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जब बच्चे बड़े होने लगते हैं, ऐसे में कई माता-पिता उनमें अजीब आदतों या उनकी हरकतों में बदलाव को नोटिस करना शुरू कर देते हैं। उनमें से कुछ आदतें सभी उम्र के बच्चों के लिए बहुत सामान्य होती हैं, जैसे कि अपने नाखून चबाना या अपनी उंगलियों को कान में डालकर मोम को सूंघना और ऐसी बहुत सारी आदतें हैं। लेकिन उनका अपनी नाक में उंगली डालना खराब आदतों में से एक है। एक बच्चे का अपनी नाक में उंगली डालना कोई नई बात नहीं है। यह एक आम सी जिज्ञासा होती है या शायद यह ऐसी आदत हो जिसे छोड़ना बहुत मुश्किल होता है।
बच्चों का नाक में उंगली डालना बिल्कुल सामान्य है। यह एक ऐसी आदत है जिसे बच्चे तो करते ही हैं लेकिन साथ में बड़े भी करते हैं। हमारी नाक बेहद सेंसिटिव होती है और इसमें किसी भी तरह की उलझन महसूस हो तो उसे तुरंत सही करने की जरूरत होती है। इस उलझन को दूर करने में हमारी उंगलियां ही काम आती हैं। हाँ, हमारी सोसाइटी दूसरों के सामने सार्वजनिक रूप से ऐसा करना गलत मानती है, लेकिन कुछ बच्चे नाक से निकलने वाली गंदगी (म्यूकस) को खाकर हर सीमा को पार कर देते हैं। यह बच्चों के लिए काफी ज्यादा अनहाइजीनिक होता है।
कई माता-पिता इस बात से आश्चर्य करते हैं कि कैसे उनके बच्चे अपनी नाक में उंगली डालकर गंदगी को निकालकर खाने लगते हैं, यह पूरी हरकत बहुत ही ज्यादा असहज महसूस कराती है। वैसे क्या चीज सही है और क्या गलत है यह सब बड़ों के लिए होता है, लेकिन बच्चे तो सिर्फ बच्चे होते हैं। बहुत से बच्चे जरूरत के साथ-साथ नाक में उंगली डालने को आदत भी बना लेते हैं।
अगर आपके बच्चे की नाक में उंगली डालने की हरकत आपको नहीं पसंद आ रही है, तो यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप स्थिति को संभाल सकती हैं।
आप जानती हैं कि वह अभी बच्चा है। ज्यादातर बच्चे अपनी नाक में उंगली जरूर डालते हैं और आपको उसे हर बार डांटने की जरूरत नहीं है। उसे एक दो बार बताने की कोशिश करें और फिर इसे अनदेखा करें, इस बात का ध्यान रखते हुए कि उसकी उंगलियां हर समय साफ हैं।
यदि नाक में उंगली डालने की आदत पुरानी है और आपके बच्चे को दर्द होता है या नाक को उंगली से सहलाने के बाद बहुत राहत मिलती है, तो यह इंफेक्शन या किसी ऐसी स्थिति का संकेत होता है जो आपके बच्चे को असहज महसूस करवाती है। ऐसे में हो सके तो डॉक्टर की राय जरूर लें।
इस उम्र में बच्चे एनर्जी से भरे हुए होते हैं और किसी न किसी एक्टिविटी में बिजी होने की जरूरत को महसूस करते हैं, तब भी जब उनके पास करने के लिए कुछ नहीं होता है। यह समझना कि आपका बच्चा कब अपनी नाक में उंगली डालता है, आपको बता सकता है कि क्या दिक्कत है। ऐसे में आप बच्चे के हाथों को व्यस्त रखने के लिए दूसरी आदत डाल सकती हैं। उसे कुछ काम देने या यहां तक कि उसे रूबिक क्यूब सिखाने से उसकी नाक में उंगली डालने की संभावना कम होती है।
बच्चे को डांटना उसकी आदत को रोकने का हमेशा सही तरीका नहीं है क्योंकि वह अनजाने में ऐसा करता है या कभी-कभी उसकी नाक में कुछ खुजली हो सकती है। यदि यह आदत में बदल जाता है, तो आप उसकी उंगलियों पर टेप का उपयोग करके सुधारात्मक कार्रवाई कर सकती हैं ताकि वे नाक में ठीक से जा न सकें। इन हरकतों को आप घर तक ही सीमित रखें ताकि बाहर होने पर वह शर्मिंदा न हो।
जब आप अपने बच्चे को नाक में उंगली डालते हुए पकड़ती हैं, तो ऐसे में आप उसके सामने बैठें और अपनी नाक में भी उंगली डालें। जब वह इसको देखकर हंसने लगे, तो उसे यह समझाएं कि किसी को ऐसा करते देखना कितना अजीब और फनी लगता है। उसके ऐसा करने की जरूरत को समझने में मदद करें और उसे एक ऐसी जगह जाकर नाक में उंगली करना बताएं जहां उसे कोई देख न सके।
अगर आपके बच्चे की नाक में बहुत अधिक गंदगी है, तो ऐसे में नाक में उंगली डालना और उसपर गंदगी लगना बेहद गंदा महसूस कराता है। उसे अपनी नाक साफ करने के लिए रूमाल का इस्तेमाल करने के लिए कहें और अपने हाथों को साफ रखना सिखाएं।
नाक अगर सूखी होती है, तो काफी परेशान करती है, जिसके परिणामस्वरूप नाक के अंदर खुजली होती है। अपने बच्चे को दिन भर में पर्याप्त पानी पिलाएं और शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने की कोशिश करें।
यदि आप अपने बच्चे को नाक में उंगली डालते हुए और उसे गंदगी खाते हुए देखती हैं, तो उसे जितनी जल्दी हो सके इसे बंद करना सिखाएं। लेकिन अगर नाक से खून बहने लगता है या आपके बच्चे को बेचैनी होने लगती है, तो हो सकता है कि उसने कोई ऐसी चीज अंदर डाल दी हो और उसे सांस लेने में परेशानी हो रही हो। ऐसी गंभीर हालत में अपने बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
प्रीस्कूलर का नाक में उंगली डालना काफी ज्यादा सामान्य है और यह चिंता का कारण नहीं है। धीरे-धीरे, कुछ सालों में, दूसरों को देखकर आपका बच्चा खुद ही इस आदत से छुटकारा पा लेगा और नहाते समय या अकेले में अपनी नाक साफ करना सीख जाएगा। ऐसा करने के लिए अपने बच्चे को शर्मिंदा न करें और जब तक वह छोटा है तब तक उसे बच्चा ही रहने दें।
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