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क्या आपके भी प्रसव का समय नजदीक आ रहा है? क्या आपने भी सुना है कि बच्चे को पानी में जन्म देना, प्रसव के अन्य तरीकों से कुछ हद तक आसान है? क्या आपको लगता है इस प्रक्रिया में आपको उतना दर्द नहीं झेलना पड़ता है जितना कि अन्य जन्म देने की प्रक्रिया में होता है? हम जानते हैं वॉटर बर्थ से जुड़े ऐसे कई सारे सवाल आपके मन में होंगे। आपके लिए वॉटर बर्थ की प्रक्रिया को चुनना ठीक रहेगा या नहीं, यह आप इस लेख को पढ़ने के बाद कुछ देर में खुद तय कर सकती हैं।
माना जाता है कि इस प्रक्रिया में महिलाओं को बच्चे को जन्म देते समय अन्य प्रक्रिया के मुकाबले कम असहज महसूस होता है। आसान शब्दों में समझा जाए तो इस प्रक्रिया में बड़े टब में गुनगना पानी डाला जाता है जिसमें गर्भवती महिला को प्रसव के लिए उसमें बैठने के लिए कहा जाता है, कहते हैं इस प्रसव प्रक्रिया में बच्चे और माँ दोनों पर बाकि जन्म विधि के मुकाबले कम तनाव पड़ता है। इसलिए कुछ महिलाएं जो इसकी जानकारी रखती हैं, वो बच्चे को जन्म देने के लिए वॉटर बर्थ को चुनना पसंद करती हैं। आपको बता दें यह बच्चे को पैदा करने की कोई नई विधि नहीं है – इस विधि का उपयोग काफी सालों से किया जा रहा है, तब से जब नई तकनीकें उपलब्ध नहीं हुआ करती थी। लेकिन इसके बावजूद भी हमारा पहला सुझाव यह रहेगा कि पहले आप इस लेख को पढ़कर खुद को शिक्षित करें, फिर अपने डॉक्टर से सलाह लें और जाने उनकी क्या राय है, क्योंकि प्रसव कैसे किया जाना है, यह आधारित होता है कि गर्भावस्था कैसी जा रही, यदि सब कुछ ठीक हुआ तो डॉक्टर आपको इसकी सहमती दे सकते हैं। आइए वॉटर बर्थ डिलीवरी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
वॉटर बर्थ या पानी में प्रसव प्रक्रिया में एक टब में गुनगुना पानी भरा जाता है, इस पानी में गर्भवती महिला अपने बच्चे को जन्म देती है। गुनगुने पानी में बैठने से महिलाएं रिलैक्स महसूस करती और दर्द का अहसास भी कम होता है। लेकिन कुछ महिलाएं टब में सिर्फ प्रसव पीड़ा के समय रहती हैं लेकिन बच्चे को पानी में जन्म नहीं देती हैं, वहीं कुछ महिलाएं पूरे समय टब में रहती हैं और बच्चे को पानी में ही जन्म देती हैं। इस प्रक्रिया के दौरान पानी में महिलाओं को हल्का महसूस होता है और दर्द का अहसास भी कुछ हद तक कम होता है, जिसकी वजह से बच्चे को जन्म देना आसान हो जाता है।
अगर आप वॉटर बर्थ का उपयोग करके अपने बच्चे को जन्म देने की सोच रही हैं, तो इसके लिए सबसे पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिस अस्पताल में आप जा रही हैं, वहां वॉटर बर्थ से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं। और देखें कि क्या उस अस्पताल में वॉटर टब हैं और क्या वहां के स्टाफ को इस प्रक्रिया की पूरी समझ है।
इतना ही नहीं आपको खुद भी वॉटर बर्थिंग के बारे में जानकारी होनी चाहिए। या फिर आप उन महिलाओं से बात करें जिन्होंने भी वॉटर बर्थ की प्रक्रिया से अपने बच्चे को जन्म दिया है। इससे आपको प्रक्रिया को समझने और अपने आप को तैयार करने में मदद मिलेगी। यदि आप इस प्रक्रिया को अपनाने जा रही हैं, तो अपने डॉक्टर से नीचे दिए गए कुछ जरूरी सवाल जरूर पूछें, ताकि आपको पता चले कि आपने जिस अस्पताल को अपने प्रसव के लिए चुना है वो आपके लिए बेहतर है या नहीं। आप डॉक्टर से कुछ इस प्रकार के प्रश्न पूछ सकती हैं:
अगर आपने बच्चे को जन्म देने के लिए बर्थ पूल प्रक्रिया का चुनाव किया है, तो ऐसे में सबसे पहले आपको अस्पताल के नियम और शर्तों की जांच जरूर करनी चाहिए। इसके बाद आप डॉक्टर को अपनी वर्तमान और सभी पुरानी रिपोर्ट भी दिखाएं और उसके बाद आपका डॉक्टर फैसला लेगा कि आप इस प्रक्रिया के लिए तैयार है या नहीं और आपके होने वाले बच्चे को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचेगा। इस फैसले में आपकी वर्तमान गर्भावस्था के साथ-साथ पिछली गर्भावस्था का भी ध्यान रखा जाता है।
भारत में बहुत कम अस्पताल हैं जो वॉटर बर्थ की प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि यह भारत में नया है और इनमें से कुछ अस्पतालों में सिर्फ एक ही पूल उपलब्ध होता है। कभी-कभी ऐसी परिस्थिति आती है, जब आपको बर्थ पूल की जरूरत हो, तो उस दौरान पूल का इस्तेमाल कोई और महिला कर रही हो या फिर इस्तेमाल के बाद पूल की सफाई नहीं हुई हो, जिससे आपको परेशानी हो सकती है और आखिरी समय में दूसरे अस्पताल के लिए जाना भी आपके लिए मुश्किल होगा।
यदि आपको प्रसव पीड़ा शुरू हो जाए, तो डॉक्टर को तुरंत संपर्क करें और उनसे पूल के उपलब्ध होने के बारे में जानकारी लें। अगर बर्थ पूल खाली है और आपको कोई भी स्वास्थ्य समस्या नहीं है, तो आप वॉटर बर्थ प्रक्रिया से बच्चे को जन्म दे सकती हैं।
बच्चे को पानी में जन्म देने की प्रक्रिया वैसे तो महिलाओं के लिए अच्छी मानी जाती है, लेकिन कुछ गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, जिसके होने पर अगर आप वॉटर बर्थ प्रक्रिया को चुनती हैं, तो यह आपके बच्चे पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। वो स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं इस प्रकार हैं:
इन दिनों वॉटर बर्थ प्रक्रिया को कई महिलाएं अपना रही हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ खतरे भी शामिल हैं जो गंभीर रूप भी ले सकती है। पानी में बच्चे के जन्म देने के दौरान उन्हें इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:
जब बच्चे का जन्म पानी में होता है, तो उसका शरीर खुद ब खुद स्वाभाविक रूप से गर्भनाल के माध्यम से सांस लेने लगता है। आमतौर पर, बच्चे को सांस लेना में तब परेशानी होती है जब वे तापमान में बदलाव महसूस करते हैं। अगर पानी का तापमान सही है, तो बच्चा नाल के जरिए ऑक्सीजन लेता रहेगा है और पानी से बाहर आने के बाद सामान्य रूप से सांस लेने लगता है।
हर प्रसव प्रक्रिया के अपने कुछ फायदे और नुकसान होते हैं वैसे ही वॉटर बर्थ प्रक्रिया में भी है। ये प्रक्रिया कुछ मायनो में फायदेमंद साबित होती है, तो कुछ मामलों में इस प्रक्रिया के कुछ नुकसान भी हैं। इस प्रक्रिया से जुड़े फायदे और नुकसान के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया, तो आइए जानते है:
हर गर्भवती महिला के दिमाग में कभी न कभी ये ख्याल जरूर आता है कि उन्हें वॉटर बर्थ प्रक्रिया क्यों अपनानी चाहिए? इसका एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बच्चे के गर्भ से बाहर की दुनिया में आने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। कहा जाता है कि पानी का वातावरण और गर्माहट गर्भ के अंदर पाई जाने वाली गर्मी और एमनियोटिक फ्लूइड का अहसास बच्चे को देते है, जिससे बच्चे को बाहर आने पर अधिक सहज महसूस होता है।
पानी में जन्म देने से कुछ जोखिम भी होते हैं, जो यहां आपको बताए गए हैं:
इसके पहले हमने इस लेख में वॉटर बर्थ प्रक्रिया के फायदे और नुकसान की जानकारी दी थी। लेकिन अब हम यहां पर प्रसव पीड़ा के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे। आइए प्रसव पीड़ा से जुड़े फायदे और नुकसान पर एक नजर डालते हैं।
डिलीवरी के समय माँ को होने वाला तनाव उसके दर्द को अधिक बढ़ा देता है। लेकिन जब आप पानी में रहती हैं, तो वहां आपको आराम महसूस होता है जिसकी वजह से आपका ध्यान दर्द पर कम होता और आसानी से डिलीवरी होती है।
पानी में होने के कारण आपका शरीर हल्का महसूस करता है और साथ में आरामदायक भी लगता है। ऐसे में संकुचन पर कम ध्यान जाता है। इसकी वजह से प्रसव प्रक्रिया में कम समय लगता है।
जब आप पूल में होती हैं, तो आप वहां पूरे तरीके से अकेली होती हैं और बिना किसी रुकावट के अपनी प्रसव प्रक्रिया को पूरा करती हैं।
पानी की वजह से आप आसानी से उसमें हिल-डुल सकती हैं और पानी में जन्म देने के दौरान आराम महसूस करती हैं।
वॉटर बर्थ प्रक्रिया में टब में गुनगुने पानी का उपयोग किया जाता है। इस पानी की वजह से होने वाली माँ को दर्द को सहने में मदद मिलती है। वैसे ही पानी से नहाने में शरीर के सभी दर्द और थकान कम हो जाती है।
जब आप वॉटर बर्थ प्रक्रिया का इस्तेमाल कर के बच्चे को जन्म देती है, तो उस दौरान डॉक्टर आप पर लगातार नजर रखते हैं। लेकिन आम डिलीवरी के समय डॉक्टर आपको छोड़कर अन्य महिला को भी देखने चले जा सकते हैं।
अगर बर्थ पूल में कोई मेडिकल हस्तक्षेप का सामना नहीं करना पड़ता है, तो आपका सामान्य प्रसव होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
पानी के पूल, पाइप, या मल के संपर्क में आने से संक्रमण हो सकता है।
आप सोच सकते हैं कि पानी में जन्म देने से दर्द कम होता है। हां, पानी आपको आराम देता है और दर्द का प्रभाव कम करता है, लेकिन दर्द पूरी तरह से खत्म नहीं होता।
अगर कोई आपात स्थिति होती है, तो पूल से बाहर निकलने में समय और मेहनत लगती है।
यदि आप अपनी डिलीवरी के लिए वॉटर बर्थ प्रक्रिया का चुनाव करती हैं, तो इस प्रक्रिया में आम डिलीवरी जितना ही खर्च आता है। लेकिन इसमें आपको बाथ टब के लिए अलग से पैसे देने पड़ते हैं। वहीं, अगर आप घर पर डिलीवरी करवा रही हैं, तो आप एक होम टब ले सकती हैं, जिसमें सिर्फ टब की कीमत का खर्च आएगा।
वॉटर बर्थ प्रसव की प्रक्रिया इन दिनों लोगों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल कर रही है। लेकिन इसके बावजूद लोगों के मन में अभी भी इस प्रक्रिया से जुड़ी कई गलतफहमियां हैं। यहां इस प्रक्रिया से जुड़े मिथ और उनकी सच्चाई के बारे में बताया गया है।
हम उम्मीद करते हैं कि वॉटर बर्थ प्रक्रिया से जुड़े आपके मन में आने वाले सवालों के जवाब आपको इस लेख के माध्यम से मिल गए होंगे। सवाल जैसे ये प्रक्रिया बेहतर क्यों है या इस प्रक्रिया में दर्द कम होता है आदि। लेकिन इस बात का आपको ध्यान रखना है कि हर महिला की गर्भावस्था अलग होती है, इसलिए इस प्रक्रिया को चुनने से पहले अपने डॉक्टर से अच्छे से जानकारी हासिल करें और तब कोई फैसला लें, ताकि आप और आपका बच्चा सुरक्षित रहें।
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