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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, ज्यादातर स्कूलों में बच्चों के लिए एक समारोह या कांटेस्ट का आयोजन किया जाता है ताकि बच्चे ब्रिटिश शासकों के खिलाफ भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष के बारे में जान सकें और सीख सकें। एक राष्ट्र के रूप में, भारत देश को अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए बहुत सारी मुसीबतों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा। देश की आजादी के लिए जिस प्रकार देशभक्तों ने अपनी जान की कुर्बानी दी उसे शब्दों में समझाना काफी मुश्किल है। हमारे माता-पिता, शिक्षक और बुजुर्ग यही सिखाते आए हैं कि हमें अपनी आजादी के महत्व को कभी नहीं भूलना चाहिए और यही बात आने वाली पीढ़ियों के लिए भी लागू होती है। बच्चों को न केवल हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में जानना चाहिए बल्कि अपने बाकी साथियों को भी स्पीच (भाषण) के जरिए आजादी के महत्व को बताना चाहिए।
कई स्कूलों में बच्चों को इस खास मौके पर स्पीच बोलने के लिए कहा जाता है। इस लेख में, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन सभी पहलुओं के बारे में बात की गई हैं, जिसकी मदद से आप अपने बच्चे को सही ढंग से स्पीच तैयार करा सकती हैं। इस लेख में आपको वो सभी जरूरी टिप्स बताई गई है, जो आपके बच्चे को इंडिपेंडेंस डे के लिए स्पीच तैयार करने में मदद करेगा। इस बार हम अपनी स्वतंत्रता की 77 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं जिसे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ नाम दिया गया है। इस लिहाज से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देना और भी खास होने वाला है!
एक अच्छी स्पीच लिखना मुश्किल काम होता है और उससे भी ज्यादा मुश्किल है इसे याद करना और अच्छी तरह से लोगों के सामने उसे प्रस्तुत करना। जब आप अपने बच्चे को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्पीच तैयार करा रही हों, तो नीचे दी गई टिप्स आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है।
अन्य देशों की तुलना में भारत का स्वतंत्रता संघर्ष अलग रहा है। भारत का स्वतंत्रता संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं था, बल्कि विचारधारा और आध्यात्मिकता के पहलू से भी जुड़ा हुआ था। जैसे कि महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गयाअहिंसा का सिद्धांत । इससे पहले कि आप अपने बच्चों को 15 अगस्त के लिए स्पीच तैयार कराएं, उन्हें यह जानना जरूरी हैं कि हमारे आजादी का इतिहास क्या था, कैसे आजादी के लिए संघर्ष किया गया, और महान पुरुषों ने ऐसे देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी।
जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई में भाग लिया, उनका बस यही सपना था कि भारत एक महान राष्ट्र बने, जो देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार दे। इनमें से ज्यादातर लोगों के विचार पश्चिमी लोकतांत्रिक मूल्य पर आधारित थे। पश्चिमी देशों में मॉडर्न डेमोक्रेटिक गवर्नेंस हुआ करती थी, जो अपने नागरिकों को पूरी आजादी और अपने मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करने की पूरी छूट देती थी। जिन राष्ट्रों में मॉडर्न डेमोक्रेटिक गवर्नेंस हुआ करती थी उन्होंने अन्य देशों के लोगों से उनके मौलिक अधिकार कीआजादी भी छीन ली था। हमारे देश में कुछ ऐसे महान लोग पश्चिमी देशों में रहें और वहाँ से अपनी पढ़ाई की, साथ ही भारत के लिए भी ऐसी ही गवर्नेंस की मांग की। आज के बच्चों ऐसे आदर्श व्यक्तियों से परिचित कराना चाहिए। इसके अलावा, आपके बच्चे को बेसिक फैक्ट्स के बारे में जानकारी होना चाहिए, जैसे राष्ट्रगान का अर्थ, राष्ट्रीय ध्वज में कितने रंग होते हैं और हमारा राष्ट्रीय चिह्न क्या हैं आदि। यह सभी चीजें एक अच्छी स्पीच तैयार करने में आपकी मदद करेंगी जो भावनात्मक पहलू के साथ दूसरों को जानकारी भी दे।
स्लोगन के जरिए आप अपनी बातों को कम शब्दों में प्रस्तुत कर सकती हैं। कई स्वतंत्रता सेनानियों ने एक आजाद भारत का सपना देखते हुए, मोटिवेशनल स्पीच और कोट्स बोलें और वह इतना प्रचलित हुआ कि आज भी हमारे जुबान पर है। ऐसे स्लोगन आपकी स्पीच को और भी अच्छा बना सकते हैं। बच्चे की स्पीच में न केवल फेमस स्लोगन शामिल करें बल्कि उसके पीछे छुपे उद्देश्य को भी अच्छी तरह समझाएं। उदाहरण के तौर पर, पंडित बाल गंगाधर तिलक ने कहा: “स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, और हम इसे लेकर ही रहेंगे”, इस स्लोगन की मदद से आप साफ तौर पर उनके लोकतांत्रिक विचार को समझ सकती हैं और पश्चिमी लोकतंत्र की तरह ही भारत के संविधान में भी इसकी जरूरत थी।
आज के समय में आपको बहुत सारे लोग ऐसे मिलेंगे जो अपनी आवाज और अलग-अलग सोच को व्यक्त करते हैं। जिनमें से कुछ आवाज भारत के लोकतांत्रिक देश होने पर उसका सम्मान बढ़ाती है, वहीं देश में बढ़ रहे करप्शन के कारण निराशा भी होती है। इसलिए आपके बच्चे के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि सरकार के खिलाफ लोगों की आवाज उनके विचार और आलोचनाओं को एक लोकतांत्रिक देश में सुनने व स्वीकार किए जाने की आजादी देती है। इसके अलावा यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि एक राष्ट्र और उसके लोगों को खुद निर्णय लेने का अधिकार क्यों जरूरी है और गवर्नेंस के लिए कैसे वो खुद अपने प्रतिनिधियों को चुन सकते हैं। साथ ही राष्ट्र की बागडोर उन्ही के हाथों में होनी चाहिए जो इसी देश के नागरिक हों और लोगों द्वारा चुने गए हों।
अगर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी न दिलाई होती तो शायद हम कभी आजाद न होते। देशभक्ति वह लगाव है जो किसी को अपनी मातृभूमि, अपने लोगों और अपनी संस्कृति से जोड़े रखती है। देशभक्ति के जज्बे के बिना तैयार किया गया कोई भी भाषण न ही लोगों के दिलों को छूता और न ही उन्हें देशभक्ति के लिए प्रेरित करता है। देशभक्ति का मतलब यह नहीं है कि समाज की बुराइयों को आँख बंद करके स्वीकार कर लिया जाए, बल्कि देशभक्ति का असली मतलब है अपने राष्ट्र से प्रेम करना और उसकी मूल्यों पर अमल करना। आपका बच्चा एक देशभक्त होना चाहिए और उसके भाषण में राष्ट्र के प्रति सम्मान और मूल्य व्यक्त होने चाहिए।
एक अच्छी स्पीच बोलने के लिए अच्छी प्रैक्टिस की जरूरत होती है। बच्चे को मोटीवेट करें कि वो अपनी स्पीच को याद करे, क्योंकि पेपर से देखकर पढ़ने के बजाय बिना देखे स्पीच बोलना ज्यादा अच्छा माना जाता है। अपने बच्चे को बताएं कि भाषण देते समय उसे सीधे खड़े होकर पूरे आत्मविश्वास के साथ बोलना है। बच्चे को बताएं कि कैसे उसे दर्शकों की आँखों में देखते हुए अपनी बात कहनी है। जिस दिन बच्चे को स्पीच बोलनी है उसके एक दिन पहली उसे कई बार स्पीच बोलने की प्रैक्टिस करवानी चाहिए, जितनी अच्छी प्रैक्टिस होगी वह लोगों बीच खुद को उतना ज्यादा अच्छे से प्रेजेंट कर पाएगा।
भाषण सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आपने कितने अच्छे तरीके से सभी टॉपिक को कवर किया है। बल्कि इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि आपका कंटेंट लोगों को कितना कनेक्ट करता है। स्वतंत्रता दिवस पर एक सर्विस मैन द्वारा बोली जाने वाले भाषण का कंटेंट, स्कूल के बच्चे द्वारा बोले जाने वाले भाषण से काफी अलग तरह से लिखा हुआ होगा। इस बात का ध्यान रखें कि भाषण हमेशा दर्शकों के हिसाब से लिखा जाता है, जिसमें शिक्षक और साथी छात्र शामिल होते हैं। छात्रों के लिए राष्ट्र की आजादी का क्या महत्व है, उनका इस देश के लिए क्या योगदान होना चाहिए और हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों से क्या सीख लेते हैं आदि। भाषण लिखते समय आपको ऊपर बताई गई सभी बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
स्कूल में भाषण देने के लिए एक टाइम लिमिट होती है और बच्चे को उसी समय में अपने भाषण को खत्म करना होता है। यदि आप भाषण को बहुत छोटा कर के लिखती हैं, तो आप इस विशेष दिन के महत्व को अच्छी तरह नहीं बता पाएंगी, वहीं दूसरी ओर अगर भाषण बहुत लंबा लिखने से यह बच्चों के लिए बोरिंग जैसे लगने लगेगा। इसलिए दिए गए समय के अनुसार आप भाषण को तीन हिस्सों या सब हेडिंग्स में बाँट लें, जिसमे पहला सब हेडिंग, जिससे बच्चा भाषण की शुरुआत करेगा, फिर बीच वाला भाग और आखिर में निष्कर्ष देते हुए भाषण को खत्म करें, इस प्रकार बच्चा सीमित समय में पर्याप्त जानकारी दे सकेगा। आपको भाषण में कौन कौन सी सब हेडिंग डालनी है पहले यह तय कर लें, इससे आपको भाषण लिखने के दौरान समय सीमा को ध्यान रहेगा और फिर आप निष्कर्ष के साथ भाषण को खत्म कर पाएंगी।
भाषण शुरू करते समय सबसे पहले शिक्षकों, साथ के छात्रों और गेस्ट के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए स्वतंत्रता दिवस के महत्व को बताए, कि क्यों आज के दिन हम सब इस जगह पर यह जश्न मना रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के बारे में बताते हुए 15 अगस्त 1947 के दिन को याद करें और इसका महत्व बताए। इसके बाद आप एक छोटी सी व्याख्या करते हुए राष्ट्र की बदलती प्राथमिकताओं पर भी लोगों का ध्यान केन्द्रित करें और बताए की 1947 में यह प्राथमिकताएं आज से कितनी अलग हुआ करती थी।
राष्ट्र की आजादी के लिए कई वीर जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की बाजी लगा दी, केवल इसलिए क्योंकि उनका बस एक सपना था कि भारत एक महान राष्ट्र कहलाया जाए और उन्हें अपने देश के लोगों के कौशल, उनकी क्षमताओं पर पूरा विश्वास था कि भले ही उनकी जान चली जाए लेकिन देशवासी उनका यह सपना कभी टूटने नहीं देंगी। इसलिए हमें उनके बलिदानों को याद करना चाहिए और उनके आदर्शों पर चल कर जीवन जीने की प्रेरणा लेनी चाहिए। यह हमारे लिए एक ऐसे आदर्श हैं जिन्होंने सहिष्णुता, लोकतंत्र, समानता, समावेशिता और विविधता में एकता जैसी सीख दी।
इंसानियत को बचाने के लिए किए गए उन सभी महान संघर्षों में एक अनकही कहानी स्वतंत्रता सेनानियों की भी रही है, जिन्होंने बहुत संघर्ष, हिम्मत और बहादुरी के साथ यह खून की लड़ाई लड़ी है। उन लोगों के नाम लेने न भूलें जिन्होंने देश के लिए किसी भी चीज की परवाह किए बगैर हर बलिदान को स्वीकार किया और मुश्किल रास्तों का सफर तय करते हुए देश को आजादी दिलाई।
आजादी से पहले भारत के पास ऐसे महान लीडर्स थे जिन्होंने देश के लोगों को एक गौरवशाली राष्ट्र का सपना देखने के लिए प्रेरित किया। 1857 में मंगल पांडे से लेकर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु जैसे नेतृत्व करने वाले देशभक्त मिले जिन्होंने लोगों को बहुत हिम्मत दी और बताया कि अपने हक के लिए कैसे लड़ाई लड़ी जाती है और इनके बाद सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, खान अब्दुल गफ्फार खान जैसे महान लोगों ने देश का बेहतर नेतृत्व किया।
अग्रेजों के जुल्म ने भारत के लोगों की आँखें खोल दी थी और अब लोग अपनी आवाज उठाने लगे थे, इस दौरान ऐसी कई ऐतिहासिक घटनाएं हुई जिन्हें आज भी याद किया जाता है, क्योंकि इसमें न जाने कितने बेकसूरों की जाने गई, जैसे जलियांवाला बाग हत्याकांड, 1857 का विद्रोह, बंगाल पार्टीशन आदि। इसमें भारतीय लोगों का बहुत नुकसान हुआ और उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बाद भारत छोड़ो आंदोलन और असहयोग आंदोलन ने अंग्रेजों को मजबूर कर दिया कि वो भारत छोड़ कर जाएं।
भाषण में संक्षिप्त रूप से यह भी शामिल करें कि आज का भारत किस तरह से चुनौतियों का सामना कर रहा है और भारत की इस समृद्ध विरासत से व स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमने क्या सीखा। इसके अलावा उन उपलब्धियों पर भी जोर दें जो भारत ने आजादी के समय में हासिल किया। अंग्रेजों ने जब आखिरकार भारत छोड़ दिया, तो उनका अपने ही देश में रहना मुश्किल हो गया। आजादी के 73 वर्षों के दौरान भारत न केवल एक लोकतंत्र देश बना बल्कि इसमें अपनी एक्टिव नुक्लियर पॉवर के चलते कई सफल स्पेस प्रोग्राम को अंजाम दिया, इस प्रकार की सफलता दुनिया के बहुत कम देशों ने प्राप्त की है।
भाषण के अंत में प्रतिज्ञा जरूर शामिल होनी चाहिए जिसमें बच्चा आदर्श नागरिक बनने और संविधान का हमेशा पालन करने की शपथ लेता है। आप कुछ अपने के महान स्वतंत्रता सेनानियों के लोकतंत्र या स्वतंत्रता के बारे में कहे गए कुछ प्रसिद्ध और प्रेरणादायक स्लोगन का प्रयोग करते हुए भाषण पूरा करें।
बच्चे अच्छी तरह से भाषण बोल सके, इसके लिए आप उसकी मदद करें, साथ ही आपको नीचे कुछ टिप्स दी गई हैं जिससे आप बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ा सकती हैं। इससे बच्चे को हिम्मत मिलेगी और लोगों के सामने वो अच्छी तरह से अपना भाषण दे पाएगा।
एक अच्छा भाषण बोलने के लिए अच्छी तरह से अभ्यास की जरूरत होती है। बच्चे को प्रेरित करें कि वो अपने भाषण को याद करें और पेपर से देखकर पढ़ने के बजाय जुबानी तौर अपना भाषण तैयार करे, इस प्रकार से बोले जाने वाला भाषण लोगों पर अच्छा प्रभाव डालता है। अपने बच्चे को बताए कि कि कैसे उन्हें सीधे खड़े हो कर पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने भाषण को बोलना है। बच्चे को बताए की कैसे उन्हें दर्शकों की आँखों में देखते हुए अपनी बात कहनी है। जिस दिन बच्चे को भाषण बोलना हो आप उससे पहले कई बार बच्चे को भाषण का अभ्यास कराएं, जितना ज्यादा बच्चा अभ्यास करेगा उतना ही बेहतर तरीके से वो सबके सामने अपने बात को व्यक्त कर पाएगा। इसके अलावा, यह स्टेज फियर को दूर करने में मदद करेगा।
हमारे कई नेता और स्वतंत्रता सेनानियों के कपड़े पहनने का तरीके बहुत अलग होता था। कुछ लोग बहुत सादगी के साथ कपड़े पहने थे तो कुछ का अपना ही एक अलग तरीका था। आप इन स्वतंत्रता सेनानियों की याद में अपने बच्चों को उनकी तरह ही तैयार कर सकती है, ताकि जब लोग आपके बच्चे को देखें तो हमारे देश के वीर पुरुषों की याद ताजा हो जाए ।
स्वतंत्रता दिवस भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। यदि आपके बच्चे को इस दिन भाषण देने के लिए चुना जाता है, तो यह उसके लिए बहुत गर्व की बात है। यदि आप अपने बच्चे के लिए एक बेहतरीन भाषण लिखना चाहती हैं तो ऊपर बताई गई टिप्स का पालन करें।
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