इस उम्र में बच्चा थोड़ा आत्मनिर्भर होने लगेगा यानी वह खुद से घुटनों के बल चलकर अपने फेवरेट गेम को पहचानने और उठाने में सक्षम होने लगेगा। वह अपने आसपास की चीजों को नियंत्रित करना और साथ ही उन्हें एन्जॉय भी करने लगेगा।
जैसे ही बच्चा इधर-उधर चढ़ना और क्रॉल करना शुरू करता है टॉयज को अलग-अलग जगहों पर रखकर बच्चे को मूव करने और खिलौने तक पहुँचने के लिए प्रेरित करें। इस तरह से बच्चे को उत्सुक करें, उसे चैलेंज करें और खेलते समय एक्टिव रखें। उसके एक अलग व्यक्तित्व का विकास होने के साथ यहाँ पर 7 महीने के बच्चे के लिए कुछ खिलौनों के बारे में बताया गया है जिससे उसके कॉग्निटिव विकास में मदद मिलती है।
शेप सॉर्टर टॉयज
शेप सॉर्टर टॉयज बच्चे में फाइन मोटर स्किल्स डेवलप करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इससे न सिर्फ बच्चे को विभिन्न शेप के बारे में पता लगता है बल्कि वह 3 डायमेंशन शेप के अनुसार फिटिंग होल्स को भी ध्यान रखता है।
1. स्किल डेवलपमेंट
- सही ब्लॉक को उचित छेद में डालने से बच्चे में आत्म-सम्मान बढ़ता है।
- यदि बच्चा स्क्वायर ब्लॉक को ट्राएंगल शेप के छेद में डालता है तो इससे बच्चे को दिमाग से चीजें सॉल्व करने में मदद मिलेगी और वह समस्याओं को आसानी से ठीक करने में सक्षम होगा।
- बच्चा अलग-अलग नंबर के साइड्स के ब्लॉक्स को समझने लगता है इसलिए वह अलग-अलग शेप्स को बना भी पाएगा। इससे बच्चे के हाथों व आंखों के कोआर्डिनेशन में सुधार होगा।
2. रेकमेंडेड टॉयज
एक्शन/रिएक्शन टॉयज
7 महीने का बच्चा कुछ न कुछ नया ढूंढने की कोशिश करता है जिससे वह अपनी क्रिएटिविटी का उपयोग भी करता है। इस उम्र के बच्चे अलग-अलग आवाजों की ओर अपने आप आकर्षित होते हैं और उस पर प्रतिक्रिया देते हैं। बच्चे को आवाज और लीग व अलग-अलग रंग के बटन वाले खिलौने पसंद आते हैं।
1. स्किल डेवलपमेंट
- इन टॉयज से बच्चे में कॉग्निटिव डेवलपमेंट होता है।
- यदि एक खिलौना धीरे-धीरे मूव करता है तो इससे बच्चे को क्रॉल करने में मदद मिलती है और उसमें मोटर स्किल्स का विकास होता है।
2. रेकमेंडेड टॉयज
- बिल्डिंग ब्लॉक्स
- बटन दबाने पर लाइट जलने व आवाज होने वाले टॉयज, जैसे फोन
- स्क्वीकी टॉयज
सॉफ्ट स्टफ्ड टॉयज
ये खिलौने बच्चे के फेवरेट होते हैं क्योंकि वे इसे हग कर सके हैं। इन टॉयज के साथ बच्चे सुरक्षित रहते हैं। इससे चबाने, स्क्वीज करने या फेकने पर कोई भी हानि नहीं होगी।
1. स्किल डेवलपमेंट
- इन टॉयज से बच्चा चीजों को पकड़ना सीखता है।
- कई प्रकार के टॉयज में से एक को चुनने पर बच्चा सॉफ्ट टॉयज, उसके टेक्सचर, शेप और वजन के बारे में जानने लगता है।
- बच्चा किसी एक खिलौने से खेल सकता है, उसे लेकर घूम सकता है और उसके साथ सो भी सकता है। यह बच्चे में अटैचमेंट का संकेत है जिससे सोशल और इमोशनल डेवलपमेंट होता है।
- एक सॉफ्ट टॉय आपके बच्चे का बेस्ट फ्रेंड हो सकता है और थकान होने या कोई बदलाव होने की स्थिति में उसे साथ देता है। बच्चा सॉफ्ट टॉयज के प्रति प्यार महसूस कर सकता है।
2. रेकमेंडेड टॉयज
नॉइज और फ्लैशी टॉयज
बच्चा यह खिलौना देखकर आकर्षित होगा क्योंकि यह मूव करता है, इससे लाइट निकलती है और आवाज भी आती है। बच्चे को म्यूजिक और डांस इंट्रोड्यूस कराने का यह सबसे बेहतरीन तरीका है।
1. स्किल डेवलपमेंट
- बच्चा म्यूजिक को सुनकर उछलने लगता है जिससे उसमें मोटर स्किल्स का विकास होता है।
- इस खिलौने में कई बटन होते हैं जिसे दबाने पर बच्चे को अलग-अलग आवाजें सुनने को मिलती हैं।
2. रेकमेंडेड टॉयज
- कई बटन वाले टॉयज जिसे दबाने पर लाइट जलती है, आवाज आती है आदी।
- रैटल और बेल वाले टॉयज
- स्क्वीकी टॉयज
बिल्डिंग ब्लॉक्स
इन खिलौनों से बच्चा एक्टिव और क्रिएटिव रहता है।
1. स्किल डेवलपमेंट
- बिल्डिंग के अलग-अलग स्ट्रक्चर से बच्चे में क्रिएटिविटी और कॉग्निटिव स्किल्स का विकास होता है।
- मोटर स्किल्स का विकास होता है, जैसे उठाना, रखना आदि
2. रेकमेंडेड टॉयज
पुश टॉयज
इन खिलौनों के साथ बच्चा सिर्फ एन्जॉय ही नहीं करेगा बल्कि इससे शारीरिक विकास में भी मदद मिलेगी।
1. स्किल डेवलपमेंट
- मोटर स्किल्स में सुधार होता है।
- हाथ और आंखों में कोआर्डिनेशन बनता है।
- बच्चे को चलने में मदद मिलती है।
2. रेकमेंडेड टॉयज
- बेबी वॉकर
- पहिए वाले खिलौने, जैसे कार, वैगन आदि
- आसानी से रोल होने वाले टॉयज, जैसे बॉल
मूविंग और रोलिंग टॉयज
बच्चे के दिमाग की एक्सरसाइज कराने के अलावा उसके शरीर की एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है।
1. स्किल डेवेलपमेंट
- मोटर स्किल्स में कोआर्डिनेशन होता है।
- हाथों व आंख में कोआर्डिनेशन बनता है।
- फ्लेक्सिबिलिटी और तेजी बढ़ती है।
2. रेकमेंडेड टॉयज
- बेबी वॉकर
- बॉल्स विद बेल
- वॉकर वैगन
रोल प्लेइंग टॉयज
इन खिलौनों से बच्चे को विभिन्न एक्शन और रोल समझ में आते हैं।
1. स्किल डेवलपमेंट
- बच्चा आसपास की चीजों को समझता है और बड़ों की तरह चीजें ऑपरेट करना सीखता है।
- बच्चे की कम्युनिकेशन स्किल्स बढ़ती है।
2. रेकमेंडेड टॉयज
बाथ टॉयज
कभी-कभी बच्चे नहाने के समय को एन्जॉय नहीं करते हैं। टब में रबर के कुछ खिलौने या बाथ टॉयज डालने से यह एक फन एक्टिविटी बन सकती है।
1. स्किल डेवेलपमेंट
- बच्चा जानेगा कि टॉयज पानी में कैसे तैरते हैं।
- वो यह भी सीखेगा कि भारी टॉयज पानी में डालने से डूब भी जाते हैं।
2. रेकमेंडेड टॉयज
- रबर डक्स
- नाव या जहाज का खिलौना
- समुद्री जीव, जैसे डॉल्फिन, व्हेल्स
बुक्स और पजल्स
बुक्स और पजल सीखने के बेहतरीन टूल्स हैं जिससे बच्चे में कॉग्निटिव विकास होता है।
1. स्किल डेवलपमेंट
- समस्याओं का समाधान निकालना
- हाथों व आंखों का कोआर्डिनेशन
- मेमोरी का विकास
- फाइन मोटर स्किल्स का विकास
2. रेकमेंडेड टॉयज
- बड़े टुकड़ों वाला पजल
- बिल्डिंग ब्लॉक्स
- छोटी बटन वाली किताब जिसमें विषय के अनुसार आवाजें निकलती हैं।
घर की चीजें
बच्चे रोजाना की चीजों से खेलना बहुत पसंद करते हैं। वे किसी भी चीज को अपना खिलौना बना लेते हैं। बच्चे अक्सर घरेलू चीजों के साथ भी बहुत खुश व व्यस्त रहते हैं।
1. स्किल डेवलपमेंट
- मोटर स्किल्स में सुधार होता है – बच्चा चीजों की तरफ क्रॉल करता है।
- बच्चा खेलते समय विभिन्न चीजों के नाम जानेगा।
2. रेकमेंडेड टॉयज
- बेबी वाइप कंटेनर: कंटेनर में एक स्कार्फ रखें और बच्चे से कहें कि वह उसे खींच कर ले जाए।
- बास्केट – बच्चे से कहें कि वह अपने खिलौने बास्केट में रखे। इससे बच्चे के हाथ व आंखों में कोआर्डिनेशन बनेगा।
- इसमें विभिन्न साइज और रंगों की बॉल डालें ताकि बच्चा उसे उठा सके और दूसरे कटोरे में डाल सके।
बॉल्स
यह बहुत सरल और बेहतरीन खिलौना है जो बाउंस होकर आगे तक जाता है और इसे फेंकना या किक करना आसान है। इससे बच्चे को छोटी उम्र से ही बहुत फायदे मिलने में मदद मिलती है।
1. स्किल्स डेवलपमेंट
- बॉल के लिए क्रॉल करते समय बच्चे में मोटर स्किल्स का सुधार होता है।
- बॉल बाउंस करने व रोल करने से बच्चे में हाथ और आंखों के कोआर्डिनेशन का भी विकास होता है।
2. रेकमेंडेड टॉयज
- रैटल या लाइट वाली सॉफ्ट बॉल
- लाइट वाली रबर की बड़ी बॉल
- प्लास्टिक की हॉलो बॉल
हैंडल और मैनिपुलेट करने के लिए टॉयज
ऐसे खिलौने जिनसे खेलते समय बच्चा क्रिएटिव होता है और उसकी कम्युनिकेशन व इमेजिनेशन भी बढ़ती है। ऐसे टॉयज ब्राइट, रंग-बिरंगे और अलग-अलग टेक्सचर के होते हैं।
1. स्किल डेवलपमेंट
- बच्चा विभिन्न शेप्स और रंगों के बारे में जानेगा जिससे उसमें कॉग्निटिव विकास होगा।
- बच्चा टॉयज को नियंत्रित कर सकेगा, जैसे गुड़िया के बाल बनाना।
2. रेकमेंडेड टॉयज
- बड़े रंग-बिरंगे टुकड़ों वाला पजल
- टॉय टी सेट
- कलरफुल रिंग टॉय
खिलौनों में लगे उम्र के लेबल का क्या मतलब है
पेरेंट्स के लिए बच्चों के खिलौने चुनना चैलेंजिंग होता है। चुनने के लिए बहुत सारे टॉयज हैं पर क्या वे खिलौने बच्चे के लिए सही, सेफ और उचित होंगे? खिलौनों में लगा उम्र का लेबल पेरेंट्स की जानकारी के लिए होता है। इसकी मदद से ज्यादातर पेरेंट्स अपने बेबी के लिए उसके विकास के अनुसार ही टॉयज खरीदते हैं। टॉयज में लगे लेबल पर निम्नलिखित चीजें लिखी होती हैं जो इसे काफी महत्वपूर्ण बनाती हैं, आइए जानें;
- यह बताता है कि आपके बच्चे के लिए खिलौना कितना सुरक्षित है।
- ये टॉयज टेस्टिंग के लिए जाते हैं जहाँ पर सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी खिलौना टॉक्सिक मटेरियल से नहीं बना है।
- इससे पता लगता है कि खिलौना जल्दी नहीं टूटेगा।
- इसमें चोकिंग से संबंधित कोई भी खतरा नहीं है।
- बच्चों के विकास से संबंधित संपूर्ण ज्ञान।
- इससे पता चलता है कि एक विशेष उम्र में इस प्रकार का खिलौना कितना लोकप्रिय है।
- उम्र के आधार पर कुछ खिलौने 7 महीने के बच्चे के लिए एजुकेशनल टॉयज भी प्रमाणित हुए हैं।
छोटे बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स
- इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे के लिए उसकी उम्र के अनुसार डेवलपमेंट और इंट्रेस्ट के आधार पर खिलौने चुनें।
- हमेशा ऐसे टॉयज खरीदें जिन्हें आसानी से साफ जा सकता है क्योंकि बच्चे अक्सर खिलौनों या अन्य चीजों को मुंह में डालते हैं।
- खिलौने में लगा कोई भी प्लास्टिक रैपर निकाल कर फेंक दें क्योंकि इससे घुटन का खतरा हो सकता है।
- चेक करें कि खिलौने के किनारे नुकीले न हों और सॉफ्ट टॉयज में मेटल का तार भी नहीं होना चाहिए।
- टूटे हुए खिलौने को तुरंत अलग कर दें ताकि बच्चे को चोट न लगे।
- एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए हल्के, सॉफ्ट, रंग बिरंगे और नॉन-टॉक्सिक मटेरियल से बने टॉयज खरीदें।
- बड़े बच्चों से कहें कि वे अपने खिलौने छोटे बच्चों से दूर रखें, विशेषकर यदि उनके खिलौनों में छोटे-छोटे पार्ट्स भी हैं।
- बच्चे को नहलाते समय टॉयज के साथ अकेला न छोड़ें क्योंकि यदि ध्यान नहीं रखा गया तो खेलते हुए बच्चे के डूबने का खतरा हो सकता है।
खेलते समय सीखने में बच्चे की कैसे मदद करें
इस उम्र में बच्चा जेस्चर से कम्यूनिकेट करने लगता है, जैसे सिर हिलाकर, उंगली दिखा कर और हाथ हिला कर। चूंकि इस उम्र में बच्चा घुटनों के बल रेंगने लगता है इसलिए वह काफी चीजें सीखता है। क्रॉलिंग के अलावा बच्चा खुद से सीधे बैठने लगता है और फर्नीचर के सहारे खड़ा भी होने लगता है। बच्चे के लिए सीखने का अनुभव बढ़ाने में मदद करने के लिए आप निम्नलिखित चीजें कर सकती हैं, आइए जानें;
- बच्चे के लिए कलरफुल और इंट्रेस्टिंग तस्वीरों वाली किताबें पढ़ें। आप किताब पर बनी उन चीजों पर उंगली रखें जो बच्चा रोजाना देखता है।
- बच्चे को एक्शन सांग्स सिखाएं, जैसे इट्सी बिटसी स्पाइडर या ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार।
- बच्चे को घर में उसकी पहुँच तक रखी चीजों को पकड़ने व महसूस करने दें।
- अपने बेबी को पार्क में वॉक पर ले जाएं और उसे अलग-अलग चीजों की ओर इशारा करके दिखाएं ताकि वह शब्द और पिक्चर से कनेक्ट कर सके।
- बच्चे की आवाज पर प्रतिक्रया देकर करके उससे बात करें।
- बच्चे को अलग-अलग टेक्सचर के फूड आइटम्स भी खिलाएं।
7 महीने के बच्चे के लिए बेस्ट टॉयज कैसे चुनें
7 महीने की उम्र का बच्चा एक जगह पर नहीं बैठता है। वह सभी जगहों पर घूमना और उन्हें महसूस करना चाहता है। शुरुआती दिनों में बच्चा हर जगह पर घूमता है, समझता है और एक्सपेरिमेंट करता है। बच्चे के लिए सही प्रकार का खिलौना चुनने से पहले बहुत कुछ सोचने की जरूरत है क्योंकि इन खिलौनों से बच्चे में डेवलपमेंट होता है। यहाँ पर बच्चे के लिए कुछ खिलौने बताए गए हैं, आइए जानें;
- टीदर जैसे टॉयज परफेक्ट होते हैं क्योंकि इस समय बच्चे के पहले दांत आना बाकी होता है।
- ऐसे खिलौने खरीदें जो बच्चे को तब तक व्यस्त रखें जब तक आप अपना काम न कर लें।
- फ्लोटिंग, स्क्वरटिंग और स्क्वीकी खिलौनों से बच्चे के नहाने का समय बेहतरीन हो जाता है। चूंकि बच्चा खिलौनों को उठाने का प्रयास करता है इसलिए उसमें मोटर स्किल्स का विकास होता है।
- ऐसे टॉयज खरीदें जो बच्चे को मानसिक रूप से चैलेंज करें पर उसे चिड़चिड़ा न बनाएं।
- बच्चे की उम्र के अनुसार अच्छी कंपनी का खिलौना खरीदें जो काफी समय तक चलता है।
बच्चे को सिखाना, उत्साहित और क्रिएटिव बनाए रखना बहुत जरूरी है। अब बच्चा शारीरिक रूप से आसपास की चीजों को समझेगा। बच्चे को इन बेहतरीन तरीकों से व्यस्त रखने से बच्चे में मानसिक व शारीरिक विकास होते हैं।
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