने पहले दिया जाता है। इसका उपयोग शिशुओं में चिकनपॉक्स को रोकने के लिए किया जाता है, इसे गर्भावस्था के दौरान लेना उपयुक्त नहीं है।

4. एचपीवी वैक्सीन

ह्यूमन पैपिलोमावायरस वायरस का टीकाकरण गर्भावस्था के दौरान लेना अनुपयुक्त है।

5. न्यूमोकोकल

इस टीके की सुरक्षा की प्रकृति ज्ञात न होने के कारण, यह गर्भवती महिलाओं के लिए उचित नहीं है। जिन महिलाओं को किसी लंबी बीमारी के गंभीर खतरे हैं, केवल उन्हें इस टीके को लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

6. ओरल पोलियो वैक्सीन (पीओवी) और निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (आईपीवी)

पोलियो के टीके (सजीव और निष्क्रिय) के दोनों संस्करण गर्भवती महिलाओं को देने की सलाह नहीं दी जाती है।

उपरोक्त अवांछित टीकों में से कोई भी गर्भपात, समय से पहले जन्म, शिशु में जन्म संबंधी दोष और गर्भावस्था के दौरान विभिन्न जटिलताओं के कारण हो सकते हैं।

टीकाकरण के बाद दुष्प्रभाव

यद्यपि इनके द्वारा लाभ अधिक होते हैं, तथापि आप गर्भावस्था के दौरान उपरोक्त टीकाकरणों में से किसी एक के बाद निम्नलिखित दुष्प्रभावों का अनुभव कर सकती हैं-

  • लाली
  • सूजन
  • टीकाकरण की जगह में दर्द
  • थकान
  • शरीर में दर्द
  • असामान्य चकत्ते
  • उल्टी
  • दस्त
  • पेट दर्द
  • बुखार

यदि आप वैक्सीन-निवारक संक्रमण वाले स्थानों पर विदेश यात्रा करने की योजना बना रही हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें और अपनी गर्भावस्था से पहले अन्य टीकाकरणों के बारे में भी पूछ लें, जिनकी आपको आवश्यकता हो।

आपके भ्रूण में एक इम्युनोकोम्प्रोमाइज्ड प्रणाली होती है, और आपके लिए गर्भवती होने से पहले टीका लगवाना एक अच्छा विचार है। यह सुनिश्चित कर लें कि आप गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान सुरक्षित और तनाव मुक्त प्रसव के लिए आवश्यक टीकाकरण करवाएं ।यद्यपि दुनिया में भरे संक्रमणों तथा बीमारियों से बचने के लिए कोई भी टीकाकरण पूर्ण रूप से विश्वसनीय नहीं है, लेकिन यह माना जा सकता है कि आपका छोटा बच्चा इनमें से आमतौर पर देखी जाने वाली बीमारियों से बचा रहेगा। हम उम्मीद करते हैं कि आपकी गर्भावस्था सुरक्षित रहे। अच्छे से आराम करना न भूलें और मातृत्व का पूरा आनंद उठाएं ।

यह भी पढ़ें:

गर्भावस्था के दौरान टिटनस टॉक्साइड (टी.टी.) इंजेक्शन
गर्भावस्था में प्रति तिमाही किए जाने वाले आम परीक्षण

श्रेयसी चाफेकर

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

1 day ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

1 day ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

1 day ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

3 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

3 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

3 days ago