In this Article
बाल दिवस एक ऐसा अवसर है, जो कि हम में से ज्यादातर लोगों के लिए बचपन से ही बहुत खास रहा है। हर 14 नवंबर को बच्चों के साथ बाल दिवस को बहुत ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। जब हम बच्चे थे, तो हमने हर साल बाल दिवस का भरपूर लुत्फ उठाया और अब हमारे बच्चों की बारी है कि वे बाल दिवस के इस मौके का भरपूर आनंद उठा सकें। अपने बच्चे को इस दिन के बारे में थोड़ी अधिक जानकारी देने के लिए और इसके महत्व को समझाने के लिए, हम बाल दिवस पर आधारित कुछ छोटे–बड़े निबंध लेकर आए हैं, जिन्हें आप अपने बच्चे को पढ़कर सुना सकते हैं।
इस बाल दिवस पर आपके बच्चे को इसे मनाए जाने का कारण भी पता होना चाहिए। यहां पर हिंदी में बाल दिवस पर 10 वाक्य लिखें हैं, जिन्हें आपको अपने बच्चे को जरूर सुनाना चाहिए।
देश भर में बाल दिवस बच्चों की महत्वता को दर्शाने के लिए मनाया जाता है, यदि आप भी अपने बच्चे को बाल दिवस की जानकारी देना चाहते है तो उसे हमारे द्वारा लिखे कम शब्दों वाले निबंध को जरूर पढ़ाएं।
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं। वे बच्चों की शिक्षा को बहुत जरूरी मानते थे, क्योंकि अच्छी शिक्षा से ही बच्चे देश के अच्छे नेता बन सकते हैं। वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे और बच्चों को भी उनसे बहुत प्रेम था। इसलिए बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। यही कारण है कि पूरे देश भर में चाचा नेहरू के जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। चाचा नेहरू का जन्मदिन मनाने और भारत के बच्चों को खास महसूस कराने के लिए लोग बाल दिवस को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। स्कूल, ऑफिस, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं (एनजीओ) बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इसमें कई तरह के खेल, नृत्य, गाना, प्रतियोगिता, नाटक, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आदि जैसे कार्यक्रम शामिल किए जाते हैं और बच्चों को कई तरह के उपहार देकर उन्हें खास महसूस कराया जाता है। नेहरू जी का सपना था कि देश के हर बच्चे को बेहतर शिक्षा हासिल हो, ताकि वे एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें। बाल दिवस के दिन बच्चों को खास महसूस कराना चाहिए और उनके बचपन को भरपूर जीना चाहिए। यही कारण है कि 1964 में उनकी मृत्यु के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है।
निबंध के इस भाग में हम आपके लिए बाल दिवस पर बड़ा और ज्यादा शब्दों वाला वर्णन लेकर आए हैं, जो आपके बच्चे को बेहतर निबंध लिखने में मदद करेगा। इससे उसे अच्छे शब्दों और उचित वाक्यों को चुनने में मदद मिलेगी।
बाल दिवस एक ऐसा अवसर है, जिसमें बचपन को बहुत महत्व दिया जाता है और छोटे बच्चों को बहुत खास महसूस कराया जाता है। हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर को हुआ था। वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे और बच्चों की शिक्षा को बहुत महत्व देते थे। उनका मानना था, कि बच्चे ही देश के भविष्य के नेता बनेंगे। वे कहते थे कि छोटी उम्र में बच्चों को सही दिशा में डाला जा सकता है। इसलिए उन्हें जिम्मेदार और बेहतर नागरिक बनाने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। यही कारण है कि 1964 में उनकी मृत्यु के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है, जो कि हमारे भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन है। जवाहरलाल नेहरू इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्य थे और अंग्रेजों के खिलाफ लंबे स्वतंत्रता संग्राम का भी एक हिस्सा थे। नेहरू को बच्चों से अधिक प्रेम था। वे बच्चों की शिक्षा का बहुत समर्थन करते थे और वे अक्सर यह कहा करते थे, कि बच्चे देश के भविष्य के नेता हैं। वे हमेशा इस बात पर दबाव डालते थे कि देश के अच्छे नागरिक बनने के लिए बच्चों का अच्छा पालन पोषण बहुत जरूरी है और इसे पाने के लिए अच्छी शिक्षा ही एक मार्ग है। उनका यह भी मानना था कि एक विकसित राष्ट्र के निर्माण में बच्चों को सीखने और बढ़ने के लिए पर्याप्त मौके दिए जाने चाहिए। वे बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय थे, इसलिए बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे। साल 1964 में उनकी मृत्यु के बाद संसद भवन में एक आधिकारिक संकल्प लिया गया, जिसके अनुसार उनके जन्मदिन यानी कि 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा, ताकि इस दिशा में उनके काम और सपने को याद किया जा सके।
देश में 14 नवंबर को लेकर बहुत धूम होती है, जहाँ एक तरफ लोग पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं वहीं दूसरी तरफ हर जगह बाल दिवस मनाया जाता है। विद्यालयों में बाल दिवस एक अलग उत्साह और मनोरंजन के साथ मनाया जाता है। स्कूलों में शिक्षक इस मौके को यादगार बनाने के लिए बच्चों के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कुछ स्कूलों में प्रधानाचार्य बचपन और बच्चों की शिक्षा के महत्व के बारे में बताते हैं। इस दिन शिक्षक बच्चों को खेलने या अपने पसंदीदा गतिविधि के लिए क्लास के दौरान खाली समय भी देते हैं। कुछ स्कूल इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं, जिसमें कई तरह की मजेदार गतिविधियां शामिल होती हैं। इनमें संगीत, नृत्य, खेलकूद, नाटक, निबंध–कविता लेखन प्रतिस्पर्धा, वाद–विवाद प्रतिस्पर्धा आदि जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। बाल दिवस के दिन अक्सर सभी स्कूल बच्चों को यूनिफॉर्म की बजाए रंग बिरंगे कपड़े पहनने की अनुमति देते हैं। इससे बच्चों को बहुत खुशी मिलती है और माहौल बहुत ही खुशनुमा बन जाता है। विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता के बाद बच्चों को इनाम भी दिए जाते हैं और बच्चों के लिए खाने–पीने की व्यवस्था भी की जाती है। इनमें मिठाइयां, चॉकलेट, नमकीन, फल के साथ–साथ पीने के पदार्थ भी दिए जाते हैं। कुछ स्कूल बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस कंपटीशन भी करते हैं, जिसमें बच्चे अपने पसंदीदा व्यक्तित्व के जैसी वेशभूषा के साथ प्रदर्शन करते हैं। इन सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की थीम अक्सर शिक्षा के महत्व के इर्द–गिर्द घूमती है। इस दौरान जो नाटक आदि प्रदर्शित किए जाते हैं, वे अक्सर बच्चों को शिक्षा और खेल कूद के प्रति प्रोत्साहन देते हैं, क्योंकि इससे उन्हें बढ़ने में मदद मिलती है।
इन दिनों चिल्ड्रेन्स डे या फिर बाल सिर्फ सिर्फ स्कूलों में ही नहीं मनाया जाता है। ऐसी कई निजी संस्थाएं हैं जो कि खुशी, प्रेम और जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन को बहुत ही उत्साह के मनाते हैं। कई गैर सरकारी संस्थाएं निम्न वर्ग के गरीब बच्चों को प्रभावित करने वाली सामाजिक असमानताओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाते हैं। इन संस्थानों के कार्यकर्ता अनाथालय जाते हैं और बच्चों के साथ नाचते, गाते, खेलते और उन्हें कहानियां सुनाते हुए उनके साथ दिन बिताते हैं। वे बच्चों में कपड़े, खिलौने, किताबें, मिठाईयां आदि भी बांटते हैं। अच्छी और बेहतर सोसाइटी में रहने वाले लोगों के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं, क्योंकि इससे डोनेशन और सहयोग मिलने में मदद मिलती है। टीवी पर बाल दिवस के दिन खास कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं और इस प्रकार यह दिन पूरे देश में मनाया जाता है।
बाल दिवस एक ऐसा अवसर है, जिसके द्वारा देश के लिए पंडित नेहरू के नजरिए को याद किया जाता है। उनका मानना था, कि वास्तविक प्रगति बच्चों की शिक्षा में निहित है और 14 नवंबर इस बात को समझने और इसके लिए काम करने का एक सुनहरा अवसर है। इस उम्र में बच्चे को किसी भी आकार में ढाला जा सकता है और उन्हें सिखाई गई अच्छी बातें उनके जीवन को बेहतर दिशा दे सकती हैं।
बाल दिवस का यह निबंध सिर्फ बच्चे के लिए ही नहीं बल्कि माँ–बाप को अपने बच्चे की छोटी–छोटी उपलब्धियों और जीत को सेलिब्रेट करने के लिए प्रोत्साहित करता है। बच्चों को इससे यह सीख मिलती है कि उनके जीवन में शिक्षा का कितना महत्व है और उन्हें सही दिशा में जाने के लिए शिक्षा सहारा लेना जरूरी है। हर साल की तरह इस साल भी पूरे देश में बाल दिवस उसी उत्साह के साथ मनाया जाएग, जिससे बच्चों का मनोबल बढ़े और वह जीवन में बेहतर कर सकें।
हर साल विश्व बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है।
बाल दिवस की शुरुआत 1857 में अमेरिका के चेल्सी में रेवरेंड डॉ चार्ल्स लियोनार्ड ने की थी।
बाल दिवस की शुरुआत किए जाने की अहम वजह बच्चों की जरूरतों को स्वीकार करने, पूरा करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और उनके साथ हो रहे शोषण को रोकना है ताकि बच्चों का सही तरीके से विकास हो सके और साथ ही यह नेहरू जी के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है।
यह भी पढ़ें:
बाल दिवस (चिल्ड्रेन्स डे) के लिए बेस्ट कोट्स, विशेस, मैसेजेस और स्लोगन
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…