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जब नई माएं स्तनपान कराना शुरू करती हैं तो इस दौरान उनको कई सारी समस्याओं से गुजरना पड़ता है । निप्पल में खुजली की समस्या उत्पन्न होना उन समस्याओं में से एक है। अधिकांश महिलाएं जिन्हें अपने स्तनों में खुजली की परेशानी है, उनकी यह समस्या समय के साथ अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन, अगर खुजली की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है और इस कारण आप बच्चे को स्तनपान नहीं करा पाती हैं, तब यह आपके लिए समस्या हो सकती है । स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्तनों में खुजली की क्यों होती है यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
क्या स्तनपान के दौरान स्तन में खुजली सामान्य है
निप्पल या स्तनों में खुजली, स्तनपान की प्रारंभिक अवधि के दौरान सबसे अधिक होती है, परंतु यह किसी भी समय में विकसित हो सकती है। शुरुआती हफ्तों में इससे असुविधा होना लाजमी है, लेकिन इसे समय के साथ खत्म हो जाना चाहिए। हालांकि, अगर दर्द के साथ लंबे समय तक खुजली बनी रहती है और आपको स्तनपान कराने में दिक्कत हो रही हो, तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है।
स्तनपान कराने पर खुजली होने के क्या कारण है
आपको खुजली महसूस क्यों होती है, इसके कई कारण हो सकते हैं। इसके सबसे संभावित कारण इस प्रकार हैं:
1. छाले
छाला एक यीस्ट संक्रमण है जो स्तनपान के दौरान निप्पल की खुजली का कारण बनता है। यह कैंडिडा नामक कवक के कारण होता है जो हमारे शरीर पर मौजूद होता है। ये सामान्य रूप से हानिरहित है, लेकिन जब शरीर का कोई भी हिस्सा लंबे समय तक नम या गीला रह जाता है, तो यह संक्रमण का कारण बन सकता है और नियंत्रण से बाहर भी जा सकता है। चूंकि स्तनपान कराने वाली मांओं के निप्पल अक्सर नम होते हैं, इसलिए कैंडिडा संक्रमण और जलन इसका एक सामान्य कारण होता है।
छालों के लक्षण
- कवक मुख्य रूप से निप्पल और स्तन के एरियोला क्षेत्र को प्रभावित करता है जो नम रहते है। इसमें अक्सर जलन के साथ खुजली होती है, खासकर स्तनपान कराने के बाद।
- स्तन के ऊतकों में गहरा और स्पन्दनशील दर्द होना।
2. मैस्टाइटिस
मैस्टाइटिस बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है, जिससे स्तन में सूजन के साथ स्तन के ऊतकों में गहराई तक दर्द होता है। जब दूध की ग्रंथियों में बहुत ज्यादा मात्रा में दूध इकट्ठा हो जाता है, तो रुके हुए दूध के कारण स्तन में सूजन की समस्या हो जाती है। अगर निप्पल में दरारें पड़ गई हों या उनमें छेद हों, तो इनसे बैक्टीरिया के अंदर जाने की संभावना होती है जिससे यह दूध की ग्रंथियों के साथ उसके आस-पास के ऊतकों को भी संक्रमित कर देते हैं।
मैस्टाइटिस के लक्षण
- स्तनों में सूजन व खुजली के साथ स्तनों का भरा हुआ महसूस करना और दर्द होना।
- कुछ महिलाओं को तेज दर्द भी महसूस होता है।
- स्तन लाल हो जाते हैं और छूने में गर्म महसूस होते हैं।
- कुछ मामलों में तेज बुखार हो सकता है।
3. एक्जिमा
एक्जिमा त्वचा संबंधी एक बीमारी है, जो त्वचा में खुजली, सूजन और लालिमा का कारण होती है और यह स्तन और निपल्स, दोनें की त्वचा को प्रभावित कर सकती है। एक्जिमा का एक सबसे आम प्रकार है जिसे कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस कहते हैं। यह मुख्य रूप से बार-बार स्तनपान कराने के परिणामस्वरूप त्वचा पर लगातार घर्षण के कारण होता है।
एक्जिमा के लक्षण
- अत्यधिक शुष्क और संवेदनशील त्वचा, इसमें खुजली असहनीय हो सकती है, तथा यह खरोंचने या खुजलाने से अधिक बढ़ सकती है।
- स्तनपान कराते समय स्तनों पर होने वाले खुजलीदार दाने।
- त्वचा का शुष्क और पपड़ीदार हिस्सा ।
4. खिंची त्वचा
चूंकि स्तन बार-बार भरते और खाली होते हैं, इसलिए स्तन के ऊतकों में हमेशा बदलाव होता रहता है। यह इनके फैलने और सिकुड़ने का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा खिंच जाती है और उसमें खुजली होने लगती है । यह और भी बढ़ सकती है यदि शुष्क मौसम में स्तन की त्वचा को मॉइस्चराइज नहीं किया जाए।
खिंचाव वाली त्वचा के लक्षण
- स्तन की कोमल त्वचा पर महीन रेखाएं
- लचीली खिंचाव वाली रेखाएं, सूखी और अतिसंवेदनशील हो जाती हैं। मॉइस्चराइजर लगाने से इसे कम किया जा सकता है।
5. त्वचा में संक्रमण
त्वचा में विभिन्न प्रकार के संक्रमण होते हैं, जिससे त्वचा अतिसंवेदनशील हो सकती है। इसमें दाद और खाज जैसे फंगल संक्रमण सबसे आम हैं।
त्वचा संक्रमण के लक्षण
- दाद एक रिंगवर्म संक्रमण है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा पर एक गोल छल्लेनुमा भाग में चकत्ते बन जाते हैं। चकत्ते शरीर के गर्म व नम क्षेत्रों में होते हैं जैसे कि स्तनों के नीचे।
- खाज एक ऐसा संक्रमण है, जो स्केबीज के कारण होता है। इसके कारण बारीक फुंसियां और लाल रेखाएं उभरने लगती हैं।
स्तनपान के दौरान होने वाली खुजली का उपचार
स्तनों में खुजली का इलाज मूल रूप से उसकी स्थिति पर निर्भर करता है। बहुत बार यह खुजली खुद ही समाप्त हो जाती है, बल्कि इसके लिए दवा इत्यादि की भी आवश्यकता गंभीर स्थितियों में ही दी जाती है। आप ऐसी समस्या होने पर बताए गए उपचार का पालन कर सकती हैं।
1. दवा लेना
स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर वही फंगस प्रतिरोधक दवाएं लिख कर देंगे, जो स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए उचित हों और दाद तथा छालों जैसी समस्याओं को ठीक करने के लिए सबसे सही हों । यदि माँ को स्केबीज है, तो स्केबीज के सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने के लिए डॉक्टर आपको इसके लिए दवा से उपचार करने को कह सकते हैं। ऐसे मामलों में, शिशु में भी इसके लक्षणों की जांच की जाती है, क्योंकि यह त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने के कारण आसानी से स्थानांतरित हो जाता है।
2. एंटीबायोटिक्स
स्तन में बैक्टीरिया संक्रमण का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग किया जाता है। ऐसे मामलों में दी जाने वाली दवाएं स्तनपान के अनुकूल होती हैं और इससे बच्चे के स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होता है।
3. डर्मेटाइटिस (त्वचा रोग) के लिए क्रीम और लोशन
एक्जिमा जैसी स्थितियों का इलाज लोशन या क्रीम के साथ किया जाता है, जो खुजली की परेशानी को कम करने में मदद करती है। चूंकि एक्जिमा का इलाज दवाओं के बिना भी संभव है, इसलिए डॉक्टर इसके लिए उपचारात्मक सुझाव दे सकते हैं। इससे शिशु को कोई नुकसान नहीं होता है। इसलिए, उनकी जांच करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
स्तनपान कराते समय खुजली से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपचार
कई स्थितियां जिनसे स्तनों में खुजली पैदा होती है, उन्हें घर पर भी ठीक किया जा सकता है। जिन महिलाओं को स्तनपान कराते समय स्तनों में खुजली के साथ दर्द होता है, वे इसे ठीक करने के लिए इन घरेलू उपचारों को आजमा सकती हैं।
1. स्तनों को सूखा रखना
ब्रा के अंदर पैड रखें, पैड निप्पल पर या रिसाव से किसी भी तरह से निकलने वाले अतिरिक्त दूध को सोख लेंगे। आप इस भाग को सूखा रखने और फंगस को फैलने से रोकने के लिए स्तनों के नीचे समय-समय पर फंगस प्रतिरोधक पाउडर भी लगा सकती हैं। स्तनपान के बाद निप्पल को सूखने देने से उनके दरार पड़ने और संक्रमण को होने से रोका जा सकता है।
2. प्रत्येक स्तनपान के बाद स्तन निपल को साफ करना
हर बार स्तनपान के बाद गर्म पानी से भीगे एक मुलायम कपड़े का उपयोग करके अपने स्तनों को साफ करें। यह बच्चे की लार को साफ करता है, जो लंबे समय तक साफ न किए जाने पर आपकी त्वचा को संवेदनशील कर सकता है। अपने स्तनों और निप्पल को साफ रखने का यह सबसे अच्छा तरीका है।
3. निप्पल को शुष्की से रोकने के लिए मॉइस्चराइजर का उपयोग
जैसे हर समय निप्पल का नम रहना समस्या पैदा करता है, वैसे ही इसका शुष्क हो जाना परेशानी का कारण बन सकता है। यदि आपके निप्पल शुष्क होते हैं और फटने लगते हैं, तो उस पर थोड़ा सा मॉइस्चराइजर लगा लें। खासतौर पर दिन के अंतिम स्तनपान के बाद अपने निपल्स को धो लें और मॉइस्चराइजर लगाएं।
4. ढीले-ढाले कपड़े पहनना
चुस्त फिटिंग के कपड़े पहनने से पूरे दिन नमी बनी रहती है जैसे कि ब्रा। यदि आपको खुजली है, तो यह आपकी स्थिति को और खराब कर सकती है। इसलिए ऐसे कपड़े चुनें जो आरामदायक हों। ऐसे कपड़े पहनें जो सूती हों, क्योंकि वे नमी को अवशोषित करते हैं और साथ ही हवादार होते हैं।
5. स्तनपान का निर्धारित समय रखना
नियमित स्तनपान की समय सारणी बनाना उचित तरीका है। इससे आपके स्तन नियमित समय पर रिक्त होते हैं और इनमें होने वाले अतिरिक्त दूध संचय से बचा जा सकता है। बच्चे को ठीक से दूध पिलाते रहने से दूध का अचानक से उत्पादन नही होता है ।
6. याद रखने के लिए कुछ उपयोगी टिप्स
- बच्चे को दूध पिलाते समय स्तनों को गलत तरीके से पकड़ने से निप्पल में जलन पैदा हो सकती है, जिससे उन्हें नुकसान पहुँच सकता है। लैक्टेशन कंसल्टंट आपको स्तनपान के सही तरीके बताते हुए इस समस्या को हल करने में मदद कर सकते है।
- स्तनों पर हीट (गर्म) पैक लगाने से जलन और सूजन को कम किया जा सकता है।
- निप्पल मलहम (ए.पी.एन.ओ.) का उपयोग करें, इसके एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण इस समस्या को दूर करने में मदद करते हैं ।
- आपको अपने स्तनों की तब भी अच्छे से देखभाल करनी चाहिए जब बच्चा दूध नहीं पी रहा हो। ऐसे कई उत्पाद हैं, जो स्तनों में घाव या खुजली से निपटने में उपयुक्त इलाज करते हैं ।
- आप स्तनपान के लिए एक लॉग बनाएं और इस बात पर ध्यान दें कि आपको खुजली कब महसूस होती है और कब बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, ऐसा करने से आपको खुजली से जल्दी छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। यह एक अच्छे संदर्भ के रूप में कार्य करता है।
डॉक्टर से परामर्श करें
किसी भी नई माँ के लिए यह समझना मुश्किल हो सकता है कि स्तनपान को लेकर क्या सामान्य है और क्या नहीं। जबकि घरेलू उपचार इस समस्या को हल करने की ओर पहला कदम है, अगर ये लक्षण लंबे समय तक ऐसे ही बने रहते हैं या स्थिति और खराब होने लगती है, तो डॉक्टर से परामर्श अनिवार्य है। यदि आप स्तनपान करा रही हैं और बताए गए किसी भी लक्षण का अनुभव करती हैं, तो आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं ।
- लाल, सूजे हुए स्तन और खुजलीदार निप्पल ।
- स्तन में दर्द और खुजली के साथ बुखार आना ।
- तीव्र खुजली होना, जो स्तन ऊतक की गहराई से निकलती हुई महसूस होती है।
- आपके बच्चे का मुँह या जीभ सफेद है।
- स्तन में गांठ या एक फोड़ा जैसा महसूस होता है।
स्तनों में होने वाली खुजली से बचने के लिए आपको हर दिन थोड़ी अतिरिक्त देखभाल की जरूरत है। इस लेख को पढ़ कर आप इसके कारण समझ गई होंगी और इसकी रोकथाम के लिए तुरंत कदम उठा सकेंगी ।