श्री कृष्ण माखन चोर की कहानी | Krishna Bhagwan Makhan Chor Story In Hindi

श्री कृष्ण बचपन में बहुत शरारती थे और उन्हें माखन बहुत पसंद था। वे अपने दोस्तों के साथ मिलकर गोपियों के घर से माखन चुरा लेते थे। एक दिन, मैय्या यशोदा ने माखन के मटके को ऊंचाई पर टांग दिया और छुपकर देखने लगीं। हमेशा की तरह कृष्ण और उनके दोस्त माखन चुराने पहुंचे। तभी मैय्या यशोदा ने उन्हें पकड़ लिया। सभी बच्चे भाग गए, लेकिन कृष्ण मटकी की रस्सी पकड़कर झूल रहे थे। मैय्या ने उन्हें नीचे उतारा और प्यार से डांटा। कृष्ण ने कहा मैय्या, मैं नहीं माखन खायो। उनकी भोली सूरत और प्यारी बात सुनकर मैय्या ने उन्हें गले से लगा लिया और बोला मेरा प्यारा नटखट माखन चोर। तभी से श्री कृष्ण को माखन चोर कहा जाने लगा।

कहानी के पात्र (Characters Of Story)

  • श्री कृष्ण
  • यशोदा मैय्या

श्री कृष्ण माखन चोर की कहानी | Krishna Bhagwan Makhan Chor Story In Hindi

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भगवान श्री कृष्ण बचपन से ही बहुत नटखट बालक थे। उनके माखन चुराने वाली शरारत सारे गोकुल में बहुत मशहूर थी। वे अक्सर गोपियों की मटकी फोड़ दिया करते थे और बछड़ों को गायों का सारा दूध पिला देते थे। गोकुल की गोपियां उन्हें डांट नहीं पाती थीं, क्योंकि वे बहुत प्यारे और नटखट थे। उनकी शरारतें देखकर किसी को गुस्सा नहीं आता था, बल्कि प्यार आता था। कान्हा की सबसे मशहूर लीलाओं में से एक थी माखन चुराने वाली।

कन्हैया को माखन बेहद पसंद था। जब माता यशोदा उन्हें माखन देती थीं, उसे खाने के बाद भी उनका मन नहीं भरता और वे मैय्या से और अधिक माखन खाने के लिए मांगते। इसलिए, जब भी मैय्या माखन छुपाकर रखतीं, कृष्ण अपने दोस्तों के साथ मिलकर चुपके से सारा माखन खा जाते थे।

कई दिनों तक ऐसा चलता रहा। मैय्या यशोदा को समझ नहीं आ रहा था कि माखन कौन चुरा रहा है। एक दिन, उन्होंने माखन से भरे छोटे-छोटे घड़ों को रस्सी की मदद से ऊपर टांग दिया ताकि उसे कोई न चुरा सकें। लेकिन कृष्ण ने मैय्या को माखन रखते हुए देख लिया।

अब कन्हैया और उसके दोस्तों की परेशानी ये थी कि आखिर मक्खन तक कैसे पहुंचा जाए। काफी सोचने और समझने के बाद, कृष्ण ने अपने सभी दोस्तों को इकट्ठा किया और बोले कि सब एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर एक घेरा बनाओ। इस तरह से उन्होंने माखन निकाल लिया और सबने मिलकर सारा माखन खा लिया।

फर एक दिन, मैय्या यशोदा ने ठान लिया कि आज वे पता करके ही रहेंगी कि माखन कौन चुराता है। उन्होंने माखन को मटकी में रखा और उसे ऊंचाई पर टांग दिया। फिर छुपकर देखने लगीं। थोड़ी देर बाद, कान्हा अपने दोस्तों के साथ वहां आ गए। यह देखकर मैय्या को समझ में आ गया कि माखन कौन चुराता है। जैसे ही बच्चे माखन चुराने लगे, माता यशोदा अचानक वहां आ गईं। माता को देखकर सभी बच्चे भाग गए, लेकिन श्री कृष्ण मटकी की रस्सी पकड़कर झूल रहे थे।

माता ने उन्हें नीचे उतारा और प्यार से डांटते हुए कहा, ‘तो तुम हो वो माखन चोर, जिसकी वजह से मैं इतना परेशान थी।’ कृष्ण हंसते हुए बोले, ‘मैय्या, मैंने माखन नहीं खाया।’ माता ने कहा, ‘कन्हैया, अपनी मैय्या से ही झूठ बोल रहे हो।’

कन्हैया की भोली-सी सूरत और प्यारी-सी बात सुनकर मैय्या का गुस्सा गायब हो गया। उन्होंने कृष्ण को गले लगा लिया और प्यार से कहा, “मेरा प्यारा नटखट माखन चोर।” तभी से सब लोग श्री कृष्ण को माखन चोर कहकर प्यार से बुलाने लगे।

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श्री कृष्ण माखन चोर की कहानी से सीख (Moral of Krishna Bhagwan Makhan Chor Hindi Story)

श्री कृष्ण माखन चोर की कहानी हमें यह सीख मिलती है कि नटखट और शरारती होना बुरा नहीं है, लेकिन हमें अपनी शरारतों से दूसरों को दुखी नहीं करना चाहिएसाथ ही, यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि माँ का प्यार, धैर्य, और समझदारी किसी भी परिस्थिति को संभालने में सक्षम होती है। माता यशोदा ने कृष्ण की शरारतों को प्यार और ममता से संभाला और उन्हें सही दिशा दिखाई।

श्री कृष्ण माखन चोर की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Krishna Bhagwan Makhan Chor Hindi Story )

श्री कृष्ण की माखन चोर कहानी श्री कृष्ण की कहानियों के अंतर्गत आती है जो बेहद प्यारी कहानियां होती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. श्री कृष्ण माखन चोर की नैतिक कहानी क्या है?

इस कहानी में हमें बताया गया कि हमेशा सच बोलना चाहिए और अपने काम की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। थोड़ी शरारत करना ठीक हैं, लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारी शरारतें किसी को नुकसान न पहुंचाएं।

2. क्या माँ के प्यार में शक्ति होती है?

माँ का प्यार एक बच्चे के जीवन में सबसे बड़ी शक्ति और सहारा होती है। इस प्यार में इतनी ताकत होती है कि यह किसी भी मुश्किल को हल निकाल सकती है और बच्चे को सही रास्ते पर ला सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

श्री कृष्ण माखन चोर की कहानी से यह निष्कर्ष सामने आता है कि जीवन में शरारत करना ठीक हैं, लेकिन हमें अपनी शरारतों से किसी को दुखी नहीं करना चाहिए। साथ ही माँ का प्यार और धैर्य हमें जीवन में सही रास्ता दिखाते हैं, यह हमें श्री कृष्ण की इस कहानी से जानने को मिला।

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