बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चों का अंडरवेट होना – कारण, लक्षण और मील प्लान

अगर आपके बच्चे का वजन कम है तो जाहिर तौर पर आप चिंतित होंगी। बच्चे के अंडरवेट होने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कभी भी उसका वजन नहीं बढ़ सकता है। यह समझने की कोशिश करें कि बच्चे का वजन कम क्यों रहता है और पता करें कि आप उसका वजन बढ़ाने में कैसे मदद कर सकती हैं।

आपके बच्चे के अंडरवेट होने का क्या कारण हो सकता है

आपके बच्चे के दुबले होने और अंडरवेट होने में अंतर है, इसलिए किसी डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा है जो आपको निर्णय लेने में मदद करेंगे कि आपको क्या करना चाहिए। बच्चे का वजन क्यों नहीं बढ़ रहा है, इसके संभावित कारण नीचे दिए गए हैं।

1. जेनेटिक्स

बच्चे के वजन में जेनेटिक्स अहम भूमिका निभाते हैं। यदि माता-पिता दोनों दुबले पतले हैं तो संतान के भी दुबले होने की संभावना रहती है। इससे पता चलता है कि बच्चे को यह विशेषता अपने माता-पिता से विरासत में मिली है, और इसलिए डॉक्टर कोई विशेष इलाज नहीं लिख सकते है। हालांकि, वे यह पुष्टि करने से पहले कि बच्चे के कम वजन के लिए केवल जेनेटिक्स जिम्मेदार हैं, एक्सपर्ट से सलाह लेने के लिए कह सकते हैं।

2. पाचन रोग

पाचन की समस्या, जैसे आंतों में सूजन या गैस्ट्रो-इसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या से भी बच्चा अंडरवेट हो जाता है। यदि आपका बच्चा पेट में दर्द या सीने में जलन का अनुभव करता है तो वह खाने से इंकार कर सकता है। ऐसे में बार-बार उल्टी या दस्त जैसे लक्षणों की अच्छे से जांच करने की आवश्यकता होती है।

3. थायराइड से संबंधित रोग

यदि आपके बच्चे को ओवरएक्टिव थायराइड है, तो वह हाइपरथायरायडिज्म से पीड़ित हो सकता है जिससे उसका वजन कम हो सकता है। चिड़चिड़ाना और नर्वस होना इस बीमारी के सामान्य लक्षण हो सकते हैं और बच्चे का वजन हाइपरथायरायडिज्म के कारण कम हो रहा है इसकी पुष्टि करने के लिए उसका विस्तृत ब्लड टेस्ट करवाना जरूरी होगा।

4. ईटिंग डिसऑर्डर

हाल के दिनों में बच्चों में खाने से जुड़ा डिसऑर्डर काफी आम हो गया है। जब कोई बच्चा इस तरह के विकार से प्रभावित होता है, तो वह भोजन के बाद उल्टी कर सकता है, बहुत ज्यादा खा सकता है, या फिर बेहद कम खाना खा सकता है। ऐसे बच्चे को आगे की जांच के लिए बाल मनोवैज्ञानिक के पास भेजा जा सकता है।

बच्चे के अंडरवेट होने के संकेत और लक्षण

नीचे दिए गए ये संकेत और लक्षण दिखाते हैं कि आपका बच्चा अंडरवेट हो सकता है:

  • हड्डी या जोड़ों का दर्द
  • वजन घटना
  • शरीर में फैट और मांसपेशी मास का कम होना
  • पर्याप्त विकास न होना
  • मूड स्विंग्स, एंग्जायटी, सीखने की समस्या या स्पष्टता न होना
  • हड्डियों का कमजोर ढांचा

डॉक्टर कैसे निर्धारित करेंगे कि आपका बच्चा अंडरवेट है?

आपके बच्चे के डॉक्टर यह निष्कर्ष निकालने से पहले कई फैक्टर्स पर विचार करेंगे कि वो अंडरवेट है या नहीं। इनमें आपके बच्चे के खाने की आदतों, उसकी संपूर्ण सेहत, वजन और बॉडी स्ट्रक्चर, मेडिकल समस्याओं और वह कितने समय से अंडरवेट है, ये फैक्टर शामिल हैं। वह आपसे बच्चे की डाइट के बारे में पूछेंगे, ताकि किसी भी कमी को चेक किया जा सके। वह बच्चे के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की भी गणना करेंगे जो कि सामान्य बॉडी वेट मापने से बेहतर इंडिकेटर है। अगर बीएमआई 5वें पर्सेंटाइल से नीचे आता है, तो आपका बच्चा अंडरवेट माना जाएगा।

बच्चे का वजन बढ़ाने के उपाय

अगर आपका बच्चा अंडरवेट है, लेकिन किसी मेडिकल समस्या के कारण ऐसा नहीं है, तो आप यहां बताए गए उपायों से वजन बढ़ाने में उसकी मदद कर सकती हैं। इन आसान उपायों से उसे वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी:

1. यह जरूर देखें कि उसकी डाइट में हाई कैलोरी वाला खाना शामिल हों। उसके खाने में नट्स, वेजिटेबल ऑयल और एवोकाडो जैसी चीजें शामिल करें। फैट के ये स्रोत दिल के लिए अच्छे होते हैं और कैलोरी के बेहतर स्रोत होते हैं।

2. खाने के समय को एक नियम बनाएं, जिसका आपका बच्चा पालन करे। खाने की प्लानिंग और खरीदारी करने के लिए उसे साथ रखें, उसका इंट्रेस्ट बनाए रखने के लिए उसकी राय लें। उसकी यह भागीदारी भोजन और खाने में रुचि बढ़ाएगी। जब आप किराने का सामान खरीद रही हों तो उसे फल और सब्जियां चुनने के लिए कहें।

3. अपने बच्चों का वजन बढ़ाने में मदद करने के लिए माता-पिता उन्हें जंक फूड खिलाते हैं। इससे खाने की बुरी आदतें लग सकती हैं जो उनके साथ जीवन भर बनी रहेगी। बच्चे को वजन बढ़ाने में मदद करने के लिए स्वस्थ आहार पर भरोसा करें क्योंकि यह उनके सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा।

4. एक निश्चित वजन तक पहुँचने के लिए अपने बच्चे को मेन कोर्स के बीच में थोड़ा-थोड़ा स्नैक्स दें। जूस और दूध को दिन में एक या दो कप तक सीमित करें; एक दिन में बहुत सारे पेय पदार्थ, भोजन के समय के आसपास देना, बच्चे के पेट को आसानी से भर सकते हैं, उसकी भूख को बर्बाद कर सकते हैं। अपने बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए उसकी डाइट में दूध, पनीर, दही, अंडे, नट्स और मसले हुए आलू शामिल करें।

अंडरवेट बच्चों के लिए हेल्दी डाइट प्लान

अंडरवेट बच्चों को पोषित रहने और वजन बढ़ाने के लिए स्ट्रिक्ट डाइट लेने की आवश्यकता है। यहाँ कुछ टिप्स और मील प्लान दिए गए हैं जो मदद कर सकते हैं।

अंडरवेट बच्चे को खिलाने के टिप्स

यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपके अंडरवेट बच्चे को खाना खिलाने में आपकी मदद करेंगे।

  • यह निश्चित करें कि बच्चा रोज तीन पूरे मील और दो स्नैक्स का सेवन करता है।
  • उसे भूख लगने पर मुट्ठी भर मेवे और पनीर दें।
  • उसे मिल्कशेक और स्मूदी दें, इसे हेल्दी बनाने के लिए उसमें ताजे फल और मेवे मिला सकती हैं।
  • उसकी भूख को बढ़ाने के लिए तैराकी और साइकिल चलाने जैसी आउटडोर एक्सरसाइज को बढ़ावा दें।

सैंपल मील प्लान

बच्चे का वजन बढ़ाने में मदद करने के लिए यहां दिए गए सैंपल मील प्लान का पालन करें। इस लिस्ट में उन पदार्थों के बारे में बताया गया जिन्हें आप उसके नाश्ते, दोपहर के खाने, शाम के स्नैक्स और रात के खाने में शामिल कर सकती हैं। यह आहार उसे वजन बढ़ाने में मदद करेगा:

  • नाश्ता: गुनगुना दूध, एक सेब, सब्जियां डालकर बनाया गया ऑमलेट, होल ग्रेन ब्रेड स्लाइस के साथ पालक, टमाटर और प्याज।
  • मिड-डे स्नैक: क्रीम या फ्लेवर्ड लो-फैट दही के साथ फ्रूट सलाद।
  • दोपहर का भोजन: चिकन, तली हुई सब्जियां, लस्सी या छाछ।
  • शाम: ताजे फलों का रस, मुट्ठी भर बादाम, मशरूम कटलेट।
  • रात का खाना: दाल, पनीर या मिक्स वेजिटेबल करी, मल्टीग्रेन फुल्के या चपाती

ऊपर बताए गए खाने के साथ, आप दिन के अंत में उसे एक गिलास गुनगुना, कम फैट वाला दूध दे सकती हैं।

क्या होगा यदि आपके बच्चे का वजन नहीं बढ़ता है?

यदि आपका बच्चा अंडरवेट है और आपके सभी प्रयासों के बावजूद उसका वजन अभी भी नहीं बढ़ रहा है, तो डॉक्टर से बात करें। वह किसी भी अन्य शारीरिक और मानसिक स्थिति की जांच करेंगे जो इसका कारण हो सकती है। वह इस स्थिति का अच्छे से परीक्षण करने के लिए बच्चे को चाइल्ड न्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट (बाल पोषण विशेषज्ञ) के पास भी भेज सकते हैं। अपने बच्चे से बात करें कि अगर वह लगातार खाना खाने से मना करता है क्योंकि इसके पीछे कोई मनोवैज्ञानिक कारण हो सकता है।

अंडरवेट बच्चों से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना कोई आसान काम नहीं है क्योंकि आपको धैर्य रखने और फोकस करने की आवश्यकता होगी। हर दिन के लिए एक इंटरेस्टिंग खाने और नाश्ते की प्लानिंग करें और उस पर टिकी रहें। उसे हर दिन वेट मशीन पर खड़ा न करें क्योंकि यह बच्चे के लिए चिंताजनक हो सकता है। एक्सरसाइज को उसकी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं और आप जल्द ही उसके वजन में छोटे लेकिन पॉजिटिव बदलाव जरूर देखेंगी।

यह भी पढ़ें:

बच्चों में मोटापा
बच्चों में फूड एलर्जी
बच्चों की अच्छी सेहत के लिए बेहतरीन टिप्स

समर नक़वी

Recent Posts

जादुई हथौड़े की कहानी | Magical Hammer Story In Hindi

ये कहानी एक लोहार और जादुई हथौड़े की है। इसमें ये बताया गया है कि…

1 week ago

श्री कृष्ण और अरिष्टासुर वध की कहानी l The Story Of Shri Krishna And Arishtasura Vadh In Hindi

भगवान कृष्ण ने जन्म के बाद ही अपने अवतार के चमत्कार दिखाने शुरू कर दिए…

1 week ago

शेर और भालू की कहानी | Lion And Bear Story In Hindi

शेर और भालू की ये एक बहुत ही मजेदार कहानी है। इसमें बताया गया है…

1 week ago

भूखा राजा और गरीब किसान की कहानी | The Hungry King And Poor Farmer Story In Hindi

भूखा राजा और गरीब किसान की इस कहानी में बताया गया कि कैसे एक राजा…

1 week ago

मातृ दिवस पर भाषण (Mother’s Day Speech in Hindi)

मदर्स डे वो दिन है जो हर बच्चे के लिए खास होता है। यह आपको…

1 week ago

मोगली की कहानी | Mowgli Story In Hindi

मोगली की कहानी सालों से बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। सभी ने इस…

1 week ago