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पेरेंट्स हमेशा अपने बच्चे के लिए हर चीज बेस्ट चाहते हैं, चाहे उसके कपड़े हों, उसका पसंदीदा खिलौना हो या बच्चे का उज्ज्वल भविष्य हो। आप अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं कि आपका बच्चा जो भी करना चाहे, उसमें वह सबसे अच्छा करे। और इसमें बच्चे की बुद्धिमत्ता बहुत बड़ी भूमिका निभाती है।
हम यह तो नहीं कह सकते कि बुद्धिमानी सफलता की कुंजी है, लेकिन इन दोनों बातों का आपस में गहरा संबंध है। बेहतरीन कॉग्निटिव स्किल्स के साथ, आपका बच्चा तेजी से चीजों को समझ सकता है, सीख सकता है और यहाँ तक कि भविष्य में कई तरह के टेस्ट और परीक्षाओं में बहुत अच्छा कर सकता है। और बच्चे को ऐसा बनाने में मदद करना बहुत मुश्किल नहीं है। कुछ दिमागी कसरतें उसकी लॉजिकल थिंकिंग यानी तार्किक सोच और कॉग्निटिव स्किल्स के साथ-साथ उसकी याददाश्त को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
बच्चे का ज्यादातर दिमागी विकास उसके जीवन के पहले कुछ वर्षों में होता है। और अगर आप इस उम्र में उसके ब्रेन जिम एक्सरसाइज यानी दिमागी कसरतें करवाना शुरू करते हैं, तो इससे बच्चे को आगे जाकर बहुत फायदा होगा।
दिमागी कसरत क्या होती है?
जैसे कोई भी एक्सरसाइज मसल्स को मजबूत करने के लिए की जाती है, ब्रेन एक्सरसाइज दिमाग की एक्टिविटी को स्टिमुलेट करती हैं, जिसमें इसके जरूरत के काम और एक्शन्स भी शामिल होते हैं। इन एक्सरसाइजेज में कई मूवमेंट्स होते हैं जो बच्चे के कान, आंखों, सिर, अंगों और शरीर के ओवरऑल कोऑर्डिनेशन में मदद करते हैं। इसमें आसान मूवमेंट्स होते हैं जो कई बातों में मदद करते हैं, जैसे कि,
- याददाश्त
- एकाग्रता
- कोऑर्डिनेशन
- एकेडमिक्स
- ऑर्गेनाइजेशनल स्किल्स
- रवैया
- सेल्फ-रिस्पॉन्सिबिलिटी
- संबंध
यद्यपि यह साफ नहीं है कि ये क्यों और कैसे मदद करते हैं, लेकिन जिन पेरेंट्स और अन्य लोगों ने इनका उपयोग किया है, उन्होंने बताया कि इन सरल मूवमेंट्स से ऊपर बताई गई सभी बातों में जबरदस्त इम्प्रूवमेंट हुआ।
स्टूडेंट्स और बच्चों के लिए ब्रेन जिम एक्सरसाइज के फायदे
- बच्चे को तेज और होशियार होने में मदद करती है।
- बच्चे के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ाता है।
- सेहत में सुधार करता है और बच्चे की इम्युनिटी और हीलिंग को बढ़ाता है।
- आँखों की रोशनी बढ़ाता है
- क्रिएटिविटी में सुधार करता है
- संवाद कौशल को बढ़ाता है
प्रभावी और सरल ब्रेन जिम एक्सरसाइज जो आपके बच्चे को सीखने चाहिए
1. डबल डूडल
यह एक दोतरफा ड्राइंग एक्सरसाइज है जिसमें बच्चा अपने दोनों हाथों से दो चित्र बनाता है। यह कई स्किल्स सीखने में मदद करता है जैसे सटीक स्पेलिंग सीखना, राइटिंग और प्रतीकों की पहचान, कैलकुलेशन आदि।
2. क्रॉस क्रॉल
इस एक्सरसाइज में, बच्चा अपने बाएं हाथ को धीरे-धीरे अपने दाहिने पैर तक ले जाएगा। धीमी गति से बच्चे का मेन्टल कोऑर्डिनेशन और अटेंशन बढ़ता है। यह उसके तनाव को कम करने और पढ़ाई पर बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है।
3. लेजी एट्स
इस एक्सरसाइज के लिए आपके बच्चे को अपने हाथों का उपयोग करके कागज की एक शीट पर या हवा में आठ चित्र बनाने होंगे। यह उसकी बाहों और कलाई की मांसपेशियों को ढीला करता है और बच्चे की क्रिएटिव साइड को सक्रिय करता है। यह आँखों की मसल्स के कोऑर्डिनेशन और पेरिफेरल विजन के साथ दृष्टि में सुधार भी करता है।
4. द एलिफैंट
बच्चे को कान के पास अपने हाथों को फैलाने को कहें। इसके बाद, उसे एक हाथ से कम से कम 3 बार इंफिनिटी का संकेत बनाने को कहें और दूसरे हाथ से भी दोहराएं। यह बच्चे के दिमाग और शरीर के बैलेंस को बेहतर बनाता है और शब्दों को सही ढंग से सुनने में भी मदद करता है।
5. एक्टिव आर्म
इस अभ्यास में, बच्चे को एक हाथ को स्ट्रेच करके दूसरे हाथ को 90 डिग्री कोण पर रखना होता है। यह न केवल आपके बच्चे के ऊपरी शरीर की ताकत को बढ़ाता है बल्कि उसके हाथों और आँखों के कोऑर्डिनेशन को भी बेहतर बनाता है।
6. द आउल
बच्चे को आराम से बिठाकर एक हाथ को विपरीत कंधे पर लाएं। उसेके हाथ को स्थिर रहने दें और ट्रेपेज़ियस मांसपेशी के पास कंधे को थोड़ा-सा चुटकी में पकड़ें और फिर सिर को धीरे-धीरे कंधे की ओर घुमाएं और गहरी सांस लेने को कहें। यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और बच्चे की मेमोरी और अटेंशन बेहतर करता है।
7. ग्रेविटेशनल ग्लाइडर
अपनी बच्चे को एक कुर्सी पर सीधा बैठाएं और फिर उसे अपने पैरों को फैलाने के लिए कहें। उसके बाएं पैर के टखने के ऊपर दाहिने पैर क्रॉस करवाएं। फिर, उसे गहरी सांस लेने के लिए कहें और पंजों तक पहुँचने के लिए झुकने को कहें। यह रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है और बच्चे की हैमस्ट्रिंग को भी स्ट्रेच करता है।
8. द थिनिंग कैप
बच्चे को अपने दोनों कानों को अंगूठे और तर्जनी से पकड़ना होता है और फिर कान के बाहरी हिस्से को रोल और अनरोल करना होता है। यह बच्चे की शॉर्ट टर्म मेमोरी, सुनने की क्षमता और पेरिफेरल विजन में सुधार करता है।
9. अर्थ बटन्स
बच्चे को या तो खड़े होने दें या आराम से बैठने दें और उसके दाहिने हाथ को होंठों पर और बाएं हाथ की हथेली को नाभि पर रखें। इसके बाद, बच्चे को अपने दोनों हाथों को छोटे सर्कुलर मोशन में रगड़ने को कहें। यह आपके बच्चे की मेन्टल अलर्टनेस में सुधार करता है और उसके पूरे शरीर के ओरिएंटेशन को अच्छा करता है।
10. हूक अप्स
इस एक्सरसाइज के लिए बच्चे को या तो खड़े होने, बैठने, या लेटने के लिए कहें। उसको अपने बाएं टखने को दाहिनी ओर से ऊपर जाने देने और फिर उंगलियों को आपस में फंसाकर हाथों को छाती पर रखने और गहरी सांस लेने के लिए कहें। यह आपके बच्चे के दिमाग और शरीर को रिलैक्स करने और तनाव कम करने में मदद करता है।
तो देर किस बात की, अपने बच्चे को इन आसान दिमागी कसरतों के साथ उसकी क्लास में सबसे स्मार्ट बच्चों में से एक बनाने के लिए काम पर लग जाएं।
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