आपका 19 सप्ताह का बच्चा – विकास, पड़ाव और देखभाल

19 सप्ताह का बच्चा: विकास, पड़ाव और देखभाल

जैसे आपका शिशु लगभग पाँच महीने या 19 सप्ताह का हो जाता है, उसका व्यक्तित्व निखरने लगता है और वह अपने आसपास के परिवेश के प्रति अधिक जागरूक हो जाता है। वह खाने, सोने और शौच के अलावा दिनभर में बहुत सारी चीजें करता है। निम्नलिखित लेख में हम आपको बताएंगे कि आप अपने 19 सप्ताह के शिशु से क्या अपेक्षा कर सकती हैं।

19 सप्ताह के बच्चे का विकास

१९ सप्ताह के शिशु का विकास

आप अपने बच्चे को जन्म के बाद से अब के पहले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ते हुए देखेंगी, क्योंकि पहले कुछ महीनों में बच्चों का विकास तेजी से होता है। आप अपने बच्चे में मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से तेजी से विकास होते हुए देखेंगी। सभी बच्चों का विकास अलग-अलग गति से होता है और यदि आप अपने बच्चे को अन्य बच्चों की तुलना में धीमी या तेज गति से विकसित होते देख रही हैं, तो चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।

19 सप्ताह के आसपास, आपके शिशु का वजन लगभग 14 से 15 पाउंड हो सकता हैं और उसकी लंबाई लगभग 24 से 25 इंच की हो सकती है। आपका शिशु बीते हुए हफ्तों की तुलना में अब अधिक सक्रिय हो जाएगा और अपने शरीर को हिलाने-डुलाने में सक्षम हो जाएगा।उसके हाथ और आँख के बीच अब पहले बेहतर समन्वय विकसित हो गया है, जिसके कारण वह अपने पैर की अँगुलियों को भी पकड़ने लगा है। वह अपने आसपास पड़ी वस्तुओं और खिलौनों को भी पकड़ सकता है और उन्हें अपने मुँह में डालने की कोशिश करेगा।

19 सप्ताह के शिशु की विकासात्मक उपलब्धियां 

यहाँ आपके 19 सप्ताह के शिशु के कुछ आम उपलब्धियों और पड़ावों के बारे में बताया गया है:

  • आपका शिशु लोगों को पहचानना शुरू कर देगा और यहाँ तक कि परिचित चेहरों या जिन्हें वह रोज देखता है, उन्हें देखकर मुस्कुराने लगेगा।
  • आपका शिशु अजनबियों के सामने चिड़चिड़ाने लगता है, या फिर रो भी सकता है। यह इंगित करता है, कि वह या तो परेशान हो रहा है या केवल उन लोगों के आसपास रहना चाहता है, जिनके साथ वह सहज महसूस करता है।
  • अगर आप गाती हैं, उसे कहानी सुनाती हैं या उसके सामने कोई भी धुन गुनगुनाती हैं, तो आपके बच्चे को इन सब से बहुत मजा आएगा। भले ही वह उसे समझ न सके, लेकिन इन सभी गतिविधियों से वह खुश होगा। आप अपने बच्चे के साथ लुका-छिपी का खेल भी खेल सकती हैं। आपका शिशु इस उम्र में ऐसी गतिविधियों और खेलों में शामिल होना पसंद करता है।
  • आपके शिशु की पैर की मांसपेशियाँ अब ज्यादा मजबूत हो रही हैं और जब आप उसके हाथ को पकड़ती हैं, तो आप देखेंगी कि वह खड़े होने का प्रयास करता है। इस चरण में उसके पैरों को मजबूत करने के लिए, मालिश करना या कुछ हल्के व्यायामों में उसे व्यस्त रखना उनके लिए अच्छा होगा।
  • हो सकता है कि इस समय आपका बच्चा कम समय के लिए सोता हो और ज्यादा समय जागने में और सक्रिय रहने में बिताए ।

जैसा कि इससे पहले भी चर्चा की गई है, ये सिर्फ कुछ पड़ाव हैं जिन्हें आपका शिशु इस समय तक पार कर सकता है। हालांकि, यदि आपके बच्चे में होने वाले समान विकास में कोई प्रगति नहीं दिख रही है, तो घबराएं नहीं। प्रत्येक शिशु अद्वितीय और अलग होता है और माता-पिता के रूप में, आपको इस बात को समझना चाहिए।

स्तनपान

इस उम्र में अधिकांश शिशु केवल माँ के दूध पर निर्भर रहते हैं, लेकिन कभी-कभी आप अपने शिशु को दूध पिलाने के वक्त चिड़चिड़ाता हुआ पाएंगी। हालांकि कभी-कभी यह स्तन के दूध की कमी के कारण होता भी होता है, अधिकतर यह विकास संबंधी परिवर्तनों के कारण होता है, जिससे आपका शिशु इस समय गुजर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपका शिशु अपने आसपास के वातावरण के बारे में अधिक जागरूक हो गया है और नई चीजों को देखकर आसानी से विचलित हो जाता है, इसलिए वह झुंझलाने लगता और चिड़चिड़ापन दिखाने लगता है। इस तरह का व्यवहार आपको शिशु में रात की तुलना में दिन के समय दूध पिलाते वक्त ज्यादा देखने को मिल सकता है। आपका शिशु दूध पीने की इच्छा जाहिर करता है, लेकिन दूध पिलाए जाने पर वह परेशान और चिड़चिड़ा होने लगता है। आपके बच्चे के इस व्यवहार का यह मतलब नहीं है कि आपके दूध की आपूर्ति कम हो गई है और आपको फार्मूला दूध या ठोस खाद्य पदार्थ शुरू करने की जरूरत है। आपका शिशु वृद्धि और विकास प्रक्रिया से असहज महसूस कर सकता है और इसको स्वीकार करने में उसे थोड़ा समय लग सकता है।

दूध पिलाते समय, पहले तो बच्चे को शांत करें और सुनिश्चित करें कि शिशु के आसपास उसका ध्यान आकर्षित करने वाली कोई चीज न हो। आरामदायक वातावरण बनाए और उसे दूध पिलाने की कोशिश करें। हालांकि यह चरण माँ के लिए भी बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन अच्छी बात है कि ऐसा हमेशा नहीं रहने वाला यह जल्द ही खत्म हो जाएगा। धैर्य रखें और जब आपका बच्चा दूध पीने की इच्छा जाहिर करे तभी उसे दूध पिलाएं । आपका शिशु दिन में स्तनपान करने की तुलना में रात में स्तनपान करना अधिक पसंद कर सकता है और इसके कारण आपके स्तनों में बहुत भारीपन महसूस हो सकता है। भारीपन को कम करने के लिए आप हाथ या पंप की मदद से अतिरिक्त दूध निकालने की कोशिश कर सकती हैं।

नींद 

अनिश्चित समय में स्तनपान आपके शिशु के सोने के समय को भी प्रभावित कर सकता है। मस्तिष्क के विकास का चरण आपके शिशु के सोने के समय को प्रभावित कर सकता है और हो सकता है कि यह कुछ और महीनों तक जारी रहे। आप अपने शिशु के साथ बिस्तर पर लेट कर उन्हें हल्की-हल्की थपकी दें ताकि उन्हें नींद आ सके। क्योंकि आपका शिशु रात को कई बार स्तनपान करने की मांग कर सकता है, अपने शिशु के साथ सोने से आप उसे आसानी से दूध पिला सकेंगी। बोतल से दूध पीने वाले बच्चे भी रात में कई बार जाग सकते हैं। यह भूख के कारण नहीं बल्कि इस उम्र में शिशु को होने वाली बेचैनी के कारण होता है। अब आपको बच्चे को सुलाने के लिए नए तरीके खोजने होंगे। आप अपने शिशु को शांत करने के लिए बच्चे को चुसनी दे सकती हैं।

हालांकि, आपको चूसनी का सीमित उपयोग करना चाहिए और केवल तभी उपयोग करें जब सबसे ज्यादा आवश्यकता हो। कुछ अतिरिक्त तकियों का सहारा लेकर आप रात के समय स्तनपान को अपने और शिशु के लिए आरामदायक बना सकती हैं। उपर्युक्त टिप्स आपके 19 सप्ताह के शिशु को बेहतर तरीके से सोने में मदद कर सकती हैं।

19 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के टिप्स

आप अपने 19 सप्ताह के बच्चे की देखभाल करने के लिए निम्न सुझावों को प्रयोग कर सकती हैं:

  • आप अपने शिशु के आसपास कुछ तकिए रखकर उसे बैठने में मदद करें । उसके सामने एक खिलौना रखें और उसे उसके साथ खेलने दें।
  • आप अपने बच्चे के दोनों हाथों में एक-एक खिलौना दे सकती हैं। इस प्रकार वह एक हाथ से दूसरे हाथ में खिलौना लेना सीखेगा।
  • बच्चे को हर रोज कुछ समय के लिए पेट बल लिटाएं। अपने शिशु के करीब एक खिलौना रखें, लेकिन ज्यादा पास भी न रखें। वह खुद खिलौने की तरफ बढ़ेगा और उन्हें पकड़ने की कोशिश करेगा।
  • अपने बच्चे को ऊपर-नीचे और इधर उधर झुलाएं। यह आपके बच्चे को संतुलन की समझ बढ़ाने में मदद करता है।
  • बच्चा अभी खुद से खड़ा नहीं हो सकता है, लेकिन आप उन्हें अपने हाथों का सहारा देते हुए उन्हें छोटे-छोटे कदम लेने में मदद कर सकती हैं।
  • उसे चमकीले और रंगीन खिलौने दें और जब खिलौने कुछ आवाज करते हैं, हिलते-डुलते हैं या नीचे गिरते हैं तब आप उसे खुशी से किलकारते हुए देख सकते हैं।

जाँच और टीकाकरण

आपका चिकित्सक आपके शिशु के टीकाकरण की समय-सारणी आपको दे सकते हैं। ये टीकाकरण आपके शिशु को घातक संक्रमण और बीमारियों से बचाते हैं। लगभग 19 सप्ताह की आयु में आपके शिशु को दिए जाने वाले टीकों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • डी.टी.ए.पी
  • हेपेटाइटिस बी
  • एच.आई.बी
  • न्यूमोकोक्कल
  • पोलियो
  • रोटावायरस

अपने शिशु के टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।

खेल और गतिविधियां

आपके शिशु को खेल खेलना और माता-पिता के साथ विभिन्न गतिविधियों में शामिल होना पसंद होता है। अपने शिशु के साथ खेलना न केवल यह उनके लिए एक गतिविधि के रूप में है, बल्कि यह आपके शिशु को विभिन्न कौशल विकसित करने में भी मदद करता है। आप अपने शिशु के लिए एक ‘प्ले जिम’ खरीद सकती हैं और वह उन रंगीन झूलने वाली चीजों के साथ खेलना पसंद करते हैं। आप अपने शिशु के पालने में भी खिलौने बाँध सकती हैं और आप देखेंगी की वह उत्सुक हो कर उन्हें अपनी ओर खींचने की कोशिश करेंगे। आप उन्हें हँसाने के लिए विभिन्न गतिविधियां जैसे कि लुका-छिपी, झूला झुलाना, उसके लिए गाना आदि अन्य कई खेल में शामिल कर सकती हैं। जब आप बच्चे के साथ विभिन्न खेल खेलती हैं, तो उनके बदलते भाव देखने लायक होते हैं ।

चिकित्सक से परामर्श कब करें

आपका शिशु, विकास के दौरन थोड़ा परेशान और चिड़चिड़ा हो सकता है, जो बच्चों में काफी आम है और यह समय के साथ खत्म हो जाएगा। हालांकि, अगर आपको लगता है की आपके शिशु का वजन नहीं बढ़ रहा है, वो ठीक से नहीं खा रहा है, या ठीक से सो नहीं रहा है, तो आप उसके लिए अपने चिकित्सक से सलाह ले सकती हैं। इसी के साथ यदि आपको लगता है कि आपका इस उम्र के आम पड़ाव प्राप्त नहीं कर रहा है, जैसे कि सहारे के साथ बैठ पाना, लुढ़कना और अपने हाथों से चीजों को मजबूती से पकड़ना आदि, तो आपको उस संबंध में चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए।

प्रत्येक शिशु की वृद्धि, और विकास के संकेत अलग-अलग होते हैं, लेकिन यदि आप अपने शिशु में किसी भी विकास संबंधी समस्या को देखती हैं, तो आपको उसके लिए अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

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