योग के जरिए नेचुरल तरीके से स्पर्म काउंट कैसे बढ़ाएं

योग एक्सरसाइज जो पुरुषों के स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद करती हैं

लो स्पर्म काउंट यानी स्पर्म की संख्या कम होने की वजह से यह पुरुषों में डिप्रेशन और एंग्जायटी का प्रमुख कारण बन जाती है। यहाँ तक कि इनफर्टिलिटी के कारण कई कपल को मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम का सामना भी करना पड़ता है। अच्छी खबर यह है कि कई मेडिकल और प्राकृतिक तरीकों से इसका इलाज किया जा सकता है जो आपके स्पर्म काउंट की समस्या को दूर करता है और पुरुषों में होने वाली इनफर्टिलिटी से लड़ने में मदद करता है। इस विषय को लेकर यहाँ, हम कुछ आवश्यक जानकारी साझा करेंगे जिनका उपयोग आप योग की मदद से अपने स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए कर सकते हैं।

स्पर्म काउंट बढ़ाने में योग कैसे मदद करता है?

योग इनफर्टिलिटी कि समस्या को दूर करने में मदद करता है और साथ ही अपकी मेंटल हेल्थ को भी बनाए रखने में मदद करता है। योग करने के कुछ खास फायदे हैं जो आपकी फर्टिलिटी को बेहतर करने के लिए बेहतरीन साबित हो सकते हैं, योग के कुछ मुख्य लाभ आपको नीचे दिए गए हैं:

A couple doing yoga.

  • योग ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और शरीर को टोन करता है। इसके अलावा यह स्पर्म काउंट को बढ़ाता है जिसके लिए ठीक से ब्लड सर्कुलेशन होना आवश्यक है।
  • योग ग्लैंड्स को उत्तेजित करता है जिससे टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं और ये स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए आवश्यक होते हैं।
  • योग स्ट्रेस को कम करता है। स्ट्रेस इनफर्टिलिटी का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
  • कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज और मेडिटेशन करने से ये फिजिकल, इमोशनल और मेंटल हेल्थ को बेहतर करते हैं, जिससे स्पर्म काउंट में भी सुधार होता है।
  • योग में कुछ पोज न केवल ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं बल्कि आपके शरीर के केमिकल को बैलेंस करते हैं जो अच्छी क्वालिटी के स्पर्म पैदा करते हैं।
  • योग को कामेच्छा बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। ज्यादा संभोग करना आपके बच्चे होने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।

योग करने से आपको रातों रात इनफर्टिलिटी को दूर करने का इलाज तो नहीं मिल जाएगा, फिर भी, अगर आप इसका नियमित रूप से पालन करते हैं, तो यह आपके बच्चे होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।

आइए ऐसे योगासनों पर एक नजर डालें जो शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए बेस्ट योग एक्सरसाइज

यहाँ शुक्राणुओं (स्पर्म) की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ बेहतरीन योगासन दिए गए हैं:

1. सेतुबंधासन

यह एक बेहतरीन आसन है जो पेल्विक ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है और स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद करता है।

तरीका

  • जमीन पर अपनी पीठ के बल सीधा लेट जाएं।
  • अपने पैरों को मोड़ें और एड़ी को जितना हो सके कूल्हे के करीब ले जाएं।
  • अपने पेल्विस को जमीन से ऊपर उठाएं, अपने कंधों को और पीठ को जमीन पर टिकाकर रखें।
  • आराम से सांस लेते हुए 10 सेकंड तक के लिए इस पोजीशन में बने रहें।
  • दस सेकंड के बाद, अपने कूल्हों को धीरे-धीरे नीचे करें जैसे कि आपकी रीढ़ धीरे से ऊपरी कमर से शुरू होते हुए जमीन को छूती है। अपने कूल्हों को सीधे जमीन पर न रखें।
  • इस आसन को 2 से 3 बार दोहराएं।

2. अग्निसार क्रिया

यह योग पोज शुक्राणु बढ़ाने का सबसे पुराना और सबसे अच्छा तरीका माना जाता है।

तरीका

  • अपने पैरों को थोड़ा अलग रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं।
  • आगे झुकें और अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें।
  • अपने पेट को अंदर खींचते हुए लगातार सांस छोड़ें।
  • 5 सेकंड के लिए सांस छोड़ने के बाद अपनी सांस को रोकें।
  • फिर, सांस लें और अपने पेट को फुलाएं।
  • इस योग को 5 से 10 बार दोहराएं।

3. हलासन

यह एक और शानदार पोज है, जो अपकी पूरी हेल्थ के लिए लाभकारी है साथ ही यह आपके स्पर्म काउंट में भी  सुधार लाता है।

तरीका

  • अपनी पीठ के बल लेट जाएं।
  • अपनी हथेलियों को आपने करीब जमीन पर रखें।
  • अपने पैरों को 90 डिग्री के कोण पर उठाएं, लेकिन अपने कूल्हों को न उठाएं।
  • 3 बार लगातार अंदर और बाहर सांस लें, फिर अपने कूल्हों को उठाएं और अपनी पीठ को घुमाने की कोशिश करें ताकि आपके पैर जमीन से छूएं और आपका सिर ऊपर उठा रहे।
  • 5 से 10 सेकंड के लिए इसी पोजीशन में रहें।
  • फिर धीरे-धीरे अपने पैरों को फिर से उठाएं और अपने कूल्हों को नीचे करें।
  • फिर, अपने पैरों को भी नीचे करें।
  • रिलैक्स करें और  कुछ देर लेट जाएं।
  • आप आसन को 2 से 5 बार दोहरा सकते हैं।

4. सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार में कई मुद्राएं शामिल होती हैं जो ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद करती हैं। ये आपके शरीर को लचीला और टोंड बनाने के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है। साथ ही साथ यह स्पर्म काउंट भी बढ़ाता है।

तरीका

  • सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं।
  • अपनी पीठ को पीछे की ओर झुकाते हुए स्ट्रेच करें।
  • अपनी कमर को बिना मोड़े आगे कि ओर झुकें और अपने पैरों की अँगुलियों को छुएं।.
  • अपनी टांगों के बीच 90 डिग्री के कोण पर एक पैर को जितना पीछे ले जा सकते हैं ले जाएं।
  • फिर, दूसरे पैर को पहले पैर के समानांतर घुमाएं और एक प्लैंक पोजीशन में आ जाएं।
  • अपने कूल्हों और छाती को जमीन पर रखें।
  • अपने हथेलियों का उपयोग करके अपना वजन को उठाएं और अपनी पीठ को कोबरा पोजीशन में घुमाएं।
  • डॉग पोज में जाते हुए अपने कूल्हों को उठाएं और अपने सिर को झुकाते हुए अपनी कोहनी, पीठ और घुटनों को सीधा रखें
  • अपनी हथेलियों के बीच में एक पैर वापस लाएं।
  • अब दूसरा पैर हथेलियों के बीच वापस लाएं।
  • अपनी बाहों को ऊपर उठाते हुए अपनी पीठ को सीधा करें।
  • फिर, धीरे-धीरे अपनी बाहों को नीचे करें और वापस खड़े होने की पोजीशन में आ जाएं।
  • इस आसन को 12 बार दोहराएं।

5. प्राणायाम

इनफर्टिलिटी के प्रमुख कारणों में से एक तनाव है। प्राणायाम आपके तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है।

तरीका

  • अपनी पीठ को सीधा रखें और कमल की पोजीशन में बैठ जाएं।
  • अपने दाएं अंगूठे से अपने दाएं नथुने (नास्ट्रिल) को बंद करें।
  • अब बाएं नथुने से सांस लें।
  • फिर, अपने दाएं हाथ की तर्जनी अँगुली (इंडेक्स फिंगर) का उपयोग करते हुए, बाएं नथुने को बंद करें और 2 से 3 सेकंड के लिए अपनी सांस को रोकें (यदि संभव हो तो ज्यादा देर के लिए रोक सकते हैं)।
  • अँगूठे को हटाएं और अपने दाएं नथुने से सांस छोड़ें।
  • इन स्टेप्स को हर दिन 5 से 10 बार दोहराएं।

6. धनुरासन

यह मुद्रा आपकी पीठ, पेट की मांसपेशियों, हाथ और जांघ की मांसपेशियों के लिए बेहतरीन है। यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और आपके स्पर्म काउंट में भी सुधार ला सकता है।

तरीका

  • पेट के बल लेट जाएं।
  • अपने घुटनों को अपनी पीठ के पीछे मोड़ें और अपने दोनों हाथों से टखनों को पकड़ें।
  • धीरे-धीरे अपनी छाती और कूल्हों (हिप) को ऊपर उठाएं, लेकिन आपका पेट फर्श पर ही रहना चाहिए।
  • अपनी गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं और जब तक आप आराम से इस पोजीशन में रह सकते हैं तब तक रहने की कोशिश करें ।
  • इस योग को हर दिन 2 से 5 बार दोहराएं।

7. अर्ध मत्स्येन्द्रासन

यह मुद्रा स्पर्म काउंट और स्पर्म मोबिलिटी को बढ़ाती है। यह कमर और पीठ के निचले हिस्से के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है।

तरीका

  • बैठते समय अपने पैरों को सीधा रखें।
  • अपने दाएं पैर को उठाएं और इसे बाएं घुटने के बाईं ओर रखें।
  • अपने शरीर को दाईं ओर मोड़ें और अपने बाएं हाथ से अपने दाएं टखने को पकड़ें।
  • अपने दाएं हाथ को अपनी पीठ के पीछे मोड़ें। अपनी बाँह को ज्यादा से ज्यादा पीछे ले जाने का प्रयास जितना आपका शरीर इसे करने में सक्षम हो।
  • जब तक आप इस पोजीशन में रह सकते हैं तब तक रहें।
  • आप इस आसन को दोनों साइड से 2 से 4 बार दोहराएं।

8. पद्मासन

ये सबसे लोकप्रिय योगासनों में से एक है, पद्मासन के ढ़ेर सारे लाभों के कारण इसे योग का पोस्टर चाइल्ड माना जाता है।

तरीका

  • कमल की पोजीशन में बैठ जाएं।
  • अपनी पीठ को सीधा करें।
  • एक पैर उठाएं, इसे घुटने से मोड़ें और टखनों को कूल्हे के करीब ले जाएं।
  • ऐसे दूसरे पैर के लिए भी करें।
  • गहरी सांस लें और जितनी देर आप आराम से इस पोजीशन में बैठ सकते हैं उतनी देर बैठें।

9. कुम्भक आसन

यह आसन बस बेसिक प्लैंक पोज है जो आपकी पेट की मांसपेशियों को टोन करने और पेट की चर्बी को जलाने में मदद करता है। लेकिन, साथ ही साथ स्पर्म काउंट में सुधार करता है और आपकी फर्टिलिटी पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

तरीका

  • योग मैट पर अपने पेट के बल लेट जाएं।
  • अपनी हथेलियों को अपनी छाती के पास रखें।
  • अब अपने शरीर के वजन को अपनी हथेलियों और पैर की अँगुलियों से बैलेंस करते हुए उठाएं।
  • इस पोजीशन में कम से कम एक मिनट तक रहें।
  • दिन में 2 से 3 बार इसे दोहराएं।

योगासन करने से पहले याद करने के टिप्स

याद रखें, योग करना तभी फायदेमंद हो सकता है जब इसे सही से करते हैं। यहाँ आपको कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपको योग करते समय ध्यान में रखने चाहिए ताकि इस दौरान आपको किसी प्रकार की कोई चोट न लगे:

  • अपने आप को किसी भी पोज को करने के लिए जोर न डालें, आपसे जितना आसानी से हो सके केवल उतना ही करें, धीरे धीरे आपका शरीर ठीक तरह से योग पोज करना शुरू कर देगा।
  • यदि आपको अपनी रीढ़, कूल्हे या जोड़ों में तेज दर्द महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर की सहायता लें। योग से शुरुआती चरणों में मांसपेशियों में दर्द हो सकता है, जो सामान्य है। लेकिन, अगर आपको लगता है कि दर्द असहनीय है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
  • यदि आप किसी चोट से उबर रहे हैं, तो तब तक योग न करें, जब तक कि फिजिकल थेरेपिस्ट इसे करने का सुझाव न देते हों।
  • शुरुआत में, योग ट्यूटर की मदद लें, ताकि आप अपने आप को चोट न पहुँचाएं।
  • आरामदायक, ढीले कपड़े पहनें।
  • केवल योग मैट पर ही योग करें।
  • फ्लैट सतहों पर ही योग करें।
  • अपने आप को हाइड्रेटेड रखें और अपने योग रूटीन से 2 से 4 घंटे पहले कुछ भी न खाएं।

योग के बहुत सारे हेल्थ बेनीफिट हैं, साथ ही ये पुरुषों में स्पर्म काउंट, स्पर्म मोबिलिटी और इजेक्युलेशन हेल्थ को बेहतर करने में मदद करता है। नियमित रूप से योग करने से यह आपकी कामेच्छा भी बढ़ाता है। हालांकि, योग को सेफ तरीके से करना चाहिए इस बात का खयाल रहे, हमारा सुझाव है कि बेहतर होगा अगर किसी मेडिकल हेल्थ एक्सपर्ट कि देखरेख में ये सभी योगासन किए जाएं।

जैसा कि आपको पहले भी बताया गया है, इन पोज को करते समय आपको लिमिट से ज्यादा इसे नहीं करना है। योग के मेडिटेटिव ऐस्पेक्ट भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितना कि खुद योग पोज। इसलिए, सांस लेना, ध्यान करना और आराम करना याद रखें। नियमित रूप से योग करने से तनाव कम होगा, इस तनाव के कारण होने वाली इनफर्टिलिटी से योग लड़ने में मदद करता है। योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, और इनफर्टिलिटी आदि को कम करता है। साथ ही, इसके प्रभावों को ज्यादा असरदार बनाने के लिए आपको अपनी डाइट का भी खयाल रखना होगा। योग की शुरुआत करने के लिए आप दिन में तीस मिनट तक योगासन करें फिर धीरे-धीरे यह समय बढ़ा लें।

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