बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों का हाथ धोना – महत्व और सही तरीका

बच्चे विकसित इम्यून सिस्टम के साथ पैदा नहीं होते हैं। उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है और जन्म लेने के बाद भी विकसित होती रहती है। इसलिए वे कई बीमारियों और इंफेक्शन के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं। इससे बचने के लिए बच्चों का साफ-सुथरा रहना बेहद जरूरी है। अपने बच्चे को साफ-सफाई की अच्छी समझ रखने की शिक्षा देने की कई बातों में से एक मूलभूत बात उसे यह सिखाना है कि हाथ धोना इतना जरूरी क्यों है।

हाथ धोने का महत्व

बच्चों के लिए हाथ धोने के महत्व पर जितना कहा जाए कम है, एक बच्चे के हाथ उसके शरीर का सबसे अधिक खुला हिस्सा होते हैं और जितना हम रोजाना सांस लेते हैं, उससे कहीं अधिक हम कीटाणुओं के साथ प्रति घंटा के आधार पर संपर्क में रहते हैं। ये माइक्रोस्कोपिक जर्म बच्चों में होने वाली कुछ सबसे खतरनाक बीमारियों का कारण हैं। इसलिए, इन कीटाणुओं के खिलाफ सुरक्षा बनाए रखना जरूरी है और उस दिशा में पहला कदम बच्चों को अपने हाथों को साफ करने के लिए हाथ धोने के महत्व के साथ-साथ ऐसा करने की उचित तकनीक सिखाना भी है।

कीटाणु कैसे फैलते हैं?

अपने बच्चों के हाथ धुलने की बेहतर तकनीक के बारे में जानने से पहले, यह समझना जरूरी है कि कीटाणु कैसे फैलते हैं। यहां सबसे आम तरीकों के बारे में बताया गया है जिनसे खतरनाक जर्म्स बच्चे में छूने से फैल सकते हैं।

  • गंदी सतहों को छूना सबसे आम कारण है, जिससे कीटाणु बच्चे के शरीर में पहुंच सकते हैं। ये सिर्फ फर्श पर ही नहीं मौजूद होते है, बल्कि कंप्यूटर, बाथरूम, (यहां तक ​​कि दरवाजे के हैंडल!) जैसी सामान्य सतहें, जो कई व्यक्तियों द्वारा शेयर की जाती हैं, कीटाणुओं के लिए घर बनते हैं।
  • मिट्टी में खेलना बच्चों की सबसे पसंदीदा एक्टिविटी है जिससे कीटाणु फैलते हैं। लेकिन यह एक्टिविटी बेहद खराब होती है क्योंकि बच्चे गंदगी मिट्टी खेलते वक्त अस्वच्छ घटकों के संपर्क में आते हैं।
  • यदि आपका बच्चा अभी भी डायपर पहनता है, तो वह अपने हाथों को अपने डायपर पर और उसके अंदर डाल सकता है, जो गंदे होते हैं और उसके शरीर में प्रवेश करने वाले कीटाणुओं का स्रोत हो सकते हैं।
  • जर्म्स आमतौर पर तब फैलते हैं जब बच्चा किसी ऐसे व्यक्ति को छूता है जो बीमार है या बीमार होने वाला है।
  • आपके बच्चे के चारों ओर खराब बैक्टीरिया होते हैं, यहां तक ​​कि खाने में भी। यदि बच्चा खराब खाने या पानी के संपर्क में आता है, तो यह बैक्टीरिया उसे भी दूषित कर देता है।
  • पसीने के जरिए भी बच्चे जर्म्स और बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाते हैं। आपका बच्चा आपके पसीने, या यहां तक कि अपने खुद के पसीने को छूकर, जो कि हवा के कीटाणुओं से दूषित होता है, बीमारियों को आमंत्रित करता है।

हाथ धोने से किस तरह के इंफेक्शन से बचा जा सकता है?

ऐसे कई प्रकार के इंफेक्शन हैं जिन्हें आपके बच्चे के हाथ धोने की सरल आदत से रोका जाता है। इनमें से कुछ से आम सर्दी-जुकाम, इन्फ्लूएंजा, हेपेटाइटिस ए, मेनिनजाइटिस और ब्रोंकियोलाइटिस होते हैं। यह याद रखना जरूरी है कि साबुन से अपने बच्चे के हाथ धोने से कई तरह के संक्रामक बैक्टीरिया और कीटाणु मर जाते हैं, जिन पर यदि ध्यान न दिया जाए तो वे खतरनाक हो जाते हैं।

बच्चों को कब हाथ धोने चाहिए?

बच्चों को दिन में कई बार हाथ धोने की जरूरत होती है – यह विशेष रूप से कुछ एक्टिविटीज के दौरान, पहले और बाद में करना चाहिए। इन एक्टिविटीज में शामिल हैं:

  • खाने से पहले।
  • खाने के बाद।
  • मिट्टी में खेलने के बाद।
  • सो कर उठने के बाद।
  • सोने से पहले।
  • खेलने के बाद।
  • नाक में उंगली डालने के बाद।
  • टॉयलेट जाने के बाद।

जब भी बच्चे कीटाणुओं के संपर्क में आते हैं तो उन्हें हाथ जरूर धोने चाहिए। दूसरी कौन सी स्थितियों में बच्चों को हाथ धोने चाहिए ये जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें और जानें कि वे सामान्य परिस्थितियों में हानिकारक कीटाणुओं के संपर्क में कब आते हैं।

हाथ धोने का सही तरीका क्या है?

अपने बच्चे को हाथ धोना सिखाते समय सबसे पहले ध्यान देने वाली बात है उन्हें धोने की उचित प्रक्रिया। यहां बच्चों के लिए हाथ धोने के अहम स्टेप्स दिए गए हैं:

  1. बच्चों को हाथ धोना सिखाते समय, उन्हें जो पहली बात पता होनी चाहिए, वह है कमरे के तापमान के पानी से अपने हाथ धोना।
  2. दूसरे स्टेप में उन्हें यह सिखाना है कि साबुन का झाग कैसे बनाया जाता है। साबुन का झाग बनाने की प्रक्रिया हथेलियों, उंगलियों, नाखूनों के नीचे, उंगलियों के बीच और हथेली के पिछले हिस्से के आसपास साबुन को रगड़ना है।
  3. हाथ में लगे साबुन को कमरे के तापमान के पानी से धोना।
  4. अंत में, उन्हें अपने हाथों को एक साफ तौलिए से सुखाना सिखाएं।

बच्चों को हाथ धोने के लिए कैसे तैयार करें

बच्चे हमेशा हाथ धोना नहीं चाहते हैं। उन्हें लगता है कि जैसे यह एक प्रतिबंध या नियम है, और बच्चे हमेशा अपनी सीमाओं को चुनौती देना पसंद करते हैं। हालांकि, उनका यह सीखना आवश्यक है कि जरूरत पड़ने पर उन्हें हाथ कैसे धोने हैं। मदद करने के लिए यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं।

1. इसे एक खेल की तरह बनाएं

हाथ धोने को एक खेल बनाने से बच्चों को उनकी स्वच्छता के बारे में उत्साहित होने में मदद मिलती है।

2. हाथ धोते समय गाना गाएं

हाथ धोने की प्रक्रिया को मजेदार बनाएं! बच्चे को हाथ धोते समय साथ में एक पसंदीदा गाना गाने के लिए प्रेरित करें, जिससे यह उनके दिन का एक मजेदार और मनोरंजक पहलू बन जाएगा।

3. उन्हें इनाम दें

हाथ धोने के लिए उन्हें इनाम देने पर, बच्चे ऐसा करने के लिए उत्साहित होते हैं। ऐसा करने के लिए, पहले एक बेंचमार्क सेट करें कि उन्हें कितनी बार हाथ धोने की जरूरत है, और किस स्थिति में उन्हें ऐसा करना चाहिए। दिन के अंत में, सफल होने पर, उन्हें इनाम दें।

4. उनसे बात करें

बच्चे हमारी सोच से कहीं ज्यादा स्मार्ट होते हैं – उन्हें बैठाकर स्वच्छता का उद्देश्य समझाएं। वे निश्चित रूप से समझेंगे कि हाथ धोना इतना जरूरी क्यों है।

5. वीडियो के द्वारा सिखाएं

बच्चों के लिए ऐसे बहुत बहुत सारे वीडियो मौजूद हैं जो उन्हें हाथ धोना सिखाते हैं। उन्हें ऑनलाइन एक कार्टून या वीडियो दिखाएं जो उन्हें मजेदार तरीके से ऐसा करना सिखाए।

बच्चों को हाथ धोना सिखाते समय क्या न करें

किसी बच्चे को कोई आदत सिखाते समय, खासकर स्वच्छता के बारे में, कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों को हाथ धोना सिखाते समय कुछ बातों से बचना चाहिए।

  • हाथ न धोने पर उन पर चिल्लाएं नहीं।
  • उनके हाथ आप न धोएं।
  • उनके नखरे पर ध्यान न दें।
  • उनके साथ अपना धैर्य न खोएं।

अपने बच्चे को कोई भी आदत सिखाने के लिए क्या करें और क्या न करें को बेहतर ढंग से समझने के लिए, बच्चे के डॉक्टर से बात करके देखें कि कौन सी तकनीक अच्छी है और कौन सी नहीं।

छोटे बच्चे के हाथ कैसे धोएं?

जब आप बच्चों के लिए हाथ की सफाई के नियम बना रही हों, तो उनकी उम्र पर भी ध्यान दें। छोटे बच्चे या शिशु का हाथ धोना बड़े बच्चे के हाथ धोने से बहुत अलग है; यहां उसी सिलसिले में कुछ जरूरी टिप्स दिए गए हैं।

  • गुनगुने पानी से गीले एक तौलिए का उपयोग करके, अपने बेबी के हाथ साफ करें।
  • उसके हाथों पर बेबी सोप धीरे से लगाएं।
  • एक दूसरे साफ, गुनगुने तौलिए का उपयोग करके हाथों से साबुन साफ करें।
  • उसके हाथों को एक बाउल में गुनगुने पानी में भिगो दें।
  • सूखे कपड़े से पोंछ लें।

यह याद रखना बेहद जरूरी है कि स्वच्छता की स्वस्थ आदतें जैसे हाथ धोना और दांत ब्रश करना, बच्चे की दिनचर्या में बहुत कम उम्र से ही शामिल कर देनी चाहिए, ताकि वे उसके जीवन का एक अहम हिस्सा बन सकें!

यह भी पढ़ें:

बच्चों की अच्छी सेहत के लिए बेहतरीन टिप्स
बच्चों के लिए जरूरी और स्वस्थ आदतें
व्यक्तिगत स्वच्छता: बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए बेहतरीन आदतें और टिप्स

समर नक़वी

Recent Posts

गाय और शेर की कहानी | The Cow And The Lion Story In Hindi

ये कहानी लक्ष्मी नाम की गाय की है, जो की गलती से शेर की गुफा…

3 days ago

कौवा और कोयल की कहानी। The Crow And The Cuckoo Story In Hindi

कौवा और कोयल की इस कहानी में हमें ये बताया गया है कि कैसे कोयल…

3 days ago

कबूतर और मधुमक्खी की कहानी | The Story Of The Dove And Bee In Hindi

यह कहानी एक कबूतर और एक मधुमक्खी के बारे में है कि कैसे दोनों ने…

1 week ago

हाथी और बकरी की कहानी | Elephant And Goat Story In Hindi

ये कहानी जंगल में रहने वाले दो पक्के दोस्त हाथी और बकरी की है। दोनों…

1 week ago

चांद पर खरगोश की कहानी | The Hare On The Moon Story In Hindi

इस कहानी में हमें जंगल में रहने वाले चार दोस्तों के बारे में बताया गया…

1 week ago

एक राजा की प्रेम कहानी | A King Love Story In Hindi

ये कहानी शिवनगर के राजा की है। इस राजा की तीन रानियां थीं, वह अपनी…

1 week ago