ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीठ में दर्द – कारण और उपचार

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीठ में दर्द

ब्रेस्टफीडिंग के समय एक माँ का अपने बच्चे के साथ मजबूत बॉन्ड बनता है। पर कभी-कभी यह खुशनुमा और सुविधाजनक अनुभव आपके लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी लेकर आता है, जैसे इससे आपकी पीठ में दर्द हो सकता है। यद्यपि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीठ में दर्द होना आम है पर यदि आप इसके लिए कोई उचित उपचार नहीं करती हैं तो यह समस्या अधिक गंभीर हो सकती है। इस लेख में बताया गया है कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीठ में दर्द क्यों होता है और इसे कम करने के लिए आप क्या कर सकती हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीठ में दर्द होने का कारण 

बच्चे को दूध पिलाते समय पीठ में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं और उन में से कुछ निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा वजन बढ़ने की वजह से भी डिलीवरी के बाद आपकी पीठ में दर्द हो सकता है। 
  • गर्भावस्था और लेबर के दौरान आपके शरीर में कई बदलाव आते हैं और इसमें कई महिलाओं को शारीरिक दर्द, विशेषकर पीठ में दर्द भी होता है। यदि गर्भावस्था के दौरान आपकी पीठ में दर्द होता है तो यह दर्द डिलीवरी के बाद भी हो सकता है। इसमें आपकी पीठ में जकड़न हो सकती है और बच्चे को दूध पिलाते समय पीठ में दर्द भी हो सकता है।
  • बच्चे को दूध पिलाते समय गलत पोजिशन में बैठने से भी पीठ में दर्द होता है। यह बहुत जरूरी है कि फीडिंग के दौरान आप अपने बच्चे की पोजिशन को सही रखें पर साथ ही अपनी पोजिशन पर भी ध्यान दें और दूध पिलाते समय खुद को सपोर्ट भी दें ।
  • कभी-कभी कोई भारी सामान उठाने से भी पीठ में दर्द होता है और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यह दर्द अधिक बढ़ सकता है। 
  • पीठ का दर्द किसी पुराने एक्सीडेंट की वजह से भी हो सकता है जिसमें आपकी कमर पर हानि हुई हो और बच्चे को दूध पिलाते समय इसमें अधिक दर्द व असुविधा होती हो। 

बच्चे को दूध पिलाते समय पीठ दर्द कम करने के टिप्स 

A woman suffering from back pain.

यदि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपको पीठ में दर्द होता है तो इसे कम करने के लिए यहाँ कुछ टिप्स दिए हुए हैं, आइए जानें;

1. बच्चे को दूध पिलाते समय अपनी पोजीशन पर ध्यान दें 

बच्चे को गलत पोजीशन में बैठकर दूध पिलाना पीठ दर्द का सबसे आम कारण है और कई माएं बिना जाने ऐसा करती हैं। ब्रेस्टफीडिंग के समय सही पोजीशन में बैठना बहुत जरूरी है और इस दौरान आप आगे की ओर न झुकें। ऐसा भी देखा गया है कि कई मांओं के लिए कुछ पोजीशन असुविधाजनक या दर्दनाक होती हैं और वहीं अन्य पोजीशन से कोई भी असुविधा नहीं होती है। इसलिए बच्चे को दूध पिलाते समय अलग-अलग पोजिशन का उपयोग करना जरूरी है । पीठ दर्द से बचने के लिए आप अपने बच्चे को लेटकर दूध पिला सकती हैं।

2. सपोर्ट के लिए तकिए का उपयोग करें 

आप कई बार आगे की ओर झुककर बच्चे को दूध पिलाती होंगी जिससे आपकी पीठ पर बहुत ज्यादा तनाव आ सकता है। दर्द से बचने के लिए आप तकिए की मदद से बच्चे को निप्पल के पास लाएं। इसके अलावा आप अपनी पीठ को सपोर्ट देने के लिए भी तकिए का उपयोग कर सकती हैं। 

3. बैठने के लिए सही कुर्सी चुनें 

यदि आप कुर्सी में बैठकर बच्चे को दूध पिलाती हैं तो इसके लिए सही प्रकार की कुर्सी चुनना बहुत जरूरी है। आप बहुत ज्यादा गहरी कुर्सी पर न बैठें क्योंकि ऐसे बैठने पर आप नीचे की ओर धस सकती हैं और इससे आपकी पीठ में दर्द हो सकता है। इसके अलावा यह सलाह दी जाती है कि आप सही पोजीशन में बैठने के लिए सीधी कुर्सी का उपयोग करें। सही पोस्चर और पोजीशन में बैठने से आपको पीठ के दर्द से आराम मिल सकता है। 

4. मालिश करवाएं 

बच्चे की आवश्यकताओं के लिए आप अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर सकती हैं जिससे आपकी पीठ में दर्द हो सकता है। पीठ के गंभीर दर्द को कम करने के लिए आप मालिश भी करवा सकती हैं। आप अपने परिवार या दोस्तों से मदद के लिए कहने से न जिझकें ताकि जब आप खुद को पैंपर कर रही हों तो वे आपके बच्चे को संभाल सकें। 

5. टहलें 

रोजाना थोड़ी देर टहलने से पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। आप फीडिंग के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लें और थोड़ी देर टहलें। यदि आप घर से बाहर टहलने नहीं जा सकती हैं तो घर में ही टहलें। हालांकि पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए खुले में टहलना सबसे सही है। 

6. बच्चे के सोने के बाद खुद भी आराम करें 

विशेषकर बच्चे के जन्म के बाद हर माँ के लिए पर्याप्त नींद लेना और आराम करना जरूरी है। यद्यपि इस दौरान आपके लिए समय निकाल पाना कठिन हो सकता है पर फिर भी जब आपका बच्चा सो जाए तब आप भी थोड़ा सा सो लें और आराम करें। ऐसा अक्सर देखा गया है कि ज्यादा से ज्यादा आराम करने से शरीर में पीठ दर्द जैसी कोई भी समस्या नहीं होती है। 

7. रिकवरी के बाद एक्सरसाइज करना शुरू करें 

डिलीवरी के बाद आपके शरीर को खुद ठीक होने में लगभग 6 हफ्ते लगेंगे। 6 सप्ताह खत्म होते ही यदि आप ठीक और हेल्दी महसूस करती हैं तो शरीर को पहले जैसे शेप में लाने और ताकत के लिए आप हल्की एक्सरसाइज और योगा करना शुरू करें। वैसे इसकी शुरूआत करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ऐसा करने से ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द से आराम मिलेगा। 

8. हाइड्रेटेड रहें 

बच्चे का खयाल रखते समय आप अक्सर पानी पीना भूल सकती हैं और इससे आपका शरीर डिहाइड्रेटेड होता है। डिहाइड्रेशन से आपको सिर्फ थकान ही नहीं होगी बल्कि इससे आपके शरीर में कई प्रकार के दर्द भी हो सकते हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि डिहाइड्रेशन को खत्म करने के लिए आपको रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। 

9. हॉट कंप्रेसर का उपयोग करें 

आप एक बार में लगभग 20 मिनट तक हॉट कंप्रेसर का उपयोग कर सकती हैं। पीठ के दर्द से आराम के लिए आप इसे दिनभर में कई बार करें। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीठ के ऊपरी और निचले हिस्से में दर्द को कम करने का यह एक बेहतरीन तरीका है। 

10. चिंता न करें 

यह जरूरी है कि आप छोटी-छोटी बातों की चिंता न करें। यदि आपको चिंता या आपको एंग्जायटी होती है तो आप कुछ ऐसा करें जिससे आपकी चिंता कम हो सके, जैसे गुनगुने पानी से स्नान कर लें, अच्छा संगीत सुनें, थोड़ी देर सो लें या मालिश करवाएं। आप अपनी पसंद का कोई ऐसा काम भी कर सकती हैं जिससे आपको खुशी और आराम महसूस होता है। 

11. अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मदद लें 

मातृत्व की जिम्मेदारियां पूरी करते हुए आपको थकान हो सकती है और यह महसूस करना भी नॉर्मल है कि आप खुद सारी चीजें नहीं संभाल पाएंगी। जब भी आपको ऐसा लगे कि आप खुद से सारी चीजें नहीं कर पा रही हैं तो किसी की मदद लें। इस दौरान आपके लिए नई मांओं का ग्रुप ज्वाइन करना भी बेहतर होगा जहाँ आप सभी महिलाएं एकत्रित हो सकती हैं और अपने मातृत्व के अनुभवों को शेयर कर सकती हैं। इसमें आपको बेहतर पेरेंटिंग के लिए कुछ टिप्स भी मिल सकते हैं। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीठ दर्द को कम करने के लिए एक्सरसाइज 

पीठ के दर्द को कम करने के लिए स्ट्रेचिंग करना अच्छा है और यहाँ कुछ आसान स्ट्रेचिंग के बारे में बताया गया है जिसकी मदद से आप ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीठ के दर्द को कम कर सकती हैं, आइए जानें;

1. मार्जरी आसन (कैट-काऊ पोज)

सबसे पहले आप अपने हाथ और घुटनों के बल कैट पोजीशन में आ जाएं और आपके दोनों हाथ कंधों की सीध में होने चाहिए। आपके घुटने भी एक दूसरे से दूर होने चाहिए। अब आप सांस अंदर की ओर लेते हुए पीठ को हल्का सा बेंड करके ऊपर देखें, फिर नीचे देखते हुए सांस छोड़ें। इस दौरान आपके हिप्स की ऊपरी हड्डी (टेल बोन) अंदर की ओर होनी चाहिए। आप इसे कई बार दोहराएं। यह एक्सरसाइज करने से आपको ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपको पीठ के दर्द से आराम मिलेगा। 

2. बालासन (चाइल्ड पोज)

इस एक्सरसाइज को करने के लिए सबसे पहले आप दोनों हाथ और घुटनों को जमीन पर रखें। अब धीरे-धीरे अपनी हथेली को जमीन के बल रखते हुए हाथों को सामने की ओर स्ट्रेच करें। इस दौरान आप गहरी सांस लें और चेस्ट को जमीन में रखते हुए सांस छोड़ें।अब अपने हाथों को बाएं तरफ ले  जाएं और दाएं रिब केज से सांस लें। इसी प्रकार से दूसरी ओर भी ऐसा करें।  

3. चेस्ट स्ट्रेचिंग (रेस्ट्रोरेटिव चेस्ट स्ट्रेच)

पहले आप एक तौलिया लें और उसे हॉरिजोंटल रोल कर लें। अब इसे जमीन पर रखें और फिर अपनी पीठ (ब्रा स्ट्राप एरिया) को इसके ऊपर रखते हुए लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को बाहर की तरफ फैलाएं और कोहनी को जमीन से लगने दें व साथ ही आपकी हथेली ऊपर की ओर होनी चाहिए।अब गहरी सांस लें और फिर इस प्रकार से सांस छोड़ें कि आपका शरीर तौलिए को पुश करे।

4. आगे की ओर झुकें (बेंड फॉरवर्ड)

इस एक्सरसाइज को करने के लिए सबसे पहले आप सीधी खड़ी हो जाएं और अपने हाथों को पीछे की ओर रखें। अब अपने बाएं हाथ की कोहनी को दाएं हाथ से पकड़ने का प्रयास करें और दाएं हाथ की कोहनी को बाएं हाथ से पकड़ें। फिर धीरे-धीरे सांस लें और आगे की तरफ झुकते हुए सांस छोड़ें। आप थोड़ी देर के लिए इस पोजीशन में रहें और फिर नॉर्मल पोजीशन में आते समय मुंह से सांस छोड़ें। 

5. आगे की ओर स्ट्रेच करें (स्ट्रेच फॉरवर्ड)

सबसे पहले आप अपने पैरों को थोड़ा दूर करके सीधी खड़ी हों। अब आप तौलिया को दोनों छोर से पकड़ें और हाथों को सामने की ओर स्ट्रेच करें, ध्यान रहे आपके कंधे भी एक दूसरे से दूरी पर हों। अब सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते समय धीरे-धीरे हाथ नीचे कर लें। इसी प्रकार से सांस लेते समय अपने हाथ सामने की ओर लाएं और सांस छोड़ते समय हाथ नीचे कर लें। आप इस एक्सरसाइज को कई बार दोहराएं। 

इन सभी एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग से आपको ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीठ के दर्द से आराम मिल सकता है। हालांकि ऊपर दी हुई किसी भी एक्सरसाइज को करने से पहले आप इसके बारे में एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 

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