स्तनपान के दौरान मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होना

बच्चे को दूध पिलाते समय मिल्क डक्ट्स का ब्लॉक होना

बच्चे को जन्म देने के बाद आपके सामने कई चुनौतियां आएंगी जिसमें बच्चे को दूध पिलाना भी शामिल है। स्तनपान एक माँ के लिए यह संतुष्टि का अनुभव है और यह माँ व बच्चे के रिश्ते को मजबूत भी बनाता है पर इसमें भी आपके लिए कई अलग सी चुनौतियां छिपी हुई हैं। कई मांओं ने बच्चे को दूध पिलाते समय एक सामान्य समस्या का अनुभव किया है जिसे मिल्क डक्ट्स या दूध नलिकाओं का ब्लॉक होना कहा जाता है। 

ब्लॉक्ड मिल्क डक्ट्स क्या है?

बच्चे को दूध पिलाते समय कभी-कभी आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपके ब्रेस्ट भरे और फूले हुए हैं। यह मुख्य रूप से तब होता है जब आपके स्तनों में आवश्यकता से अधिक दूध की सप्लाई होती है। सामान्य रूप से इस समस्या को मिल्क डक्ट्स   में ब्लॉकेज कहा जाता है जिसमें जिसमें स्तनों में सूजन हो जाती है। इस दौरान आपको अपने ब्रेस्ट में गांठ भी दिखाई दे सकती है जिसके आस-पास के क्षेत्र में अत्यधिक दर्द और जलन महसूस होती है। मिल्क डक्ट्स में ब्लॉकेज को ठीक करना बेहद जरूर है क्योंकि इसकी वजह से माँ को बुखार भी हो सकता है। इस समस्या का तुरंत इलाज करना जरुरी है क्योंकि इससे आपको सामान्य से अधिक बुखार हो सकता है। 

मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने के कारण 

मिल्क डक्ट्स के ब्लॉकेज होने का मुख्य कारण यह है कि जब एक महिला के स्तनों में दूध का अत्यधिक उत्पादन होता है और उसे प्रक्रिया के अनुसार बाहर नहीं निकाला जाता है या बच्चा दूध को पूरा नहीं पीता है तो इससे मिल्क डक्ट्स ब्लॉक हो सकता है। निम्नलिखित कारणों से स्तनों में दूध खत्म नहीं होता है, आइए जानते हैं; 

  1. यदि बच्चे को माँ का दूध पीने में कठिनाई होती है, इसका यह कारण हो सकता है कि या तो बच्चा निप्पल पकड़ नहीं पा रहा है या फिर बच्चे को जितना दूध पीना चाहिए वह उतना दूध नहीं पी रहा। 
  2. हो सकता है आप बहुत टाइट नर्सिंग ब्रा का उपयोग कर रही हों जिससे मिल्क डक्ट्स नष्ट हो सकते हैं या उनमें दबाव पड़ सकता है जिससे दूध अंदर ही ब्लॉक हो जाता है।
  3. हो सकता है आप ऐसे पंप का उपयोग करती हों जिससे ब्रेस्ट में अधिक प्रेशर नहीं पड़ता है। 
  4. हो सकता है बच्चे से माँ का दूध छुड़ाने की प्रक्रिया बहुत जल्दी शुरू कर दी गई है। 
  5. हाल ही में बनी माँ को जुकाम होने से या तनाव होने से भी मिल्क डक्ट्स ब्लॉक हो सकते हैं। यदि माँ तनाव से ग्रसित है तो इसमें ऑक्सीटोसिन का उत्पादन अधिक प्रभावित होता है (यह वो हॉर्मोन है जिसकी वजह से ब्रेस्ट से दूध निकलता है)। 
  6. ब्रेस्ट बायोप्सी जैसी सर्जरी के कारण भी मिल्क डक्ट्स पर प्रभाव पड़ता है और यह ब्लॉक हो सकते हैं। 

मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने के लक्षण 

यदि आपके मिल्क डक्ट्स ब्लॉक हैं तो आप देखेंगी कि आपके स्तनों में गांठ जैसा महसूस होगा है। ब्लॉकेज के आसपास की जगह संवेदनशील और सूजा हुआ लग सकता है और साथ ही उसमें लाल पैच भी दिखाई दे सकते हैं। विशेषकर बच्चे को दूध पिलाने के बाद स्तनों में पड़े लाल पैचेज में सूजन आ सकती है और उसमें बहुत गर्म महसूस हो सकता है। कई मामलों में मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने के बाद दर्द और संवेदनशीलता होती है पर गांठ नहीं बनती है। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं, बच्चे को दूध पिलाने से पहले दर्द महसूस होना और बच्चे को दूध पिलाने के बाद संवेदनशीलता कम हो जाना और साथ ही बच्चे को दूध पिलाने के बाद ब्लॉकेज में खालीपन लगना या सूजन कम होना। यदि कोई महिला मिल्क डक्ट्स के ब्लॉकेज से ग्रसित है तो उसे हल्का बुखार आ सकता है। 

मिल्क डक्ट्स के ब्लॉक होने से बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है?

स्तनों में ब्लॉकेज बच्चे को प्रभावित नहीं करता है पर फिर भी इससे उसे दूध पीने में कठिनाई हो सकती है। चूंकि बच्चे को माँ का दूध पीने में अधिक ताकत लगती है और आपके प्रभावित ब्रेस्ट में दूध का बहाव सामान्य से कम होगा इसलिए हो सकता है आपका बच्चा उस ब्रेस्ट से दूध न पी पाए। यह भी सलाह दी जाती है कि मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने पर आप बच्चे को दूध पिलाती रहें क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और यहाँ तक कि यदि ब्लॉक डक्ट्स के कारण आपको इन्फेक्शन हो जाए फिर भी यह शरीर को सुरक्षित रखता है। बच्चे को लगातार दूध पिलाने से मिल्क डक्ट्स का ब्लॉकेज खत्म हो सकता है। 

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने के उपचार 

मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने के कारण आप चिंतित हो सकती हैं और सोच रही होंगी कि खुद को इस समस्या के साथ-साथ दर्द और असुविधा से कैसे निजात दिलाएं। स्तनों में दूध ब्लॉक होने का एक प्रमाणित इलाज यही है कि आप अपने बच्चे को लगातार दूध पिलाती रहें और अपने ब्रेस्ट को खाली रखें। इससे आपकी सूजन कम होगी और बच्चे को दूध पिलाते समय आपको अधिक सुविधाएं महसूस होंगी। 

मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने के प्रमाणित और उपयोग किए हुए निम्नलिखित कुछ उपचार बताए गए हैं, आइए जानते हैं; 

  • प्रभावित ब्रेस्ट से शुरू करें: इसमें बहुत दर्द होगा पर फिर भी अपने बच्चे को डक्ट से प्रभावित ब्रेस्ट से ही दूध पिलाने की शुरूआत करें। इससे डक्ट को ठीक होने में मदद मिल सकती है। यदि आपका बच्चा उस तरफ से दूध नहीं पीना चाहता है तो ब्रेस्ट पंप की मदद से या हाथ से ही दूध निकाल लें क्योंकि स्तनों को खाली करना जरूरी है। 
  • ब्रेस्ट की मालिश करें: जहाँ पर समस्या है वहाँ धीरे-धीरे मालिश करने से डक्ट के ब्लोकेज में प्रभावी आराम मिल सकता है। इसके लिए बाहर की तरफ से मालिश करना शुरू करें और फिर धीरे-धीरे प्रभावित निप्पल की ओर मालिश करें। सूजन और दर्द में आराम के लिए आप बच्चे को दूध पिलाने से तुरंत पहले वार्म कम्प्रेस यानि गर्म सिकाई भी कर सकती हैं क्योंकि यह डक्ट्स को काफी हद तक ठीक करने में मदद करता है। 
  • बच्चे को दूध पिलाने की पोजीशन बदलें: यह सुनिश्चित करने के लिए कि डक्ट पूरी तरह से सूख चुके हैं, आप बच्चे को पकड़ने के तरीके को बदलें। यदि आप आमतौर पर क्रैडल पोजीशन में बच्चे को दूध पिलाती हैं तो आप थोड़ी देर के बाद फुटबॉल पोजीशन में आ सकती हैं। आपको एक तरफ लेटकर बच्चे को दूध पिलाने का भी प्रयास भी करना चाहिए। इसे करने के लिए सबसे पहले बच्चे को अपने पास इस तरह से लिटाएं कि उसकी चिन आपके प्रभावी निप्पल को छूती हो, बच्चे को निप्पल पकड़ने और दूध पीने में मदद करें। प्रभावी तरफ से दूध पीने से डक्ट के ब्लॉकेज को ठीक होने में मदद मिलती है। 
  • पर्याप्त आराम करें: बच्चे को दूध पिलाते समय आपके लिए जितना संभव हो उतना आराम करना कठिन हो सकता है। यदि आपके पास कोई मदद करने और बच्चे का खयाल रखने के लिए नहीं है तो आपका आराम करना बहुत मुश्किल हो सकता है। इसलिए रिश्तेदारों या दोस्तों से मदद के लिए कहें ताकि आप पर्याप्त आराम कर सकें। यदि आप अकेली हैं तो आवश्यक चीजें जैसे, डायपर, खिलौने, पानी, कप और इत्यादि अपने पास ही रखें ताकि आप जितना संभव हो उतना कम चलें या हिलें। 
  • दवा लें: यदि कोई भी उपचार काम नहीं करता है और तो दवाई लें। चूंकि इस दौरान आप बच्चे को दूध पिला रही हैं तो उसपर कोई असर न हो इसलिए डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही दवाई लें। डॉक्टर दर्द और सूजन को कम करने के लिए कुछ दवाएं दे सकते हैं। कोल्ड और वार्म कंप्रेस के उपयोग से भी मदद मिल सकती है इसलिए इस समय आप उस चीज का उपयोग करें जो आपके लिए सही हो। 

मिल्क डक्ट्स के ब्लॉकेज को ठीक करने के प्राकृतिक उपचार

ऊपर दिए हुए उपचारों के अलावा अन्य होम रेमेडीज भी हैं जो मिल्क डक्ट्स के ब्लॉकेज को ठीक करने में मदद कर सकती हैं, आइए जानते हैं;

  • ब्लॉक्ड डक्ट्स को ठीक करने के लिए गुनगुने पानी से स्नान करना और ब्रेस्ट की मालिश करना एक बेहतरीन उपचार है जिससे आपको बहुत जल्द फायदा मिल सकता है। 
  • आप इन्फेक्शन की जगह पर नारियल का तेल भी लगा सकती हैं इससे प्रभावित जगह मुलायम होगी और दर्द में भी काफी आराम मिल सकता है। 

मिल्क डक्ट्स में ब्लॉकेज से बचाव 

यहाँ कुछ सरल टिप्स दिए हुए हैं जिनकी मदद से मिल्क डक्ट्स के ब्लॉकेज से बचा जा सकता है, आइए जानते हैं;

  • एक सही फिटिंग की ब्रा चुनें: अपने स्तनों का सही नाप लेकर ही ब्रा खरीदें, ज्यादा टाइट ब्रा नहीं पहनें जिससे आपके ब्रेस्ट पर दबाव पड़े। टाइट ब्रा मिल्क डक्ट्स को ब्लॉक कर सकते हैं और स्तनों में दूध का बहाव बंद हो सकता है। 
  • समय-समय पर अपने ब्रेस्ट को खाली करते रहें: स्तनों में अत्यधिक दूध रहने से भी डक्ट्स ब्लॉक हो सकते हैं। यदि बच्चा माँ का दूध नहीं पीता है तो सुनिश्चित करें कि आप अतिरिक्त दूध लगातार निकालती रहें। 
  • दूध पिलाते समय पोजीशन बदलें: बच्चे को उस तरफ से दूध पीने के लिए प्रेरित करें जहाँ पर मिल्क डक्ट्स ब्लॉकेज बढ़ रहा है। इससे डक्ट का ब्लॉक कम होने में मदद मिलेगी। 
  • एंटी-इंफ्लेमटरी दवाएं लें: यह दवाएं सूजन कम करके आराम प्रदान करती हैं और साथ ही यह सरलता से उपलब्ध भी हैं। 
  • हॉट कम्प्रेस का उपयोग करें: बच्चे को दूध पिलाने के साथ बीच-बीच में वार्म कंप्रेस लेना बहुत उपयोगी हो सकता है। 
  • तनाव कम करें: यदि आप आराम कम करती हैं तो मिल्क डक्ट्स में ब्लॉकेज बढ़ सकता है। सुनिश्चित करें कि आप किसी एक्टिविटी में शामिल होकर अपने तनाव को कम करें जिससे आपको आराम मिल सकता है। 

डॉक्टर से मदद कब लें 

यदि मिल्क डक्ट्स में ब्लॉकेज होने के कारण आपको 24 घंटे से ज्यादा असुविधाएं होती हैं तो डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है जो जल्दी आराम के लिए आपको एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दे सकते हैं। 

यद्यपि ब्रेस्टफीड कराने वाली मांओं के लिए मिल्क डक्ट्स में ब्लॉकेज होना एक सामान्य बात है लेकिन फिर भी जैसा कि ऊपर बताया गया है इसका इलाज तुरंत करवाना चाहिए। हालांकि यदि फिर भी आपको अपनी स्थिति में कोई भी सुधार नहीं दिखता है तो डॉक्टर के पास जाना जरूरी है। वही बता सकते हैं कि आपको मैस्टाइटिस जैसी कोई गंभीर समस्या तो नहीं है जिसके लिए कुछ अलग उपचार होते हैं। 

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