In this Article
अपने बच्चे को चलते हुए देखना बहुत एक्साइटिंग होता है, क्योंकि इस दौरान आप देख सकते हैं कि आपका बेबी किस तरह से अपनी प्रॉब्लम को डील करता है और उन्हें हल करने की कोशिश करता है। यह एक्साइटिंग तो है, लेकिन आपको थोडा सब्र करना होगा, बच्चा पहले क्रॉल यानी घुटनों के बल चलना या रेंगना शुरू करता है फिर चलना शुरू करता है और इस प्रक्रिया में कुछ महीने लग जाते हैं।
किस उम्र में बच्चे चलना शुरू कर देते हैं?
जब बच्चा पैदा होता है, तो उसके शरीर के वजन को उठाने के लिए उसके पैरों की मांसपेशियां कमजोर होती हैं। जो समय के साथ स्ट्रॉन्ग होती जाती हैं। औसतन, बच्चा एक साल के अंदर अपना पहला कदम रख देता है। हालांकि, खड़े होते समय वो अभी भी लड़खड़ागा, लेकिन बिना किसी सपोर्ट के वो धीरे धीरे चलना शुरू कर देगा। ऐसे उदाहरण भी हैं जहाँ बच्चे को चलने में लगभग 18 महीने लग सकते हैं। यह किसी समस्या का संकेत नहीं है, और एक बार जब बच्चे चलना शुरू कर देते हैं, तो उन्हें रोकना या बैठा के रखना मुश्किल हो जाता है।
कॉमन संकेत जिससे यह पता चलता है कि जल्दी ही आपका बच्चा चलना शुरू कर देगा
1. बाधा पार करना
पैरों का सपोर्ट लेकर चलना बच्चों के लिए अभी मुश्किल होता है, क्योंकि उनकी मांसपेशियां अभी कमजोर होती हैं। हालांकि, अगर आप नोटिस करते हैं कि बच्चा सामने आने वाली बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रहा है तो समझ जाएं कि बच्चा चलने के लिए बस एक कदम ही दूर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह अपने पैर की मांसपेशियों का उपयोग कर रहा है और इस प्रक्रिया के दौरान उनकी मसल्स स्ट्रॉन्ग होना शुरू हो जाती हैं।
2. स्टैंड लेना
जब आप बच्चे को जमीन से खुद उठाने की कोशिश करते हुए देखते हैं, तो समझ जाइए कि वो दिन नजदीक है जब बच्चा चलने लगेगा। बच्चा जमीन का सपोर्ट लेते हुए खुद उठने की कोशिश करता है। उठने के लिए वो किसी भी चीज का सहारा ले सकता है, फिर चाहे वो फर्नीचर हो या आपके पैर हों। हालांकि, वह अभी भी ठीक तरह से खड़ा नहीं हो पाता है, लेकिन जल्दी ही वो ऐसा भी करने लगेगा।
3. हैंडहोल्डिंग
एक बार जब उसमें यह कॉन्फिडेंस आ जाता है कि वह बिना किसी सपोर्ट के उठ सकता है, तो वह तुरंत चलने का प्रयास करने लगता है। हालांकि, साइकिल की सवारी की तरह ही, बच्चा एक बार में चलना नहीं सीख जाता है बल्कि वो गिरता है, उठता है, फिर गिरता है और संभलता है, इस प्रकार धीरे धीरे ही बच्चा चलना सीखता है। इसके लिए ट्रेनिंग की जरूरत होती है, खासतौर पर बैलेंस बनाए रखने की, जैसे साइकिल चलाते समय बैलेंस बनाकर रखने की जरूरत होती है।
4. खुद चलना
हैंडहोल्डिंग ठीक है, लेकिन आपका बच्चा खुद चलने के लिए उत्सुक रहता है और वो आपकी हेल्प लेने का इंतजार किए बगैर ही चल पड़ेगा। वह फर्श पर बने रहने के लिए और अपना बैलेंस बनाए रखने के लिए दीवार, फर्नीचर या किसी मजबूत चीज का सहारा खोज ही लेगा।
5. खड़े होना
एक बार जब वह किसी भी सपोर्ट के बिना खड़े होने लगता है, तो फिर यह मान के चलिए कि अब वो चलने में ज्यादा देर नहीं लगाने वाला है। हालांकि अभी भी उसका बैलेंस उतना अच्छा नहीं होगा, लेकिन उसे पता है कि बिना किसी सपोर्ट के कैसे खड़े रहना है। कुछ समय बाद आप उसे कूदते हुए, सीढ़ियों पर चढ़ते हुए और एक्टिविटी करते हुए देखेकर हैरान हो जाएंगे, यकीन मानिए इस समय आपका बच्चा आपके काबू में नहीं आएगा, आपको दिन भर उसके पीछे भागना पड़ेगा, लेकिन इस दौरान उसका बैलेंस पहले से काफी बेहतर हो जाएगा।
बच्चे को चलने के लिए प्रोत्साहित करना
- बच्चे के चलने का पहला संकेत यह है कि वो क्रॉलिंग करना शुरू कर देता है। इसलिए उसे फ्लोर पर ज्यादा समय बिताने दें, ताकि एक्सरसाइज करने से उसकी मसल्स को मजबूती मिले।
- उसके पसंदीदा खिलौने साफ फ्लोर पर डाल दें ताकि वो इसे पकड़ने के लिए यहाँ वहाँ मूव करे। आप उसे कमरे के एक साइड पर छोड़ दें और दूसरे साइड पर खिलौना रख दें। आप देखेंगे कि वह क्रॉलिंग करते हुए एक तरफ से दूसरी तरफ आ जाएगा और जैसे ही वो अपने खिलौने तक पहुँचे आप इसे फिर दूसरी साइड रख दें। हालांकि यह बच्चे के लिए थोडा फ्रस्ट्रेटिंग हो सकता है, याद रखें कि वह ये जानकर काफी एक्साइटेड होगा कि वो अपने खिलौने को प्राप्त कर सकता है।
अपने बच्चे को स्वतंत्र रूप से चलने में कैसे मदद करें
- बच्चे का धीरे धीरे बैलेंस सही करने के साथ आप उसके चलने में सुधार कर सकते हैं। चलते समय सबसे पहले आप अपने दोनों हाथों से उसे पकड़ें। एक बार उसकी पकड़ मजबूत हो जाए, तो केवल एक हाथ का उपयोग करें। उसके बाद, जब वो चले तो उसे अपने कपड़े को पकड़ने दें और फाइनली जब वो चल रहा हो तो उसके करीब रहें ताकि अगर वो गिरे तो आप उसे सपोर्ट दे सकें। जब आपका बच्चा चलना सीख रहा हो तो इन टिप्स को ध्यान में रखें।
- बहुत अधिक कपड़े या टाइट कपड़े पहनाने से बच्चे अपने हाथ पैर ठीक से मूव नहीं कर पाता है, जिससे उनका बैलेंस बनाना मुश्किल हो जाता है। बच्चे को हमेशा आरामदायक कपड़े पहनाएं।
- शुरुआत में, बच्चे के ऊपरी धड़ से पकड़ें और धीरे-धीरे कूल्हों तक मूव करें। आप उन्हें सही डायरेक्शन दिखाने के लिए उन्हें आपकी अंगुली पकड़ने दें।
क्या होगा अगर आपका बच्चा समय पर चलना नहीं शुरू करता है?
यह एक नॉर्मल कंडीशन है, और यह बात ज्यादातर डॉक्टर बताते हैं। प्रॉब्लम एनवायरमेंट में ही है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि दोनों माता-पिता वर्किंग होते हैं और उनके पास समय नहीं होता है कि वो खुद बच्चे को चलने की ट्रेनिंग दें, वहीं कुछ पैरेंट बच्चे को चलाने के लिए कुछ ज्यादा ही प्रयास करने लगते हैं। तो ऐसा भी न करें एक बैलेंस बनाकर चलें।
आपके बच्चे के विकास में आपकी भूमिका बहुत अहम है और आपको उन्हें सही ट्रेनिंग देने के लिए कुछ समय भी लग सकता है। ध्यान रहे कि बच्चे को हर दिन थोड़ी प्रैक्टिस की जरूरत होती है और जब आप अपने बच्चे को अपने पैरों पर खुद चलते हुए देखेंगे तब आपकी खुशी आपकी आँखों में साफ तौर पर देखा जा सकता है।
यह भी पढ़ें:
10 महीने के शिशु में आने वाले विकास के पड़ाव
11 महीने के शिशु की वृद्धि एवं विकास
12 महीने के बच्चे की वृद्धि एवं विकास