गर्भावस्था

एमनियोटिक थैली की झिल्ली हटाकर प्रसव पीड़ा प्रेरित करना l Amniotic Thaili Ki Jhilli Hatakar Prasav Pida Prerit Karna

जैसे-जैसे डिलीवरी की तारीख नजदीक आती है, गर्भवती महिला की चिंता और उत्तेजना बढ़ती जाती है। आमतौर पर 40 सप्ताह पूरे होने के बाद गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दर्द का अनुभव होता है। लेकिन, कुछ मामलों में, नियत तारीख निकल जाने के बाद भी प्रसव के संकेत नहीं मिलते और कॉन्ट्रैक्शन यानी संकुचन शुरू नहीं होते हैं। ऐसे मामलों में, संकुचन प्रेरित करने के लिए डॉक्टर एक ऐसी प्रक्रिया करते है जिसमें हाथों का इस्तेमाल करके प्रसव का दर्द लाया जाता है। मेडिकल भाषा में मेम्ब्रेन स्वीप या सर्वाइकल स्वीप और आम बोलचाल में झिल्ली हटाने की यह प्रक्रिया डॉक्टर, नर्स या दाई द्वारा लेबर प्रेरित करने के लिए किया जाने वाला सबसे बुनियादी तरीका है। 

झिल्ली हटाना क्या होता है?

झिल्ली हटाना, हाथों से की जाने वाली एक प्रक्रिया है जो सर्विक्स को उत्तेजित करने के लिए की जाती है। डॉक्टर या नर्स दस्ताने पहनकर गर्भवती महिला की योनि के अंदर उंगली डालते हैं और सर्विक्स को छूकर सौम्यता से लेकिन अच्छी तरह इसके चारों ओर घुमाते हैं। इससे एमनियोटिक थैली, जिसे पानी की थैली भी कहते हैं, की पतली झिल्ली को साफ करना या झिल्ली को अलग करना भी कहा जाता है। गर्भ में इसी झिल्ली के अंदर बच्चा और एमनियोटिक द्रव होता है। झिल्ली को साफ करने से थैली सर्विक्स से अलग हो जाती है और प्रोस्टाग्लैंडिंस हार्मोन, जो प्रसव पीड़ा को प्रेरित करता है, निकलने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया को डॉक्टर ‘स्ट्रेच एंड स्वीप’ भी कहते हैं क्योंकि यदि झिल्ली हटाने की जरूरत न हो तो, सर्विक्स को उत्तेजित करने के लिए उसे फैलाया जाता है।

यह कैसे किया जाता है?

गर्भवती महिला को दोनों पैर फैलाकर लेटने के लिए कहा जाता है। फिर डॉक्टर दस्ताने पहनकर योनि में एक उंगली डालते हैं। सर्विक्स को छूते ही वह उसके अंदर धीरे से हाथ फेरते हैं। जैसा कि ऊपर भी बताया गया है, यह प्रक्रिया एमनियोटिक थैली को सर्विक्स से अलग करती है और प्रोस्टाग्लैंडिंस हार्मोन निकलने में सहायक होती है। हार्मोन निकलने से प्रसव का दर्द शुरू होता है और डिलीवरी की स्थिति आ जाती है। झिल्ली हटाना एक बहुत ही आम प्रक्रिया है डॉक्टर इसे अक्सर करते हैं क्योंकि इसमें किसी प्रकार की दवा या इंजेक्शन इस्तेमाल नहीं होता है।

क्या झिल्ली को हाथ से हटाना सुरक्षित है?

अध्ययनों से यह तय हुआ है कि झिल्ली हटाने से कोई बड़ा जोखिम नहीं होता है और इसे सुरक्षित माना जाता है। अमेरिका के जर्नल ऑफ क्लिनिकल गायनोकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार:

  • झिल्ली हटाने के कारण कोई नकारात्मक दुष्प्रभाव नहीं हुआ।
  • जिन महिलाओं की झिल्ली हटाई जाती है, उन्हें प्रसव के दौरान जटिलताओं का अनुभव होने की संभावना नहीं रहती है।

क्या झिल्ली हटाना प्रभावी उपाय है?

शोध करने वाले विशेषज्ञों के लिए यह निष्कर्ष निकालना मुश्किल होता है कि एमनियोटिक थैली की झिल्ली हटाना प्रभावी उपाय है या नहीं। इसके लिए कई स्टडीज की गई हैं। एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया कि झिल्ली हटाने की प्रक्रिया जब की जाती है तो यह कितनी प्रभावी है यह इस बात पर निर्भर करता है कि गर्भ कितने हफ्तों का है, और इस बात पर भी कि महिला पर प्रसव प्रेरित करने के लिए दूसरे तरीकों का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

जिन गर्भवती महिलाओं की ड्यू डेट बहुत आगे निकल गई है, उनके लिए यह प्रक्रिया बहुत प्रभावी हो सकती है। यह भी पाया गया कि जिन महिलाओं ने यह प्रक्रिया करवाई थी उन्हें प्रसव पीड़ा का अनुभव हुआ और जल्द ही प्रसव हो गया। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि झिल्ली हटाना उन तरीकों या प्रक्रियाओं जितनी प्रभावी नहीं हो सकती है जिनमें दवाओं का उपयोग किया जाता है। इसलिए, उन मामलों में झिल्ली हटाने को प्रभावी विकल्प माना जा सकता है जहां दवाओं का इस्तेमाल करके लेबर का दर्द प्रेरित करने की तत्काल जरूरत न हो। 

यह कब किया जाता है?

गर्भावस्था में नियत तिथि से अधिक समय जाने से शिशु और मां के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। 42 सप्ताह के बाद, गर्भनाल से शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन और भोजन की आपूर्ति मिलने में कठिनाई हो सकती है, जिससे शिशु का विकास खतरे में पड़ सकता है। इसलिए, डॉक्टर निम्नलिखित मामलों में झिल्ली हटाने का सुझाव दे सकते हैं:

  • आपकी नियत तिथि निकल चुकी है और अभी भी प्रसव का दर्द शुरू नहीं हुआ है। सामान्य तौर पर ऐसा गर्भावस्था के 40 सप्ताह पूरा होने के बाद होगा।
  1. आमतौर पर, पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए, यदि लेबर 41वें सप्ताह में शुरू नहीं होता है, तो झिल्ली हटाने की जरूरत पड़ती है।
  2. जिन महिलाओं का पहले प्रसव हो चुका है, यदि उन्हें 42 सप्ताह के बाद भी प्रसव पीड़ा नहीं होती तो डॉक्टर झिल्ली हटाने की सलाह देते हैं।
  • अगर गंभीर और आपात स्थिति हो और जल्द से जल्द बच्चे का की डिलीवरी होने की जरूरत हो।

इससे कब बचना चाहिए?

निम्नलिखित मामलों में डॉक्टर झिल्ली हटाने से बचते हैं:

  • यदि गर्भवती महिला को ब्लीडिंग हो रही हो।
  • यदि महिलाओं को बी-स्ट्रेप संक्रमण हो तो झिल्ली हटाने से स्थिति और खराब हो सकती है।
  • यदि किसी मेडिकल समस्या के चलते महिला की डिलीवरी योनि से नहीं कराई जा सकती हो।

झिल्ली हटाने से जुड़े जोखिम

एमनियोटिक थैली की झिल्ली हटाने में कुछ जोखिम होते हैं जैसे कि एमनियोटिक थैली का फटना जिससे बच्चे को संक्रमण हो सकता है। आपको झिल्ली हटाने के 24 घंटे बाद भी पेट में मरोड़ उठ सकते हैं जो प्रसव से पहले आपकी नींद में खलल डाल सकते हैं।

फायदे

एमनियोटिक झिल्ली हटाने से निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं:

  • यह एक प्राकृतिक उपाय है जिसमें दवाइयों की जरूरत नहीं होती है।
  • इससे लेबर प्रेरित करके सी-सेक्शन की संभावना से बचा जा सकता है।
  • इसकी प्रक्रिया बहुत आसान है और यह नर्स या दाई भी कर सकती है।
  • आमतौर पर झिल्ली हटाने के बाद ज्यादा कुछ करने की आवश्यकता नहीं होती।

नुकसान

झिल्ली हटाने के कुछ नुकसान हो सकते हैं:

  • यह प्रक्रिया हर बार प्रभावी हो, जरूरी नहीं है और इसे एक से अधिक बार करना पड़ सकता है।
  • यदि डॉक्टर ने सामान्य प्रसव की सलाह न दी हो तो ऐसा नहीं करना चाहिए।
  • यदि सर्विक्स बहुत अंदर की ओर हो और वहां तक हाथ न ज रहा हो तो इससे परेशानी हो सकती है।
  • इस प्रक्रिया को करने के दौरान पानी की थैली टूट सकती है और इससे बच्चे को इंफेक्शन हो सकता है।

क्या इसमें दर्द होता है?

झिल्ली हटाना दर्दनाक नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से असुविधाजनक होता है। यह प्रक्रिया केवल पांच से दस मिनट तक चलती है और आराम करने की तकनीकों और सांस लेने के व्यायाम से आसान हो सकती है। यदि आप प्रक्रिया के बारे में पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं, तो प्रसव का दर्द लाने के लिए अन्य तरीके चुन सकती हैं।

झिल्ली हटाने के बाद क्या होता है

यह कोई सुखद अनुभव नहीं होता और थोड़ी तकलीफ हो सकती है। सर्विक्स में काफी ब्लड वेसल होती हैं, इसलिए प्रक्रिया के बाद आपको दर्द या थोड़ी ब्लीडिंग का अनुभव हो सकता है। अगर खून ज्यादा बहने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अस्पताल जाएं।

झिल्ली हटाने से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

नीचे एमनियोटिक झिल्ली हटाने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य दिए गए हैं:

  • बेचैनी

झिल्ली के हटने से कुछ महिलाओं को बेचैनी हो सकती है। यह सलाह दी जाती है कि झिल्ली हटने के बाद आप भरपूर आराम करें क्योंकि हो सकता है कि आप डिलीवरी में देरी से चिंतित हों।

  • तकलीफ

झिल्ली हटने के बाद कुछ तकलीफ हो सकती है क्योंकि गर्भावस्था के दिन पूरे होने के बाद सर्विक्स तक हाथ पहुंचना मुश्किल होता है। कुछ मामलों में यह दर्दनाक भी हो सकता है। प्रक्रिया के दौरान आराम करने के लिए आप सांस लेने के कुछ व्यायाम कर सकती हैं। कुछ महिलाओं को प्रक्रिया के बाद खून के धब्बे और अनियमित संकुचन का अनुभव होता है।

  • नियत तारीख का निकल जाना

महिलाओं के लिए गर्भावस्था के 42 सप्ताह से अधिक गुजर जाना काफी असामान्य बात है। आम तौर पर, सामान्य प्रसव के लिए 41 सप्ताह की अधिकतम समय सीमा होती है, लेकिन प्रत्येक 100 में से तीन महिलाएं 41 सप्ताह से आगे निकल जाती हैं। इस मामले में, डॉक्टर स्वाभाविक रूप से प्रसव को प्रेरित करने के लिए झिल्ली हटाने की कोशिश करेंगे।

कई मामलों में, प्रसव पीड़ा नियत तारीख पर या उससे पहले होती है। हालांकि, ऐसे मामलों में जहां इसमें देरी हो जाती है और डॉक्टर सोचते हैं कि प्रसव शुरू होना चाहिए, तो एमनियोटिक थैली की झिल्ली हटाना सबसे आम प्रक्रिया है जो की जाती है। हालांकि यह तकलीफदेह लग सकती है और आपको इससे डर लग सकता है, पर अपने डॉक्टर से बात करके निर्णय लें कि आपके और बच्चे के लिए सबसे सही विकल्प क्या है। याद रखें कि गर्भावस्था को आगे ढकेलना जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श करना और उनकी सलाह का पालन करना हमेशा सबसे उचित होता है।

श्रेयसी चाफेकर

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