In this Article
शिशुओं के स्वस्थ विकास के लिए आयोडीन की जरूरत होती है। उन्हें आयोडीन से भरपूर भोजन देकर, आप उन्हें आयोडीन की कमी से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा सकते हैं।
बच्चे के विकास, खासकर एक स्वस्थ थायराइड के लिए, आयोडीन सबसे जरूरी मिनरल्स में से एक है। थायराइड ग्लैंड मेटाबॉलिज्म, विकास के रेगुलेशन, शरीर के तापमान, ब्लड सेल्स के उत्पादन और साथ ही नसों और मांसपेशियों के फंक्शन के लिए जरूरी हॉर्मोंस के रिलीज को कंट्रोल करता है। शिशुओं में आयोडीन की कमी होने से स्वास्थ्य की कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए यह उनके भोजन का एक जरूरी हिस्सा होना चाहिए।
बच्चों में आयोडीन की कमी से एक बड़े थायराइड ग्लैंड या गोइटर या घेंघा हो सकता है। जिसके कारण आगे चलकर स्वास्थ्य को निम्नलिखित खतरे हो सकते हैं:
आयोडीन शरीर में स्टोर नहीं होता है, इसलिए शिशुओं को बाहरी स्रोतों से नियमित रूप से आयोडीन लेने की जरूरत होती है। जहां मां का दूध शिशुओं में आयोडीन का सबसे बेहतर स्रोत है, वहीं बच्चे के बड़े होने पर उसके भोजन में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल किया जा सकता है, जिनमें पर्याप्त मात्रा में आयोडीन मौजूद हो।
इन सभी खाद्य पदार्थों में आयोडीन होता है और इन्हें बच्चे के खाने में शामिल किया जाना चाहिए। सोया मिल्क भी इसका एक अच्छा विकल्प है।
ऑर्गेनिक सॉल्ट फ्री ब्रेड या ब्रेड मिक्स में अच्छी मात्रा में आयोडीन मौजूद होता है, इसलिए ब्रेकफास्ट या स्नैक टाइम में बच्चे के लिए इस तरह के ब्रेड का इस्तेमाल शुरू करें।
सीफूड आयोडीन से भरपूर होता है, जैसे कि ट्यूना या सालमन मछली। हालांकि, कई लोगों और खासकर बच्चों को सीफूड से एलर्जी होती है, इसलिए इसका चुनाव अच्छी तरह से करना चाहिए।
अनाज, दालें और मिट्टी में उगने वाले ताजे खाद्य पदार्थ, आयोडीन के सबसे बेहतरीन स्रोत होते हैं, जिन्हें धीरे-धीरे बच्चे के भोजन में शामिल करना चाहिए।
यह आयोडीन का सबसे आसान स्रोत है, जिसे रोज के खाने में शामिल किया जा सकता है। अपने बच्चे और परिवार के लिए, कोई भी खाना बनाने के समय, आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करें। कभी-कभी ब्लड प्रेशर की दिक्कतों के कारण, हम नमक के सेवन को कम कर देते हैं। लेकिन, आयोडीन युक्त नमक की सही मात्रा स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है।
बाजार में आयोडीन के कुछ खास सप्लीमेंट भी उपलब्ध होते हैं, जिन्हें पीडियाट्रिशियन के परामर्श के बाद बच्चों को दिया जा सकता है।
शरीर के लिए आयोडीन की जरूरतें समय के साथ-साथ बदलती रहती हैं और साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए भी इसकी जरूरतें अलग होती हैं। अपने बच्चे की उम्र की अनुसार, उसके भोजन में आयोडीन की सही मात्रा को शामिल करना चाहिए। जरूरत से ज्यादा सेवन करने पर भी बच्चों को उतना ही नुकसान हो सकता है। हम जितना भी आयोडीन लेते हैं, उसका अधिकतर हिस्सा पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है।
किसी भी रूप में आयोडीन का नियमित सेवन, आपके बच्चे के थायराइड ग्लैंड और उसके संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है।
यह भी पढ़ें:
शिशुओं के लिए हल्दी : जानें लाभ व दुष्प्रभाव
बच्चों के लिए नमक और चीनी – क्यों करें परहेज
बच्चों के लिए विटामिन – आवश्यकता और सप्लीमेंट्स
इस कहानी में एक कुम्हार के बारे में बताया गया है, जो गांव में मिट्टी…
हमेशा की तरह बादशाह अकबर और बीरबल की यह कहानी भी मनोरंजन से भरी हुई…
ब्यूटी और बीस्ट एक फ्रेंच परी कथा है जो 18वीं शताब्दी में गैब्रिएल-सुजैन बारबोट डी…
यह कहानी एक गौरैया चिड़िया और उसके पति की है, जो शांति से अपना जीवन…
गर्मी का मौसम साल का सबसे गर्म मौसम होता है। बच्चों को ये मौसम बेहद…
दो लालची बिल्ली और एक बंदर की कहानी इस बारे में है कि दो लोगों…