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जब बच्चों के लिए हेल्दी फूड की बात आती है, तो हम इस बात को लेकर बहुत सतर्क रहते हैं कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं। हम हमेशा अपने बच्चे में खाने-पीने की अच्छी आदतें डेवलप करने की कोशिश करते हैं। लेकिन सही खानपान के साथ-साथ सही ड्रिंक भी जरूरी है। ऐसी बहुत सारी ड्रिंक्स हैं, जो हम अपने बच्चों को देते हैं, इस बात से अनजान होकर वो उन्हें किस हद नुकसान पहुँचा सकती हैं, इसलिए यहाँ हम आपको उन ड्रिंक्स के बारे में बताएंगे, जिन्हें आपको अपने बेबी को देने से बचना चाहिए, क्योंकि भले ही वे टेम्पटिंग हो या फिर कभी-कभी ट्रेडिशनल हों लेकिन बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं!
अगर आपका बच्चा सॉलिड या सेमी सॉलिड फूड खाना शुरू कर चुका है, तो आप उसे उसके पसंदीदा पेय दूध के अलावा दूसरे फ्लूइड देना भी चाहेंगी! लेकिन ऐसा करते समय, एक बात याद रखें कि कहीं आप बच्चे को ऐसी खतरनाक ड्रिंक न दें, जो उसके लिए हेल्थ प्रॉब्लम का कारण बन सकती है:
इससे पहले कि आप चौंक जाएं और इस बात को मानने से इंकार करें, तो हम आपको फैक्ट बताते हैं, जी हाँ पानी नुकसानदायक है लेकिन उन बच्चों के लिए जो 6 महीने से कम के हैं। इस समय उन्हें सिर्फ दूध की जरूरत होती है, उन्हें या तो ब्रेस्टमिल्क या फॉर्मूला मिल्क ही देना चाहिए। यदि कोई बच्चा बहुत ज्यादा पानी पीता है, तो उसमें वाटर इंटॉक्सिकेशन की समस्या पैदा हो सकती है। यहाँ, पानी शरीर में सोडियम को पतला करता है, जिससे इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ जाता है। इससे टिश्यू में सूजन हो सकती है और बच्चे को दौरे भी पड़ सकते हैं!
याद रखें कि आपके बेबी के बड़े होने के बाद, उसे पानी के बदले कुछ और नहीं दिया जा सकता है, चाहे बच्चे को कितना भी दूध या जूस पीना पसंद हो। पानी हाइड्रेशन का सबसे अच्छा स्रोत होता है, क्योंकि यह कैलोरी फ्री हैऔर प्यास बुझाने के लिए एक कम फ्लेवर वाले व बिना चीनी वाले पेय को पीने की अच्छी आदत डालता है।
फ्रूट जूस में चीनी की मात्रा अधिक होती है और फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है। बच्चों को एक्स्ट्रा शुगर की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन उन्हें फाइबर की आवश्यकता होती है। बच्चे को जूस देने के बजाय फल खिलाना ज्यादा बेहतर ऑप्शन होता है। हाँ, आप कभी-कभार अपने बच्चे को घर पर बने फलों का जूस पिला सकती हैं।
हेल्थ टिप: फ्रूट जूस के साथ सब्जियां और पानी भी मिलाएं और इसे जूसर के बजाय ब्लेंडर में डालकर ब्लेंड करें। यह जूस में फाइबर को बनाए रखने में मदद करेगा!
सॉफ्ट ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक में चीनी की मात्रा अधिक होती है और न्यूट्रिएंट्स बिल्कुल भी नहीं होते हैं। ये बच्चों के लिए अच्छे नहीं होते हैं और उन्हें इससे बचना चाहिए क्योंकि ये दूसरे हेल्दी ड्रिंक और खाद्य पदार्थों की जगह लेते हैं जो बच्चे के लिए पौष्टिक होते हैं। सॉफ्ट ड्रिंक पीने से दांतों में सड़न हो सकती है और वजन भी बढ़ सकता है।
फ्लेवर्ड मिल्क में भी चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। बच्चों को हमेशा सादा दूध देना चाहिए, ताकि उनमें अच्छी ईटिंग हैबिट डेवलप हो और वे बहुत ज्यादा फ्लेवर्ड मिल्क के शौकीन न हो जाएं। उन्हें हेल्दी ड्रिंक का आनंद लेने दें ,ये उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि बच्चे का हेल्दी फूड लेना होता है, इसलिए कम उम्र से ही आप बच्चे को आर्टिफिशियल फ्लेवर वाली चीजों से दूर रखें।
बच्चों को कैफीनयुक्त ड्रिंक देने के लिए खासतौर पर मना किया जाता है जो बच्चे के लिए मार्केट में चाय या कॉफी के रूप में उपलब्ध हैं। कुछ माएं कभी-कभी बच्चे का दूध गर्म करने के लिए उसकी बोतल में चाय मिला देती हैं। लेकिन चाय में मौजूद टैनिन आपके बच्चे को इस उम्र में एक बहुत ही जरूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे आयरन को भोजन में अब्सॉर्ब करने से रोकता है।
शहद वैसे तो बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन 1 साल से कम उम्र वाले बच्चों को इसे देने से मना किया जाता है, क्योंकि इससे रेयर टाइप की फूड पॉइजनिंग होने का खतरा होता है जिसे इन्फेंट बॉटुलिज्म कहा जाता है। आपको अपने बच्चे के लिए ऐसे किसी भी पेय (या यहाँ तक कि खाद्य पदार्थ) से पूरी तरह बचना चाहिए, जिसमें शहद का उपयोग किया गया हो। बच्चे को एक साल का होने के बाद, आप उसे शहद दे सकती हैं, बिना किसी चिंता के।
अब जब आपको पता चल गया है कि बच्चे के लिए अनहेल्दी ड्रिंक कौन-कौन सी होती हैं, तो आप उनके लिए हेल्दी ड्रिंक कैसे चुनें? एक हेल्दी पेय भोजन के साथ-साथ एक्स्ट्रा न्यूट्रिएंट्स जोड़ कर बच्चे की डाइट को पूरा करता है। तरल पदार्थ बच्चे को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं जो उसकी हेल्दी ग्रोथ के लिए भी बहुत जरूरी है। यहाँ आपको उन पेय पदार्थों की लिस्ट दी गई है जो बच्चों को उनकी आयु के अनुसार दिए जाने के लिए उपयुक्त हैं।
छह महीने से कम उम्र के बच्चों को केवल माँ का दूध या फॉर्मूला ही पिलाना चाहिए। बच्चे को जन्म के छह महीने तक यही एकमात्र भोजन दिया जाता है। फॉर्मूला दूध पीने वाले बच्चों को दिन में 3-4 बार थोड़ा सा पानी पिला सकते हैं, लेकिन पहले डॉक्टर की सलाह ले लें, क्योंकि कुछ बच्चों को फॉर्मूला मिल्क पीने की वजह से कब्ज हो जाता और उनमें डाइजेस्टिव प्रॉब्लम होने लगती हैं, इसलिए उन्हें थोड़ी मात्रा में पानी दिया जाता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद।
6 महीने के बाद भी माँ का दूध और फॉर्मूला मिल्क देना जारी रखना चाहिए। लेकिन 6 महीने के बाद आप बच्चे को दूध के साथ उबला और सादा पानी दे सकती हैं। यह बच्चे को एक्स्ट्रा फ्लूइड देता है, जो डिहाइड्रेशन होने से रोकता है और पाचन बेहतर करता है, बच्चे 6 महीने के बाद सॉलिड फूड खाना शुरू कर देते हैं, इसलिए उनके लिए अब पानी पीना जरूरी हो जाता है। माँ के दूध, पानी और फॉर्मूला के अलावा कोई भी दूसरी ड्रिंक बारह महीने से पहले बच्चे को नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि यह बच्चे को पर्याप्त मात्रा में ब्रेस्टफीड करने से रोक सकता है।
बारह महीने के बाद, बच्चों को फुल फैट वाला गाय का दूध दिया जा सकता है। इससे बच्चे को विटामिन मिलता है जो फैट सॉल्युबल होता है और केवल फुल फैट वाले दूध में ही मौजूद होते हैं। वैकल्पिक रूप से, नीचे दी गई चीजों को भी बेबी को दिया जा सकता है:
आपको यह समझना है कि दूध और पानी आपके बच्चे के लिए हेल्दी फ्लूइड ऑप्शन में से एक है, बस यह उसकी उम्र के आधार पर निर्भर करता है। सही समय आने पर बच्चे को ये पेय पदार्थ पीने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि बड़ा होकर वह खाने-पीने की चीजों को लेकर ज्यादा नखरे न करे!
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