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जब आप खुद के खाने को लेकर एक खास डाइट प्लान तैयार करने पर खास ध्यान देती हैं तो यह बहुत स्वाभाविक है कि आप अपने 15 महीने के नन्हे बच्चे के खाने और नाश्ते के लिए भी अनेक विकल्पों को देखती होंगी। वयस्कों और बच्चों के लिए पोषण संबंधी आवश्यकताएं पूरी तरह अलग होती हैं और खाने के कौन से पदार्थ उन दोनों के लिए पर्याप्त हैं, यह बता पाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे समय में आप इसका हल निकालने के लिए, इस लेख के अनुसार सही ढंग से अपने बच्चे के लिए फूड चार्ट तैयार करें जो उसे सही मात्रा में न्यूट्रिशन देने में मदद करेगा।
15 महीने के बच्चे के लिए न्यूट्रिशन की आवश्यकताएं व्यापक होती हैं। भले ही उसके खाने की मात्रा कम हो लेकिन उसमें सभी प्रमुख न्यूट्रिएंट्स का सही मात्रा में मौजूद होना आवश्यक है।
कम खाने से छोटे न्यूट्रिएंट्स जैसे प्रोबायोटिक्स, ओमेगा-3 एसिड की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है जबकि इसका आवश्यक अनुपात अधिक होना चाहिए है। इसलिए, यह बच्चे के आहार में शामिल है या नहीं इस पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।
पानी को बच्चे के आहार में शामिल करना बेहद जरूरी है क्योंकि अधिकांश बच्चे उतना पानी नहीं पीते जितना उन्हें पीना चाहिए। दिन भर में आपके बच्चे को कम से कम एक लीटर पानी पीना चाहिए।
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है उसकी आयरन की जरूरत बहुत बढ़ जाती है। क्योंकि आयरन के प्राथमिक स्रोत, माँ के दूध पर अब उसकी निर्भरता धीरे-धीरे कम होने लगती है। सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को उसके खाने से प्रतिदिन 7 मिग्रा आयरन मिले।
हमें सोडियम प्रदान करने वाला प्रमुख खाद्य पदार्थ नमक है। हालांकि आम तौर पर खाने की अन्य चीजों से बच्चे की सोडियम की सामान्य आवश्यकता पूरी हो सकती है, लेकिन जिन घरों में नमक का कम उपयोग किया जाता है, उन्हें इस बात का अतिरिक्त ध्यान रखना चाहिए।
फाइबर लेने से बच्चे की पॉटी ठीक से होने और पाचन को सही बनाए रखने में मदद मिलती है। जिसका अर्थ है कि बच्चा वास्तव में तमाम न्यूट्रिएंट्स से मिलने वाले लाभ अच्छे से प्राप्त कर रहा है। आहार में फाइबर शामिल करने से शरीर के बाकी हिस्सों को भी बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है।
ये एनर्जी का सबसे बड़ा स्रोत होता है और यह आपके बच्चे के किसी भी खाने का मुख्य भाग भी होता हैं। कार्बोहाइड्रेट की आपूर्ति में कमी नहीं होनी चाहिए क्योंकि कई तरह की शारीरिक एक्टिविटीज इस पर निर्भर करती हैं।
जो परिवार शाकाहारी हैं उन्हें इस बात की चिंता हो सकती है कि वे अपने बच्चों को प्रोटीन की आवश्यक मात्रा कैसे प्रदान करें। जबकि मांस में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा प्रदान करने की बेहतरीन क्षमता होती, वहीं शाकाहारी खाने में भी कई सारे ऐसे विकल्प हैं जो अच्छा पोषण प्रदान करने की क्षमता रखते हैं।
आपके बच्चे की वृद्धि दर शायद उतनी तेज नहीं होगी जितनी कि उसके शुरुआती दिनों में हुआ करती था। बच्चे को प्रतिदिन लगभग एक किलो कैलोरी या उससे अधिक की जरूरत होती है, जो हर साल बीतने के साथ धीरे-धीरे बढ़ती जाती है।
बच्चों की शारीरिक एक्टिविटी और मेटाबोलिज्म के आधार पर, उनकी आवश्यकताएं पहले कुछ वर्षों के भीतर 1000 से 1400 कैलोरी की सीमा तक रहती हैं। इसलिए, उन्हें सही पोषण देने के लिए नाश्ते और खाने के विकल्पों को एक साथ बैलेंस करके देने की जरूरत है।
आपके बच्चे के लिए खाने की कुछ ऐसी खास चीजें हैं जो उसे जरूरी पोषण प्रदान करती हैं।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि छोटे बच्चे बड़ों की तरह मांस के बड़े टुकड़े नहीं खा सकते हैं। उनकी उम्र के लिए प्रोटीन की आवश्यकता बिना चर्बी वाले मांस, यानि नरम मछली, चिकन के छोटे टुकड़े जैसे विकल्पों को आप अपने बच्चे के खाने के लिए चुन सकती हैं। इस बात का खास खयाल रखें कि अपने बच्चे के आहार में समुद्री खाद्य को शामिल करते समय सावधानी बरतें।
जबकि अंडे आपके बच्चे को प्रोटीन और फैट देने के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन हैं, वहीं शाकाहारी लोगों के लिए फलियां और मेवे आदि एक अच्छा विकल्प होते हैं। आप बच्चे को साबुत मेवे न दें क्योंकि ये खाते वक्त गले में अटक भी सकते हैं। इसके बजाय मेवे डालकर बनाई गई डिशेस देने में कोई समस्या नहीं है।
इस उम्र के आसपास अधिकांश बच्चे सब्जियों का सेवन करना शुरू कर देते हैं । हालांकि कुछ भी चबाकर खाना अभी भी उनके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है इसलिए उन्हें नरम करने के लिए या तो उबाल लें या फिर भाप पर पकाएं। तली हुई सब्जियों से बचें और विभिन्न प्रकार के ऐसे विकल्प चुनें जिससे आपके बच्चे को वह स्वादिष्ट लग सके।
माता-पिता को फूड आइटम्स चुनते समय ऐसे ग्रेन्स को बच्चे के आहार में शामिल करना चाहिए जो छिलके सहित हों, ताकि वे बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतों की आसानी से पूरा कर सकें। ये विभिन्न किस्म की रोटियों, चावल और पास्ता में हो सकती है। दूसरी ओर, कृत्रिम मिलावट के बगैर एक्स्ट्रा न्यूट्रिएंट्स डालकर बनाया गया आहार एक बेहतर चुनाव है।
फल न केवल बच्चे को खाने की अन्य चीजों की तुलना में बेहतर टेस्ट देते हैं, बल्कि उनमें फाइबर की मौजूदगी बच्चे के डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर करने के साथ-साथ विभिन्न विटामिन बढ़ने में भी मदद करती है।
हालांकि आपका बच्चा बिस्कुट या टोस्ट के छोटे टुकड़ों को चबा सकता है, लेकिन इतनी कम उम्र से बहुत चीनी युक्त किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट देने से बचना चाहिए। बच्चे की खाने की इच्छा को पूरा करने के लिए भाप पर पकाई हुई सब्जियों का उपयोग करें।
15 महीने के बच्चे को फैट की आवश्यकता किसी और तत्व की तुलना में ज्यादा होती है। यह एक प्रकार से उनके लिए एनर्जी का स्रोत है जो उन्हें फुर्तीला बनाए रखता है। उन तेलों का इस्तेमाल न करें जिसमें नकली फैट का उपयोग किया गया हो न हो या फिर आप मक्खन का उपयोग कर सकती हैं।
इस उम्र में बच्चों के लिए खाने में प्रोटीन और कैल्शियम का संयोजन अत्यधिक आवश्यक होता है क्योंकि अब उनकी हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत होने की जरूरत होती है। आप अपने बच्चे के आहार में शुद्ध दूध और थोड़ा दही शामिल करें।
हालांकि अगर आपका बच्चा फलों के रस के बजाय सिर्फ फल खाए तो यह उसके लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगा, लेकिन फिर भी भिन्न प्रकार के रसों को उसके आहार में शामिल करने से यह उसके लिए लाभदायक हो सकता है किन्तु इसे केवल तब ही दें जब यह ताजा हो और अप्राकृतिक न हो।साथ ही यह भी ख्याल रखें कि बच्चे को पानी के विकल्प के रूप में जूस न दें।
शरीर की बनावट और परिवार की लाइफस्टाइल के कारण बच्चे में न्यूट्रिशन की कमी हो सकती है। इस तरह के परिदृश्य में मल्टीविटामिन देना चाहिए जो किसी भी आहार की कमी को पूरा कर सकता है।
15 महीने के बच्चों के लिए फूड चार्ट बनाना कोई आसान नहीं है। इसलिए नीचे दी गई टेबल की मदद लेकर आप अपने बच्चे के लिए होने का ऐसा ही एक शेड्यूल बना सकती हैं।
दिन | सुबह का नाश्ता करीब 8-9 बजे | दिन में 11 बजे करीब | दोपहर का खाना | शाम का नाश्ता करीब 4 बजे | रात का खाना |
सोमवार | सेब के साथ ओट्स का दलिया | तरबूज के टुकड़े | पनीर सैंडविच | संतरे की फांकें | पनीर पराठा |
मंगलवार | उपमा | सब्जियों के छोटे टुकड़े | हरी फलियों के साथ दाल चावल | दूध और कॉर्नफ्लेक्स | मसाला डोसा |
बुधवार | सादा डोसा | चीकू के टुकड़े | दही के साथ पुलाव | मिल्कशेक | पालक की खिचड़ी |
गुरुवार | शकरकंद की खीर | तले हुए आलू | नूडल्स युक्त चिकन सूप | स्ट्रॉबेरी शेक | मसूर की खिचड़ी |
शुक्रवार
| सूजी का दलिया | खीरे का सलाद | मछली चावल | दही | मूंग दाल करी |
शनिवार | अंकुरित मूंग दाल | स्ट्रॉबेरी के टुकड़े | आलू का पराठा | केले का मिल्क शेक | मिश्रित सब्जी का पराठा |
रविवार | इडली चटनी | केले के टुकड़े | चुकंदर का पराठा | स्मूदी | दाल पराठा |
सुनिश्चित करें कि बच्चा हर दिन कम से कम आधा कप दूध पिए।
अगर अपने 15 माह के बच्चे के लिए कुछ अलग डिशेस बनाने के बारे में विचार कर रही हैं तो, ये रेसिपीज आपके बहुत काम आने वाली हैं।
सबसे फायदेमंद आहार जो आप कभी भी और कहीं पर भी अपने बच्चे को खिला सकती हैं।
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बीमारी के वक्त जो वयस्कों के लिए बेहतरीन आहार होता है, वह छोटे बच्चों के लिए भी बेस्ट है, जो उन्हें बहुत अच्छा न्यूट्रिशन दे सकता है।
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आप हैरान हो गई होंगी, है ना? इस बेहतरीन डिश के टेस्ट से जब आपका बच्चा परिचित होगा तो उसे यह बेहद पसंद आएगा।
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वही रोज के बोरिंग नाश्तों के बजाय कुछ नया आजमाएं जिससे आपका बच्चा हरी पौष्टिक सब्जियों को खाने में रुचि ले और खुशी से खाए भी ।
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एक ही रंग की प्यूरी को देख कर बच्चे अक्सर ऊब जाते हैं, जैसे ही वे इस रंगीन प्यूरी को देखेंगे उनमें इसे खाने की इच्छा और बढ़ेगी।
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कुछ सरल युक्तियों को आजमा कर, आप अपने बच्चे के खाने के तरीके को उसके लिए आसान बना सकती हैं ।
आपके पास अपने नन्हे बच्चे को रात का खाना खिलाने के कई विकल्प हैं, ऐसे में, आने वाले हफ्तों में आप उसके खाने के तरीकों में भी बदलाव कर सकती हैं। अपने बच्चे के खाने के तरीके को संतुलित करने के लिए उसका निरीक्षण करें और यह जानने की कोशिश करें कि उसे क्या पसंद है और क्या नहीं।
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