आपका नन्हा बच्चा हर दिन नए रास्ते तलाश कर रहा होता है और उसके लिए इस सफर में बहुत सारे जोखिम भी आते हैं। लेकिन मां होने के नाते आपको हर समय चौकन्ना रहना पड़ता है, कोई अचानक से हादसा हो जाए, तो आपको क्या करना चाहिए, आप ऐसी स्थिति से कैसे निपटें, आपको इसके बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए। फर्स्ट एड किट का इस्तेमाल किस स्थिति में और कैसे करना है, यह जानना बहुत जरूरी है।
यहां आपको फर्स्ट एड के जरूरी मेथड दिए गए हैं जो बच्चों को होने वाले समस्याओं से राहत प्रदान करने में मदद करेंगे। समय पर बच्चे को फर्स्ट एड देने से उसे तुरंत आराम मिल जाता है और किसी भी गंभीर खतरे से बचाया जा सकता है।
ध्यान दें: ऐसे केस में बच्चे को बेहोश होने से बचाए रखना बहुत जरूरी है
गिरने के कारण आमतौर पर बच्चे को लंबे समय तक परेशानी नहीं होती है। यूं तो बच्चे के गिर जाने जैसे एक्सीडेंट को लोग ज्यादा सीरियस नहीं लेते हैं, खासकर छोटे बच्चों के जिनका शरीर अभी भी डेवलप हो रहा होता है, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि ऐसे बच्चों को और भी ज्यादा नुकसान पहुंचने का खतरा होता है।
यदि आपके बच्चे को गिरने के बाद कहीं बंप पड़ जाता है, तो आपको उसे शांत कराके सुला देना चाहिए। सोने से बच्चे को इमोशनल ट्रॉमा से बाहर आने में मदद मिलती है। यदि टकराने से या गिरने के बाद बच्चे के शरीर की त्वचा का रंग बदलने, सांस लेने में दिक्कत, सुस्ती, पुतलियों का आकार एक समान न होना, कोआर्डिनेशन में परेशानी होना, उल्टी आदि लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको बिना देर किए उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
ध्यान दें: निगली हुई चीज जहरीली नहीं होनी चाहिए
जब आपके बच्चे ने कुछ ऐसा निगल लिया है जो शार्प नहीं है, तो वह शरीर के अंदर जाएगा और मल में जरिए बाहर निकल जाएगा। आपको इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन आपको उस पर नजर रखनी होगी है। अगर शिशु उल्टी करना, लार टपकना, सांस लेते समय आवाज करना, खांसना और खाना कम कर देना शुरू कर देता है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। हालांकि, अगर उसने सुई या छोटा चुंबक जैसी खतरनाक वस्तुओं को निगल लिया है, तो तुरंत बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।
बच्चे ऐसी चीजों को भी निगल सकते हैं जो उनके लिए जहरीली होती हैं। यदि बेबी ने किसी भी प्रकार की पिल्स, क्रेयॉन/पेंट, क्लीनिंग प्रोडक्ट, बेबी प्रोडक्ट आदि निगल लिया है, तो जहर फैलने से रोकने के लिए उसे सही तरह से और समय पर फर्स्ट एड दिया जाना बहुत जरूरी है, ऐसे हालातों में जितना जल्दी हो सके बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।
ध्यान दें: ब्लीडिंग को जल्दी से जल्दी रोकें
बच्चे को जितनी ज्यादा देर तक ब्लीडिंग होती रहेगी, उसकी स्थिति उतनी ही ज्यादा खतरनाक होती जाएगी। जब भी एक्सेस ब्लीडिंग का केस हो, तो आपको बच्चे को शॉक में जाने से रोकना होगा। तो एक्सेस ब्लीडिंग के मामले में आपका सबसे पहला कदम ब्लीडिंग रोकने के लिए होना चाहिए।
ब्लीडिंग को रोकने के लिए शरीर पर लगे चोट वाले हिस्से को ऊपर उठाएं। बच्चे को फर्श पर लिटा सकती हैं और उसके सिर को ऊपर रखें ताकि उसके मस्तिष्क में रक्त जमा न होने लगे। घाव को भरने के लिए एक स्टेराइल बैंडेज या कपड़े का प्रयोग करें और थोड़ा प्रेशर से इसे बांध दें, ऐसा करने से ब्लीडिंग बंद हो जाएगी। आप इसे अच्छी तरह से पैड करने के लिए ज्यादा लेयरिंग करें। ध्यान रहे कि चोट वाली जगह को बहुत ज्यादा टाइट न बांधे, इससे उसका ब्लड सर्कुलेशन डिस्टर्ब हो जाएगा।
ध्यान दें: जितनी जल्दी हो सके शरीर को ठंडा करें
सबसे पहले तो बच्चे को हर उस चीज से दूर रखें जिससे उसे जलने का खतरा हो। लेकिन अगर किसी कारण से बच्चा जल जाता है तो उसे जितनी जल्दी हो सके पानी के सोर्स तक पहुंचाएं और शरीर के तापमान को कम करने का प्रयास करें। जलने वालों को ज्यादा डैमेज तब होता है जब त्वचा का तापमान कम नहीं होता है। इसलिए आपका फोकस ऐसी कंडीशन में इस चीज पर सबसे ज्यादा होना चाहिए।
बच्चे के कपड़े हटाने की कोशिश न करें अगर कपड़े पहले से ही उसकी त्वचा से चिपकना शुरू हो गए हैं। बस आग बुझाने पर ध्यान दें। आपको अपने बच्चे को किसी भी तरह के जलने पर डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए, अगर बच्चा हल्का सा जल गया है जैसे माइल्ड स्कार या सनबर्न है तो ज्यादा चिंता कि बात नहीं लेकिन फिर भी डॉक्टर को दिखा लेना बेहतर होगा। याद रखें, दिमाग से काम लिए जाने पर ज्यादातर बर्न केस सीरियस नहीं होते हैं।
ध्यान दें: कीड़े की काटने वाली जगह को साफ करें
बच्चों में कीड़े का काटना एक कॉमन समस्या है और आपको इस पर कंट्रोल करना चाहिए। कीटाणुनाशक का प्रयोग करके हमेशा अपने घर को साफ़ रखें ताकि कीड़े-मकौड़े आपके घर से दूर रहे।
प्रभावित क्षेत्र को छुए या खुजलाएं नहीं। इससे ब्लीडिंग हो सकती है और इंफेक्शन होने का खतरा भी होने लगता है। अगर आवश्यक हो, तो कीड़े की काटने वाली जगह को कवर कर दें, ताकि बच्चा उस जगह को बार-बार छुए। काटने वाले हिस्से को साबुन और पानी से धो लें। इंफेक्शन से बचने और दर्द को शांत करने के लिए ठंडी क्रीम लगाएं। ततैया के काटने या मधुमक्खी के डंक मारने पर आप दर्द को कम करने के लिए घरेलू उपचारों का उपयोग कर सकती हैं। कीड़े के काटने का दर्द आमतौर पर कुछ घंटों से अधिक नहीं रहता है, लेकिन यदि ऐसा होता है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
ध्यान दें: घाव को साफ करके धोएं
इस बात का खयाल रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि जिस चीज से आपके बच्चे को कट लगा है, उसमें जर्म या माइक्रोब मौजूद न हों वरना इससे बच्चे को इंफेक्शन होने का खतरा होता है! ध्यान से घाव को हल्के एंटीसेप्टिक से साफ करें।
चोट वाली जगह को बहते पानी के नीचे ज्यादा देर तक न रखें। ब्लीडिंग को रोकने के लिए, थोड़ा दबाव डालें और घाव पर साफ कपड़े को रखें। यदि कट बहुत गहरा नहीं है, तो एक बैंड-एड इस्तेमाल करें। वरना, घाव की ठीक से ड्रेसिंग कराने के लिए बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।
जरूरत पड़ने पर आप यहां बताई गई फर्स्ट एड किट को तैयार रखें इसे ऐसा रेडी करें कि हर जगह कैरी कर सकें, इससे न केवल आपको बल्कि दूसरों को समय पर फायदा पहुंच सकता है। आप रेडी मेड फर्स्ट एड किट मार्केट से खरीद सकती हैं या फिर घर में इसे खुद भी बना सकती हैं।
अपनी फर्स्ट एड किट को जरूर अपडेट रखें, इस्तेमाल की गई दवाओं को बदलें और एक्सपायर हो चुकी दवाओं को फेंक दें। जब भी आप यात्रा कर रही हों तो अपने साथ फर्स्ट एड किट लेकर चलें । यह भी सुनिश्चित करें कि फर्स्ट एड किट बच्चे की पहुंच से दूर रहे। बच्चे के साथ साथ खुद का भी ध्यान रखें!
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