गर्भावस्था

एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म – कारण और उपचार

गर्भ में शिशु एमनियोटिक फ्लूइड नामक एक सुरक्षात्मक तरल पदार्थ से घिरा होता है। यह तरल पदार्थ शिशु के लिए न केवल एक कुशन की तरह काम करता है, बल्कि जरूरी पोषक तत्वों को बच्चे तक पहुंचने में भी मदद करता है। लेकिन अगर यह तरल पदार्थ किसी अन्य फीटल मटेरियल के साथ मां के खून में लीक हो जाता है, तो इससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म। 

एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म क्या है?

जब एमनियोटिक फ्लूइड, फीटल सेल्स या कोई अन्य फीटल मटेरियल मां के खून में लीक हो जाते हैं, तो इसके कारण एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म हो सकता है। आमतौर पर डिलीवरी के दौरान या डिलीवरी के बाद यह देखा जाता है। ऐसी स्थिति में तुरंत मेडिकल उपचार की जरूरत होती है, वरना इससे कई तरह की जटिलताएं हो सकती हैं, जिनसे मां की जान को खतरा हो सकता है। 

एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म के कारण

वैसे तो एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म के सटीक कारण की जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है, कि इसके पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

  • रप्चर्ड मेंब्रेन
  • गर्भाशय से मां के नसों की ओर प्रेशर ग्रेडियंट
  • प्रेगनेंसी के दौरान पेट पर आघात
  • गर्भाशय या सर्विक्स में नसों का रप्चर हो जाना

एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म के लक्षण

एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं और ये अचानक और तेज गति से बढ़ते हैं। इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हैं: 

  • पलमोनरी एडिमा या फेफड़ों में अत्यधिक तरल पदार्थ का इकट्ठा हो जाना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • ब्लड प्रेशर में गिरावट
  • खून को पंप करने में हृदय का अचानक अक्षम हो जाना (कार्डियोवैस्कुलर कोलैप्स)
  • डिसेमिनेटेड इंट्रावैस्कुलर कुगुलोपैथी या खून के थक्के बनने में समस्याएं
  • ठंड लगना
  • सीजर (दौरे)
  • एंग्जायटी
  • गर्भस्थ शिशु के हार्ट रेट में गिरावट या फीटल डिस्ट्रेस
  • मां की हृदय गति बढ़ना
  • कोमा
  • चीरे, यूट्रस और आईवी की जगह से अत्यधिक ब्लीडिंग

डायग्नोसिस

एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म की पुष्टि करने के लिए कोई डायग्नोस्टिक टेस्ट नहीं किए जाते हैं और इसके लक्षणों के आधार पर इस स्थिति की मौजूदगी का निर्धारण किया जाता है। 

खतरे

हालांकि एएफई की घटना दुर्लभ होती है, पर ऐसे कई फैक्टर होते हैं जिससे महिला में एएफई का खतरा बढ़ सकता है। यहां पर कुछ ऐसी बातें दी गई हैं, जिनके कारण एएफई की स्थिति आ सकती है:

एएफई के कॉम्प्लिकेशन

एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म की शिकार महिला की सर्वाइवल रेट अधिक नहीं है। रिपोर्ट दर्शाते हैं, कि इस स्थिति के बाद केवल 40% महिलाएं ही जीवित रह पाती हैं। जर्नल ऑफ एनएसथीसियोलॉजी क्लिनिकल फार्मोकोलॉजी के अनुसार लगभग 30% बच्चे एएफई की स्थिति में जीवित नहीं रह पाते हैं। एएफई फाउंडेशन से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, जो बच्चे अभी भी गर्भ में हैं, उनके लिए यह आंकड़ा 65% तक बढ़ जाता है। जो महिलाएं और बच्चे इस स्थिति से जीवित रह जाते हैं, उन्हें कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। 

मां में कॉम्प्लिकेशंस

यहां पर ऐसे कुछ कॉम्प्लिकेशंस दिए गए हैं, जिनका सामना एक महिला को एएफई के कारण करना पड़ सकता है:

  • अंगों का फेल हो जाना
  • याददाश्त खोना
  • हृदय को स्थाई या अस्थाई नुकसान
  • एक आंशिक या पूर्ण हिस्टोरेक्टोमी जिसमें गर्भाशय के हिस्से निकाले जाते हैं
  • पिट्यूटरी ग्लैंड को नुकसान

बच्चे में कॉम्प्लिकेशन

इस स्थिति से बच्चे भी बच नहीं सकते हैं। एएफई के कारण बच्चों में निम्नलिखित जटिलताएं देखी जा सकती हैं: 

  • मस्तिष्क तक जाने वाले ऑक्सीजन में कमी के कारण नर्वस सिस्टम में हल्की या गंभीर खराबी
  • सेरेब्रल पाल्सी

एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म का उपचार

एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म का इलाज और मैनेजमेंट ऑक्सीजन की तुरंत सप्लाई के द्वारा किया जाता है। मरीज को वेंटिलेटर पर रखा जा सकता है। इंट्रावेनस तरल पदार्थ भी दिए जा सकते हैं और खून भी चढ़ाया जा सकता है। चूंकि ब्लड प्रेशर में गिरावट आ जाती है, ऐसे में ब्लड प्रेशर में उछाल लाने के लिए कुछ खास दवाएं दी जाती हैं।  कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में सीपीआर भी किया जाता है। 

अगर बच्चे के जन्म से पहले ये लक्षण दिखते हैं, तो बच्चे की डिलीवरी तुरंत की जाती है और अगर मां इस स्थिति से निकल जाती है, तो उसे इंटेंसिव केयर यूनिट में लाइफ सपोर्ट पर रखा जाता है और हर वक्त मॉनिटर किया जाता है।

उबरना और सहयोग

मां बनने वाली लगभग सभी महिलाएं यह जानना चाहती हैं, कि एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म आम है या नहीं। यह स्थिति बहुत आम नहीं होती है और यह हर 21,000 गर्भवती महिलाओं में से लगभग 1 में देखी जाती है। लेकिन इसके साथ आने वाली जटिलताओं के कारण इसमें प्रभावी मेडिकल देखभाल की बेहद जरूरत होती है और जब माँ हॉस्पिटल से बाहर आ जाती है, तब उसे भावनात्मक सहयोग की जरूरत होती है। 

एएफई से ग्रस्त महिलाएं भावनात्मक रूप से टूट चुकी होती हैं और यह जरूरी है, कि उन्हें उनके पति या परिवार से सहयोग मिले, ताकि वे इस कठिन समय से बाहर आ सकें। ऐसा भी संभव है, कि उन्हें उनके ऑब्सटेट्रिशियन/गायनेकोलॉजिस्ट की निगरानी में लंबे समय तक रहना पड़े, ताकि वे इस स्थिति से पूरी तरह से ठीक हो सकें। विशेषज्ञ से नियमित तौर पर मिलने की भी बेहद जरूरत हो सकती है, जो कि उनके द्वारा झेली गई जटिलता पर निर्भर करता है। 

एमनियोटिक फ्लूइड एंबॉलिज्म की स्थिति से निपटना काफी कठिन हो सकता है। डिलीवरी के दौरान और डिलीवरी के पहले डॉक्टरों के द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ इसके लक्षणों को पहचानना संभव हो सकता है और समय पर इलाज किया जा सकता है। 

यह भी पढ़ें:

एम्नियोसेंटेसिस द्रव परीक्षण
प्रेगनेंसी के दौरान ओलिगोहाइड्रामनिओस (एम्नियोटिक द्रव कम होना)
गर्भावस्था के दौरान प्राकृतिक रूप से एमनियोटिक द्रव को कैसे बढ़ाएं या घटाएं

पूजा ठाकुर

Recent Posts

रियान नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल – Riyan Name Meaning in Hindi

आज के समय में माता-पिता अपने बच्चों के लिए कुछ अलग और दूसरों से बेहतर…

7 days ago

राजीव नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल – Rajeev Name Meaning In Hindi

लगभग हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे का नाम सबसे अलग और…

7 days ago

35+ पति के जन्मदिन पर विशेस, कोट्स और मैसेज | Birthday Wishes, Quotes And Messages For Husband in Hindi

एक अच्छा और सच्चा साथी जिसे मिल जाए उसका जीवन आसान हो जाता है। कहते…

1 week ago

माँ के लिए जन्मदिन पर विशेस, कोट्स और मैसेज – Birthday Wishes, Quotes And Messages For Mother in Hindi

माँ वह इंसान होती है, जिसका हमारे जीवन में स्थान सबसे ऊपर होता है। माँ…

1 week ago

बेटी के पहले बर्थडे पर विशेस, कोट्स और मैसेज – Wishes, Quotes And Messages For Baby Girl’s First Birthday in Hindi

यह बात हर कोई जानता है कि बेटियों से घर की रौनक होती है। चाहे…

1 week ago

बेटे के पहले बर्थडे पर विशेस, कोट्स और मैसेज – Wishes, Quotes And Messages For Baby Boy’s First Birthday in Hindi

माता-पिता बनना किसी भी शादीशुदा जोड़े की जिंदगी में एक बेहद यादगार और अनमोल पल…

1 week ago