गर्भधारण

सरोगेसी – बांझपन उपचार का एक विकल्प

विज्ञान की तरक्की ऐसे कई लोगों और जोड़ों की मदद करती है, जो एक बच्चे की जिम्मेदारी उठाना चाहते हैं, पर विभिन्न कारणों से गर्भधारण करने में या अपने बच्चे को अपने गर्भ में रख पाने में सक्षम नहीं होते हैं। फिर चाहे वे अपने बायोलॉजिकल बच्चे की इच्छा रखने वाले सिंगल पुरुष हों, मेडिकल समस्याओं से ग्रस्त जोड़े हों या किसी और कारण से ग्रस्त कोई व्यक्ति हो, इन सभी समस्याओं का समाधान सरोगेसी हो सकता है। बच्चे के जन्म के इस तरीके के बारे में सभी जरूरी जानकारी पाने के लिए आगे पढ़ें। 

सरोगेसी क्या है?

कई जोड़े जो इन दिनों फर्टिलिटी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, वे अपने परिवार को शुरू करने के लिए सरोगेसी का चुनाव कर रहे हैं। जब कोई अन्य महिला आपके बच्चे को अपने गर्भ में धारण करती है और उसे जन्म देती है, तब इसे सरोगेसी कहा जाता है। जो महिला आपके बच्चे को अपने गर्भ में रखती है और जन्म देती है, उसे सेरोगेट मदर (या आसान भाषा में एक सरोगेट) कहा जाता है और यह आपकी दोस्त, रिश्तेदार या कोई गुमनाम महिला हो सकती है। सरोगेसी की प्रक्रिया एक बेहद जटिल कानूनी प्रक्रिया है, जो न केवल भावनात्मक रूप से तीव्र हो सकती है, बल्कि इसमें बहुत सारे धैर्य, समय और पैसों की भी जरूरत होती है। इसका चुनाव करने से पहले इस प्रक्रिया के सभी फायदे और नुकसानों को अच्छी तरह से समझना बहुत जरूरी है। अगर सरोगेसी के कानूनी, आर्थिक और मेडिकल जैसे सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाए, तो सरोगेसी आज के समय में उपलब्ध फर्टिलिटी के सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक है। 

सरोगेसी का फायदा कौन ले सकता है?

आप सरोगेसी का फायदा ले सकते हैं अगर:

  • आपकी मेडिकल स्थिति के कारण प्रेगनेंसी और डिलीवरी आपके लिए जानलेवा हैं
  • आप गर्भाशय के बिना जन्मे हैं
  • आप यूट्रस रिमूवल सर्जरी या हिस्टोरेक्टोमी से गुजरे हैं
  • आपके बार-बार मिसकैरेज हुए हैं
  • आपके गर्भाशय में कोई असामान्यता है या उसका आकार असामान्य है
  • अगर बांझपन के अन्य इलाज जैसे – आईवीएफ से आपको सफलता नहीं मिली है

द इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) का कहना है, कि अगर कपल के लिए बच्चे को कैरी करना मेडिकल असंभव है, तो उनके लिए सरोगेसी एक विकल्प हो सकता है। 

सरोगेसी किस तरह से काम करता है?

सरोगेसी निम्नलिखित तरीकों से काम करता है:

1. प्राकृतिक या स्ट्रेट सरोगेसी

पिता बनने वाले पुरुष के स्पर्म को सरोगेट मां के शरीर में आईयूआई के द्वारा आर्टिफिशियल तरीके से इनसेमिनेट किया जाता है। नेचुरल या स्ट्रेट सरोगेसी होस्ट के गर्भाशय और अंडों का इस्तेमाल करती है। जन्म के बाद बच्चे को पेरेंट्स बनने की इच्छा रखने वाले कपल को दे दिया जाता है और सरोगेट मां उसके मातृत्व के अधिकारों को समाप्त कर देती है। 

2. जेस्टेशनल या होस्ट सरोगेसी

जब एक दान किए गए एंब्रियो को सरोगेट मां आगे की प्रक्रिया के लिए अपने गर्भ में धारण करती है, तब इसे जेस्टेशनल या होस्ट सरोगेसी कहा जाता है। ऐसे मामलों में आप अपने बच्चे के बायोलॉजिकल पेरेंट्स होते हैं। 

3. परोपकारी सरोगेसी

इस तरह की सरोगेसी से होस्ट को कोई आर्थिक लाभ नहीं मिलता है, बल्कि उसे केवल स्वीकार्य खर्च दिया जाता है। 

4. कमर्शियल सरोगेसी

जब सरोगेट मां द्वारा दी गई सेवा के लिए उसे सभी स्वीकार्य खर्चो के अलावा अलग से एक फीस भी दी जाती है, तब इसे कमर्शियल सरोगेसी कहा जाता है। 

सरोगेट मां की खोज और चुनाव कैसे करें?

अपने बच्चे के लिए सरोगेट मां बनने के लिए आप किसी दोस्त या रिश्तेदार से बात कर सकते हैं। सेरोगेट ढूंढने का यह सबसे अच्छा तरीका है, क्योंकि इससे न केवल सरोगेसी से जुड़े कानूनी झमेले कम हो जाते हैं, बल्कि खर्च भी कम हो जाता है। 

अपने लिए एक सरोगेट ढूँढने के लिए आप विभिन्न सरोगेसी एजेंसी से भी संपर्क कर सकते हैं। एजेंसी सेरोगेट के लिए अरेंजमेंट करती है और आपके और सरोगेट के बीच मेडिकल खर्चे और फीस जैसे आदान-प्रदान के लिए एक माध्यम के रूप में भी काम करती है। 

सरोगेसी और इसके कानूनी मुद्दे

कानूनी सरोगेसी और एक कानूनी सरोगेट से जुड़े कई तरह के मुद्दे होते हैं। इस विषय पर एक्सपर्ट कानूनी सलाह लेना बहुत जरूरी है। अगर आप किसी अन्य देश में सरोगेसी की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपको उस देश के सरोगेसी लॉ के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है। 

सरोगेसी के लिए तैयारी कैसे करें?

आप निम्नलिखित तरीकों से सरोगेसी के लिए तैयारी कर सकते हैं: 

  • आपके बच्चे के जन्म के बाद आने वाले बदलावों के लिए खुद को भावनात्मक रूप से तैयार करके, जैसे रात को जागना, सामाजिक जीवन में बदलाव, अपने साथी के साथ जिम्मेदारियां शेयर करना आदि।
  • घर में अपने बच्चे का स्वागत करने की तैयारियां करना। आप अपने बच्चे के लिए कमरा तैयार कर सकते हैं, स्ट्रोलर, क्रिब, कपड़े और बच्चे के लिए अन्य जरूरी चीजों की खरीदारी कर सकते हैं।
  • बच्चे के आगमन के लिए खुद को तैयार करने के लिए पेरेंटिंग क्लासेस जॉइन कर सकते हैं।
  • पेरेंटिंग और चाइल्ड केयर के बारे में पढ़ें।

किन स्क्रीनिंग टेस्ट की जरूरत होती है?

एक सरोगेट मां के लिए नीचे दिए गए स्क्रीनिंग टेस्ट की जरूरत हो सकती है:

  • सेक्सुअली ट्रांसमिटेड बीमारियों की जांच करने के लिए मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। लैब और फिजिकल टेस्ट में एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, आर एच फैक्टर, हरपीज और सिफलिस आदि शामिल हैं। अन्य रक्त और पेशाब टेस्ट भी किए जा सकते हैं।
  • पैप स्मियर जांच करके गर्भाशय के स्वास्थ्य की जांच की जाती है।
  • एक मॉक साइकल परफॉर्म किया जाएगा, ताकि हॉर्मोन रिप्लेसमेंट के प्रति इंट्रायूटरिन लाइनिंग की प्रतिक्रिया को जांचा जा सके।
  • गर्भाशय के आकार और फैलोपियन ट्यूब के पैसेज की जांच के लिए एचसीजी किया जाएगा।
  • यूटरिन कैविटी की लंबाई और दिशा की जांच के लिए पेल्विक एग्जामिनेशन भी किया जाएगा।
  • विभिन्न फिजिकल और मेडिकल टेस्ट के अलावा साइकोलॉजिकल टेस्टिंग भी की जाती है, ताकि सरोगेसी को आगे बढ़ाने के लिए सरोगेट मां की क्षमता और लगन की जांच की जा सके।

इसकी सफलता की दर क्या है?

सरोगेसी की वास्तविक सफलता की दर का पता लगा पाना बहुत कठिन है, क्योंकि कई तरह के पहलू इससे जुड़े होते हैं। अगर आपको एक वालंटियर सेरोगेट मिलती है, जो फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के द्वारा गर्भवती हो और आपके बच्चे को आगे की प्रक्रिया के लिए अपने गर्भ में रखें, तो आप सफल होंगे। वहीं यह प्रक्रिया अन्य लोगों के लिए नाकाम साबित हो सकती है।

सरोगेसी के फायदे

जो कपल गर्भधारण नहीं कर सकते हैं, उनके लिए सरोगेसी बहुत फायदेमंद है, क्योंकि यह आपको एक बच्चे के माता-पिता बनने का मौका देता है, जो कि (आनुवांशिक रूप से) आंशिक या पूर्णतः आपका होता है। आप अपने बच्चे की गर्भावस्था और जन्म की प्रक्रिया के दौरान करीबी रूप से भी शामिल रह सकते हैं। 

सरोगेसी के नुकसान

सरोगेसी से संबंधित कुछ नुकसान इस प्रकार हैं:

  • इसमें जटिल कानूनी और मेडिकल प्रक्रियाएं शामिल होती हैं।
  • सरोगेसी को सपोर्ट करने वाले क्लीनिक को ढूंढ पाना कठिन होता है।
  • सरोगेट मां की विभिन्न जरूरतों को पूरा करना कठिन होता है, जैसे उसका खानपान, गर्भावस्था और लेबर को मैनेज करना।

सरोगेसी से जुड़ी समस्याएं

सरोगेसी से संबंधित प्रमुख समस्याओं या चिंताओं में से एक यह है, कि सरोगेट मां के लिए यह प्रक्रिया उचित है या नहीं। आमतौर पर इस बात का डर होता है, कि बच्चे को अपने गर्भ में पालने के दौरान सरोगेट मां बच्चे से भावनात्मक लगाव महसूस न करने लगे। हालांकि अगर पूरी गर्भावस्था के दौरान माता-पिता बनने की इच्छा रखने वाले कपल के साथ उचित संबंध बनाकर रखे जाएं, तो इस समस्या को दूर रखा जा सकता है। 

सरोगेसी में कितना खर्च आता है?

सरोगेसी में आने वाला खर्च प्रत्येक मामले में अलग हो सकता है और यह विभिन्न बातों पर निर्भर करता है, जैसे: 

  • डोनर का खर्च (स्पर्म या अंडा)
  • सरोगेट मां की फीस
  • एंब्रियो इंप्लांटेशन का खर्च
  • आपके इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट का खर्च (एक एंब्रियो बनाने करने के लिए आईसीएसआई या आईवीएफ)

सरोगेसी बनाम बच्चा गोद लेना

बच्चा गोद लेने की तुलना में सरोगेसी के कई फायदे होते हैं, क्योंकि सरोगेसी में एक या दोनों ही पार्टनर्स को बच्चे के जेनेटिक पेरेंट्स बनने का मौका मिलता है। हालांकि विभिन्न देशों में सरोगेसी के लिए विभिन्न कानून हैं, पर सरोगेसी में एडॉप्शन की तरह महंगी और विस्तृत प्रक्रियाएं नहीं होती हैं। एडॉप्शन की तरह सरोगेट पेरेंट्स बनने के लिए आपको क्वालीफाई करने की जरूरत नहीं होती है। 

अगर आप प्राकृतिक रूप से पेरेंट्स बनने में अक्षम हैं, तो माता-पिता बनने के लिए सरोगेसी एक प्रभावी तरीका है। हालांकि इस फर्टिलिटी ट्रीटमेंट ऑप्शन का चुनाव करने से पहले सभी कानूनी, आर्थिक और मेडिकल मुद्दों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना रेकमेंड किया जाता है। 

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सेकेंडरी इनफर्टिलिटी
बांझपन (इनफर्टिलिटी) के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार
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पूजा ठाकुर

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