आहार व पोषण

बच्चों के लिए दूध – महत्व और सही दूध का चुनाव कैसे करें

सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे स्वस्थ और मजबूत हों। जब बच्चा जन्म लेता है तब से ही आप उसे अलग-अलग हेल्दी और न्यूट्रिशनल खाने की चीजें देने के बारे में सोचने लगती हैं। बेशक, बच्चा शुरुआती 6 महीने तक माँ का दूध ही पीता है, लेकिन उसके बाद क्या? यह सामान्य प्रश्न अधिकांश नई माँ बनने वाली महिलाओं का होता है कि दूध के अलावा किन खाद्य पदार्थों को बच्चों की डाइट में शामिल किया जा सकता है। यह हम सभी जानते हैं कि बच्चों को दूध देना बहुत जरूरी होता है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि सभी डॉक्टर्स बड़े बच्चों को दूध देने की बात क्यों कहते हैं? ठीक है, अगर आप नहीं जानती हैं, तो इसे समझने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें कि आपके बच्चे को दूध का सेवन करना क्यों जरूरी है।

टॉडलर को दूध पिलाने का महत्व

आपकी माँ और दादी ने आपको हमेशा यह जरूर बताया होगा कि आपके बचपन में वो आपको कैसे रोज सुबह दूध पीने के लिए देती थीं और आप कैसे दूध न पीने के बहाने बनाती थीं, लेकिन वो आपकी भलाई के लिए एक गिलास दूध जरूर पिलाती थीं। दूध छोटे बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। यही वजह कि बच्चों को रोजाना दूध दिया जाता है। इसके अन्य फायदे भी होते हैं, आइए जानते हैं वो क्या हैं।

1. मजबूत हड्डियां

दूध, कैल्शियम और फैट का एक जरूरी स्रोत होता है, जो बढ़ते बच्चों के लिए एक अहम न्यूट्रिशन माना जाता है। कैल्शियम, दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने के अलावा उनकी मरम्मत करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही कैल्शियम शरीर की मांसपेशियों में संकुचन और नर्व्स में उत्तेजना उत्पन्न करने में भी मदद करता है।

2. बोन डिसऑर्डर से बचाव

इसके साथ ही दूध में विटामिन डी भी पाया जाता है। यह पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाकर रिकेट्स, ऑस्टियोमलेशिया (हड्डियों का कमजोर हो जाना) जैसे हड्डियों के विकार से बचाव करता है।

3. स्वस्थ वजन बनाए रखता है

दूध को हाई प्रोटीन का स्रोत माना जाता है। इसके साथ ही डेयरी प्रोटीन में मांसपेशियों के तालमेल में इस्तेमाल होने वाले अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं। प्रोटीन के ज्यादा सेवन करने पर यह व्यक्ति को ओवरइटिंग करने से रोकने में भी मदद करता है। सीमित मात्रा में डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने से भी वजन नियंत्रण में रहता है। स्टडीज के मुताबिक, दूध के नियमित सेवन से किशोरावस्था में मोटापे से बचाव का संबंध है।

आपके टॉडलर को कितना दूध पीना चाहिए

बच्चों को एक साल का होने तक फॉर्मूला मिल्क या ब्रेस्ट मिल्क दोनों में से किसी एक का सेवन करना चाहिए। उसके बाद, आप बच्चे को एक कप दूध देना शुरू करें, जिसे दो साल के होने पर दो कप तक बढ़ाया जा सकता है। टॉडलर को अधिक दूध देने से बचना चाहिए क्योंकि इससे उसे पेट भरा हुआ महसूस होगा और वो बाकी की चीजें नहीं खाएगा।

टॉडलर के लिए किस तरह का दूध पीना सही होता है

इंटरनेट पर हर दूसरे दिन दूध और खाने से जुड़ी आने वाली सभी नई जानकारियों में से किस पर भरोसा करें यह कहना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। हालांकि, जब आप बच्चों के लिए दूध चुनती हैं, तो यहां यह सोचना चाहिए कि 

1. बच्चे को होल फैट मिल्क देना शुरू करें अगर

  • आपका बच्चा 1 साल का है और उसने अभी अभी हो ऊपर का दूध लेना शुरू किया है।
  • आपके बच्चे का वजन सामान्य से कम है या नॉर्मल है।

2.  बच्चे को लो फैट दूध देना शुरू करें अगर

  • आपका बच्चा 2 साल का हो चूका है।
  • बच्चे का वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया है।
  • अगर आपके बच्चे को कब्ज की शिकायत हो रही हो (यह होल फैट दूध या दूध ज्यादा देने की वजह से हो सकता है)

अगर आपका टॉडलर दूध पीना पसंद नहीं करता तो क्या आपको परेशान होना चाहिए

अगर आपका बच्चा दूध पीने से मना कर रहा है तो आपको खुद पर गुस्सा करने की जरूरत नहीं है। बड़ों की ही तरह, बच्चों का भी अपना एक पसंदीदा स्वाद होता है। जबकि दूध कैल्शियम, विटामिन डी और फैट का एक बड़ा स्रोत है, यह अन्य खाने वाली चीजों में भी पाया जा सकता है। इसलिए उसे दूसरे खाद्य पदार्थों से परिचित करवाएं, लेकिन साथ उसे अलग-अलग तरीकों से दूध देने की कोशिश भी करती रहें।

अगर आपका टॉडलर दूध पीने से मना कर दे तो क्या करें

अगर आपका बच्चा दूध पीने से मना कर दे तो यहां कुछ तरीके बताए गए हैं, जिन्हें आजमाकर आप अपने बच्चे को न्यूट्रीशियस दूध से भरा गिलास गटागट पिला सकती हैं।

1. धीरे-धीरे ट्रांजीशन करें

बच्चे को ऊपरी दूध नापसंद होने से बचाने के लिए बेहतर तरीका यह है कि इसे कम मात्रा में देने से शुरुआत करें। अगर आप टॉडलर का ब्रेस्टमिल्क या फॉर्मूला दूध पीना छुड़ाकर ऊपर का दूध शुरू कर रही हैं तो कम से कम दो हफ्तों के लिए उसमें थोड़ा ब्रेस्टमिल्क या फॉर्मूला मिल्क मिलाकर देने की कोशिश करें, लेकिन इसे बहुत ज्यादा मात्रा में न मिलाएं।

2. टेस्टी बनाएं

अपना बचपन याद करें और सोचें कि क्या आप कभी सादा दूध पीती थीं? आपको गर्म दूध में थोड़ी चीनी डालकर ही दूध पीना पसंद था क्यों सही कहा ना! अगर आपको याद नहीं आ रहा है, तो अपने माता-पिता से पूछें कि उन्होंने आपको कैसे दूध पिलाया। अगर आपका टॉडलर सादा दूध पीने से मना कर रहा है, तो ऐसे में विभिन्न विकल्पों पर विचार करें, जैसे चॉकलेट दूध या हॉट कोको मिल्क। चॉकलेट दूध के स्वाद को बढ़ा देती है, और आपका बच्चा इसे पीने से मना भी नहीं करेगा।

3. थोड़े से शुरुआत करें

अगर बच्चा दूध पीने से मना कर रहा है, तो स्वाद बढ़ाने की कोशिश करें। शुरुआत में केवल आधा कप या उससे भी कम देकर बच्चे को पीने को दें, इस प्रकार आप दूध देने की शुरुआत करके कुछ सप्ताह में धीरे धीरे इसकी मात्रा को एक कप तक बढ़ा सकती हैं।

4. कुछ मिलाएं

अगर आपका बच्चा जिद्दी है और दूध पीने से मना करता है, तो ऐसे में आप इसमें अन्य स्वाद मिलाकर इसे और दिलचस्प बना सकती हैं। आप दूध में फल डालकर उसे सादे उबाऊ दूध की जगह कलरफुल मिल्कशेक में बदल सकती हैं जिसे आपका बच्चा कुछ ही मिनटों में इसे पी जाएगा।

5. अन्य डेयरी प्रोडक्ट

दूध के अलावा कई अन्य डेयरी प्रोडक्ट हैं जिन्हें उपयोग किया जा सकता है। बटर, पनीर, चीज़ और घी, लेकिन आपको अपने बच्चे को इन चीजों का सेवन करवाने से पहले पीडियाट्रिशियन से सलाह लेनी चाहिए। हालांकि, दूध की जगह कोई नहीं ले सकता।

6. सीरियल

बच्चे को दूध के साथ कुछ सीरियल देने से उसकी कैल्शियम की जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकता है और सुबह सीरियल के साथ दिन की शुरुआत करने का यह एक शानदार तरीका बन सकता है। अगर आपका नखरैल बच्चा दूध नहीं पी रहा है, तो ऐसे में सीरियल और फलों को एक साथ मिलाएं और सर्व करें, आप देखेंगी कि वह झटपट इसे खत्म कर देगा।

अगर बच्चा दूध नहीं पीता तो उसकी कैल्शियम की जरूरत कैसे पूरी करें

वैसे तो दूध कैल्शियम का मुख्य स्रोत होता है, लेकिन कैल्शियम को अन्य पदार्थों से भी पाया जा सकता है। एक बच्चे की रोजाना की कैल्शियम की जरूरतों को अन्य प्रकार के भोजन से भी पूरा किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए आपको सबसे पहले, पता होना चाहिए कि एक टॉडलर को कितने कैल्शियम की जरूरत होगी। फिर, आप उसे पर्याप्त कैल्शियम देने के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स के ऑप्शन के बारे में सोच सकती हैं।

1. एक टॉडलर को कितना कैल्शियम चाहिए

 1 से 5 वर्ष की आयु के बच्चे के लिए कैल्शियम की मात्रा 800 मिलीग्राम प्रतिदिन होनी चाहिए।

2. दूध और डेयरी प्रोडक्ट के अन्य विकल्प

बाजार में ऐसे कई उत्पाद उपलब्ध हैं जो आपके बच्चे की कैल्शियम की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं। लैक्टोज इन्टॉलरेंस जैसी समस्या बच्चों के लिए दूध के दूसरे अन्य विकल्पों को ढ़ूंढ़ना जरूरी बना देती है। यहां नीचे कुछ विकल्प दिए गए हैं जिनमें कैल्शियम के अलावा ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों के लिए फायदेमंद साबित होते हैं।

  • संतरे का रस: इसमें विटामिन सी होता है जो इम्यून पावर को बढ़ाने में मदद करता है।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां: इसमें आयरन पाया जाता है जो बच्चों में एनीमिया से बचाव में मदद करता है।
  • सोया: इसमें फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया को आसान बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
  • मछली: इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो दिमाग के विकास में मदद करता है।
  • होल व्हीट रोटी: इसमें कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो बच्चों को उनकी जरूरत के मुताबिक ऊर्जा प्रदान करता है।

कैल्शियम के उचित सेवन को तय करने के लिए केवल दूध ही जरूरी नहीं है, लेकिन दूध के बराबर शरीर को कैल्शियम देने वाला कोई अन्य खाद्य पदार्थ नहीं है। इसलिए, यह तय करें कि आप अपने बच्चे को रोजाना एक गिलास दूध जरूर दें।

यह भी पढ़ें:

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बच्चों की भूख कम होना – कारण और उपाय

समर नक़वी

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