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नूट्रिशन (पोषण) को लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यह आपकी जीवनशैली का एक बहुत ही अहम हिस्सा है। खासकर, जब आप गर्भवती होती हैं तो आपको पर्याप्त पोषण की जरूरत होती है ताकि आपका बच्चा गर्भ में अच्छी तरह से विकास कर सके। ऐसे बहुत सारे हेल्दी फूड्स हैं जिन्हें ऐसे खा सकती हैं लेकिन जब आप प्रेग्नेंट होती हैं और आपके गर्भ में बच्चा विकास कर रहा होता है, तो यही खाने आपके हानिकारक हो जाते हैं। आपको यह समझना बहुत जरूरी है कि जब आप प्रेगनेंट होती हैं तो आपको अपने डाइट में भी बदलाव की जरूरत होती है और प्रेगनेंसी इमली का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, कैसे? यह जानने के लिए लेख पढ़ना जारी रखें!
इमली की न्यूट्रिशनल वैल्यू
इमली एक बेहद स्वादिष्ट इंग्रीडिएंट है जिसका इस्तेमाल कई अलग-अलग व्यंजनों में किया जाता है। इमली में कुछ ऐसे औषधीय गुण मौजूद हैं जिसकी वजह से इसे दवा के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता रहा है। लेकिन इस इंग्रीडिएंट को जो सबसे खास बनाता है वो है, इसमें पाया जाने वाली न्यूट्रिशन। इमली में पॉलीफेनॉल्स, फ्लेवोनोइड, पोटैशियम, आयरन, डाइटरी फाइबर, विटामिन ए, सी और के और कई मिनरल आदि पाए जाते हैं।
यहाँ आपको इमली से प्राप्त होने वाले पोषण का एक चार्ट दिया गया है, जिससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आप इमली से कितना पोषण प्राप्त कर सकती हैं।
इमली की न्यूट्रिशनल वैल्यूज
आप इमली के सेवन से कितना पोषण प्राप्त कर सकती हैं, यह आपको 100 ग्राम इमली के हिसाब से बताया गया है।
- कैलोरी – 239
- फैट से प्राप्त कैलोरी – 5
- टोटल फैट – 1 ग्राम
- सैचुरेटेड फैट – 0 ग्राम
- कोलेस्ट्रॉल – 0 मिलीग्राम
- सोडियम – 26 मिलीग्राम
- टोटल कार्बोहाइड्रेट – 63 ग्राम
- डाइटरी फाइबर – 5 ग्राम
- सुगर – 57 ग्राम
- प्रोटीन – 3 ग्राम
- विटामिन ए – 1%
- विटामिन सी – 6%
- कैल्शियम – 7%
- आयरन – 16%
क्या इमली का सेवन करना गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित है?
इमली की न्यूट्रिशनल वैल्यू समझकर उसके हिसाब से अपने डाइट को प्लान कर सकती है, लेकिन क्या इमली का सेवन गर्भावस्था के दौरान आपके लिए सुरक्षित है? इसका उत्तर हाँ है, लेकिन सीमित मात्रा में ही आप इसका सेवन करे। इमली विटामिन ए और सी और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है। यह प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी शुगर का एक बेहतरीन स्रोत है। इसका उपयोग लैक्सटिव के रूप में भी किया जा सकता है। इसे एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों की वजह से भी जाना जाता है। मेडिकल, यह दस्त, कब्ज जैसे समस्या में मदद करता है और साथ ही यह एंटीऑक्सिडेंट भी होता है। हालांकि जानवरों पर की गई स्टडी के अनुसार यह ब्लड शुगर को कम कर सकती है, इसी प्रकार इंसानों में भी यह बात लागू होती है खासकर अगर आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है तब।
हालांकि, इमली को पेरासिटामोल, आइबुप्रोफेन और एस्पिरिन जैसी कुछ दवाओं के खिलाफ प्रतिक्रिया देने के लिए जानी जाती है, इसलिए यदि आप इन दवाओं को ले रही हो, तो आप इमली खाने के 24 घंटे बाद ही दवा लें। इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें और उनसे जान ले की क्या आपको इसका सेवन करना चाहिए, क्योंकि जरूरी नहीं है कि यह आपके शरीर को सूट करे खासकर गर्भावस्था के बाद के चरणों में।
गर्भावस्था के दौरान इमली का सेवन करने के फायदे
यदि इमली का सेवन सीमित मात्रा में किया जाता है तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है, आइए जानते हैं इमली का सेवन करने से आपको क्या लाभ होता है:
- इमली में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण, गर्भावस्था के बाद के चरणों में आपके टखनों के आसपास सूजन, और मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
- इमली फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स होता है, जो जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
- इमली में मौजूद मिनरल पोटैशियम और माइल्ड सोडियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
- गर्भावस्था में मीठी इमली अपने रेचक गुणों के कारण कब्ज को दूर करने में मदद करती है।
- इमली का यदि सीमित मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो आपके पाचन के लिए भी बहुत अच्छी होती है, इससे आपका पेट भी साफ रहता है और यह दस्त की समस्या से भी निपटने में मदद करता है।
- इमली में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण कई प्रकार के कैंसर को होने से रोकता है।
- इमली मतली और मोर्निंग सिकनेस को कम करने में भी मदद करती है – इमली के टुकड़े में थोड़ा सा नमक डालकर खाने से आपको बेहतर महसूस होगा।
आप इमली का सेवन शरबत के रूप में कर सकती हैं, इसे अपने करी में भी डाल सकती हैं या फिर नींबू पानी में मिलाकर भी पी सकती हैं। इसके अलावा भी आप कई तरह से इसका उपयोग कर सकती हैं।
गर्भवती होने पर इमली खाने के साइड इफेक्ट्स या जोखिम
यदि आप हद से ज्यादा मात्रा में इमली का सेवन करती हैं तो यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान इमली का सेवन करने आपको नीचे बताए गए जोखिम हो सकते हैं:
- इमली शरीर में आइबुप्रोफेन को एब्सॉर्ब करने की क्षमता को बढ़ाती है। यह तीसरी तिमाही में आपके लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इस दौरान आइबुप्रोफेन से बच्चे का हार्ट पैसेज हमेशा के लिए बंद हो सकता है। इसलिए आपको यह सुझाव दिया जाता है कि इमली खाने के तुरंत बात इस दवा का सेवन न करें।
- आइबुप्रोफेन की तरह ही, इमली के सेवन से एस्पिरिन शरीर में बहुत ज्यादा अब्सॉर्ब हो जाती है। यह रक्त को पतला करने का काम कर सकती है और इसके कारण हो सकता है कि आपके बच्चे को पर्याप्त पोषण भी न मिले। इसकी वजह से बच्चे के लिए ब्लड फ्लो इर्रेगुलेर हो सकता है।
- इमली खाने से आपके ब्लड शुगर का बैलेंस बिगड़ सकता है।
- बहुत अधिक इमली का सेवन करने से आपके ब्लड प्रेशर पर बुरा असर पड़ सकता है।
यदि आपको गर्भावस्था के दौरान फ्लोरोसिस हो जाता है, तो कच्ची इमली का सेवन आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान इमली खाने के फायदे और नुकसान और इसे कितनी मात्रा में खाना चाहिए यह जानना बहुत जरूरी है। आपको सलाह दी जाती है कि आप अपने डॉक्टर से पूछ लें कि आप इमली को अपनी डाइट कैसे शामिल करें। अपने न्यूट्रिशनिस्ट से भी बात करना सुनिश्चित करें और प्रेगनेंसी के दौरान आपकी चल रही दवाओं के बारे में उन्हें बताएं, ताकि इससे आपकी प्रेगनेंसी पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े। इस बात का खयाल रखें कि आप इसका सीमित मात्रा में सेवन करें ताकि आप और आपका बच्चा सुरक्षित रहे।
इमली एक ऐसा इंग्रीडिएंट नहीं है जो बाकि दूसरे खानों की पूर्ति कर सके। इस बात को ध्यान में रखें कि अलग-अलग खाने से आपको पोषण का सही बैलेंस बनाए रखना बहुत जरूरी है। यदि आपको गर्भावस्था के दौरान इमली खाने की इच्छा होती है, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने पति या केयरटेकर से कहे वो आपको इसे ज्यादा मात्रा में न दें क्योंकि इससे आपके बच्चे को नुकसान पहुँच सकता है।
अगर आप रेगुलर बेसिस पर इमली का सेवन करती हैं, तो आपको यह सलाह दी जाती है कि आप अपने ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर लेवल की जाँच करवाती रहे गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से इमली खाने पर आप अपने ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर के स्तर पर लगातार जाँच करते रहें। यदि आप इसके सेवन से सहज महसूस नहीं करती हैं, तो इसे खाना बंद कर दें और तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें। इस स्थिति में, डॉक्टर आपको पोषण की भरपाई करने के लिए इमली की कैप्सूल या सप्लीमेंट दे सकते हैं। कोशिश करें कि ज्यादा कच्ची इमली न खाएं। इमली एक स्वादिष्ट इंग्रीडिएंट है जिसके बहुत सारे फायदे हैं, लेकिन इसे अपने आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से पूछना बेहतर रहेगा।
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