दिवाली भारत के सबसे मुख्य त्योहारों में से एक है और यह पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। दीवाली या दीपावली 5 दिनों का पर्व है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण दिन कार्तिक मास की अमावस्या का दिन होता है। इसे बड़ी दिवाली भी कहते हैं और इस दिन श्रीगणेश-लक्ष्मीपूजन किया जाता है। इस दिन सभी अपने घरों में दीए जलाते हैं, घर के बाहर मिलकर पटाखे भी जलाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। यह दिन निराशा पर आशा की विजय के लिए मनाया जाता है। भारत में विशेषतः इस त्योहार पर स्कूल-कॉलेज में कई दिनों की छुट्टियां रहती हैं। इस त्योहार के महत्व को समझने के लिए स्कूलों अक्सर बच्चों को दिवाली पर छोटा निबंध या कुछ लाइन लिखने को कहा जाता है। ऐसे में जरूर पेरेंट्स और बच्चे इंटरनेट पर दिवाली पर जानकारी खोजने में लग जाते हैं। बस आपकी इसी खोज को सफल बनाने के लिए यहाँ हमने दिवाली पर 12 पंक्तियाँ दी हैं जो बच्चों के काम आएंगी, जानने के लिए आगे पढ़ें।
बच्चों के लिए दिवाली पर 12 पंक्तियाँ
यदि आपके बच्चे को स्कूल में दिवाली पर कुछ पंक्तियाँ लिखने या सुनाने के लिए कहा गया है तो यहाँ दिए गए पॉइंट्स आपकी मदद कर सकते हैं:
- दिवाली हिन्दुओं का एक सबसे बड़ा त्योहार है और हमारे देश में इसे सभी धर्म के लोग पूरे हर्ष और उल्लास से मनाते हैं।
- यह त्योहार पूरे 5 दिनों तक मनाया जाता है और दिवाली के दिन घर को रंगोली और दीयों से सजाया जाता है।
- इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके लौटे थे और इसी खुशी में लोग अपने घर में खूब सारे दीये जलाते हैं।
- दिवाली मनाने के पीछे एक मान्यता यह भी है कि देवताओं और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन से इसी दिन माता लक्ष्मी प्रकट हुई थीं।
- महाभारत के अनुसार कार्तिक मास की चतुर्दशी को भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था और इसीलिए इस दिन को नरक चौदस या छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है।
- यह दिन निराशा पर आशा की विजय का प्रतीक माना जाता है।
- इस दिन परिवार के सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं, घर में दीये जलाते हैं और भगवान गणेश व लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं।
- बच्चों को भी नए कपड़े, मिठाइयां और चॉकलेट मिलती हैं और साथ ही वे बड़ों के साथ पटाखे जलाकर इस त्योहार को मनाते हैं।
- दिवाली के दिन सभी लोग एक दूसरे से मिलते हैं और खुशियां बांटते हैं।
- दीपावली में सभी घरों पर इतने सारे दीये जलते हैं कि अमावस्या का अंधेरा मिट जाता है।
- पर्यावरण दूषित न हो इसलिए हमें सिखाया जाता है कि दिवाली पर हम तेज आवाज वाले पटाखों का उपयोग न करें।
- हवा को शुद्ध बनाए रखने के लिए कम से कम या बिलकुल भी पटाखे न जलाएं और दियों से इस त्योहार की शोभा बढ़ाएं।
दिवाली में लोग ईश्वर से अपने घर में सुख, समृद्धि और रिश्तों में मिठास बनी रहने की कामना करते हैं। यह त्योहार खुशियों और उजाले का पर्व है। बच्चों के लिए भी यह दिन सबसे खास होता है और इस पर्व का महत्व बताने के लिए ही टीचर बच्चों से दिवाली पर निबंध या कुछ पंक्तियाँ लिखने के लिए कहते हैं ताकि उन्हें भी हमारी परंपराओं का ज्ञान मिल सके।
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