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शिशुओं के लिए हींग: फायदे और एहतियाती उपाय

पेट दर्द के कारण अपने बच्चे को रोता व तड़पता हुआ देखना काफी दुखदायी है। माताओं को अक्सर पता नहीं होता है कि क्या करना है लेकिन अगर हमने आपको बताया कि इसका उपाय आपकी रसोई में ही है तो? हींग, एक भारतीय गुणकारी खाद्य पदार्थ है जो आँतों की सफाई के गुणों के कारण लोकप्रिय है। इस मसाले को व्यंजनों में आमतौर पर उपयोग किया जाता है, जिसे प्राय: ‘ईश्वर के भोजन’ के रूप में जाना जाता है तथा पेट और आँत के दर्द से राहत दिलाने के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में देखा जाता है।

आइए, आपके शिशु के लिए हींग के लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त करें। क्या हींग शिशुओं के लिए सुरक्षित है? हाँ, हींग शिशुओं के लिए उपयुक्त है, लेकिन खिलाने के लिए नहीं। इसके पेस्ट को पेट पर मालिश करने के रूप में उपयोग किया जाता है।

8 महीने से कम उम्र के शिशुओं को उनकी अविकसित प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण, हींग नहीं खिलानी चाहिए और न ही गुनगुने पानी के साथ देनी चाहिए।

अपने बच्चे के आहार में हींग का उपयोग कब और कैसे शुरू करें

10 महीने की आयु के बाद घरेलू विशेषज्ञ आपके बच्चे को हींग देने की सलाह देते हैं। आप बच्चे के भोजन में हींग का उपयोग गुनगुने दूध या दाल के सूप और व्यंजनों में मसाले के रूप में कर सकते हैं।

बच्चों के लिए हींग के उपयोग और लाभ

तो आइए, हींग के लाभों के बारे में बात करते हैं।

1. पेट दर्द को ठीक करता है

यदि आप अपने बच्चे के पेट दर्द के लिए दवाई नहीं कोई घरेलु नुस्खा की तलाश में हैं, तो अपने बच्चे के पेट पर एक चुटकी हींग लगाकर देखें। पेट दर्द के कारण बच्चे लगातार रोता रहते हैं, हींग में शक्तिशाली जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो पेट के असन्तुलन को नियन्त्रित करने के लिए जाना जाता है।

2. मुख स्वास्थ्य में सुधार करता है

हमारे चारों ओर लाखों सूक्ष्मजीव विद्मान हैं जो आपके बच्चे के पाचन तंत्र में प्रवेश कर सकते हैं और उसके मुख के लिए खतरनाक हो सकते हैं। हींग के एन्टीसेप्टिक और रोगाणुरोधी गुण दांत के दर्द, कैविटी, मसूड़ों में से खून आना और मुँह की दुर्गन्ध को रोकते हैं।

3. पाचन बेहतर बनाता है

हींग पाचन को बेहतर बनाता है। नियंत्रित रूप से पेट साफ होने का मतलब है एक स्वस्थ पाचन तंत्र और बच्चे की पाचन प्रक्रिया को अच्छी शुरुआत देने के लिए, नाभि से थोड़ा दूर हींग का पेस्ट लगाएं। सर्वोत्तम परिणामों के लिए एक चुटकी भर हींग घी में या सिर्फ गुनगुने पानी में मिलाकर लगाएं। आप बच्चे में कब्ज के प्रभावी उपचार के रूप में हींग का उपयोग कर सकते हैं।

4. भूख बढ़ाता है

हींग एक प्राकृतिक औषधि है और प्राचीन आयुर्वेद के अनुसार, एक अतिसक्रिय पाचन तन्त्र को सन्तुलित करने के लिए जाना जाता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आँतों को साफ करने और पाचन मार्ग में आ रही बाधाओं को दूर करने का कार्य करते हैं। पेट पर इसका सुखदायी प्रभाव भूख को बढ़ाता है, ऐंठन कम करता है, और विक्षेप को समाप्त करने में मदद करता है।

5. पेट दर्द ठीक करता है

प्रारम्भिक और मध्‍यस्‍तरीय पेट दर्द के लिए हींग का उपयोग सबसे श्रेष्‍ठ है। पेट पर कुछ मात्रा में हींग का पेस्‍ट लगाएं और मालिश करें। हालांकि, यह दर्द से राहत प्रदान करेगा, लेकिन अगर पेट का दर्द गम्‍भीर है तो यह पेट दर्द का एकमात्र इलाज नहीं है। अपने बच्चे की पूरी जाँच के लिए उसे शिशु रोग विशेषज्ञ या पेशेवर चिकित्‍सक के पास ले जाएं।

6. एक प्राकृतिक एन्‍जाइम के रूप में कार्य करता है

बाजार में हजारों एन्‍जाइम के सप्लीमेंट्स उपलब्‍ध हैं, लेकिन बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि ‘भोजन को अपनी दवा बनने दो’। अपने व्यंजनों में चुटकी भर हींग का उपयोग करें या भोजन में मसाले के रूप में इसका इस्‍तेमाल करें। हींग एक ऐसा प्रभावशाली खाद्य पदार्थ है जिसकी थोड़ी सी मात्रा ही बहुत गुणकारी है।

7. इम्युनिटी बढ़ाता है

बढ़ते शिशुओं में कम इम्युनिटी की समस्‍या का सामना करना पड़ता है। शिशुओं के विकास की अवस्‍था में उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस और संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील होती है। हींग को जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुणों के लिए जाना जाता है, जो इसे आपके बच्चे के दैनिक आहार में उपयोग लेने हेतु जरूरी बनाते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों से यह पता चलता है कि हींग ‘एच1एन1 वायरस’ के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता रखता है जो इसे और अधिक वरीयता प्रदान करता है।

हींग पेस्ट बनाना बहुत आसान है – बस एक चम्मच हींग को गर्म पानी में डालें और इसे मिला लें, और आपका पेस्ट तैयार है! यदि आप शिशुओं के लिए हींग के पानी का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो आप पेस्ट बनाने के लिए जैतून का तेल, घी, या सरसों के तेल का उपयोग कर सकते हैं और समान परिणाम प्राप्‍त कर सकते हैं। 8 महीने से अधिक आयु के बच्‍चों के लिए, आप हींग को छाछ के साथ और गर्म करके दे सकते हैं।

अगर आपका बच्‍चा 8 महीने से कम आयु का है, तो बच्चे की गैस सम्‍बन्‍धी समस्‍याओं के समाधान के लिए हींग न दें। नाभि के केंद्र को दूर रखकर, केवल घड़ी की सुईयों के चलने की दिशा में पेट की मालिश करें। बच्चे के पेट पर हींग लगाने के बाद, इसे सूखने दें। एक बार जब यह सूख जाती है, तो यह आपके बच्चे के पेट दर्द या खांसी से राहत देने के लिए तुरन्‍त कार्य शुरू कर देती है। इसके पश्‍चात, गीले कपड़े से इसे पोंछ लें।

8 महीने से अधिक आयु के बच्चों के लिए, आप हींग पेस्ट का उपयोग व्यंजनों में या सूप, सलाद, दाल और अन्य व्यंजनों या पेय पदार्थों में मिलाकर कर सकते हैं।

बच्चों के लिए हींग के उपयोग के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स

अपने बच्चे को हींग देने के बारे में विचार करने से पहले निम्नलिखित सावधानियां बरतें :

  • यदि आपका बच्चा इस उपाय के बाद रोना शुरू कर देता है, तो तुरन्‍त डॉक्टर को बुलाएं या अपने शिशु रोग विशेषज्ञ के पास जाएं।
  • हींग को हमेशा गुनगुने पानी, घी, और दूध के साथ ही मिश्रित करें और यह सुनिश्चित करें कि व्यंजनों में एक चम्मच से अधिक हींग न हो।
  • हींग लगाते समय नाभि क्षेत्र के बचाव के लिए एक गीला रूई का उपयोग करें और सुनिश्चित करें कि उस क्षेत्र में पेस्‍ट नहीं लगे।
  • 8 महीने से कम आयु के बच्‍चों को हींग सीधे खिलाने, चबाने, निगलने, या गटकने न दें। उनके पाचन तंत्र इस उम्र में अविकसित होते हैं और हींग को पचाने में सक्षम नहीं होते हैं।
  • यदि आपका बच्‍चा रक्तचाप की दवाइयां ले रहा है, तो उसे हींग न दें और उपचार के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

खांसी, पेट दर्द और उदरशूलकी पीड़ा में राहत के लिए हींग एक प्रकृति उपचार है। हालांकि यह कोई जादू नहीं है, लेकिन लम्‍बे समय तक उपयोग में लेने पर यह किसी चमत्‍कार से कम नहीं है। यदि आपका बच्‍चा 8 महीने से ऊपर या 10 वर्ष और उससे अधिक आयु का है, तो आप हींग का उपयोग पेट के दर्द, गैस, और पाचन सम्‍बन्‍धी अन्य समस्याओं के प्राकृतिक उपचार के रूप में कर सकते हैं।

जया कुमारी

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