In this Article
- अब्दुल कलाम पर 10 लाइन (10 Lines On APJ Abdul Kalam In Hindi)
- एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi 200-300 Words)
- एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi 400-500 Words)
- एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About APJ Abdul Kalam in Hindi)
- आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
ऐसी शख्सियत बहुत कम होती है जिनके होने से देश को उन पर गर्व हो, लेकिन कुछ लोगों के लिए देश प्रेम और उसका सबसे ऊपर होता है। जिस महान व्यक्तित्व की हम बात कर रहे हैं वो है डॉ एपीजे अब्दुल कलाम। इनका पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुलाबदीन‘ अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबुद्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। भारत के लोगों के दिलों में उनकी पहचान हमेशा से ‘जनता के राष्ट्रपति‘ और ‘मिसाइल मैन‘ के नाम से बनी हुई है। कलाम एक बेहद प्रतिष्ठित वैज्ञानिक थे, जिन्होंने कई तरह के आविष्कार किए हैं। इनका इसरो (ISRO) में बेहतरीन योगदान रहा है और इन्होंने कई तरह की मिसाइल का विकास भी किया था। सबसे प्रसिद्ध मिसाइल ‘पृथ्वी‘ और ‘अग्नि‘ के विकास में इन्होने अहम भूमिका निभाई थी। इनके इस योगदान की वजह से भारत सरकार द्वारा उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक के रूप में सम्मानित किया गया। ऐसे महान व्यक्ति के बारे आप कैसे निबंध लिखें यह जाने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
अब्दुल कलाम पर 10 लाइन (10 Lines On APJ Abdul Kalam In Hindi)
एपीजे अब्दुल कलाम बहुत सरल स्वभाव के जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। यह दुनिया भर में युवाओं के लिए प्रेरणा थे और हैं। आप हिंदी में एपीजे अब्दुल कलाम पर शॉर्ट नोट के तौर नीचे दी गए 10 आसान वाक्य से उनके बारे में जान सकते हैं।
- अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुलाब्दीन’ अब्दुल कलाम आजाद है।
- इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 तमिल नाडु में हुआ था।
- इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था
- इन्होंने 1960 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया।
- इन्हें भारत का ‘मिसाइल मैन‘ कहा जाता है।
- कलाम एक अच्छे लेखक थे।
- कलाम एयरोनॉटिकल इंजीनियर भी थे।
- अब्दुल कलाम 2002 में देश के 11वें राष्ट्रपति बने थे।
- इन्हें भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण आदि जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
- 27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने से इनकी मृत्यु हो गई।
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 200-300 शब्दों में (Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi 200-300 Words)
स्कूल में अक्सर बच्चों ऐसे लोगों निबंध लिखने को खा जाता है, हमारे लिए प्रेरणा है और देश लिए गर्व। बच्चे अगर इन्हे अपना आदर्श मानेगे तो कल वो खुद भी देश कुछ कर सकेंगे। नीचे दिया गया एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में पैराग्राफ उनके बारे में बच्चों को काफी कुछ जानकारी दे सकता है और उन्हें एक अच्छा लेख लिखने में मदद कर सकता है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है। राष्ट्रपति बनने से पहले उनका नाम एक वैज्ञानिक के तौर पर काफी प्रसिद्ध था। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को भारत के रामेश्वरम में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम बहुत गरीब परिवार से आते थे और अपने पिता की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए वे स्टेशन पर अखबार बेचते थे। इनका बचपन से ही पढ़ाई के प्रति अधिक रुझान था। 25 जुलाई 2002 में वह भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल उन्होंने साल 2002 से 2007 तक संभाला था। अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा करने के बाद कलाम ने ‘इसरो‘ और ‘डीआरडीओ‘ जैसे बड़े सरकारी विभाग में कई प्रमुख पदों पर काम किया था। इसके बाद भारत सरकार ने कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का पद नियुक्त किया था। भारत के लोगों ने उन्हें एक महान राष्ट्रपति होने का दर्जा दिया था। कलाम हमेशा से ही बच्चों और युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत थे, हैं और रहेंगे। उन्होंने हमेशा बच्चों को नया सीखने और अपने अंदर की कला तलाशने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया। डॉ कलाम आज भी भारत की जनता के दिलों में एक महान राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के रूप में बसते हैं। 27 जुलाई 2015 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में अपने लेक्चर के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसकी वजह से उनका निधन हो गया।
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi 400-500 Words)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। युवाओं के लिए कलाम किसी प्रेरणा से कम नहीं थे, शायद यही वजह थी वह उनके लोकप्रिय राष्ट्रपति थे। डॉ कलाम एक प्रख्यात वैज्ञानिक थे, जिन्होंने भारत सरकार की नामी संस्था जैसे ‘इसरो‘ और ‘डीआरडीडो‘ के साथ कार्य किया था। इन्होंने देश के लिए कई मिसाइल बनाई है, जिसमे सबसे लोकप्रिय ‘अग्नि‘ और ‘पृथ्वी‘ थीं। काम को लेकर इनकी इस लगन और देश के लिए किए गए कई योगदानों की वजह से भारत सरकार ने इन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी नवाजा है। भारत के वैज्ञानिक विकास में इनका योगदान काबिले तारीफ है।
एपीजे अब्दुल कलाम का शुरूआती जीवन और बचपन (Early Life and Childhood of APJ Abdul Kalam)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम जी के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था जो कि एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थें और उनकी माता का नाम आशियम्मा था। कलाम के 4 भाई–बहन थे, जिनमें वह सबसे छोटे थें। इनका बचपन बहुत ही कठिनाई में बिता है क्योंकि यह एक गरीब परिवार से थें। घर के खर्चों और अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जमा करने के लिए कलाम जी ने अखबार बेचने का काम भी किया था। बचपन में वह पढ़ाई में एक औसत छात्र थे, लेकिन इनके अंदर कुछ नया सीखने और बड़ा कर दिखाने की ललक हमेशा से थी। इनकी इस लगन को देखते हुए इनके शिक्षक भी उन्हें पसंद करते थे। यह पढ़ाई करने में बहुत समय बिताते थें, खासकर की गणित में क्योंकि यह उनका पसंदीदा विषय था। इनकी शुरूआती शिक्षा रामनाथपुरम के श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई, जिसके बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में पढ़ाई की। वहां से उन्होंने 1954 में भौतिकी(फिजिक्स) विषय में स्नातक किया। इसके बाद साल 1960 में अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया था।
अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक करियर(Scientific career of Abdul Kalam)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने बाद डीआरडीओ(रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में एक वैज्ञानिक के तौर पर काम करने लगे थें। इस बीच इन्होने प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया था। साल 1969 में डॉ कलाम डीआरडीओ को छोड़कर इसरो (ISRO) में शामिल हो गए। इसरो में इनको प्रोजेक्ट डायरेक्टर का पद दिया गया था। इसी पद पर काम करते समय साल 1980 में भारत ने अपना पहला सैटेलाइट (रोहिणी) पृथ्वी के ऑर्बिट पर स्थापित किया था। इसरो में शमिल होने के बाद डॉ कलाम बेहद खुश थें क्योंकि उनका मानना था कि जिस उद्देश्य से वह अपना जीवन जी रहे हैं, वह अब थोड़ा–थोड़ा कर के पूरा हो रहा है। साल 1963-64 में अब्दुल कलाम ने अमेरिकी संस्था नासा (NASA) में भी दौरा किया। भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने पहले परमाणु परिक्षण में डॉ कलाम को बुलाया था। ऐसे करते करते वह देश के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक के तौर पर उभर कर सबके सामने आने लगे।
एपीजे अब्दुल कलाम का राजनीतिक जीवन (Political Life of APJ Abdul Kalam)
राजनीती में आने से पहले ही डॉ कलाम देश में अपने कार्यों से मशहूर थें। पहली बार जून 2002 में रूलिंग पार्टी एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने कलाम का नाम भारत के राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया था। कलाम की इस उम्मीदवारी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समर्थन भी मिला था। भारत के पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने डॉ कलाम के लिए जगह बनाने के लिए फिर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। कलाम के विपरीत सिर्फ एक विरोधी लक्ष्मी सहगल थीं। लेकिन कलाम जी की कौशलता और लोकप्रियता के कारण यह चुनाव एक तरफा रहा जिसमे कलाम की विजय हुई। 25 जुलाई 2002 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और वह देश के 11वें राष्ट्रपति बने।
एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कार( APJ Abdul Kalam Awards)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं, उनकी इस काबिलियत को समझते हुए उन्हें कई पुरस्कार और उपलब्धियों से नवाजा गया है। भारत सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कार ये रहें –
- पद्म भूषण(1981)
- पद्म विभूषण(1990)
- भारत रत्न(1997)
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार(1997)
- वीर सावरकर(1998)
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु (Death Of APJ Abdul Kalam)
27 जुलाई 2015 को डॉ कलाम ने शिलांग के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 84 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। कॉलेज में अपने लेक्चर के दौरान डॉ कलाम को दिल का दौरा पड़ा और वह वहीँ बेहोश हो गए। अस्पताल ले जाने के कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गयी। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रामेश्वरम में 30 जुलाई 2015 को हुआ था। इस में देश के प्रधानमंत्री और कई जाने–माने मंत्री आदि शामिल हुए थे।
एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts About APJ Abdul Kalam in Hindi)
- डॉ अब्दुल कलाम ने कभी भी शादी नहीं की थी।
- कलाम को 40 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी।
- पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण में कलाम का अहम योगदान था।
- मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद डॉ कलाम शाकाहारी थे।
- यह भारत के पहले अविवाहित राष्ट्रपति बने थे।
- इनसे प्रेरित होकर साल 2011 में ‘आई एम कलाम‘ नाम की फिल्म रिलीज हुई थी।
- इनके अंतिम संस्कार में लगभग साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।
आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक प्रख्यात और प्रतिभा से भरे वैज्ञानिक और बेहतरीन राजनीतिज्ञ थे, जो हमेशा से भारत के विकास के बारें में सोचते थे। भारत के वैज्ञानिक विभाग में इनका योगदान बेमिसाल रहा है। डॉ कलाम बच्चों को बहुत पसंद करते थें और उन्हें हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित भी किया करते थे। बच्चे भी इन्हें अपना आदर्श मानते थें, हैं और रहेंगे। ऐसे में डॉ कलाम के इस निबंध से बच्चे और भी ज्यादा प्रेरित होंगे और उनके जैसा बनने का प्रयास करेंगे। हमारे देश के इस प्रतिभाशाली पुरुष के बारें में हर किसी को ज्ञान होना जरूरी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. डॉ कलाम द्वारा लिखी गई उनकी आत्मकथा का क्या नाम है ?
डॉ कलाम की आत्मकथा का नाम ‘विंग्स ऑफ फायर‘ है।
2. मृत्यु के दौरान कलाम ने कौन सा व्याख्यान दिया था?
डॉ कलाम द्वारा उनकी मृत्यु के दिन दिया गया व्याख्यान ‘क्रिएटिंग अ लिवेबल प्लैनेट अर्थ‘ था।
3. एपीजे अब्दुल कलाम ने कौनसा ई–पेपर लॉन्च किया था?
कलाम ने ‘बिलियन बीट्स‘ नाम का ई–पेपर का नाम लॉन्च किया था।
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