शिशुओं का ताली बजाना – डेवलपमेंटल माइलस्टोन (क्लैपिंग माइलस्टोन) – उम्र, महत्व और प्रोत्साहित करने के टिप्स

शिशुओं का ताली बजाना - डेवलपमेंटल माइलस्टोन (क्लैपिंग माइलस्टोन) - उम्र, महत्व और प्रोत्साहित करने के टिप्स

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, आप उसमें विकास के तौर पर कई चीजों को देखना चाहती हैं। जैसे उसकी पहली मुस्कान, पहला शब्द, और कई ऐसे अन्य विकास के पड़ाव जो बच्चे की बढ़ती उम्र साथ दिखाई देने चाहिए क्योंकि इससे पता चलता है कि बच्चे का विकास ठीक से हो रहा है। इसी प्रकार बच्चे का ताली बजाना भी इसी ग्रोथ माइलस्टोन में आता है, भले ही ये माइलस्टोन बहुत छोटा सा नजर आए मगर इससे बच्चे अपने हाथों को डिस्कवर करते हैं, और अपने इमोशन को जाहिर करने के लिए दोनों हाथों का उपयोग करना सीखते हैं।

बच्चे कब ताली बजाना शुरू करते हैं? 

बच्चे कब तक या किस उम्र में ताली बजाना सीख जाते हैं, इसके लिए कुछ भी स्पेसिफिक नहीं है। जिस भी वक्त से बच्चे ताली बजाने लगते हैं ये उनके लिए बहुत ही अलग सा अनुभव होता है। देखा जाए तो शुरुआत में नवजात बच्चों की मुट्ठी ज्यादातर बंद रहती है और वे इसका इस्तेमाल कम ही करते हैं। जैसे-जैसे समय बीतता है, लगभग 12 सप्ताह या उससे ज्यादा का हो जाने के बाद बच्चे अपने हाथों की खोज करना शुरू कर देते हैं और इस दौरान वह ये समझ पाते हैं कि ये उनके ही शरीर का एक हिस्सा है। इस प्रकार 24 सप्ताह के आसपास, वे चीजों को पकड़ना शुरू करने हैं या उन्हें हाथों के बीच बदल सकते हैं। 30 सप्ताह के हो जाने के बाद वो ज्यादातर चीजें ठीक से पकड़ने लगते हैं और इसे एक हाथ से दूसरे हाथ में इधर से उधर करने लगते हैं।

बच्चे 25 से 30 सप्ताह की उम्र के करीब पहली बार ताली बजाने का प्रयास कर सकते हैं। वे ज्यादातर दूसरों को देखकर अपने हाथों का मूवमेंट करते हैं। भले ही उनकी हथेलियां एक दूसरे से ठीक तरह से मिल पा रही हों लेकिन हाथ से हाथ मिलाने वाले इस मोशन से ताली की आवाज निकलती है।

बच्चे ताली क्यों बजाते हैं? 

जैसे बड़े कई कारणों से ताली बजाते हैं। फिर चाहे वो पर्सनली हो या सोशली रीजन से ही क्यों न हो। आप किसी की अटेंशन पाने के लिए या अपने किसी एक्सप्रेशन को जाहिर करने के लिए ताली बजा सकते हैं। ठीक वैसे ही बच्चे भी पर्सनली और सोशल रीजन से ऐसा करते हैं।

1. किसी चीज को पकड़ने का अहसास

बच्चे चीजों को बहुत ज्यादा ऑब्जर्व करते हैं और वे बहुत जल्दी सोशल साइन को सीख जाते हैं। ज्यादातर पेरेंट्स अपने बच्चों को कुछ ऐसी एक्टिविटी करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और जब बच्चा उस काम को पूरा कर लेता है तो उसके हाथों से ताली बजवाते हैं। जिसे बच्चा जल्दी ही समझने लगता है वह ऐसा क्यों कर रहा है। जिसके बाद वह खुद से ही किसी काम को पूरा करने के बाद ताली बजाता है। 

2. विजन स्किल

यह जानने के लिए कि बच्चा कब ताली बजाना शुरू करेगा, उससे पहले ये जानना जरूरी है कि पहले वो अपने हाथों के बारे जानना शुरू करे। ये तभी होगा जब बच्चा अपने अंगों को महसूस करेगा और उसे कंट्रोल करना सीखेगा और हो सकता है कि वो ऐसे ही ताली भी बजाने लगे। इस प्रकार वह अपने विजन स्किल को भी चेक करता है और देखता है कि धीरे और तेज गति में हथेलियों को मिलाने से क्या होता है। ताली की आवाज के जरिए वह इसे और भी ज्यादा एक्सप्लोर करता है और बार-बार ताली बजाने का प्रयास करता है। 

3. मोटर स्किल

ये समय बच्चे के मोटर स्किल के डेवलप होने का सही समय होता है। इस दौरान वो चीजों पकड़ना, इधर से उधर करना, फेंकना आदि ये सभी एक्टिविटी करने लगते हैं। यह इस बात का संकेत है कि बच्चा अपने अंगों के कार्य को समझ रहा है। इसी प्रकार ताली बजाना भी उसकी मोटर स्किल को बेहतर में मदद करता है। इसके अलावा बच्चे ताली बजाने के लिए अपने हाथों के बीच इस कोऑर्डिनेशन को भी समझना शुरू कर देते हैं।

बच्चे को ताली बजाने के लिए कैसे प्रोत्साहित करें

जब पेरेंट्स ये सोचते हैं कि बच्चे को ताली बजाने के लिए कैसे प्रोत्साहित करें, तो इसके लिए आपको यह समझना होगा कि आपको कोई किसी खास तरीके से इसे सिखाने की जरूरत नहीं है। बच्चा अपने ऑब्जर्वेशन और आपके प्रोत्साहित करने से खुद ब खुद ताली बजाना सीख सकता है। 

  1. अन्य एक्टिविटी के साथ ताली बजाएं। बच्चों के साथ खेलने से वो जल्दी-जल्दी ताली बजाने लगते हैं और फिर कुछ समय के लिए रुक जाते हैं। इस तरह कई बार रिपीट करने के बाद जैसा आप कर रहे होंगे उसे देख कर बेबी आपकी नकल करने का प्रयास करेगा। अगर जरूरत हो तो आप उसके हाथों को हल्के से पकड़ कर उसे अपनी तरह एक्शन करवा सकती हैं। ध्यान रखें कि बच्चे को बहुत जोर से ये एक्शन न कराएं, इससे वह डर भी सकता है।
  2. ताली बजाने के साथ साथ हंसे भी। इससे बच्चा एक पॉजिटिव एक्शन के साथ इस एक्शन को जोड़ सकेगा। अपने हंसने की आवाज को तेज रखें और देर तक ताली बजाएं। आपके बच्चे को इस मोशन को प्रोसेस में लाने का थोड़ा समय लगेगा, जिसे वो रिपीट करने की भी कोशिश करेगा।  
  3. ताली बजाते समय, अपने हाथों को अपने चेहरे के पास रखें और बच्चे से बात करें। इस तरह बच्चा आपके हाथों को ताली बजाते हुए आसानी से देख सकेगा।
  4. जब आपका बच्चा सो रहा हो या हाल ही में नींद से जागा हो, तो ताली न बजाने लगें। इसके लिए बेस्ट टाइम तभी है जब बच्चा खेल रहा हो या फीडिंग के बाद जब वह अच्छे मूड में हो, तब ऐसा करें।
  5. कभी हड़बड़ी न करें। आप ताली बजाने की रेस में नहीं हैं जहाँ बच्चा जल्द से जल्द ताली बजाना सीख जाए। इस पल को एन्जॉय करें और देखें कि कैसे बच्चा धीरे-धीरे अपनी स्किल्स डेवलप करता है।

डॉक्टर से कब परामर्श करें

हालांकि बच्चे का सही तरीके से ताली बजाना सीखने का कोई निश्चित समय नहीं है। फिर भी ज्यादातर बच्चे 6 महीने की उम्र के बाद अपने हाथों का उपयोग करने लगते हैं, भले ही वो ठीक से ताली न बजा सकें। अगर आपका बच्चा कोई मूवमेंट नहीं दिखा रहा है या फिर कोई इंटरेस्ट नहीं दिखा रहा है, तो हो सकता है कि बच्चा डेवलपमेंट डिसॉर्डर से पीड़ित हो और ऐसे में आपका डॉक्टर के पास जाना जरूरी है। 

ताली बजाने का सोशल बेनिफिट भी है, क्योंकि इससे अंदर से खुशी का अहसास होता है, जो सोसाइटी में ह्यूमन लाइफ को सपोर्ट करने में मदद करती है। अगर आपका बच्चा ये जल्दी सीख गया तो ये उसके अंदर बात करने के बेसिक्स को जल्दी डेवलप करता है।

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