In this Article
- नवजात बच्चे की आंखें चिपकने के कारण
- बच्चों में स्टिकी आंखें होने के लक्षण
- क्या नवजात बच्चों में स्टिकी आंखें होना हानिकारक है?
- आप कैसे कह सकते हैं कि बच्चे को आंखों का इन्फेक्शन है?
- क्या बच्चे की आंखों के कोने में पीला डिस्चार्ज आंखों में इन्फेक्शन का लक्षण है?
- बच्चों में स्टिकी आइ का ट्रीटमेंट
- बच्चों की आंखों में इन्फेक्शन से बचाव के टिप्स
- डॉक्टर से कब मिलें
बच्चे को गोद में लेते समय घबराहट हमेशा होती है और जब बच्चा नवजात हो तो यह चिंता बढ़ जाती है। इस समय हर छोटी से छोटी चीज चिंता का कारण बनती है। हालांकि यदि आपको बच्चे की आंखों के आस-पास पीले रंग का फ्लूइड बनता दिखाई देता है तो आप बिलकुल भी न घबराएं। बच्चे की आंखों में यह क्या होता है और इसे कई से ठीक किया जा सकता है यह जानने के लिए आप यह आर्टिकल पूरा पढ़ें।
नवजात बच्चे की आंखें चिपकने के कारण
बच्चों में स्टिकी आंखें होने के कुछ आम कारण इस प्रकार हैं, आइए जानें;
- बच्चों में टियर डक्ट्स बहुत पतले होते हैं जिसमें लगतार आंसू भरते रहते हैं और इसके परिणामस्वरूप आंखें स्टिकी हो जाती हैं।
- यदि बच्चे को जन्म से ही बैक्टीरियल इन्फेक्शन हुआ है।
बच्चों में स्टिकी आंखें होने के लक्षण
स्टिकी आंखें होने के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं, आइए जानें;
- यह आंखों के कोने में सफेद और पीले रंग का होता है।
- विशेषकर सोकर उठने के बाद यह डिस्चार्ज फ्लेकी या क्रस्टी लगता है।
- बच्चे के आंखों के नीचे या आसपास सूजन रहती है और आंख लाल हो जाती है।
- बच्चे की आंखों में पानी रहता है जो अक्सर टियर डक्ट्स में बहुत ज्यादा आंसू भर जाने से होता है।
- डिस्चार्ज का रंग हरा हो जाता है।
क्या नवजात बच्चों में स्टिकी आंखें होना हानिकारक है?
स्टिकी आंखें या चिपचिपी/चिपकी आंखें कुछ समय के बाद सिर्फ नियमित साफ करने पर ही ठीक हो जाती हैं और इसमें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। हालांकि कई मामलों में यह प्राकृतिक रूप से ठीक नहीं होती है या समस्या बढ़ती रहती है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
आप कैसे कह सकते हैं कि बच्चे को आंखों का इन्फेक्शन है?
आप आंखों में इन्फेक्शन और रैश या चोट में कन्फ्यूज हो सकते हैं पर इसके कुछ लक्षण यहाँ बताए गए हैं, आइए जानें;
- आंखों को बहुत ज्यादा रगड़ने से असुविधा होती है।
- आंखों के चारों तरफ दर्द होता है या आंखें लाल हो जाती हैं।
- आंखों से डिस्चार्ज गंभीर रूप से ज्यादा और लगातार निकलता है।
क्या बच्चे की आंखों के कोने में पीला डिस्चार्ज आंखों में इन्फेक्शन का लक्षण है?
ब्लॉक्ड टियर डक्ट्स के कारण पीला डिस्चार्ज निकलता है और जैसे ही यह डक्ट्स खुल जाते हैं उसी समय डिस्चार्ज होना बंद हो जाता है। हालांकि कुछ मामलों में यह इन्फेक्शन और कंजंक्टिवाइटिस का संकेत भी हो सकता है।
बच्चों में स्टिकी आइ का ट्रीटमेंट
यहाँ पर स्टिकी आंखों के ट्रीटमेंट से संबंधित कुछ टिप्स दिए हुए हैं, आइए जानें;
1. स्टरलाइज्ड पानी
आंखों को साफ करने के लिए इस प्रोसेस को सबसे ज्यादा किया जाता है, आइए जानें;
- स्टेप 1 – सबसे पहले आप अपने हाथ धोएं। अब आप स्टेरेलाइज्ड पानी (उबालकर ठंडा किया हुआ पानी) और स्टेरेलाइज्ड कॉटन बॉल्स साथ में रखें।
- स्टेप 2 – आप स्टेरेलाइज्ड कॉटन से ग्लुई पदार्थ को आराम-आराम से साफ करें। आप पहले आंखों के इनर कॉर्नर को कॉटन बॉल्स से साफ करें फिर आउटर कॉर्नर को।
- स्टेप 3 – बच्चे का सिर उस आंख की तरफ मोड़ें जिधर की आंख साफ हो चुकी है। इससे पानी एक तरफ नहीं रहेगा या पूरी आंख में नहीं फैलेगा और क्रॉस कंटैमिनेशन से बचाव होगा।
- स्टेप 4 – जब तक आंख पूरी तरह से साफ न हो जाए आप इस प्रोसेस को दोबारा करें और हर बार नए कॉटन बॉल का उपयोग करें।
2. सेलाइन सलूशन
ऊपर बताए गए स्टेप्स आप सेलाइन पानी से भी कर सकते हैं। इससे बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने की संभावना कम हो जाती है।
3. कोल्ड कंप्रेस
यह आंखों की नमी में सुधार करता है और डिस्चार्ज के कारण हुए फ्लेक्स को डिसॉल्व करता है ताकि बच्चा सोकर उठने के साथ ही अपनी आंखें खोल सके।
4. एंटीबायोटिक सलूशन
डिस्चार्ज को साफ करने के लिए पेडिअट्रिशन आपको आई ड्रॉप्स या एंटीबायोटिक सलूशन लेने की सलाह दे सकते हैं। आप उनके इंस्ट्रक्शन और डोज को जरूर फॉलो करें।
5. मालिश
आप अपने बच्चे की आंख और नाक के आस-पास की जगह पर आराम से मालिश करें। इससे ब्लॉक्ड डक्ट्स में मदद मिलती है और स्टिकी आंखें फ्लूइड बनने की संभावना कम हो जाती है। मालिश करने का सही तरीका जानने के लिए आप ओफ्थल्मोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
6. बाहरी उपकरण
बच्चों में टियर डक्ट्स ब्लॉक होने की वजह से आंखों में स्टिकी डिस्चार्ज बनता है। यदि डक्ट्स एक साल के भीतर नेचुरल तरीके से नहीं खुलते हैं तो डॉक्टर डक्ट्स को खोलने की सलाह दे सकते हैं। इसका सबसे आम तरीका सर्जिकल प्रोबिंग है जिसमें डॉक्टर टियर डक्ट्स में एक मेडिकल उपकरण डालकर इसे साफ करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि यह प्रोसीजर सिर्फ एक्स एक्सपर्ट के द्वारा ही होना चाहिए और इसे घर में बिलकुल भी न करें।
बच्चे की आंखों और पलकों को साफ करने के टिप्स
- बच्चों की आंखों और पलकों को साफ करने से पहले यह आप अपने हाथ पानी और न्यूट्रल साबुन से जरूर धोएं ताकि उसकी आंखों में इन्फेक्शन न हो।
- आप अपनी आंखों को वेट वाइप से साफ करें ताकि क्रस्ट सॉफ्ट हो सके और डिस्चार्ज ढीला हो सके। यदि सूखा हुआ डिस्चार्ज दिखना बंद नहीं होता है तो इसे रगड़ें या स्क्रैच न करें क्योंकि इससे बच्चे की आंख डैमेज हो सकती है।
- आंखों को हमेशा कोने में टियर डक्ट्स से साफ करना चाहिए ताकि इसमें छिपी हुई गंदगी बाहर आ सके।
बच्चों की आंखों में इन्फेक्शन से बचाव के टिप्स
बच्चों की आंखों में इन्फेक्शन होने से बचाने के लिए कुछ टिप्स निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
- आप बच्चे के हाथ हमेशा साफ रखें क्योंकि बच्चा अक्सर आंखें रगड़ते हैं और गंदे हाथों से इन्फेक्शन हो सकता है।
- यदि किसी अन्य व्यक्ति को भी आंखों का इन्फेक्शन है तो उसे बच्चे से दूर रखें।
- पेडिअट्रिशन की सलाह के अनुसार आप आई ड्रॉप्स या एंटीबायोटिक्स का उपयोग करें।
- इस बात का खयाल रखें कि बच्चे के आस-पास सफाई रहे और उसका बिस्तर, तौलिया या कपड़े नियमित रूप से धुले हुए होने चाहिए।
डॉक्टर से कब मिलें
नवजात शिशुओं में टियर डक्ट्स ब्लॉक होने के कारण स्टिकी आंखें होती हैं। कई मामलों में यदि यह गंभीर नहीं है तो इसे घर पर ही ठीक किया जा सकता है। हालांकि यदि बच्चे की आंखें लंबे समय तक स्टिकी रहती हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आप बच्चे में आंखों के इन्फेक्शन से बचने के लिए इसके लक्षणों को चेक करते रहें।
स्टिकी आंखें अपने आप में किसी भी समस्या का कारण नहीं हैं। वास्तव में यह एक नेचुरल प्रोसेस है और ज्यादातर मामलों में यह होम रेमेडीज से ही ठीक हो जाती है। पर फिर भी इसके बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए और बच्चे में हर लक्षणों पर नजर रखना चाहिए ताकि उसे किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन होने पर तुरंत इलाज किया जा सके।
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