In this Article
- आई.यू.डी. क्या है?
- अंतर्गर्भाशयी उपकरण कितने प्रकार के होते हैं?
- आई.यू.डी. का उपयोग कौन कर सकता है?
- किन महिलाओं को आई.यू.डी. का उपयोग नहीं करना चाहिए?
- आई.यू.डी. कैसे कार्य करता है?
- अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आई.यू.डी.) कितना प्रभावी होता है?
- आई.यू.डी.लगाने की प्रक्रिया
- आई.यू.डी. से संबंधित समस्याएं और खतरे क्या हैं?
- आई.यू.डी. के क्या फायदे हैं?
- यह कैसे सुनिश्चित करें कि आई.यू.डी. अभी भी सही जगह पर है?
- आई.यू.डी. को कैसे निकाला जाता है?
- क्या आई.यू.डी. गर्भवती होने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है?
- आई.यू.डी. मेरे मासिक धर्म को किस तरह से प्रभावित कर सकता है?
- कौन से लक्षण समस्या का संकेत हो सकते हैं?
- आई.यू.डी. के उपयोग के बाद भी गर्भधारण की स्थिति
- चिकित्सक से मिलने की आवश्यकता कब हो सकती है?
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
महिलाओं के लिए जन्म नियंत्रण विकल्प समय के साथ अनेक परिवर्तनों से गुज़रा हैं। आई.यू.डी. उपकरण एक प्रभावी जन्म नियंत्रण तरीका है जो आज महिलाओं के लिए उपलब्ध है।
आई.यू.डी. क्या है?
आई.यू.डी. या अंतर्गर्भाशयी उपकरण महिलाओं के लिए एक गर्भनिरोधक यन्त्र है। गर्भधारण रोकने के लिए महिला के गर्भ में एक टी-आकार का उपकरण डाला जाता है। यह उन लोगों के लिए एक उपयुक्त विकल्प है, जो गर्भनिरोध के अन्य तरीके जैसे गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग नहीं कर सकती हैं। इस पद्धति का उपयोग करने से पहले, आई.यू.डी. आपके लिए सही प्रकार का गर्भनिरोधक है या नहीं, इसके सभी फायदे और नुकसान का मूल्यांकन करने के लिए अपने डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए।इसे लगवाने के बाद भी आप सामान्य रूप से अपना दैनिक जीवन-यापन कर सकती हैं, जैसे यौन संबंध बनाना, व्यायाम करना, और टैम्पोन का उपयोग करना।
अंतर्गर्भाशयी उपकरण कितने प्रकार के होते हैं?
ये 2 प्रकार के होते हैं:
1. कॉपर आई.यू.डी. (पैरागार्ड)
यह अत्यधिक उपयोग किया जाने वाला अंतर्गर्भाशयी उपकरण है। यह उपकरण ‘टी’ के आकार का होता है जिसके निचले भाग पर तांबा लिपटा होता है । यह उपकरण जन्म नियंत्रण का अत्यधिक प्रभावी तरीका है और इसका उपयोग 10 साल तक किया जा सकता है ।
2. हार्मोनल या लेवोनोर्जेस्ट्रल आई.यू.डी. (मिरेना, केलीना, लिलेट्टा, स्काईला)
यह कॉपर आई.यू.डी. की तुलना में गर्भावस्था को रोकने में थोड़ा अधिक प्रभावी माना जाता है। इस आई.यू.डी. के प्रयोग से 5 वर्षों तक गर्भावस्था को रोका जा सकता है और यह उपयोग किए जाने वाले उपकरण के प्रकार पर भी निर्भर करता है।
आई.यू.डी. का उपयोग कौन कर सकता है?
आई.यू.डी. का उपयोग ज़्यादातर युवा महिलाएं और ऐसी महिलाएं भी कर करती हैं जिनके कभी बच्चे नहीं हुए हैं। हालांकि, उपकरण के बाहर निकल जाने की संभावना उन महिलाओं में अधिक होती है, जिन्होंने बच्चे जन्म नहीं दिया है क्योंकि पहले से ही प्रसव का अनुभव की हुई महिला की तुलना में इनके गर्भाशय का आकार छोटा होता है। आई.यू.डी. का उन महिलाओं के लिए भी उपयुक्त है जिन्हें मासिक धर्म में रक्त स्राव बहुत ज़्यादा होता है।
आप निम्नलिखित सभी स्थितियों में आई.यू.डी. का उपयोग कर सकती हैं:
- अगर आपके बच्चे हैं या कभी बच्चे नहीं हुए हैं।
- अगर आप अविवाहित हैं।
- आई.यू.डी. का उपयोग किसी भी उम्र (किशोरावस्था और 40 वर्ष से अधिक की महिलाओं) में किया जा सकता है।
- अभी गर्भपात कराया है या गर्भपात हुआ है लेकिन कोई संक्रमण नहीं है।
- अगर आप स्तनपान करा रही हैं।
- यदि आप ज़्यादा शारीरिक कार्य/गतिविधि करती हैं।
किन महिलाओं को आई.यू.डी. का उपयोग नहीं करना चाहिए?
- यदि आपको योनि से असामान्य रक्तस्राव होता है, तो आपको आई.यू.डी. का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- यदि आपको गर्भाशय ग्रीवा या गर्भाशय का कैंसर है तो आप आई.यू.डी. का उपयोग न करें।
- गर्भवती महिलाओं को आई.यू.डी. का उपयोग नहीं करना चाहिए, आप बच्चे के जन्म के बाद इसका उपयोग कर सकती हैं। वास्तव में, आई.यू.डी. लगवाने का सबसे अच्छा समय प्रसव के बाद है।
यदि आपको हाल ही में श्रोणि में सूजन या जलन की बीमारी (पी.आई.डी) हुई है या तांबे से एलर्जी है, तो आप आई.यू.डी. का उपयोग न करें। डॉक्टर जन्म नियंत्रण की इस पद्धति के लिए आपकी उपयुक्तता का आंकलन कर सकता है।
आई.यू.डी. कैसे कार्य करता है?
अंतर्गर्भाशयी उपकरण लचीला प्लास्टिक से बना एक गर्भनिरोधक उपकरण होता है जिसे गर्भाशय में डाला जाता है। यह एक अत्यधिक प्रभावी दीर्घकालिक गर्भनिरोधक है और गर्भधारण करने के लिए इसे आसानी से हटाया भी जा सकता है।
कॉपर आई.यू.डी. – कॉपर, एक शुक्राणुनाशक के रूप में कार्य करता है जो शुक्राणु को गर्भाशय ग्रीवा में प्रवेश करने से रोकता है और गर्भ की आंतरिक परत को बदल देता है, जिससे गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है।
हॉर्मोनल आई.यू.डी. – यह आईयूडी प्रोजेस्टिन हॉर्मोन स्रावित करता है, जो गर्भाशय ग्रीवा में श्लेम को गाढ़ा करता है। यह अंडाशय को डिंब का निर्माण करने से रोकता है और यह उपकरण गर्भावस्था को इस प्रकार से रोक सकता है ।
अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आई.यू.डी.) कितना प्रभावी होता है?
आई.यू.डी. को जन्म नियंत्रण के सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता है और यह 99% प्रभावी होता है। आपको इसका उपयोग करने के बाद याद रखने की आवश्यकता नहीं है या इसका गलत तरीके से उपयोग करने का डर भी नहीं रहता है ।
आई.यू.डी.लगाने की प्रक्रिया
आई.यू.डी. लगाने से डॉक्टर पहले एंटीसेप्टिक मिश्रण से आपकी योनि को साफ करते हैं, इसके बाद योनि में एक स्पेकुलम रखा जाता है जो गर्भाशय को धीरे-धीरे योनि के करीब ले जाता है। फिर एक एप्लिकेटर की मदद से आई.यू.डी. डाला जाता है। आप थोड़े समय के लिए दर्द या ऐंठन महसूस कर सकती हैं जो अस्थाई होता है, इस प्रक्रिया में लगभग 5 मिनट लगते हैं।
बाद में एप्लिकेटर को हटा दिया जाता है और आई.यू.डी. टी की बनावट में खुल जाता है। एक बार आई.यू.डी. डालने के बाद आपको कुछ भी महसूस नहीं होगा। आई.यू.डी. के छोर से जुड़े धागे गर्भाशय ग्रीवा से होते हुए योनि तक निकले रहेंगे। आपको आई.यू.डी.के धागों को छेड़ना या खींचना नहीं चाहिए नहीं तो आईयूडी अपनी जगह से हिल सकता है।
यह उपकरण गर्भाशय में उसी जगह पर रहता है जहाँ पर लगाया जाता है। कुछ मामलों में, सही तरीके से न लगने के कारण यह बाहर भी निकल सकता है। ऐसा होने की संभावना बहुत कम होती है।
आई.यू.डी. कितनी जल्दी कार्य करना शुरू कर सकता है।
यदि आपका मासिक धर्म शुरू होने के 7 दिनों के भीतर आई.यू.डी. डाला जाता है, तो यह तुरंत प्रभावी हो जाता है। यदि मासिक धर्म चक्र के दौरान, अन्य किसी भी समय डाला जाता है तो आपको गर्भनिरोधक का उपयोग अन्य प्रकार से करना चाहिए। यदि आप 1 सप्ताह के भीतर योनिक यौन-क्रिया करने की सोच रही हैं तो 7 दिनों के बाद गर्भधारण करने की सुरक्षा शुरू होती है।
आप उपचार के बाद क्या उम्मीद कर सकती हैं?
प्रक्रिया के बाद आप कुछ दिनों तक थोड़ी ऐंठन महसूस कर सकती हैं, डॉक्टर आपको ऐंठन को कम करने के लिए कुछ दवा (दर्द निवारक) लेने के लिए कह सकते हैं।
अगलेे मासिक धर्म के बाद आपको जाँच के लिए वापस डॉक्टर से संपर्क करना पड़ सकता है। वे जांच करेंगे कि आई.यू.डी. अभी भी अंदर है या नहीं और साथ ही संक्रमण की भी जाँच करेंगे।
आई.यू.डी. लगाने के बाद हल्का रक्तस्राव हो सकता है जो 6 महीने के भीतर ठीक हो जाता है। हॉर्मोनल आई.यू.डी. के कारण मासिकधर्म के दौरान रक्त स्राव कम हो जाता है और ऐसा भी हो सकता है कि मासिक धर्म बंद हो जाए। कॉपर आई.यू.डी. के कारण मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव बढ़ सकता है। यदि आपको आई.यू.डी. के कारण कोई असुविधा महसूस होती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेने की आवश्यकता है।
हालांकि आई.यू.डी. के बाहर खिसकने की संभावना बहुत कम होती है, यह पहले 3 महीनों के दौरान हो सकता है। आपके मासिक धर्म के दौरान इस उपकरण के बाहर आने की सबसे अधिक संभावना है इसलिए आपको हर वक्त इसका ख्याल रखने की आवश्यकता है। आई.यू.डी.डाले जाने के बाद, यह सलाह दी जाती है कि आप सैनिटरी पैड का उपयोग करें। यदि आप टेम्पोन का इस्तेमाल कर रही हैं, तो इसे जल्दी-जल्दी बदलते रहें और इसे बाहर खींचते समय यह ख्याल रखें कि आई.यू.डी. के धागे इसके साथ बाहर न आ जाएं।
एक बार जब आई.यू.डी. लगा दिया जाता है, तो ज़्यादातर महिलाओं को अपनी साधारण दिनचर्या शुरू करने में कोई परेशानी नहीं होती है, किसी भी तरह के दर्द के लिए दवाई दी जा सकती है।
यदि आई.यू.डी. बाहर निकल जाता है, तो आप गर्भधारण में सुरक्षित नहीं रहती हैं। इसलिए, आपको डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है या इस बीच गर्भनिरोध के किसी अन्य रूप का उपयोग करने की आवश्यकता है।
आई.यू.डी. कितने समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है?
कॉपर आई.यू.डी. 12 साल की अवधि तक रह सकता है और हॉर्मोनल आईयूडी 3 से 6 साल के बीच रह सकता है।
हालांकि, आई.यू.डी. के भीतर बने रहने के लिए कोई न्यूनतम समय सीमा निर्धारित नहीं है। आप इसे किसी भी समय अपनी इच्छा से हटवा सकती हैं।
आई.यू.डी. कब बदलने की आवश्यकता होगी, यह आपको याद रखना होगा। आई.यू.डी. लगाने में अधिक खर्च हो सकता है। हालांकि, लंबे समय में यह लागत प्रभावी साबित होता है क्योंकि आई.यू.डी. द्वारा गर्भधारण से सुरक्षा 5 से 10 साल के बीच तक होती है। यह जन्म नियंत्रण के सस्ते और प्रतिवर्ती रूप हैं।
क्या अंतर्गर्भाशयी उपकरण को कभी भी डाला जा सकता है?
मासिक धर्म के दौरान अंतर्गर्भाशयी उपकरण को डालना सुरक्षित माना जाता है। इस समय के दौरान, यह असंभाव्य है कि महिला गर्भवती है और प्रवाह के दौरान गर्भाशय ग्रीवा भी चौड़ा होता है। ग्रीवा के चौड़े होने से, इसे अंदर डालने में आसानी होती है।
आई.यू.डी. से संबंधित समस्याएं और खतरे क्या हैं?
दुनिया भर में गर्भ निरोध के लिए, आई.यू.डी. सबसे ज़्यादा प्रचलित उपायों में से एक है। एक बार इस निरोध का उपयोग करने के बाद इसकी देखभाल आवश्यकता नहीं होती है और यह बेहद प्रभावी भी होता है।
अंतर्गर्भाशयी उपकरण का उपयोग करने के नुकसान:
- कॉपर आई.यू.डी. के कारण मासिक धर्म में रक्तस्राव और ऐंठन के साथ -साथ हल्का रक्तस्राव भी होता है। हॉर्मोनल आई.यू.डी. मासिक धर्म के रक्तस्राव और ऐंठन को कम करता है।
- कुछ मामलों में, आई.यू.डी. गर्भाशय में फंस सकता है या गर्भाशय को छिद्रित कर सकता है, इसकी संभावना बहुत कम होती है। हालांकि, यह हमेशा आई.यू.डी. लगाने के दौरान ही होता है। यदि गर्भाशय छिद्रित हो गया है, तो आई.यू.डी. को हटा देना ही बेहतर उपाय है।
- कभी-कभी, आई.यू.डी. पहले वर्ष में गर्भाशय से योनि में खिसक जाता है, यह पहले कुछ महीनों के दौरान में होना संभव है। अगर आई.यू.डी. को बच्चे के जन्म के ठीक बाद या उस महिला में डाला जाता है जो कभी गर्भवती नहीं हुई है तो इसके निकल जाने का खतरा बहुत ज़्यादा होता है।
- हॉर्मोनल आई.यू.डी. हल्के अल्सर का कारण बन सकता है जो घातक नहीं होता है और अपने आप ही खत्म हो जाता है।
- हॉर्मोनल आई.यू.डी. से स्तनों को छूने में दर्द, मिज़ाज में अचानक परिवर्तन, सिर दर्द और मुँहासे जैसे हॉर्मोनल दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। यह गर्भ निरोध के लिए ली जाने वाली दवाइयों के कारण हुए दुष्प्रभावों के समान ही होती हैं। हालांकि, यह पहले कुछ महीनों के बाद खत्म हो जाते हैं।
- केवल एक स्वास्थ्य सम्बंधित पेशेवर या डॉक्टर ही आई.यू.डी. को निकाल सकता है। आप कभी भी आई.यू.डी. को हटाने का प्रयास न करें।
- आई.यू.डी. लगाए जाने के पहले कुछ महीनों में गर्भाशय में एक जननांग संक्रमण हो सकता है जो श्रोणि शोथज की बीमारी का कारण बनता है।
- आप कई बार बदबूदार योनि स्राव का अनुभव कर सकती हैं।
- कभी-कभी आपको बिना किसी कारण के बुखार हो सकता है।
आई.यू.डी. के क्या फायदे हैं?
- आई.यू.डी. – जन्म नियंत्रण के अत्यधिक प्रभावी तरीकों में से एक है।
- यह जन्म नियंत्रण के खर्चे पर एक प्रभावी तरीका माना जाता है।
- उपयोग करने के लिए बेहद आसान है।
- आई.यू.डी. काम क्रिया या संभोग को बाधित नहीं करते हैं।
- इसके इस्तेमाल में साथी के सहयोग की आवश्यकता नहीं होती है।
- स्तनपान के दौरान भी आई.यू.डी. का उपयोग सुरक्षित है।
- जब भी आपको कोई समस्या हो या आप इसका उपयोग बंद करना चाहती हों तो इसे हटाया जा सकता है। आई.यू.डी. को हटाने के बाद पहली अंडोत्सर्ग चक्र के साथ प्रजनन क्षमता वापस आ जाती है।
- हॉर्मोनल आई.यू.डी. आपको मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव से छुटकारा दिला सकता है।
- कॉपर आई.यू.डी. का उपयोग असुरक्षित संभोग के 5 दिनों के भीतर एक आपातकालीन गर्भनिरोधक के रूप में किया जा सकता है।
- आई.यू.डी. को एक सामान्य योनि प्रसव, सी-सेक्शन या पहली-तिमाही में हुए गर्भपात के बाद डाला जा सकता है।
यह कैसे सुनिश्चित करें कि आई.यू.डी. अभी भी सही जगह पर है?
आई.यू.डी. के कारण कोई गंभीर दिक्कतें नहीं होती हैं। हालांकि, कभी-कभी आई.यू.डी. के धागे दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि वह पीछे खिसक कर गर्भाशय ग्रीवा में चले जाते हैं। बहुत ही कम मामलों में आई.यू.डी. गर्भावस्था या गर्भाशय छिद्रण या निकल जाने के कारण हो सकता है, गुम हो जाता है। इसलिए, यह जानना महत्वपूर्ण है कि कैसे जाँच की जाए कि यू. टी. आई. अभी भी जगह पर है या नहीं।
- यदि आपने आई.यू.डी. का उपयोग किया है तो आप हर महीने में एक बार खुद उसके धागों की जाँच करें। अगर आप उसके धागे महसूस कर सकती हैं तो इसका तात्पर्य है कि आई.यू.डी. बरकरार है। गर्भाशय ग्रीवा मासिक धर्म के दौरान स्वाभाविक रूप से स्थानांतरित होती है इसलिए जब यह नीचे की ओर जाती है तो आप उपकरण को योनि के बाहर के करीब महसूस कर करेंगी।
- यदि आप इसे महसूस नहीं कर पा रही हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें।
आई.यू.डी. को कैसे निकाला जाता है?
यदि आप आई.यू.डी. को निकालना चाहती हैं, तो आपके लिए डॉक्टर से मदद लेना ही अनिवार्य है, कृपया इसे स्वयं करने का प्रयास न करें। जब आई.यू.डी. अपनी समाप्ति तिथि पर पहुँचता है यह आपको कोई समस्या होती है तब डॉक्टर उसे निकालते है।
- आई.यू.डी. निकालने में केवल कुछ मिनट लगते हैं। आई.यू.डी. निकालना महिलाओं के लिए आमतौर पर आई.यू.डी. डालने से कम दर्दनाक या कम परेशानी वाला होता है। यदि आपको बाद में ऐंठन हो जिसके लिए दवा लेने की आवश्यकता होती है तो आप डॉक्टर से परामर्श ले सकती हैं। यदि गर्भाशय में संक्रमण के कारण आपका आई.यू.डी. निकाल दिया गया है और आपको दवा दी गई है, तो सुनिश्चित करें कि आप पूरी दवा लें।
- डॉक्टर आपकी योनि में एक स्पेकुलम डालेंगे और आई.यू.डी. के धागे खोजेंगे। यदि वह धागे वहाँ नहीं हैं, तो डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा में एक पतला उपकरण डालकर धागे तक पहुँचने का प्रयास करते हैं। और उसी पतले उपकरण की मदद से आई.यू.डी. धीरे-धीरे योनि मार्ग द्वारा गर्भाशय से निकला जाता है।
अंत में डॉक्टर द्वारा ही उस स्पेकुलम को हटा दिया जाता है।
क्या आई.यू.डी. गर्भवती होने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है?
एक बार जब आप आई.यू.डी. को हटा देती हैं, तो आपका प्रजनन स्तर फिर से सामान्य हो जाता है। आई.यू.डी. से बांझपन नहीं होता है और एक बार आई.यू.डी. हटा दिए जाने के बाद, आप निश्चित रूप से गर्भवती हो सकती हैं। आई.यू.डी. के कारण बांझपन का कोई खतरा नहीं है।
- यदि आपका आई.यू.डी. गैर-हॉर्मोनल है, तो आपकी प्रजनन क्षमता कभी भी प्रभावित नहीं होगी। यह जन्म नियंत्रण की एक विधि के रूप में, कंडोम का उपयोग करने के समान है। चूंकि इसके कारण आपके शरीर में कोई हॉर्मोन स्रावित नहीं होते हैं इसलिए आप आई.यू.डी. को हटाने के बाद गर्भवती हो सकती हैं।
- यदि आप हॉर्मोनल आई.यू.डी. का उपयोग कर रही हैं, तो आप आई.यू.डी. के निकाले जाने के बाद, पहले चक्र के दौरान गर्भवती हो सकती हैं।
यदि आप आई.यू.डी. को हटाने के बाद भी गर्भ-धारण करने में असमर्थ हैं तो आपको डॉक्टर से परामर्श ।
आई.यू.डी. मेरे मासिक धर्म को किस तरह से प्रभावित कर सकता है?
हॉर्मोनल आई.यू.डी. और कॉपर आई.यू.डी. विभिन्न तरीकों से मासिक धर्म को प्रभावित करते हैं, वे इस प्रकार हैं:
हॉर्मोनल आई.यू.डी. मासिक धर्म में रक्तस्राव को कम कर सकता है। आई.यू.डी. डालने के बाद हो सकता है कि पहला मासिक धर्म न हो, मासिक धर्म पूरी तरह से रुक भी सकता है। कुछ मामलों में, शुरुआती तीन से छह महीनों के लिए हॉर्मोनल आई.यू.डी. अनियमित रक्तस्राव का कारण हो सकता है। जब आप जन्म नियंत्रण की गोलियों का उपयोग करती हैं या जब आप आई.यू.डी. का प्रयोग करती हैं तो आपका मासिक धर्म चक्र बदल सकता है। बहुत ही कम मामलों में लंबी अवधि के दौरान हॉर्मोनल आई.यू.डी. मासिक धर्म चक्र में समस्या उत्पन्न सकता है।
कॉपर आई.यू.डी. के कारण आपका मासिक धर्म लंबे समय के लिए चलता है, रक्तस्राव बढ़ जाता है और ऐंठन भी होती है। इस आई.यू.डी. में गर्भाशय की परत बाहरी वस्तुओं को शरीर में समायोजित करने में समय लेती हैं इसलिए इसमें थोड़ी सूजन या ऊतकों की क्षति हो सकती है।
कौन से लक्षण समस्या का संकेत हो सकते हैं?
आपको आई.यू.डी. से संबंधित किसी भी असामान्य लक्षण पर ध्यान देना अनिवार्य है,उनमें शामिल हैं:
- यदि आप आई.यू.डी. डाले जाने के बाद लंबे समय तक पेट दर्द का अनुभव करती हैं ।
- विलंबित मासिक धर्म या यदि आपके मासिक धर्म के बीच रक्तस्राव हो रहा है।
- विलंबित मासिक धर्म के साथ पेट में दर्द ।
- योनि स्राव, जो संक्रमण के कारण हो सकता है।
- आई.यू.डी. के धागों की लंबाई सामान्य से कम या लंबी लगती है।
- आप गर्भाशय ग्रीवा से बाहर आने वाले आई.यू.डी. के कड़े प्लास्टिक के तने को महसूस कर सकती हैं।
- सांस लेने में दिक्कत ।
आई.यू.डी. के उपयोग के बाद भी गर्भधारण की स्थिति
आप अभी भी जन्म नियंत्रण के कुछ अन्य तरीकों के विपरीत, गर्भाशय में लगे आई.यू.डी. के बाद भी अंडोत्सर्ग करेंगी।
आई.यू.डी. कभी-कभी गर्भाशय से आंशिक या पूरी तरह से बाहर फिसल सकता है।यह उपकरण लगाए जाने के पहले वर्ष के शुरूआती महीनों में हो सकता है।
कभी-कभी आई.यू.डी. गर्भाशय में गड़ सकता है, कुछ दुर्लभ मामलों में उपकरण गर्भाशय में छेद कर सकता है। यदि ऐसा होता है, तो उपकरण कार्य नहीं करेगा और इसे हटाने और बदल कर दूसरा लगाने की आवश्यकता होती है।
यह भी खयाल रखने की आवश्यकता है कि जबकि कॉपर आई.यू.डी. डालने के ठीक बाद कार्य करना शुरू कर देता है और जब हॉर्मोनल आई.यू.डी. को मासिक धर्म के पहले 7 दिनों के दौरान लगाया जाए तो वह तुरंत कार्य करना शुरू कर देता है । यदि मासिक धर्म चक्र के दौरान किसी अन्य समय में हॉर्मोनल आई.यू.डी. डाला जाता है, तो इसे प्रभावी होने में 7 दिन लगते हैं इसलिए यह सलाह दी जाती है कि आप इस बीच किसी अन्य जन्म नियंत्रण उपाय का उपयोग करें। यदि आप ऐसा नहीं करती हैं तो गर्भधारण होने की संभावना हो सकती है ।
- आई.यू.डी. गर्भाशय में होते हुए भी गर्भवती होने वाली महिलाओं को एक्टोपिक गर्भावस्था का अधिक खतरा होता है। इस मामले में, भ्रूण गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित होता है।
- आई.यू.डी. गर्भाशय में होने पर यदि गर्भावस्था होती है तो आपको गंभीर संक्रमण, गर्भपात या समय से पहले प्रसव का खतरा हो सकता है इसलिए जब महिला गर्भवती हो जाती है, तो डॉक्टर आई.यू.डी. हटा देते हैं।
चिकित्सक से मिलने की आवश्यकता कब हो सकती है?
आई.यू.डी. डालने के लिए डॉक्टर सही प्रक्रिया का पालन करते हैं। हालांकि, कभी-कभी गर्भाशय में संकुचन के कारण यह बाहर निकल सकता है या विस्थापित हो सकता है। यदि आपको अत्यधिक रक्तस्राव हो या असुविधा होती है तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेने और जन्म नियंत्रण की वैकल्पिक विधि का उपयोग शुरू करने की आवश्यकता है।
यह लक्षण खतरे का संकेत देते हैं:
- पेट में तेज़ दर्द
- संभोग के दौरान दर्द का अनुभव करना
- जब मासिक धर्म नहीं हो रहा है या यदि आप गर्भावस्था के किसी भी संकेत को समझती हैं
- एक दुर्गंध के साथ योनि से असामान्य स्राव
- आई.यू.डी. के धागे की लंबाई या स्थिति में बदलाव
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या शिशु को स्तनपान कराते समय आई.यू.डी. का उपयोग किया जा सकता है ?
हॉर्मोनल आई.यू.डी. (मीरेना) स्तनपान में समस्या पैदा कर सकता है। मिरेना आई.यू.डी. शरीर में प्रोजेस्टेरोन स्रावित करता है और यह स्तनपान कराने वाली माँ के लिए दूध की आपूर्ति में कमी का कारण बनता है।
2. क्या मुझे आई.यू.डी. लगाने के बाद गर्भनिरोधक के अन्य उपाय की आवश्यकता होगी?
आई.यू.डी. की सफलता दर 99% है। हालांकि, आई.यू.डी. के प्रकार के आधार पर हो सकता है कि यह तुरंत कार्य करना शुरू न करे और आपको वैकल्पिक गर्भनिरोधक का उपयोग करने की आवश्यकता पड़ सकती है । जैसा कि पहले चर्चा की गई है, अगर आपने कॉपर आई.यू.डी. का उपयोग किया है तो यह तुरंत कार्य करना शुरू कर देता है। कॉपर आई.यू.डी. को एक आपातकालीन गर्भनिरोधक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि आप एक हॉर्मोनल आई.यू.डी. का उपयोग कर रही हैं और यह आपके मासिकधर्म के पहले सात दिनों के भीतर डाला गया है, तो यह तुरंत कार्य करना शुरू कर देता है। अगर पहले 7 दिनों में नहीं डाला गया है तो आपको इस बीच अन्य जन्म नियंत्रण उपाय का उपयोग करने की आवश्यकता होगी।
3. क्या मेरा साथी आई.यू.डी. को महसूस करेगा?
नहीं, संभोग करते समय आई.यू.डी. को महसूस नहीं किया जा सकता है। यदि आप उपकरण को महसूस करती हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है। आप आई.यू.डी. डाले जाने के बाद पहले कुछ दिनों में संभोग के दौरान थोड़ा दर्द महसूस कर सकती हैं।
आई.यू.डी. जन्म नियंत्रण का एक सुविधाजनक और किफायती तरीका है, हालांकि आई.यू.डी. यौन संचारित रोगों को रोक नहीं सकता है। आई.यू.डी.से होने वाले दुष्प्रभाव 1% से कम महिलाओं में होते हैं। यदि आप जन्म नियंत्रण के इस रूप का उपयोग शुरू करना चाहती हैं तो पहले चिकित्सक से चर्चा करना और पूरी जानकारी लेना आवश्यक है।