बेबी लेड वीनिंग (बीएलडब्ल्यू) की शुरुआत

बेबी लेड वीनिंग (बीएलडब्ल्यू) की शुरुआत

जैसे ही आप अपने बच्चे को ठोस आहार देने की शुरुआत करने की सोचती हैं, तो आपके दिमाग में पिसे हुए खाने की एक सूची घूमने लगती है। बच्चे को ठोस आहार से रूबरू कराने का यह एक पुराना तरीका है। वहीं, लेटेस्ट है – बेबी लेड वीनिंग, जो कि बच्चे के 6 महीने पूरे होने के बाद, उन सभी चीजों को खाने की आजादी देता है, जो उसे पसंद आता है। इसलिए आपके पास मौका है, कि आप पिसे हुए और पतले या सूप जैसे खाने के बजाय, बच्चे को उसका पसंदीदा खाना खाने दें। 

बेबी लेड वीनिंग क्या होता है? 

बेबी लेड वीनिंग का साधारण अर्थ है, कि जैसे ही आपका बच्चा ठोस आहार खाने के लायक हो जाए, तो उसे उसका पसंदीदा फिंगर फूड खाने को देना और पिसे हुए या मसले हुए खाने को दूर रखना। 

ADVERTISEMENTS

ठोस आहार से परिचय कराने के इस तरीके को बेबी लेड का नाम दिया गया है, क्योंकि बच्चा जो कुछ भी खाना चाहता है, उसे वह अपने आप खा सकता है। इससे बच्चा यह सीखता है, कि खाने को पहले चबाना चाहिए और फिर निगलना चाहिए और वह अपने मसूड़ों का इस्तेमाल करना भी सीखता है। इसके अलावा यहाँ पर एक बोनस भी है, कि बच्चा अपने मुँह में क्या डालना चाहता है और कितना डालना चाहता है, उसे नियंत्रित कर सकता है।  इसका मतलब है, पेरेंट्स को बच्चे के मुँह में खाना डालने की जिम्मेदारी से छुट्टी मिल जाती है, जो कि एक राहत की बात है। 

रिसर्च क्या कहती है? 

द मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ रेकमेंड करती है, कि जैसे ही बच्चा 6 महीने का हो जाए, तो उसे ठोस आहार देने की शुरुआत कर दें। इस उम्र तक नवजात शिशु की गर्दन मजबूत हो चुकी होती है और थोड़े सपोर्ट के साथ वह बैठने में भी सक्षम होता है।  इस उम्र तक उसकी आँखों और हाथों का तालमेल, खाने को पकड़ने और मुँह में डालने में उसकी मदद कर सकता है। 

ADVERTISEMENTS

बीएलडब्ल्यू की शुरुआत कब और कैसे करें?

जब बच्चा 6 महीने का हो जाए, तो खाने के दौरान उसे अपनी गोद में बिठाएं और उसे वैसे पोषक फिंगर फूड खाने को दें, जो कि इस उम्र में उसके लिए सही है। आप पकी हुई फूलगोभी या ब्रोकोली से शुरुआत कर सकती हैं, जिन्हें उसे छोटे-छोटे हाथों से पकड़ना आसान होता है। शुरुआत में खाने से बच्चा सिर्फ खेलता रहेगा और फिर उसे चूसना शुरू कर देगा। जब तक आपका बच्चा पर्याप्त मात्रा में ठोस आहार लेने की शुरुआत नहीं करता, तब तक खाने के बीच-बीच में उसे ब्रेस्टफीड भी कराती रहें। जैसे-जैसे उसके ठोस आहार की मात्रा बढ़ती जाएगी, ब्रेस्टफीडिंग कम होती जाएगी। 

बेबी लेड वीनिंग के फायदे

यहाँ पर बीएलडब्ल्यू के कुछ फायदे दिए गए हैं, जो आपके बच्चे के लिए इसकी शुरुआत करने के लिए आपको प्रेरित करेंगे: 

ADVERTISEMENTS

  • बच्चे के मेन्यू के लिए हर दिन आपको अलग से काम करने की जरूरत नहीं होगी। शुरुआत से ही बच्चे को बड़ों का खाना खाने की ट्रेनिंग देना लंबे समय तक काम आएगा। 
  • बच्चे के मुँह में जबरदस्ती खाना डालने की कोई जरूरत नहीं है। खाने के लिए बच्चे पर दबाव डालना पेरेंट्स और बच्चे दोनों के लिए थकाने वाला होता है। 
  • जब बच्चा आपके साथ खाता है, तो आप खुद भी समय पर खाना खाने लगती हैं, जो कि काफी आरामदायक होता है।
  • बच्चा सेल्फ रेगुलेशन सीखते हुए बड़ा होता है, जिससे भविष्य में उसका बीएमआई हेल्दी रहने की संभावना बढ़ जाती है। 
  • बच्चा अपनी पसंद के अनुसार अपने खाने को चुनना सीखता है। यह वजन बढ़ाने में भी सहायक होता है, क्योंकि जब बच्चे अपनी पसंद का खाना खाते हैं, तो पूरे दिल से खाते हैं। 
  • बीएलडब्ल्यू के माध्यम से अपने बच्चे के जीवन की शुरुआत में ही हेल्थी ठोस आहार (आयु के अनुसार उचित आहार) से परिचय कराने का एक विकल्प मिल जाता है और क्या पता वह पूरे जीवन ऐसे ही हेल्दी खाना खाने का आदी हो जाए। 
  • चूंकि, बच्चे अलग टेक्स्टचर, आकार और आकृति का खाना चुनते हैं, तो वे खाने को सही तरह से हैंडल करना भी सीख जाते हैं। इस तरह हाथ और आँखों के तालमेल की प्रैक्टिस भी लगातार होती रहती है। 
  • परिवार के साथ बैठना और खाना खाना एक स्वस्थ आदत है, जिससे वे फैमिली टाइम को महत्व देना  सीखते हैं व परिवार के अन्य सदस्यों की नकल करके सीखते हैं कि उन्हें क्या खाना चाहिए और कैसे खाना चाहिए। 
  • चम्मच से खाने वाले बच्चों की तुलना में ये भोजन को चबाना जल्दी सीख जाते हैं, जो कि पाचन के लिए बहुत जरूरी है।
    बेबी लेड वीनिंग के फायदे

नुकसान

बीएलडब्ल्यू के कुछ नुकसान भी होते हैं, जो कि नीचे दिए गए हैं: 

  • इतनी छोटी उम्र में जब बच्चा खुद खाना खाता है, तो बहुत ही गंदगी फैल जाती है। 
  • अधिकतर खाना बर्बाद हो जाता है और जमीन पर पड़ा हुआ मिलता है। 
  • पोषक तत्व, खासकर आयरन की कमी हो सकती है, इसलिए डॉक्टर आपके बच्चे को इसके लिए एक सप्लीमेंट भी दे सकते हैं। 
  • आपके बच्चे ने कितना खाया है, इस पर नजर रखना आपके लिए मुश्किल हो सकता है, क्योंकि बच्चे की प्लेट में रखा अधिकतर खाना फर्श पर पड़ा हुआ मिलता है। 

बीएलडब्ल्यू शुरुआती भोजन

आपके काम को थोड़ा आसान बनाने के लिए यहाँ पर हम खाने की चीजों की एक लिस्ट दे रहे हैं, जिन्हें आप बीएलडब्ल्यू की शुरुआत के लिए अपने बच्चे को फिंगर फूड के तौर पर दे सकती हैं: 

ADVERTISEMENTS

  • केला
  • कद्दू
  • शकरकंद
  • एवोकाडो
  • मुलायम पके सेब 
  • मुलायम पके गाजर, बीन्स और बीट 
  • छिलके उतारे हुई हरी फलियां
  • ठीक से पके हुए पीच, नाशपाती और खरबूज
  • आलूबुखारा
  • मीट या पोल्ट्री
  • अंडे की जर्दी 
  • ब्रेड के टुकड़े, पास्ता या चावल

बीएलडब्ल्यू में खाने की किन चीजों को शामिल नहीं करना चाहिए? 

आगे बढ़ने से पहले बेबी लेड वीनिंग के कुछ सुरक्षा मापदंडों को ध्यान में रखें: 

1. ऐसा खाना जिसमें चोक होने का खतरा ज्यादा हो

कुछ खाद्य पदार्थ जैसे अंगूर, टमाटर, होल हॉट डॉग आदि बच्चे के गले में फंस सकते हैं। 

ADVERTISEMENTS

2. खाना जिससे एलर्जी हो सकती है

कुछ खाने में एलर्जी पैदा करने वाले तत्व होते हैं और उनसे बचना चाहिए, जैसे ग्लूटेन, अंडे की सफेदी, मूंगफली, सीफूड, खट्टे फल और ऐसी ही अन्य चीजें। अगर आपके घर के किसी सदस्य को इनमें से किसी भी खाने से एलर्जी की समस्या है, तो हो सकता है कि आपके बच्चे में भी वंशानुगत रूप से यह समस्या आई हो, इसलिए आपको खतरा नहीं उठाना चाहिए।
खाना जिससे एलर्जी हो सकती है

3. अतिरिक्त नमक या शक्कर वाली चीजें

अपने बच्चे के खाने में अतिरिक्त नमक या शक्कर डालने से बचें, उसे प्राकृतिक मिठास और नमकीन खाने का आनंद उठाने दें। 

ADVERTISEMENTS

4. प्रोसेस्ड और अनहेल्दी खाना

प्रोसेस्ड खाना बच्चे के लिए अनहेल्दी होता है और यह हम सभी जानते हैं। इसलिए हमें उन्हें चिप्स, पॉपकॉर्न, मीठा, ब्रेकफास्ट सीरियल, गम और सख्त कैंडी देने से बचना चाहिए। 

5. शहद

शहद में क्लॉस्ट्रीडियम बोटूलिनम नामक एक बैक्टीरिया होता है, जो कि आपके बच्चे के अविकसित डाइजेस्टिव सिस्टम को खराब कर सकता है, इसलिए उसे शहद न दें। 

ADVERTISEMENTS

6. स्टिम्युलेंट्स 

चॉकलेट या शक्कर जैसे स्टिम्युलेंट से बचें। ये खाद्य पदार्थ आगे चलकर आपके बच्चे के बीएमआई को खराब कर सकते हैं और उसे हाइपरएक्टिव बना सकते हैं। 

अगर डॉक्टर मिनिरल सी साल्ट की अनुमति दे, तो इसे थोड़ी मात्रा में अपने बच्चे के खाने में शामिल करें। 

ADVERTISEMENTS

क्या बेबी लेड वीनिंग की कोशिश करने में बच्चे को चोकिंग हो सकती है? 

बीएलडब्ल्यू के बारे में जो सबसे आम धारणा है, वह है खुद खाने की कोशिश के दौरान बच्चे का चोक होना और यह सही भी है। 

रिसर्च बताती हैं, कि अगर बच्चा सीधे ठीक से बैठ सकता है और खा सकता है, तो वह बिल्कुल ठीक रहेगा। उसे खाने के साथ कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए: 

ADVERTISEMENTS

  • खाने के पहले और बाद में, बच्चे का हाथ धोना बहुत जरूरी है, ताकि खाने या खेलने के दौरान वह खाना वापस अपने मुँह में न डालें। 
  • किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचने के लिए बच्चे के नाखून काटते रहें। 
  • बच्चे को एक हाई चेयर पर सीधा बैठाना चाहिए, नीचे लेट कर खाना बिल्कुल भी सही नहीं है। क्योंकि इससे गलत नली में खाना जा सकता है। 
  • बच्चे को अपनी गति से खाना खाने दें। जल्दबाजी करने से खाना उसके गले में अटक सकता है। 
  • ऐसा कोई भी खाना उसे न दें, जो उसके मुँह के लिए काफी बड़ा हो। उसे छोटे आकार के लिए सिंगल बाइट दें, जो कि मुलायम हो और उसे चबाना और निगलना भी आसान हो। 
  • बीएलडब्ल्यू शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से मिलें और फर्स्ट एड सीखें।
    क्या बेबी लेड वीनिंग की कोशिश करने में बच्चे को चोकिंग हो सकती है

क्या बच्चे को पर्याप्त खाना मिलेगा? 

6 से 12 महीने की उम्र तक ठोस आहार के साथ-साथ ब्रेस्टफीडिंग बच्चे के पोषक तत्वों की सभी जरूरतों को पूरा करेगा। पहले साल में बीएलडब्ल्यू की शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य है, कि बच्चा चबाना और निगलना सीखे।  अगर बच्चा एक्टिव और स्वस्थ है, और उसका वजन ठीक से बढ़ रहा है, तो बेफिक्र रहें, आपका बच्चा बिल्कुल ठीक है। आमतौर पर बच्चे को अपनी भूख की समझ होती है और वह अपना पेट भरने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाता है। अगर आपके बच्चे का वजन ठीक से नहीं बढ़ रहा है, तो आप ब्रेस्टफीडिंग के साथ-साथ बच्चे के खाने में थोड़ी स्मूदी और प्युरी भी शामिल कर सकती हैं, अगर आप ब्रेस्टफीड कराने में सक्षम नहीं हैं, तो आप बेबी फार्मूला का इस्तेमाल कर सकती हैं, इससे भी आपको वही नतीजे मिलेंगे। 

बीएलडब्लू का सबसे बेहतरीन पहलू यह है, कि इसे आराम से किया जा सकता है और यह करो या मरो की स्थिति नहीं होती है। साथ ही इस पर निर्भर रहने की जरूरत भी नहीं होती है। हमेशा किसी भी तरह की दुविधा की स्थिति में मार्गदर्शन के लिए अपने बच्चे के पेडिअट्रिशन से सलाह जरूर लें। 

ADVERTISEMENTS

बेबी लेड वीनिंग बच्चे को परिवार के एक साथ खाना खाने की परंपरा से परिचय कराने का एक बेहतरीन तरीका है। जब वे पूरे परिवार के साथ खाना खाते हैं, तो न केवल वे खुद से खाना खाना सीखते हैं, बल्कि टेबल मैनर्स भी सीख जाते हैं। 

यह भी पढ़ें: 

ADVERTISEMENTS

स्तनपान छुड़ाना – संकेत, आहार और ठोस खाद्य पदार्थ खिलाने की शुरुआत