In this Article
स्तनपान कराने या फार्मूला–दूध देने में से एक का चयन करना किसी भी नए माता–पिता के लिए एक बड़ा फैसला होता है। स्तनपान के विपरीत, जब आप फार्मूला दूध का चुनाव करते हैं तो यह निर्धारित करने में उलझन हो सकती है, कि शिशु को हर दिन कितना मात्रा देना है। इसका जवाब बच्चे की उम्र, वजन और इस पर निर्भर करता है कि क्या आप केवल फार्मूला दूध दे रहे हैं अथवा स्तनपान या ठोस आहार के अतिरिक्त पूरक के रूप में दे रहे हैं। शिशु को कितना फार्मूला दिया जाना चाहिए, इस बारे में अपना निर्णय करने से पहले ये कुछ बातें जान लें।
शिशुओं को अक्सर भूख लगती है, संभवतः हर 2-3 घंटे में। हर बच्चा अलग होता है और इसलिए यह पता लगाना जरूरी है कि उसे कब भूख लगती है, इससे पहले कि वह चिड़चिड़ा होना और रोना शुरू कर दे। ये संकेत मुँह खोलने व बंद करने, होंठों को चाटने, हाथों की उँगलियों या कपड़ों को चूसने के साथ शुरू होते हैं।4 महीने की उम्र तक उनका निप्पल को ढूँढना आम बात है। यही वह समय होता है जब वे अपना सिर घुमाते हैं और अपना मुँह आपकी छाती की ओर खोलते हैं। बच्चे चूसने की प्रक्रिया भी करते हैं और अपने हाथों को अपने मुँह तक ले जाते हैं; यह उन्हें दूध पिलाने का सही समय है। बड़े बच्चे भूख लगने पर रोते समय अपने सिर को ज़ोर–ज़ोर से एक तरफ़ से दूसरी तरफ़ हिलाते भी हैं।
हालांकि, कभी–कभी दूध पिलाने के संकेतों को पहचानना मुश्किल हो सकता है।जब आप उन्हें बोतल देते हैं वे स्वाभाविक रूप से निप्पल को ढूँढने की कोशिश कर सकते हैं, भले ही वे भूखे न हों लेकिन वे चाहेंगे की आप बोतल को पकड़ी रहें। ।
यह पता लगाना मुश्किल हो सकता है कि आपके बच्चे को कितना फार्मूला दूध चाहिए क्योंकि प्रत्येक बच्चे की भूख अलग होती है और हर महीने उसकी पोषण संबंधी जरूरतों में बदलाव होता है। आमतौर पर बच्चे भूख लगने पर दूध पीते हैं और जब पेट भर जाता है तो रुक जाते हैं। फॉर्मूला दूध लेने वाले बच्चे ज्यादा दूध पीते हैं और स्तनपान करने वाले बच्चों की तुलना में भारी होते हैं। शिशुओं के लिए फार्मूला दूध के प्रमाण पर सामान्य नियम यह है कि यह उनके शरीर के वजन के अनुसार मापा जाता है। शिशुओं को प्रतिदिन शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम पर 150 मिलीलीटर से 200 मिलीलीटर के बीच फार्मूला दूध की आवश्यकता होती है। अर्थात, अगर एक बच्चे का वजन 3 किलोग्राम है, तो उसे प्रतिदिन 450 मिलीलीटर और 600 मिलीलीटर के बीच फॉर्मूला दूध की आवश्यकता होगी। यद्यपि हो सकता है कि शिशु पहले सप्ताह में उतना दूध नहीं पीना चाहे या प्रत्येक बार वे एक जैसी ही मात्रा मे इसे न पिए, इसलिए ध्यान रखें कि उन्हें पीने के लिए जबरदस्ती न करें।
यदि आप सोच रहे हैं कि एक नवजात शिशु को कितना फॉर्मूला दूध पीना चाहिए, तो उन्हें प्रत्येक आहार में लगभग 60-70 मिलीलीटर फॉर्मूला देने की कोशिश करें क्योंकि वे एक बार में इससे अधिक नहीं पी पाएंगे।
एक बच्चे के फार्मूला दूध के सेवन की मात्रा न केवल उसके वजन बल्कि उम्र पर भी निर्भर करती है। जैसे–जैसे वे बड़े होते जाते हैं उनके पोषण और कैलोरी की ज़रूरतें बढ़ती जाती हैं और वे अधिक खाते हैं। पहले कुछ हफ्तों के दौरान वे एक आहार में लगभग 70 मिलीलीटर फार्मूला दूध पी सकते हैं। पहले 2 सप्ताह और 2 महीने के बीच की आयु में वे प्रत्येक फ़ीड में लगभग 75-105 मिलीलीटर का सेवन कर सकते हैं जो कि 1 दिन में कुल 450 मिलीलीटर से 735 मिलीलीटर के बीच होगा। जब वे लगभग 2-6 महीने के होते हैं, तो वे एक आहार में 105 मिलीलीटर से 210 मिलीलीटर के बीच फॉर्मूला दूध का उपभोग करते हैं ।
6 महीने के बच्चे के लिए एक दिन में लगभग 900 मिलीलीटर कुल फार्मूला दूध पर्याप्त होता है और वे प्रत्येक आहार पर 210 मिलीलीटर और 240 मिलीलीटर के बीच पीना पसंद करते हैं। इसके अलावा, इस समय तक, अधिकांश शिशुओं को ठोस आहार शुरू कर दिया जाता है अत: फॉर्मूला दूध का सेवन धीरे–धीरे लगभग 600 मिलीलीटर प्रति दिन पर आ सकता है ।
यह सलाह दी जाती है कि शिशुओं के मांगने पर ही उन्हें खिलाया जाए, मतलब जब भी वे भूख के लक्षण दिखाएं, तब। फॉर्मूला दूध पीने वाले नवजात हर 2-3 घंटे में फीड लेते हैं। जैसे–जैसे वे बड़े होते हैं, उनके खाने की क्षमता बढ़ती हैं, वे एक आहार में अधिक खाते हैं, और उन्हें हर 3-4 घंटे में खिलाने की आवश्यकता होती है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, आपको बच्चे द्वारा दूध पीने के संकेतों का ध्यान रखना होगा और उसी के अनुसार दूध पिलाना होगा। आपको तब तक इंतजार करने की ज़रूरत नहीं है कि जब तक बच्चा भूख के कारण तंग आकर रोना शुरू न कर दें। रोना अक्सर भूख का देर से दिखने वाला संकेत है। यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि उन संकेतों की तलाश करें जिनसे यह पता चले कि बच्चा बहुत दूध पी चुका है जैसे कि धीमा होना और रुक जाना।
इसके अलावा अगर बच्चा छोटा है या उसका वज़न नहीं बढ़ रहा है, तो उसे अक्सर दूध पिलाना चाहिए, भले ही इसके लिए उन्हें नींद से जगाना पड़े। ऐसे मामले में डॉक्टर से सलाह लेना उचित है कि उन्हें कितनी मात्रा में और कितनी बार दूध पिलाया जाए ।
बच्चे की शारीरिक बनावट और व्यवहार आपको इस बात की जानकारी दे सकता है कि उन्हें पर्याप्त फॉर्मूला मिल रहा है या नहीं।
निम्नलिखित संकेत दर्शाते हैं कि उन्हें अपर्याप्त फ़ॉर्मूला मिल रहा है (कम आहार होना ):
निम्न संकेत बताते हैं कि बच्चे को बहुत अधिक फ़ॉर्मूला मिल रहा है (अधिक आहार होना खिलाया गया):
बच्चे को सही मात्रा में फार्मूला मिलने के संकेत:
हालांकि, ऐसी स्थितियां होती हैं जो उपर्युक्त मानदंडों से पर लागू नहीं होती । 4 महीने और 6 महीने के बच्चे 2 से 6 सप्ताह के विकास दौरों से गुजर सकते हैं। बच्चों में तेज़ी से विकास की एक अवधि होती है और वो किसी भी समय हो सकती है। इस तरह की एक विकास की अवधि के दौरान, वे अधिक खाते हैं और उन्हें सामान्य से अधिक भूख लगती है।
इसके अलावा, फार्मूला पीने वाले बच्चे अधिक दूध पीते हैं। स्तनपान में बच्चे के दूध के सेवन पर एक प्रकार का नियंत्रण होता है, जबकि बोतल में ऐसा नही होता क्योंकि वहाँ दूध आसानी से बहता है। चूंकि बोतल में अधिक दूध होता है और शिशुओं में प्राकृतिक रूप से चूसने वाली अनैच्छिक क्रिया होती है, वे अधिक सेवन करते हैं और उनके अधिक आहार लेने का ख़तरा होता है। फॉर्मूला दूध और माँ के दूध का चयापचय को अलग–अलग रूप से होता है और माँ के दूध की तुलना में पोषकता के लिहाज़ से फार्मूला दूध कम पड़ता है, इसलिए उन्हें इसकी अधिक मात्रा की आवश्यकता हो सकती है।
फॉर्मूला हटाने की शुरुआत करने का आदर्श समय लगभग 6 महीने है जब आप उन्हें ठोस खाद्य पदार्थ देना शुरू करते हैं। लेकिन चूँकि बहुत सारे ठोस खाद्य पदार्थ ऐसे नहीं होते हैं, जिन्हें वे खाना पसंद करेंगे, उन्हें सभी प्रकार का आवश्यक पोषण नहीं मिलेगा, इसलिए जब तक वे लगभग एक वर्ष के नहीं होते, तब तक उन्हें फ़ॉर्मूला पर रखना जरुरी है।जब आप उन्हें ठोस पदार्थ खिलाना शुरू करते हैं, आप उनके फॉर्मूला के सेवन में एक दिन में 900 मिली से 600 मिली तक की कमी पायेंगे। एक साल के बाद, बच्चों को केवल एक दिन में लगभग 350 मिलीलीटर दूध की आवश्यकता होती है, जो या तो फार्मूला, माँ का दूध या उच्च वसा वाला गाय का दूध हो सकता है। यदि वे ज्यादातर फॉर्मूला दूध पीकर बड़े हुए पर हैं, और अब ठोस आहार पर पूरी तरह से निर्भर हैं, तो फ़ॉर्मूला को धीरे–धीरे कम करना शुरू कर दें ।
शिशुओं के लिए फॉर्मूला दूध देना स्तनपान का एक स्वस्थ विकल्प है। यह बच्चे को बढ़ने के लिए लगभग सभी लाभकारी पोषक तत्व प्रदान करता है। इसलिए, यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके बच्चे के लिए कितना फार्मूला दूध पर्याप्त है, ताकि बच्चा एक महत्वपूर्ण पोषण से वंचित न रहे ।
इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…
हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…
ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…
यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…
गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…
दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…