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मां की सहज प्रवृत्ति बच्चे को भूख लगने पर उसे दूध पिलाने के लिए प्रेरित करती है और मां को अक्सर यह करना पड़ता है। अगर वह बाहर हो, तो भी भूख से रोते हुए शिशु को संभालना पड़ता है। कुछ महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग में कंफर्टेबल और कॉन्फिडेंट महसूस करती हैं और अपने बच्चे की भूख को शांत करने के लिए एक या दोनों ही ब्रेस्ट खुले रहने से उन्हें कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन हर महिला इतनी सहज नहीं होती है। अधिकतर महिलाएं सार्वजनिक जगह पर अपने शिशु को दूध पिलाने के दौरान अपने शरीर को ढकना पसंद करती हैं।
शॉपिंग मॉल्स, रेस्टोरेंट और ऐसी ही अन्य सार्वजनिक जगहों पर अपने शिशु को स्तनपान कराना, जहां आपको दूसरे लोग देख सकते हैं, इसे पब्लिक में ब्रेस्टफीडिंग कहा जाता है। ब्रेस्टफीडिंग मां और बच्चे के बीच का एक बहुत ही निजी अनुभव होता है। यही कारण है कि नई मांएं अक्सर पब्लिक में ऐसा करने में असुविधा महसूस करती हैं, जहां उन्हें दूसरे लोग देख सकते हैं।
पब्लिक में ब्रेस्टफीडिंग को लेकर कुछ कानून हैं, जिन्हें स्तनपान कराने वाली मां को सपोर्ट करने के लिए बनाया गया है। द ओंटारियो ह्यूमन राइट्स कमीशन का कहना है, कि ब्रेस्टफीडिंग करा रही किसी भी महिला को रुकने, शरीर को ढकने या कहीं और जाने के लिए नहीं कहा जा सकता है या परेशान नहीं किया जा सकता है। भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में पब्लिक में ब्रेस्टफीडिंग बिल्कुल सामान्य है, क्योंकि इसे एक प्राकृतिक आवश्यकता के रूप में देखा जाता है। वहीं शहरी क्षेत्रों में ब्रेस्ट को अक्सर एक सेक्सुअल सिंबल की तरह देखा जाता है।
पूरे देश में वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है, जिसमें मांएं ब्रेस्टफीडिंग करा कर पब्लिक में ब्रेस्टफीडिंग को सामान्य बनाने के लिए प्रमोट करती हैं। बेंगलुरु में एक कार्यक्रम किया गया था, जहां स्तनपान कराने वाली महिलाओं ने ब्रेस्टफीडिंग को सामान्य बनाने के एक प्रयास के रूप में पब्लिक स्थलों पर इकट्ठा होकर अपने बच्चों को दूध पिलाया।
सार्वजनिक जगहों पर अपने बच्चे को दूध पिलाना गैरकानूनी नहीं है और यहां पर परिस्थिति के साथ तालमेल बिठाने के लिए कुछ टिप्स दिए गए हैं:
बटन वाले ढीले कपड़े पहनें या ऐसी कोई शर्ट पहनें जिसे साइड में खींचना और वापस अपनी जगह पर करना आसान हो और आप अपने गौरव को प्रभावी ढंग से सुरक्षित रख सकें।
अपने पति के सामने या किसी करीबी मित्र या रिश्तेदार के सामने बच्चे को दूध पिलाने की प्रैक्टिस करें और देखें कि इस प्रक्रिया में आपका शरीर कितना दिखता है। अगर आपके पास आसपास मदद करने के लिए कोई नहीं है, तो शीशे के सामने आप इस तरह की प्रैक्टिस कर सकती हैं।
हमेशा पहले से तैयारी करें और अपने साथ एक शॉल या स्टोल रखें, ताकि आप खुद को और बच्चे को उससे ढक सकें। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें, कि बच्चे को सांस लेने के लिए पर्याप्त हवा मिलती रहे।
स्लिंग ब्रेस्टफीडिंग को आसान बना देते हैं, क्योंकि इससे ऐसा लगता है जैसे बच्चा केवल सो रहा है।
ऐसी कोई सुरक्षित और आरामदायक जगह ढूंढें, जहां आप बच्चे को दूध पिलाने में सहज महसूस करें। इसके लिए टॉयलेट जैसी जगह न चुनें, क्योंकि अगर आप वहां नहीं खा सकती तो अपने बच्चे को भी वहां फीड न कराएं।
अपने आसपास मौजूद किसी व्यक्ति की विपरीत दिशा में पलट जाएं, ताकि बच्चे को दूध पीने में मदद करने के दौरान आप अनायास भी किसी तरह एक प्रदर्शन से बच सकें। जब आप दोनों कंफर्टेबल हो और आपको पूरा विश्वास हो कि अब कुछ दिखने की संभावना नहीं है, तब आप वापस सीधे पलट सकती हैं।
एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल और कभी-कभी अम्यूजमेंट पार्क जैसे पब्लिक स्थलों पर बच्चों को दूध पिलाने के लिए खास जगह बनी होती हैं। लेकिन अगर आप ऐसी किसी जगह पर नहीं हैं, तो भी, जब बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराने की बात आती है, तो ज्यादातर लोग इस समस्या को समझते हैं और मदद मांगने पर वे आपकी मदद जरूर करेंगे और ब्रेस्ट फीडिंग के लिए आपको कोई प्राइवेट जगह जरूर बताएंगे।
एक चिड़चिड़ा बच्चा हमेशा दूसरों का ध्यान आकर्षित करता है और ऐसे में पब्लिक प्लेस पर दूसरों का ध्यान आकर्षित किए बिना बच्चे को दूध पिलाना बहुत मुश्किल हो जाता है। अगर आप सहज नहीं होंगी तो फीडिंग कराने के लिए बच्चे को शांत नहीं करा पाएंगी, इसलिए इस बात का ध्यान रखें, कि समय रहते ही बच्चे को दूध पिला दें, वरना बच्चा चिड़चिड़ा हो जाएगा और सबका ध्यान आपकी ओर ही होगा।
आप बच्चे के लिए एक जरूरी काम कर रही हैं, इसलिए अगर कोई नाराजगी में आपकी ओर देखे, तो केवल उन्हें देख कर मुस्कुरा दें। आप केवल एक प्राकृतिक काम कर रही हैं और इसमें शर्मिंदा होने वाली कोई भी बात नहीं है।
आपकी ब्रेस्टफीडिंग को लेकर किसी का आपको कुछ कहना दुर्लभ है। लेकिन अगर ऐसा हो तो बेहतर है कि आप पहले से ही अपनी प्रतिक्रिया तैयार रखें। प्रतिक्रिया देने के कुछ तरीकों पर हम बाद में चर्चा करेंगे।
बहुत सी महिलाएं अपने कपड़ों के अंदर नर्सिंग टैंक टॉप्स पहनना पसंद करती हैं, क्योंकि उनमें बिल्ट-इन-ब्रा होती हैं, जो बिना अधिक झंझट और चिंता किए इस काम को आसान बना सकती हैं। कुछ मांएं केवल ढीले शर्ट या बटन वाले टॉप पहनती हैं, जिससे उन्हें बच्चे को दूध पिलाना आसान हो जाता है और शरीर भी अधिक दिखता नहीं है। ज्यादातर ड्रेसेस इस दौरान पहनने के लिए उचित नहीं होती हैं, बशर्ते उनका डिजाइन बटन वाले ड्रेसेस की तरह हो और उनमें पूरे ड्रेस को ऊपर उठाने की जरूरत न हो। आप जो भी फैसला करें इस बात का ध्यान रखें, कि बच्चे को भूख लगने पर आप तुरंत उसे ब्रेस्टफीड करा सकें और आप सहज महसूस कर सकें।
अगर आप पब्लिक में बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने के लिए परेशान की जा रही हैं, तो ऐसी कुछ बातें हैं जिन्हें आप आजमा सकती हैं। इनमें से कुछ तरीके यहां पर दिए गए हैं:
ब्रेस्टफीडिंग एक ऐसी चीज नहीं है, जिसके लिए भेदभाव किया जाए। लेकिन ऐसे कई मामले अक्सर देखे जाते हैं। कुछ लोग इसे गलत तरीके से लेते हैं, खासकर अगर वे इसे सेक्सुअली देखें तो और कुछ लोग पब्लिक में ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं से असुविधा महसूस करते हैं। वे इसे एक अलग नजरिए से ही देखते हैं। लेकिन आमतौर पर अधिकतर लोग ब्रेस्टफीडिंग को स्वीकारते हैं और प्रोत्साहन देते हैं। ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को अपने बच्चों को दूध पिलाने की अनुमति दी जाती है, फिर चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में रहें।
अगर आप ऊपर दिए गए टिप्स के इस्तेमाल के साथ इसे कॉन्फिडेंस के साथ और मर्यादा में रहते हुए करती हैं, तो आप इसे सामान्य बनाने में मदद कर सकती हैं और समय आने पर भविष्य की मांओं को इस बारे में चिंता मुक्त रहने में मदद कर सकती हैं। लेकिन चाहे कोई व्यक्ति इसे जिस भी नजरिए से देखे, ब्रेस्टफीडिंग एक ऐसी चीज है जो कि इस जीवन का एक जरूरी हिस्सा है और एक मां होने के नाते आपके बच्चे की जरूरतों को पूरा करना आपके अधिकार के अंदर है।
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