In this Article
- रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध लिखते समय ध्यान रखने वाली जरूरी बातें (Key Points To Remember When Writing Essay On Rani Lakshmi Bai)
- रानी लक्ष्मी बाई पर 5 लाइन (5 Lines On Rani Lakshmi Bai in Hindi)
- रानी लक्ष्मी बाई पर 10 लाइन (10 Lines On Rani Laxmi Bai In Hindi)
- रानी लक्ष्मी बाई पर अनुच्छेद (Paragraph On Rani Lakshmi Bai)
- रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Rani Laxmi Bai in Hindi 200-300 Words)
- रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Rani Laxmi Bai in Hindi 400-600 Words)
- रानी लक्ष्मी बाई के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Rani Laxmi Bai in Hindi)
- रानी लक्ष्मी बाई के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn From Rani Laxmi Bai Essay?)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- रानी लक्ष्मी बाई के निबंध से आपका बच्चा क्या सीखेगा? (What Will Your Child Learn From Rani Laxmi Bai Essay?)
रानी लक्ष्मी बाई एक बहादुर और निडर योद्धा और मराठा राज्य की महिला शासकों में से एक थी। रानी लक्ष्मी बाई एक बहादुर योद्धा थी और अंग्रेजों के खिलाफ उनके संघर्षों को लोग आज भी इतिहास के पन्नो में पढ़ते हैं। उनकी वीरता के लिए उन्हें ‘झांसी की रानी’ के नाम से भी जाना जाता है। भारत में उन्हें नेशनल हीरो का दर्जा भी दिया गया है। रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर, 1828 को वाराणसी में हुआ था। इनके पिता का नाम मोरोपंत तांबे और माता का नाम भागीरथी साप्रे था। 1857 के अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में रानी लक्ष्मी बाई भारत की सबसे साहसी और निडर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थी।
रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध लिखते समय ध्यान रखने वाली जरूरी बातें (Key Points To Remember When Writing Essay On Rani Lakshmi Bai)
रानी लक्ष्मीबाई पर निबंध लिखते समय बच्चों को कुछ खास बातें याद रखनी चाहिए, जिनका जिक्र नीचे किया गया है।
- पहले निबंध का विषय अच्छे से समझें और पता करें कि क्या लिखना है।
- निबंध की शुरुआत एक अच्छे परिचय से करें।
- विषय के बारे में सही जानकारी और तथ्य लिखें।
- निबंध में लिखी हुई भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए।
- आखिर में निबंध को एक अच्छा और पूरा निष्कर्ष देकर खत्म करें।
रानी लक्ष्मी बाई पर 5 लाइन (5 Lines On Rani Lakshmi Bai in Hindi)
इन 5 पंक्तियों से हम रानी लक्ष्मीबाई के साहस और वीरता के बारे में जान सकते हैं और ये पंक्तियां एक बेहतर निबंध लिखने में मदद करती हैं।
- रानी लक्ष्मीबाई झांसी की बहादुर रानी थीं, जिन्हें अपने देश से बहुत प्यार था।
- वे अपनी प्रजा की बहुत चिंता करती थीं और उसे हमेशा सुरक्षित रखने की कोशिश करती थीं।
- जब अंग्रेजों ने उनके राज्य पर हमला किया, तो उन्होंने अपने राज्य की रक्षा के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी।
- सभी लोग उनकी बहादुरी की तारीफ करते हैं और उन्हें भारत की बहादुर रानी कहते है।
- बच्चों को उनकी कहानी मजबूत, दयालु और निर्भीक होना चाहिए सिखाती है।
रानी लक्ष्मी बाई पर 10 लाइन (10 Lines On Rani Laxmi Bai In Hindi)
इन 10 पंक्तियों से हमारे देश के बहादुर योद्धा रानी लक्ष्मी बाई के बारें में जानें और बच्चे भी इन पंक्तियों की मदद से एक छोटा निबंध लिख सकेंगे।
- रानी लक्ष्मी बाई एक महान स्वतंत्रता सेनानी थी।
- इनका जन्म 18 नवंबर 1828 में वाराणसी में हुआ था।
- उनके बचपन का नाम ‘मणिकर्णिका’ था।
- यह ‘झांसी की रानी’ के नाम से प्रसिद्ध हुई।
- इनकी शादी झांसी के राजा गंगाधर राव से 1842 में हुई थी।
- झांसी को बचाने के लिए वह अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी के साथ लड़ी।
- इनके बेटे का नाम दामोदर राव था।
- इन्हें घुड़सवारी, तलवारबाजी करने का बहुत शौक था।
- इनकी मृत्यु 22 साल की उम्र में वर्ष 1857 में युद्ध के दौरान हुई।
- उन्हें एक महान योद्धा, सच्ची देशभक्त के रूप में लोग आज भी याद करते हैं।
रानी लक्ष्मी बाई पर अनुच्छेद (Paragraph On Rani Lakshmi Bai)
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हमारे देश की बहुत बहादुर और वफादार स्वतंत्रता सेनानी थीं। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनका साहस और हिम्मत ही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी। उन्होंने कभी डरकर हार नहीं मानी और स्वतंत्रता के लिए लड़ते हुए अपनी जान दे दी। वे सिर्फ 29 साल की उम्र में युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुईं। उनकी वीरता पर कई कविताएं और गीत लिखे गए हैं। उनके संघर्ष और बलिदान ने भारतीय लोगों के दिलों में हमेशा एक प्रेरणा की जगह बनाई। लोग उन्हें ‘झांसी की रानी’ कहकर याद करते हैं और सिर्फ झांसी ही नहीं पूरे देश में उनके सम्मान में स्मारक उभारे गए हैं। रानी लक्ष्मीबाई को भारतीय इतिहास में एक अद्भुत योद्धा के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा।
रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on Rani Laxmi Bai in Hindi 200-300 Words)
रानी लक्ष्मी बाई के बारे में निबंध लिखना है लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा है कि शुरू कैसे करना है, टेंशन न लें उसके लिए हमने 200-300 शब्दों का शॉर्ट एस्से तैयार किया जिसकी मदद से आप अपने बच्चे को प्रैक्टिस करवा सकते हैं।
रानी लक्ष्मी बाई का बचपन का नाम ‘मणिकर्णिका’ था और उन्हें प्यार से ‘मनु बाई’ बुलाया जाता था। रानी लक्ष्मी बाई का जन्म वाराणसी में 18 नवंबर 1828 में हुआ था। 14 साल की उम्र में रानी लक्ष्मी बाई का विवाह झांसी के राजा गंगाधर राव से किया गया था। उनकी पहली संतान की 4 महीने में ही मृत्यु हो गई थी, बाद में राजा ने एक पुत्र को गोद लिया था जिसका नाम दामोदर राव रखा गया। राजा की मृत्यु के बाद झांसी पर अंग्रेजों के आक्रमण कर दिया। लेकिन रानी लक्ष्मी बाई ने उनके सामने घुटने नहीं टेके और वह अंग्रेजों से डटकर लड़ी। उनका नारा था कि वह झांसी किसी को नहीं देंगी। इस युद्ध के दौरान लड़ते हुए उन्होंने अपने प्राणों को त्याग दिया था। रानी लक्ष्मी बाई को उनकी बहादुरी के लिए सब जानते हैं और उनके लिए ‘खूब लड़ी मर्दानी, वो तो झांसी वाली रानी थी’ वाक्य काफी प्रसिद्ध हुआ है।

रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध 400-600 शब्दों में (Essay on Rani Laxmi Bai in Hindi 400-600 Words)
आपको अधिक रचनात्मक और बेहतर तरीके से एक बड़ा 400-600 शब्दों वाला रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध लिखना है, तो हमारे द्वारा बताए गए के निबंध के तरीके को अपना सकते हैं और अच्छे से अच्छा शब्दों का प्रयोग कर के निबंध और भी आकर्षित बना सकते हैं।
रानी लक्ष्मीबाई का बचपन और प्रारंभिक जीवन (Childhood & Early Life Of Rani Lakshmi Bai)
रानी लक्ष्मीबाई के साहस और वीरता के किस्से तो सभी लोगों ने सुने होंगे। उन्होंने भारत में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया था। रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 1828 में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन में उनका नाम मणिकर्णिका तांबे रखा गया था और प्यार से उन्हें सब मनु बाई बुलाते थे। इन्हें घुड़सवारी और तलवारबाजी करने का बचपन से शौक था। जब उनकी माता की मृत्यु हो गई थी तो उसके बाद उनकी पिता ने ही उनका ध्यान रखा। वह युद्ध कला, निशानेबाजी, तलवारबाजी में काफी निपुण थी। रानी लक्ष्मी बाई का बचपन नाना साहब और तात्या टोपे जैसे व्यक्तियों के साथ पेशवा के दरबार में बीता था।
रानी लक्ष्मी बाई का वैवाहिक जीवन (Marriage Life Of Rani Laxmi Bai)
रानी लक्ष्मी बाई की शादी 1842 में झांसी के राजा गंगाधर राव से हुई, जिसके बाद से उन्हें रानी लक्ष्मी बाई नाम दिया गया था। रानी लक्ष्मी बाई ने 1851 में बेटे को जन्म दिया लेकिन चार महीने में ही उसकी मृत्यु हो गई थी। राजा गंगाधर अपने बेटे की मृत्यु के सदमे को सहन नहीं कर पाएं। बाद में उन्होंने एक पुत्र को गोद लिया और उसका नाम दामोदर राव रखा गया था।
1857 की क्रांति और विद्रोह
ब्रिटिश राज ने रानी लक्ष्मीबाई के गोद लिए पुत्र दामोदर राव को राजा मानने से इनकार कर दिया और झांसी को अंग्रेजों की जमीन बनाना चाहा। रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के अधीन रहने से इंकार कर दिया और विद्रोह कर दिया। उन्होंने ‘डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स’ कानून और विदेशी शासन का विरोध किया और 1857 में भारत की पहली स्वतंत्रता की जड़ें उगने लगी। सिपाही विद्रोह ने कई हिस्सों में क्रांति फैला दी, जैसे कानपुर, लखनऊ और पंजाब।
रानी लक्ष्मीबाई ने नाना साहब पेशवा और तात्या टोपे की मदद से 1857 में झांसी पर कब्जा किया। लेकिन 1858 में अंग्रेजों ने फिर से झांसी पर हमला किया। ह्यू रोज के नेतृत्व में बड़ी सेना भेजी गई। अंग्रेजों ने धोखे से किले पर कब्जा कर लिया और रानी लक्ष्मीबाई को वहां से छिपकर कालपी जाना पड़ा।
रानी लक्ष्मीबाई के प्रसिद्ध नारे
रानी लक्ष्मीबाई के नारे उनके साहस और देशभक्ति के लिए हमेशा याद किए जाते हैं।
- “हम स्वतंत्रता के लिए लड़ते हैं। जैसे भगवान कृष्ण ने कहा है, अगर हम जीतेंगे तो जीत के फल का आनंद लेंगे और अगर युद्ध में मारे गए तो हमें अमर गौरव और मुक्ति मिलेगी।”
- “स्वतंत्रता के लिए लड़ते हुए मरना जीवन भर कैद में रहने से अच्छा है।”
- “आइए हम सब एकजुट होकर अपने देश के कल्याण के लिए मिलकर काम करें।”
रानी लक्ष्मी बाई की मृत्यु (Death Of Rani Laxmi Bai)
रानी लक्ष्मीबाई को अपने राज्य को पुनः प्राप्त करने के लिए अंग्रेजों और ग्वालियर की एकजुट सेना से लड़ना पड़ा। उन्होंने अपने गोद लिए हुए बेटे को पीठ पर बांधकर और हाथ में तलवार लेकर वीरता से युद्ध किया। भीषण युद्ध में एक अंग्रेज सैनिक ने उनके शरीर में तलवार घोंप दी जिससे वह खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर गईं। उनके विश्वासी सेवक उन्हें घायल हालत में वहां से ले गए। वीर रानी ग्वालियर के कोटा-की-सराय में 18 जून 1858 को शहीद हो गईं। उनकी अंतिम इच्छा थी कि कोई भी अंग्रेज उनके शरीर को न छुए जिसे उनके सेवकों ने चिता जलाकर पूरा किया।
रानी लक्ष्मी बाई के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About Rani Laxmi Bai in Hindi)
- रानी लक्ष्मी बाई का बचपन का नाम ‘मणिकर्णिका’ था और उन्हें ‘मनु’ नाम से बुलाया जाता था।
- रानी लक्ष्मी बाई के पति राजा गंगाधर राव ने झांसी की आर्थिक स्थिति को सुधारा था।
- रानी लक्ष्मी बाई बचपन से बहुत निडर और बहादुर थी।
- रानी लक्ष्मी बाई के पति ने बेटे की मृत्यु के बाद एक बेटा गोद लिया था।
- तात्या टोपे और नाना साहेब रानी लक्ष्मी बाई के बचपन के मित्र थे।
- वह मात्र 29 वर्ष की आयु में वीरगति को प्राप्त हो गई थीं।
रानी लक्ष्मी बाई के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है? (What Will Your Child Learn From Rani Laxmi Bai Essay?)
रानी लक्ष्मी बाई के बलिदान से हमें यह सीखने को मिलता है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए और अपने आप को कभी भी छोटा या कमजोर नहीं समझना चाहिए। जब भी जिस रूप में भी मुसीबत आए, हमें डट के सामना करना चाहिए। खासकर महिलाओं के लिए रानी लक्ष्मी बाई एक प्रेरणा का स्रोत है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
रानी लक्ष्मी बाई से जुड़े कई सवाल हैं जिनके बारें में बच्चों को जानकारी होनी चाहिए। आइए जानते हैं:
1. रानी लक्ष्मी बाई के घोड़ों का क्या नाम था?
रानी लक्ष्मी बाई के घोड़ों का नाम सारंगी, बादल और पवन था।
2. की रानी की तलवार का वजन कितना है?
अंग्रेजों से लड़ते वक्त रानी लक्ष्मी बाई करीब 3.308 किलो और लंबाई 4 फीट थी।
3. रानी लक्ष्मी बाई की हमशक्ल कौन थी?
रानी लक्ष्मी बाई की हमशक्ल का नाम झलकारी बाई था। वह बिलकुल लक्ष्मी बाई की तरह दिखती थी। कई बार वह रानी के भेष में भी अंग्रेजों से लड़ी थी। वह रानी लक्ष्मी बाई की सेना में महिला शाखा दुर्गा दल की सेनापति थी।
रानी लक्ष्मी बाई के निबंध से आपका बच्चा क्या सीखेगा? (What Will Your Child Learn From Rani Laxmi Bai Essay?)
रानी लक्ष्मी बाई के बलिदान से हमें यह सीखने को मिलता है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए और अपने आप को कभी भी छोटा या कमजोर नहीं समझना चाहिए। जब भी जिस रूप में भी मुसीबत आए, हमें डट के सामना करना चाहिए। खासकर महिलाओं के लिए रानी लक्ष्मी बाई एक प्रेरणा का स्रोत है।
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