टॉडलर और प्रीस्कूलर को रंगों के बारे में कैसे सिखाएं

टॉडलर और प्रीस्कूलर को रंगों के बारे में कैसे सिखाएं

बच्चे बहुत कम उम्र में ही रंगों की की ओर ध्यान देने लगते हैं। इसलिए, माता-पिता को उन्हें कलर कंसेप्ट के बारे में पढ़ाना शुरू कर देना चाहिए, जब तक कि बच्चा 18 महीने का नहीं हो जाता है। 18 महीने से कम उम्र के बच्चे बात नहीं कर सकते हैं लेकिन जब को रंगों को पहचानने लगते हैं, तो अलग अलग रंगों के बारे में पूछे जाने पर वे इशारा कर के बता सकते हैं। लर्निंग और आईडेंटिफिकेशन बच्चों के डेवलपमेंट के लिए इसी एक विकास का पड़ाव माना जाता है। एक बार बच्चा जब रंगों के अंतर को समझ जाता है तब उसे शब्द के रंग को समझने में मदद मिलती है। इसलिए, कम उम्र से बच्चों को रंग के बारे में बताना और सिखाना बहुत जरूरी है।

टॉडलर को रंगों के बारे में सिखाना मुश्किल क्यों होता है

आपके बच्चों में अलग-अलग रंगों को पहचानने की क्षमता 1 साल के होने से पहले ही हो जाती है और उसी समय में बच्चा शेप्स, टेक्सचर, साइज को भी समझने लगता है। आमतौर पर बच्चों को प्राइमरी कलर्स को जानने में अधिक समय लगता है, 30 महीने की उम्र तक ज्यादातर बच्चे कम से कम किसी एक रंग का नाम तो बताने ही लगते हैं।

इससे पहले कि आप बच्चे को रंगों के बारे में सिखाना शुरू करें, यह बहुत जरूरी है कि आप उसे इसके बारे में कैसे जानना है उसका सही तरीका पहले खुद जानें। खासकर एब्स्ट्रेक्ट कंसेप्ट के साथ, जैसे कि बच्चों को रंगों के बारे में समझने से पहले बहुत सारी जानकारी हासिल करना जरूरी है। बच्चे अलग-अलग रंगों में अंतर नहीं कर सकते, जैसे कि नीला, हल्का नीला और गहरा नीला, न ही वो अंतर समझाने के लिए मुँह से इसे बोल सकते हैं।

जैसे-जैसे बच्चे सीखना शुरू करते हैं कि प्रत्येक रंग को क्या कहा जाता है और यह रंग क्या दर्शाता है। उदाहरण के लिए, यदि आप अपने बच्चे को एक हरा सेब दिखाती हैं और कहते हैं कि रंग हरा है, तो वह सेब के आकार को हरे शब्द से जोड़ सकता है और उसे इस तरह याद रख सकता है। लेकिन उसके बाद आपको उसे एक सेब भी दिखाना होगा जो हरा नहीं है, ताकि बच्चा उसमें अंतर समझ सके। इसे नेगेटिव उदाहरण के तौर पर भी लिया जा सकता है 

बच्चों को अधिक उदाहरणों के साथ समझाने की कोशिश करें कि हरा आकार नहीं है, बनावट नहीं है और न ही किसी वस्तु का नाम है, जिससे बच्चे समझ सके कि हरा क्या है। इसलिए, हर बार जब आप अपने बच्चे को कोई भी चीज हरे रंग की दिखाएं, तो एक दूसरे से अलग होनी चाहिए। रंगों के बारे में समझने के लिए बच्चों को समय लग सकता है, लेकिन आप उन्हें इसे आसानी से सीखा सकती हैं, क्योंकि आप अपने बच्चे को रंगों के बारे में सब कुछ सिखाने के लिए रोजमर्रा की वस्तुओं और अलग-अलग इमेज का उपयोग कर सकती हैं।

टॉडलर को रंगों के बारे में सिखाना मुश्किल क्यों होता है

रोजमर्रा की गतिविधियों के साथ रंगों के बारे में कैसे सिखाएं

रोजमर्रा की एक्टिविटीज और दिनचर्या के दौरान रंगों के कंसेप्ट को स्पष्ट करने का सबसे अच्छा तरीका है जो बच्चों को उनके पूर्वस्कूली में सिखाया जाता है। बच्चे चमकीले रंग की वस्तुओं की ओर खासकर लाल रंग की वस्तुओं के प्रति ज्यादा आकर्षित होते हैं, इसलिए ज्यादातर खिलौने उनके रंगीन होते हैं। उन्हें एक वस्तु दिखाएं जैसे की गेंद, वस्तु के नाम के साथ ‘रंग’ शब्द का उपयोग करना, बच्चों को रंग के बारे में सिखाने का अच्छा तरीका है। इसलिए, ‘यह लाल है’ कहने के बजाय, बेहतर तरीका यह होगा कि ‘यह एक गेंद है और इसका रंग लाल है। ऐसा आप अलग अलग रंग की गेंद के साथ कर सकती हैं।

यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि बच्चों में रिसेप्टिव भाषा एक्सप्रेसिव भाषा से पहले विकसित होती है। बच्चे नाम पुकारने से पहले ही रंग की ओर इशारा कर उन्हें पहचानने लगते हैं। इसलिए, खेलने के समय आप अपने बच्चे को अलग अलग रंग के खिलौने दें और उन्हें बताएं कि यह किस रंग का है। यह प्राइमरी कलर्स के बारे में जानकारी देता है – लाल, पीला, नीला, काला और सफेद। आप बाद में और रंग जोड़ सकती हैं, उन्हें सिखाने के लिए।

आप एक समय पर एक ही कलर के बारे में उन्हें बताएं ताकि उन्हें बेहतर रूप से इसके बारे में पता चल सके। ‘ग्रीन वीक’ या ‘येलो वीक’ समय के साथ रंगों को समझने में मदद करता है। आप एक जैसे रंग के कपड़े पहन सकती हैं या एक ही रंग में पेंट कर सकते हैं या हर हफ्ते एक स्पेसिफिक रंग के खिलौनों का उपयोग कर सकती हैं। बच्चे एक्सपेरिमेंटल लर्नर होते हैं। इसलिए, अगर उन्हें दृष्टि (साइट), गंध (स्मेल), ध्वनि (साउंड), स्वाद (टेस्ट) और स्पर्श (टच) जैसी सभी इंद्रियों के माध्यम से रंगों का पता लगाना सिखाया जाता है, तो वे बेहतर तरीके से सीखेंगे।

प्रीस्कूल जाने वाले बच्चों को रंगों के बारे में सिखाने के 10 आसान तरीके

प्रीस्कूलर को रंग के बारे में सिखाने के ये कुछ  मजेदार तरीके हैं जो नीचे दिए गए हैं और आपके बच्चे को कलर कंसेप्ट को प्रभावी ढंग से सिखाने में मदद कर सकती हैं।

1. मॉडलिंग क्ले 

मॉडलिंग क्ले से जुड़ी एक्टिविटीज किंडरगार्टन बच्चों को कलर के बारे में सिखाने का एक बेहतरीन तरीका हैं। यह फन के साथ-साथ मॉडलिंग क्ले से खेलना बच्चों के लिए बहुत मजेदार होता है। बच्चे रंगों को पहचानना और एक ही रंग से अलग-अलग चीजें बनाना सीख सकते हैं। बच्चे उसमें अलग रंग मिलाकर एक नया रंग भी बना सकते हैं, ताकि वो यह देख सकें कि दो कलर मिलाने से क्या बनता है

2. कलर मैचिंग गेम्स

प्रीस्कूलर को प्राइमरी रंग सिखाने के लिए कलर मैच वाले गेम्स बहुत अच्छे होते हैं। आप किसी भी कार्डबोर्ड से कलरफुल कार्ड बना सकती हैं और उन्हें फ्लोर या टेबल पर रख सकती हैं और उसके हिसाब से अपने बच्चे को मैचिंग कलर लाने के लिए कह सकती हैं। रंगीन ब्लॉक या बॉल के साथ भी ऐसा ही किया जा सकता है, आप प्रत्येक दिन एक अलग कलर के साथ यह एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं।

3. फिंगर पेंटिंग करना

2 से 3 साल के बच्चों को रंग सिखाने के लिए फिंगर पेंटिंग एक बेहद मजेदार एक्टिविटी है। इस उम्र के बच्चे इतने बड़े हो जाते हैं कि वे कलर पेंट कर सकते हैं और आप हर दिन एक रंग देकर उन्हें यह एक्टिविटी करने के लिए कह सकती हैं। आप उन्हें मजे से कलरिंग करने दे और साथ ही वे आपको बताएंगे कि यह किस कलर की फिंगर पेंटिंग उन्होंने की है।

4. छुपन छुपाई खेलना 

घर के चारों ओर ‘आई स्पाई’ गेम खेलें और बच्चे को अलग-अलग रंगों की वस्तुओं को खोजने दें। आप इस गेम को एक किताब के साथ भी खेल सकती हैं, जिसमें अलग-अलग पन्नों पर अलग-अलग रंग के पेपर चिपकाए गए हों और बच्चे उसे ढूंढ सकते हैं।

5. कलर जिगसॉ पजल 

एक ही रंग के कार्डबोर्ड स्ट्रिप्स से एक आसान जिगसॉ पजल बनाएं और बच्चों को सेम कलर लेने दें और उन सभी को एक साथ रखें।

कलर जिगसॉ पजल 

6. खजाने की खोज

प्लेइंग पिट में एक अलग रंग की वस्तु छिपाएं और बच्चों को एक ही रंग के ब्लॉक खोजने दें। वही दूसरी तरफ आप छोटे कलरफुल ब्लॉकों को छिपाने के लिए रेत से भरी बाल्टी का उपयोग कर सकते हैं।

7. कलर फिशिंग गेम

अलग-अलग रंगों की कार्डबोर्ड शीट लें और मछली के आकार काट लें। प्रत्येक कटआउट पर एक मैग्नेटिक स्ट्रिप चिपकाए। फिर, एक स्टिक लें और उसमें एक तार चिपका दें। स्ट्रिंग के दूसरे छोर पर, एक चुंबक को ध्यान से चिपकाएं। अब, अपने बच्चे को दिन के रंग में सभी मछलियों को पकड़ने के लिए जाने दें!

8. रंग भरने वाली किताबें

बच्चों को रंग के बारे में सिखाने के लिए किताबों में कलरिंग करना सबसे आसान तरीका है कलर करते वक्त अपने बच्चे से पूछे हैं कि वह किस रंग का क्रेयॉन उपयोग कर रहा है।

9. रंगों के दिन 

बच्चे को सप्ताह के अलग-अलग दिनों में एक ही रंग की शर्ट पहनाएं। जैसे सोमवार को पीला, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा हो और इसी तरह हर दिन के हिसाब से एक अलग कलर हर दिन के लिए चूज करें। वह जिस दिन जिस रंग का कपड़ा पहने साथ में उसी ही रंग के खिलौने और बाकी चीजें भी रखें।

10. रिबन डांसिंग

कलरफुल स्ट्रीमर पार्टी स्टोर पर उपलब्ध होते हैं और रिबन डांसिंग एक एक्सीलेंट एक्टिविटी है। बच्चों को उनके रंगीन स्ट्रीमर के साथ डांस को एन्जॉय करने दें।

ये एक्टिविटी आपके बच्चे को मजेदार तरीके से अलग-अलग रंग के बारे में सिखाने में आपकी मदद करेंगी। सबसे पहले, अपने बच्चे को चमकीले रंगों से परिचित कराएं क्योंकि चमकती चीजों के प्रति बच्चे ज्यादा आकर्षित होते है। फिर उसे दूसरे रंगों से परिचित कराएं। रंगों के कंसेप्ट को समझने के लिए रोजमर्रा की चीजों का इस्तेमाल करने का प्रयास करें, क्योंकि इससे आपके बच्चे को रंग, और विभिन्न शेप और साइज के बारे में जानने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, अपने बच्चे को एजुकेशनल किट दें ताकि वो पढ़ाई करना भी सिखे। इसके साथ दूसरे स्किल में सुधार करने पर भी ध्यान दें। इन किट्स की एक्टिविटी उन्हें काम करने और अन्य प्रतिभाओं को निखारने में मदद करेंगी और हर दिन वो कुछ नया सीखेंगे।

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