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बच्चे को जन्म देने के बाद आपके सामने कई चुनौतियां आएंगी जिसमें बच्चे को दूध पिलाना भी शामिल है। स्तनपान एक माँ के लिए यह संतुष्टि का अनुभव है और यह माँ व बच्चे के रिश्ते को मजबूत भी बनाता है पर इसमें भी आपके लिए कई अलग सी चुनौतियां छिपी हुई हैं। कई मांओं ने बच्चे को दूध पिलाते समय एक सामान्य समस्या का अनुभव किया है जिसे मिल्क डक्ट्स या दूध नलिकाओं का ब्लॉक होना कहा जाता है।
बच्चे को दूध पिलाते समय कभी-कभी आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपके ब्रेस्ट भरे और फूले हुए हैं। यह मुख्य रूप से तब होता है जब आपके स्तनों में आवश्यकता से अधिक दूध की सप्लाई होती है। सामान्य रूप से इस समस्या को मिल्क डक्ट्स में ब्लॉकेज कहा जाता है जिसमें जिसमें स्तनों में सूजन हो जाती है। इस दौरान आपको अपने ब्रेस्ट में गांठ भी दिखाई दे सकती है जिसके आस-पास के क्षेत्र में अत्यधिक दर्द और जलन महसूस होती है। मिल्क डक्ट्स में ब्लॉकेज को ठीक करना बेहद जरूर है क्योंकि इसकी वजह से माँ को बुखार भी हो सकता है। इस समस्या का तुरंत इलाज करना जरुरी है क्योंकि इससे आपको सामान्य से अधिक बुखार हो सकता है।
मिल्क डक्ट्स के ब्लॉकेज होने का मुख्य कारण यह है कि जब एक महिला के स्तनों में दूध का अत्यधिक उत्पादन होता है और उसे प्रक्रिया के अनुसार बाहर नहीं निकाला जाता है या बच्चा दूध को पूरा नहीं पीता है तो इससे मिल्क डक्ट्स ब्लॉक हो सकता है। निम्नलिखित कारणों से स्तनों में दूध खत्म नहीं होता है, आइए जानते हैं;
यदि आपके मिल्क डक्ट्स ब्लॉक हैं तो आप देखेंगी कि आपके स्तनों में गांठ जैसा महसूस होगा है। ब्लॉकेज के आसपास की जगह संवेदनशील और सूजा हुआ लग सकता है और साथ ही उसमें लाल पैच भी दिखाई दे सकते हैं। विशेषकर बच्चे को दूध पिलाने के बाद स्तनों में पड़े लाल पैचेज में सूजन आ सकती है और उसमें बहुत गर्म महसूस हो सकता है। कई मामलों में मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने के बाद दर्द और संवेदनशीलता होती है पर गांठ नहीं बनती है। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं, बच्चे को दूध पिलाने से पहले दर्द महसूस होना और बच्चे को दूध पिलाने के बाद संवेदनशीलता कम हो जाना और साथ ही बच्चे को दूध पिलाने के बाद ब्लॉकेज में खालीपन लगना या सूजन कम होना। यदि कोई महिला मिल्क डक्ट्स के ब्लॉकेज से ग्रसित है तो उसे हल्का बुखार आ सकता है।
स्तनों में ब्लॉकेज बच्चे को प्रभावित नहीं करता है पर फिर भी इससे उसे दूध पीने में कठिनाई हो सकती है। चूंकि बच्चे को माँ का दूध पीने में अधिक ताकत लगती है और आपके प्रभावित ब्रेस्ट में दूध का बहाव सामान्य से कम होगा इसलिए हो सकता है आपका बच्चा उस ब्रेस्ट से दूध न पी पाए। यह भी सलाह दी जाती है कि मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने पर आप बच्चे को दूध पिलाती रहें क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और यहाँ तक कि यदि ब्लॉक डक्ट्स के कारण आपको इन्फेक्शन हो जाए फिर भी यह शरीर को सुरक्षित रखता है। बच्चे को लगातार दूध पिलाने से मिल्क डक्ट्स का ब्लॉकेज खत्म हो सकता है।
मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने के कारण आप चिंतित हो सकती हैं और सोच रही होंगी कि खुद को इस समस्या के साथ-साथ दर्द और असुविधा से कैसे निजात दिलाएं। स्तनों में दूध ब्लॉक होने का एक प्रमाणित इलाज यही है कि आप अपने बच्चे को लगातार दूध पिलाती रहें और अपने ब्रेस्ट को खाली रखें। इससे आपकी सूजन कम होगी और बच्चे को दूध पिलाते समय आपको अधिक सुविधाएं महसूस होंगी।
मिल्क डक्ट्स ब्लॉक होने के प्रमाणित और उपयोग किए हुए निम्नलिखित कुछ उपचार बताए गए हैं, आइए जानते हैं;
ऊपर दिए हुए उपचारों के अलावा अन्य होम रेमेडीज भी हैं जो मिल्क डक्ट्स के ब्लॉकेज को ठीक करने में मदद कर सकती हैं, आइए जानते हैं;
यहाँ कुछ सरल टिप्स दिए हुए हैं जिनकी मदद से मिल्क डक्ट्स के ब्लॉकेज से बचा जा सकता है, आइए जानते हैं;
यदि मिल्क डक्ट्स में ब्लॉकेज होने के कारण आपको 24 घंटे से ज्यादा असुविधाएं होती हैं तो डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है जो जल्दी आराम के लिए आपको एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दे सकते हैं।
यद्यपि ब्रेस्टफीड कराने वाली मांओं के लिए मिल्क डक्ट्स में ब्लॉकेज होना एक सामान्य बात है लेकिन फिर भी जैसा कि ऊपर बताया गया है इसका इलाज तुरंत करवाना चाहिए। हालांकि यदि फिर भी आपको अपनी स्थिति में कोई भी सुधार नहीं दिखता है तो डॉक्टर के पास जाना जरूरी है। वही बता सकते हैं कि आपको मैस्टाइटिस जैसी कोई गंभीर समस्या तो नहीं है जिसके लिए कुछ अलग उपचार होते हैं।
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