In this Article
- कहानी के पात्र (Characters Of The Story)
- तेनालीराम की कहानी: कौवों की गिनती (Tenali Rama Stories: Counting Of Crows Story In Hindi)
- तेनालीराम की कहानी: कौवों की गिनती की कहानी से सीख (Moral of Tenali Rama Stories: Counting Of Crows Hindi Story)
- तेनालीराम की कहानी: कौवों की गिनती की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Tenali Rama Stories: Counting Of Crows Hindi Story)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- निष्कर्ष (Conclusion)
तेनालीराम की कहानियां बच्चों को बहुत सुनाई जाती हैं। ये कहानियां बुद्धिमत्ता और होशियारी का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करती है जो बच्चों को सुनाने योग्य होती है। इस कहानी में बताया गया है कि कैसे तेनालीराम ने विजयनगर के महाराज कृष्णदेव राय के एक मुश्किल सवाल का अपनी सूझबूझ के साथ जवाब दिया। तेनालीराम के जवाब से खुद महाराज भी उनकी होशियारी के एक बार फिर कायल हो गए।
कहानी के पात्र (Characters Of The Story)
- तेनालीराम
- महाराज कृष्णदेव राय
तेनालीराम की कहानी: कौवों की गिनती (Tenali Rama Stories: Counting Of Crows Story In Hindi)
तेनालीराम अपनी बुद्धि और हाजिर जवाबी के लिए बेहद मशहूर थे। महाराज कृष्णदेव राय भी उनकी इस विशेषता से वाकिफ थे। इसी वजह से महाराज कई बार तेनालीराम से ऐसे प्रश्न पूछ लिया करते थे, जिनका उत्तर देना बहुत कठिन होता था। तेनालीराम की जगह यदि कोई और व्यक्ति होता तो वह महाराज के सवालों से परेशान हो चुका होता। लेकिन तेनालीराम ऐसे में अपनी बुद्धिमत्ता से काम लेते।
एक दिन महाराज ऐसे ही कुछ सोच रहे थे तभी उन्होंने तेनालीराम से पूछा –
“तेनाली, क्या तुम्हें पता है कि हमारे राज्य में कितने कौवे होंगे?”
महाराज का प्रश्न सुनने के कुछ देर बाद तेनाली ने अपना सिर हां में हिलाया और कहा कि वह कुछ दिनों में कौवों की कुल संख्या बता सकते हैं।
तेनाली का जवाब सुनने के बाद महाराज ने कहा –
“एक बार फिर तुम ध्यान से सोच लो, क्योंकि तुम्हें कौवों की बिलकुल सही संख्या बतानी है।”
महाराज को मालूम था कि कौवों की सटीक संख्या बता पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन फिर भी उन्हें जानना था कि आखिर तेनाली राज्य में मौजूद सारे कौवों की गिनती कैसे करेंगे। लेकिन इस बार भी तेनालीराम ने पूरे विश्वास के साथ बोला –
“महाराज, मुझे थोड़े दिन का समय दें। मैं आपको राज्य में मौजूद कौवों की संख्या बताऊंगा।”
महाराज को लगने लगा कि शायद तेनाली उन्हें बेवकूफ बनाना चाहते हैं। इसलिए महाराज ने तेनालीराम से कहा कि अगर वह एक हफ्ते बाद राज्य में मौजूद कौवों की सटीक संख्या पता नहीं कर पाए तो उन्हें मृत्युदंड की सजा दी जाएगी। महाराज की बात सुनने के बाद भी तेनाली ने पूरे विश्वास से कहा –
“महाराज आप बेफिक्र रहें, आपको आपके सवाल का बिल्कुल सही जवाब अगले हफ्ते मिल जाएगा।”
इसके बाद तेनालीराम वहां से चले गए।
ठीक एक हफ्ते बाद तेनालीराम महाराज के सामने आए। तेनालीराम ने कहा –
“महाराज, मैंने इस राज्य में मौजूद कौवों की सटीक संख्या की गिनती कर ली है। राज्य में कुल दो लाख बीस हजार इक्कीस कौवे हैं।”
तेनाली के जवाब से महाराज आश्चर्यचकित हो गए और सोचने लगे कि क्या इस राज्य में सच में इतने कौवे हैं। महाराज को हैरानी में देखकर तेनाली ने आगे कहा –
“महाराज, यदि आपको मेरी बात पर भरोसा नहीं है, तो आप किसी और से ये गिनती करवा सकते हैं।”
महाराज बोले-
“यदि कौवों की गिनती कम ज्यादा हुई, तो तुम अपनी जान गंवाने को तैयार रहना।”
इस पर तेनालीराम ने उत्तर दिया –
“मुझे पूरा भरोसा है कि कौवों की संख्या दो लाख बीस हजार इक्कीस ही है। यदि इसमें कुछ कम ज्यादा हुआ, तो हो सकता है कि कुछ कौवे राज्य से बाहर चले गए हों या फिर कुछ कौवे यहीं पर अपने रिश्तेदारों से मिलने आए हो।”
तेनालीराम के जवाब से महाराज हैरान रह गए। महाराज को अपने सवाल का सही जवाब मिल गया था और वह जान गए थे कि तेनालीराम की बुद्धिमत्ता का कोई मुकाबला नहीं हो सकता।
तेनालीराम की कहानी: कौवों की गिनती की कहानी से सीख (Moral of Tenali Rama Stories: Counting Of Crows Hindi Story)
तेनालीराम की इस कहानी कौवों की गिनती से हमें यह सीख मिलती है कि यदि आप समझदारी के साथ काम करते हैं, तो आपकी मुश्किल से मुश्किल समस्या भी हल हो सकती है।
तेनालीराम की कहानी: कौवों की गिनती की कहानी का कहानी प्रकार (Story Type of Tenali Rama Stories: Counting Of Crows Hindi Story)
यह तेनालीराम की कहानियों के अंतर्गत आने वाली कहानी है जो मनोरंजक होने के साथ ही बच्चों को हाजिर जवाबी और बुद्धि तत्परता का उदाहरण देती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. तेनालीराम की कौवों की गिनती की नैतिक कहानी क्या है?
कौवों की गिनती की नैतिक कहानी यह है कि मुश्किल समय और जरूरत पड़ने पर आपको हमेशा अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करने से लोग आपकी होशियारी की तारीफ करेंगे और सबके सामने आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा।
2. हमें मुसीबत में अपनी बुद्धि का प्रयोग क्यों करना चाहिए?
व्यक्ति जब भी किसी मुश्किल स्थिति में फंसता है, तो उसे जल्दबाजी से काम नहीं करना चाहिए। उसे शांति से अपने दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए और सूझबूझ के साथ किसी फैसले पर पहुंचना चाहिए। इससे आपका काम भी आसान हो जाता है और साथ में मुसीबत से बच भी जाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
कौवों की गिनती की कहानी एक ऐसा प्रमाण है, जो यह साबित करता है कि आपकी बुद्धिमत्ता और होशियारी आपको लोगों के सम्मान के लायक बनाती है। यदि आप स्थिति के अनुसार अपनी बुद्धि का उपयोग करते हैं, तो आपका हमेशा भला हो होता है। ऐसे में लोग भी आपके इस व्यवहार के गुणगान करने से पीछे नहीं हटते हैं।