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स्विमिंग के लिए बच्चे की सही उम्र क्या है?

इंटरनेट ऐसे वीडियोज से भरा पड़ा है, जिसमें छोटे-छोटे बच्चे किसी पेशेवर की भांति स्विमिंग पूल में बैकस्ट्रोक करते हुए, पानी के अंदर जाते और तैर कर पानी की सतह पर आते हुए नजर आ रहे हैं, वह भी किसी पेशेवर की तरह। जबकि असल में वे मुश्किल से अपने सिर पर नियंत्रण रख सकते हैं। ऐसे वीडियोज देखकर आपको भी प्रेरणा मिलती होगी और शायद आप भी अपने बच्चे को स्विमिंग सिखाना चाहते होंगे। आपकी भी इच्छा होती होगी, कि अपने बच्चे को स्विमिंग के लिए लेकर जाएं। पर क्या यह सही है? 

अपने बच्चे को स्विमिंग के लिए ले जाने के लिए सही उम्र क्या होनी चाहिए?

‘द अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक्स’ (एएपी) सलाह देता है, कि जब तक आपका बच्चा 4 साल का नहीं हो जाता, तब तक आपको उसे स्विमिंग क्लासेस में नहीं डालना चाहिए। यह रिकमेंडेशन, तैरना सीखने के लिए जरूरी शारीरिक परिपक्वता पर आधारित है। हालांकि, एएपी छोटे बच्चों के स्विमिंग प्रोग्राम या लेशंस की मनाही की सख्त वकालत नहीं करता है, पर वह इसकी सलाह भी नहीं देता है, ऐसे में इसके बारे में सोचा जा सकता है। 

बच्चों को जल्दी तैरना सिखाने के 7 कारण

कुछ अध्ययनों के अनुसार, आप जितनी जल्दी बच्चों को स्विमिंग सिखाते हैं, यह उतना ही बेहतर होता है। यहां पर बच्चों को जल्दी तैरना सिखाने के पक्ष में कुछ बिंदु दिए गए हैं। 

  1. सर्वाइवल स्विमिंग लेसन आपके बच्चे की जान बचा सकते हैं। डूबना अनचाही चोट और/ या मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक माना गया है, विशेषकर 1 से 2 साल के बच्चों के लिए। ऐसे में, अगर बच्चे को स्विमिंग आती हो, तो कितना अच्छा हो सकता है।
  2. कई अध्ययनों के अनुसार, 1 से 4 वर्ष की उम्र के बीच के बच्चों को स्विमिंग क्लासेज में डालकर उनके डूबने के खतरे को कम किया जा सकता है।
  3. आप जितनी जल्दी इसकी शुरुआत कर देते हैं, उनमें एक्वाफोबिया को खत्म करना उतना ही आसान हो जाता है। ज्यादातर इनकी शुरुआत, शुरुआती बचपन के दौरान होती है और और इसके कारक तत्वों का संपर्क बच्चे से हो जाए, तो ऐसे डर पैदा होने से पहले ही उसका खात्मा हो जाता है।
  4. कॉम्पिटेटिव स्विमिंग के लिए यह एक अच्छा आईडिया हो सकता है। कुछ बच्चे पानी के प्रेमी होते हैं और उन्हें पानी में रहना बहुत पसंद होता है। अगर आपका बच्चा भी ऐसा ही है और आप उन्हें कॉम्पिटेटिव स्विमिंग में डालना चाहते हैं, तो आपको इसकी शुरुआत जल्दी कर देनी चाहिए।
  5. स्विमिंग से फेफड़ों और दिल के विकास में बढ़ावा होता है और तेजी आती है। इन अंगों की मजबूती बढ़ती है और दिमागी विकास में भी मदद मिलती है। यह शरीर के विभिन्न अंगों के बीच के तालमेल को बढ़ाने में भी कारगर है।
  6. स्विमिंग करने से, बच्चे की शारीरिक गतिविधि चलती रहती है, जिससे उसके खाने-पीने और सोने की आदतों में बेहतरी आती है और भूख की कमी, वजन ना बढ़ना और ऐसी ही कई तरह की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
  7. बच्चे की स्विमिंग, बच्चे और पेरेंट के बीच की बॉन्डिंग को मजबूत बनाने का एक अच्छा तरीका है। यह माता-पिता के लिए शैक्षणिक भी होता है, जिससे कार्डियोपलमोनरी रेससिटेशन या सीपीआर जैसे वाटर सेफ्टी और जीवन रक्षक स्किल्स सीखने का मौका मिलता है।

हालांकि, कुछ अध्ययनों से यह भी पता चलता है, कि आपके बच्चे की उम्र से स्विमिंग की उसकी निपुणता पर कोई असर नहीं पड़ता है। उसने स्विमिंग सीखने की शुरुआत चाहे जब भी की हो, स्विमिंग में निपुण होने में, उसे अपनी उम्र के बाकी बच्चों के जितना समय ही लगेगा (चाहे उन्होंने स्विमिंग की शुरुआत बाद में ही क्यों ना की हो), जो कि लगभग 5.5 वर्ष की मानी जाती है, इसलिए कायदे से यह मायने नहीं रखता है। 

बच्चे की स्विमिंग कैसे शुरू करें?

तो, अगर आपने हर तरह से विचार करके, अपने बच्चे को स्विमिंग सिखाने का निर्णय ले लिया है, तो याद रखें, आप इसे अकेले ना ही तो कर सकते हैं और ना ही आपको इसकी कोशिश करनी चाहिए (यानि, बिना किसी प्रशिक्षित एक्सपर्ट या सुपरवाइजर के)। 

किसी अच्छे इंस्टिट्यूट के स्विमिंग प्रोग्राम, बच्चे के लिए सबसे बेहतर हैं। जो एक्सपर्ट्स वाकई में आपके बच्चे के साथ काम करने वाले हैं, उनकी योग्यताओं के बारे में पता करें। इस बात को सुनिश्चित करें, कि वे स्विमिंग पूल बनाने के बारे में सभी रेगुलेटरी गाइडलाइंस को फॉलो कर रहे हैं और यह पूरा अनुभव आपके बच्चे के लिए सुरक्षित है। 

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि बच्चे को उनके हवाले करना सही नहीं है, बल्कि पूल में आपको अपने बच्चे के साथ रहना चाहिए, ताकि किसी तरह की विपरीत परिस्थिति में आप समय पर अपने बच्चे के पास पहुंच सके और उसकी मदद कर सकें, ताकि आपको बाद में पछताना ना पड़े। 

यह भी याद रखें, जब तक बच्चा अपने सिर पर नियंत्रण रखना नहीं सीख जाता, तब तक किसी भी तरह की स्विमिंग सिखाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। बच्चे को स्विमिंग सिखाते समय, आपका फोकस तीन चीजों पर होना चाहिए: 

  • उन्हें पानी पर फ्लोट करना सिखाएं – इसे छोटे बच्चों पर आजमाया जा सकता है।
  • उन्हें पलटना और चेहरे को पानी से बाहर निकालना सिखाएं – इसे भी छोटे बच्चों के साथ आजमाया जा सकता है।
  • उन्हें पूल के किनारों पर जाना सिखाएं – इसके लिए बच्चे की उम्र थोड़ी अधिक होनी चाहिए (1 साल या उससे अधिक)

जब आपका बच्चा ऊपर दिए गए इन 3 मूवमेंट्स को अच्छी तरह करना सीख जाता है, तब आप उन्हें कुछ एडवांस मूवमेंट सिखा सकते हैं। आप चाहें, तो उन्हें स्ट्रोक भी सिखा सकते हैं। 

  • कभी भी बच्चे को गोद में लेकर सीढ़ियों से उतर कर पानी में ना जाएं। हमेशा बच्चे को किसी मैट पर पुल के किनारे पर रखें। पहले खुद पूल में जाएं और फिर बच्चे को उठाएं, जैसा कि वीडियो में दिखाया गया है।
  • जब आप पानी में हों, तो कभी भी किसी अन्य व्यक्ति को बच्चे को उठाकर आपके हाथ में देने ना दें।  इससे दुर्घटनावश बच्चे के पानी में गिरने का खतरा बहुत ज्यादा होता है।
  • आप जो पहली गतिविधि आजमा सकते हैं, वह है ‘स्विंग एंड डिप्स’। आप बच्चे को कुछ इस तरह से पकड़ते हैं, कि उसकी पीठ पानी की ओर होती है और आप उसे साइड बाई साइड झुलाते हैं। अगर आपका बच्चा उत्सुक दिखता है, तो आप उसके कान पानी में डुबाने की कोशिश कर सकते हैं, ताकि वह दबाव में अंतर का अभ्यस्त हो सके।
  • इसके बाद आप ‘ब्रीदिंग एक्टिविटीज’ आजमा सकते हैं। यह केवल एक डेमोंसट्रेशन एक्टिविटी है, जिसमें बच्चे को आप अपने सामने पकड़ते हैं और उसे दिखाते हैं, कि हवा में गहरी सांस कैसे ली जाती है और फिर पानी के अंदर सांस छोड़ देते हैं, जिससे बुलबुले बनने लगते हैं। समय के साथ, आपका बच्चा खुद ही इसे करना चाहेगा।
  • आप जो अगली एक्टिविटी आजमा सकते हैं, वह है ‘किकिंग लेग्स इन द वाटर’। बच्चे को पकड़ें, उसके सिर और गर्दन को सपोर्ट दें और पानी में उसके पैरों को ऊपर नीचे छपछपाएं, जैसा कि वीडियो में दिखाया गया है। इसी प्रकार ‘स्प्लैशिंग हैंड्स इन द वॉटर’ भी आजमा सकते हैं।
  • अगली एक्टिविटी है ‘वॉक फ्लोटिंग’। बच्चे को कुछ इस तरह से पकड़ें, कि उसका पेट पानी को छुए। उसके सिर को सपोर्ट दें और पानी के स्तर से ऊपर पकड़ें। धीरे-धीरे पीछे की ओर चलें। अपने साथ बच्चे को भी खींचे। हो सकता है, कि आप अपने बच्चे को हाथ और पैर किक करता हुआ देखें (अगर आपके बच्चे ने इसके पहले वाली एक्टिविटी सीख ली है तो)। इस एक्टिविटी को बच्चे को उनकी पीठ के बल पर पकड़ कर भी आजमाया जा सकता है। पर्याप्त प्रैक्टिस के बाद आप अपने बच्चे के केवल सर को सपोर्ट देकर, यह एक्टिविटी करवा सकते हैं, जिसमें आप उसकी कमर, कूल्हों और हाथ-पैरों को हिलाने और घुमाने की आजादी दे सकते हैं।
  • अंत में, पूल से बाहर आते समय पूल में जाने वाले प्रक्रिया को दोहराएं। बच्चे को मैट पर रखें, पूल से बाहर आएं और फिर बच्चे को गोद में उठाएं।

8 स्विमिंग के लिए सेफ्टी टिप्स

जहां तक बच्चे के स्विमिंग की बात है, उसे लेकर यहां पर सुरक्षा के कुछ जरूरी टिप्स दिए गए हैं: 

  1. सीपीआर के बारे में सीखें। कार्डियोपलमोनरी रेससिटेशन बेहोश व्यक्ति को होश में लाने का तरीका है, जो कि आमतौर पर डूबने के शिकार होते हैं। यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें तात्कालिक रूप से कार्डियक अरेस्ट में जा चुके दिल को फिर से जीवित किया जाता है और व्यक्ति को आर्टिफिशियल रूप से हवा देने की कोशिश की जाती है (जैसे, उसके शरीर को हवा लेने में मदद करके, ताकि उसे ऑक्सीजन मिल सके और वह जीवित रह सके)। सीपीआर की जानकारी होने से ऐसी किसी खतरनाक स्थिति को और भी खतरनाक होने से रोका जा सकता है और अगर आप अपने बच्चे को स्विमिंग पूल के आसपास कहीं भी लेकर जा रहे हैं, तो आपको सीपीआर की जानकारी होनी चाहिए।
  2. स्विमिंग के लिए उचित वस्तुओं का इस्तेमाल करें। स्विमिंग गियर में स्विमिंग कॉस्ट्यूम, स्विमिंग कैप, स्विमिंग गॉगल और इयरप्लग शामिल हैं, जो कि एक सुरक्षित और आरामदायक स्विमिंग के अनुभव के लिए जरूरी है।
  3. फ्लोट्स जरूरी है। पूल में जाने के बाद फ्लोट्स बहुत जरूरी हैं। जब तक बच्चों को स्विमिंग नहीं आ जाती, तब तक के लिए पूल में जाने के बाद, बच्चों के लिए फ्लोट्स का इस्तेमाल बहुत जरूरी है। सबसे बेहतर फ्लोट्स वे होते हैं, जिनमें हवा भरी होती है और जो कमर के इर्द-गिर्द होते हैं। अगर ऐसा ना हो, तो लाइफ जैकेट दूसरा विकल्प हो सकता है।
  4. पूल से होने वाले इन्फेक्शन से सावधान रहें। स्विमिंग पूल सभी तरह के कीटाणुओं के बढ़ने के लिए एक बेहतरीन जगह है। इसलिए पूल से होने वाले इन्फेक्शन के प्रति सावधान रहें और जरूरी सावधानी बरतें। ऊपर दिए गए स्विमिंग गियर आपके बच्चे को इंफेक्शन से दूर रहने में भी मदद करेंगे। अगर जरूरी हो, तो अपने पीडियाट्रिशियन से सुरक्षा के मापदंड के बारे में बात करें और साथ ही किसी गड़बड़ी की स्थिति में शुरुआती लक्षणों के बारे में बात करें – जैसे रैशेज, लालीपन, किसी तरह का डिस्चार्ज (आंख, कान आदि) जिन्हें गंभीरता से लेना चाहिए।
  5. साथ ही हाइपोथर्मिया से भी सावधान रहें। पानी का तापमान आपके बच्चे को सूट करना चाहिए। याद रखें, बच्चे अपने शरीर के तापमान को प्रभावी ढंग से अपने आप रेगुलेट नहीं कर सकते हैं और तापमान में अधिक अंतर होने से उन्हें शॉक हो सकता है, (जिसे हाइपोथर्मिया के नाम से जानते हैं)।
  6. डिसिप्लिन बनाए रखें। यह छोटे बच्चों और बड़े बच्चों पर लागू होता है। स्विमिंग पूल के अंदर और आसपास डिसिप्लिन के कड़े नियम बनाएं, जैसे, किसी तरह की प्रैंक न करना, पानी में किसी को ना धकेलना, डाइव न करना या पानी स्प्लैश ना करना। किसी तरह की शैतानी ना करना, जहां स्विमिंग पूल काफी मजेदार होते हैं, वहीं इसमें सावधानी बरतने की जरूरत भी होती है।
  7. निगरानी रखना बहुत जरूरी है। आपके बच्चे चाहे कितने भी बड़े हो जाएं, वयस्कों की निगरानी के बिना बच्चे को पूल में न जाने दें या पूल के आसपास जाने ना दें। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें, कि जो वयस्क बच्चों की निगरानी कर रहा है, उसे स्विमिंग आती हो और वह किसी दुर्घटना की स्थिति में समय पर सही कदम उठा सके।
  8. ज्यादा दबाव ना डालें। जहां आप चाहते होंगे, कि बच्चा इसे जल्द से जल्द सीख ले, वही आपको बच्चे के किसी तरह की तकलीफ परेशानी या अनिच्छा के ऊपर भी ध्यान देना चाहिए।

बच्चे को स्विमिंग का आनंद लेने में मदद करने के लिए 6 आइडियाज

यहां पर कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप अपने बच्चे के लिए स्विमिंग को एक मजेदार और खुशनुमा एहसास बना सकते हैं: 

  1. स्विमिंग से पहले शॉपिंग की प्रक्रिया में बच्चों को शामिल करें। रंग और डिजाइन को लेकर बच्चों की भी अपनी खास पसंद होती है। अगर आप उनके सिपी कप, पहला चम्मच या प्लेट, कपड़े, खिलौने आदि की शॉपिंग के लिए उन्हें शामिल कर सकते हैं, तो स्विमिंग गियर के लिए क्यों नहीं कर सकते।
  2. उनके साथ पानी में जाएं। बच्चे को पूल में कंफर्टेबल महसूस हो, इसके लिए उनके साथ खुद भी पानी में जाने से बेहतर और क्या हो सकता है। पानी में जाना सबसे आसान तरीकों में से एक है। अगर आप खुद ही पानी में जाने से डर रहे हैं, तो याद रखें, कि आप अपने बच्चे को बेबी पूल में लेकर जाएंगे, जिसमें पानी कमर से ऊपर नहीं होगा। आपके बच्चे के लिए आपसे केवल एक हाथ की दूरी पर होने पर बच्चा निश्चिंत भी रहेगा और हो सकता है कि वह इसके लिए एक्साइटेड भी हो।
  3. बच्चे की आंखों में देखते रहें और मुस्कुराते रहें। इससे आपके बच्चे को सुरक्षित महसूस होगा। आप चाहे तो उनके लिए गाना गा सकते हैं या उनकी तारीफ कर सकते हैं और पानी में आजादी से घूमने के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी कर सकते हैं।
  4. बच्चे के किसी पसंदीदा खिलौने को साथ ले जाएं। खिलौनों से हमेशा बच्चे को आराम मिलता है, इसलिए ऐसे बच्चे के ऐसे किसी पसंदीदा खिलौने को पूल में ले जाना ना बोले, बड़े बच्चों के लिए आप इन खिलौनों के इस्तेमाल से बच्चे को स्विमिंग करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
  5. फोटोज क्लिक करें, हमारे बचपन की तुलना में, आज की जनरेशन कैमरा के प्रति ज्यादा फ्री होती है। इसलिए बच्चे की स्विमिंग को अधिक मनोरंजक और यादगार बनाने के लिए आप अपने कैमरा या अपने फोन को अपने साथ लेकर जा सकते हैं और किसी को पिक्चर्स क्लिक करने के लिए कह सकते हैं। हालांकि फोन या कैमरा के पानी में गिरने को लेकर सावधान रहें।
  6. उन्हें इनाम दे। तारीफे किसे पसंद नहीं होती? फुल में सफलतापूर्वक समय बिताने के लिए, आप अपने बच्चे को इनाम के रूप में एक नया खिलौना, उनकी फेवरेट किताब, खाना या स्नेक दे सकते हैं या फिर आप उसे बाहों में भर कर खूब प्यार कर सकते हैं।

अपने बच्चे के स्विमिंग बैग में क्या-क्या रखें

जब अप्प बच्चे को स्विमिंग के लिए लेकर जाते हैं, तो आपको हर संभव परिस्थिति के लिए तैयार रहना होता है। अपने बच्चे के स्विमिंग बैग में आपको नीचे दिए गई सामग्री रखनी चाहिए: 

  • फर्स्ट एड
  • स्विमिंग गियर
  • एक एक्स्ट्रा डायपर
  • डायपर बैग के सभी जरूरी सामान
  • सभी जरूरी टॉयलेट्रीज और नहाने की सामग्री (जैसे कि साबुन, वाइप्स, शाम को तो लिया डिसइनफेक्टेंट आदि)
  • कपड़ों का एक सेट
  • एक्सेसरीज जैसे खिलौने, प्लॉट्स आदि जो कि पहले बताए गए हैं।

स्विमिंग एक गुण है, जो कि बच्चा अगर एक बार सीख जाए, तो कभी नहीं भूलता। यह गाड़ी चलाने या लिखने जैसा ही है। चाहे आप नियमित रूप से इसे कितना भी कम करें, आप इसी कभी नहीं भूलते। स्विमिंग ताजगी का एक बेहतरीन तरीका है और इसे रिक्रिएशन के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ऑल द बेस्ट!

यह भी पढ़ें: 

बेबी एक्टिविटीज – बच्चों के लिए मनोरंजक खेल
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पूजा ठाकुर

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