बच्चों के लिए दयालुता दिखाने के 50 तरीके

बच्चों के लिए दयालुता दिखाने के 50 तरीके

आमतौर पर माता-पिता बच्चे को सबसे अच्छा स्कूल और शिक्षा के साथ उसे एक परफेक्ट व्यक्ति बनाने के लिए जरूरी स्किल सिखाने वाली सभी चीजों पर ही फोकस करते हैं। हालांकि, ऐसा बहुत कम बार होता है जब किसी बच्चे के सामाजिक विकास और दयालु व्यवहार पर भी ध्यान दिया जाता है। आज के दौर में, ज्यादातर लोग स्वार्थी और दूसरों की परवाह न करने वाले ही होते हैं, जिससे लोगों में दया करने की भावना धीरे धीरे खत्म होती जा रही है। यहां हम अपनी अगली पीढ़ी को हमसे बेहतर बनाने का तरीका या यूं कहें अवसर के बारे में बता रहे हैं।

बच्चों के लिए उदारता भरा व्यवहार क्यों जरूरी है? 

बहुत से लोग मानते हैं कि दयालु या उदार होना वास्तव में आपको सब पर विश्वास करने वाला व्यक्ति बनाता है, जिससे आप जिंदगी की रेस में पीछे रह जाते हैं, लेकिन कई स्टडीज बताती हैं कि जो बच्चे अपने आस-पास के  दूसरे बच्चों के साथ उदार व्यवहार करते हैं, वह अपने दोस्तों में अन्य बच्चों की तुलना में आसानी से स्वीकार कर लिए जाते हैं। हर कोई चाहता है कि उसके साथ हमेशा अच्छा व्यवहार किया जाए और उसे एक दयालु व्यक्ति माना जाए। इससे आपको उसके साथ एक मजबूत रिश्ता बनाने में मदद मिलती है। जब दया करने के फायदे के बारे में पता चलता है तो बदमाशी, स्कूल बंक करना और बिना वजह की हिंसा की घटनाएं कम होने लगती हैं। उदार व्यवहार करने से बच्चों को यह समझने में मदद मिलती है कि एक उदार व्यक्ति होना कोई लेन-देन या व्यापार करने जैसा नहीं होता है बल्कि यह एक स्वाभाविक भावना होती है जो सीधे दिल से आनी चाहिए।

अपने बच्चे को दया करने का महत्व सिखाने के तरीके

अगर आप भी अपने बच्चों को दया करने की भावना को समझाना और उनमें विकसित करना चाहती हैं तो बच्चों के साथ किए जाने वाले रोजमर्रा के व्यवहार में इसे शामिल करना बहुत उपयोगी साबित होगा। इससे वो इसे जिंदगी के एक जरूरी पहलू के रूप में समझ सकेगें।

1. स्वयं उदाहरण बनें

अपने बच्चे को उदार व्यक्ति बनाने का सबसे आसान तरीका है कि आप भी उसके सामने हमेशा एक उदार व्यक्ति वाला व्यवहार ही करें। क्योंकि बच्चे अक्सर अपने पेरेंट्स की आदतों और व्यवहार को ही अपनाकर उनके जैसा बनने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अगर आप बुरा व्यवहार करते हैं, तो आपका बच्चा भी उसी व्यवहार और तरीकों को सही मानकर अपनाने लगेगा, इसलिए आप कोशिश करें कि दूसरों के साथ हमेशा उदार व्यवहार करके अपने बच्चे के लिए एक उदाहरण पेश करें।

स्वयं उदाहरण बनें

2. उनकी दुनिया का विस्तार करें

एक बच्चे की दुनिया उसके मस्तिष्क और सोच में बहुत छोटी होती है। जिसमें सिर्फ उसका स्कूल, दोस्त, खिलौने और परिवार होता है। यही कारण है कि बच्चों को दया करने की भावना का महत्व थोड़ी देर से समझ आता है। ऐसे में आप उनसे दुनिया और उसमें रहने वाले अन्य लोगों के बारे में बात करें। स्कूल के अन्य व्यक्तियों, गलियों में रोजाना दिखने वाले गरीब लोगों के बारे में उन्हें बताएं, साथ ही उनके साथ उदारता का व्यवहार करना क्यों जरूरी है यह भी बताएं।

3. इसे एक आदत बनाएं, कर्तव्य नहीं

आमतौर पर बच्चों को कर्तव्य या काम करना पसंद नहीं होता है वो किसी भी काम को केवल आपको खुश करने के लिए या खुद को अच्छा बच्चा कहलवाने के लिए ही करते हैं, मन से नहीं। ऐसे में आप नहीं चाहेंगे कि आपका बच्चा सिर्फ दूसरों से इसलिए अच्छा और उदार व्यवहार करे, क्योंकि आप ऐसा करने के लिए उससे कहते हैं। जबकि उदारता जीवन का एक ऐसा गुण है जिसे उसे अपने भीतर विकसित करने की जरूरत है। इसे सिर्फ रोजाना के अभ्यास से ही विकसित किया जा सकता है। जैसे रोजाना स्कूल जाते समय फल बेचने वाले अंकल से हाथ हिलाकर बात करना। क्योंकि इन्हीं छोटी-छोटी आदतों को अपनाने से ही व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास होता है।

4. उन्हें काम करने की शक्ति दें

दया करना या किसी की मदद करने के बारे में अपने बच्चे को पढ़ाना और बताना एक बात है, लेकिन जब तक वो घर के किसी बड़े रिश्तेदार को मदद करते हुए नहीं देखेगा या स्वयं किसी का सहयोग नहीं करेगा। तब तक उससे मिलने वाली खुशी को वो महसूस नहीं कर सकेगा और उदारता के महत्व को भी सही तरीके से समझ नहीं पाएगा। ऐसे में आप अपने बच्चे को सड़क पर खड़े एक पुलिसकर्मी को टॉफी गिफ्ट करने को कहें, साथ ही उन्हें मदद करने से होने वाली तारीफ के शब्द भी सुनने दें और उस खुशी को महसूस करने दें, जो किसी की मदद करने से मिलती है।

5. अधिक मुस्कुराते हुए उदार बनें

आपके बच्चे को हमेशा सभी उदारता वाले कामों को करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि बच्चों या आपके जरिए किया गया कोई भी छोटा सा काम, किसी अन्य व्यक्ति के पूरे दिन खुश रहने का कारण बन सकता है। ऐसे में आप हमेशा दूसरों से मुस्कुराते हुए मिलें या उनके किसी काम में सहयोग जरूर करें। 

6. बचपन से ही शुरु करें

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, उसकी आदतें पुरानी होने लगती हैं। जिससे नए लोगों के साथ मेलजोल बढ़ाने में, खासकर निस्वार्थ लोगों के लिए, काफी मुश्किल होने लगता है, इसलिए अपने बच्चे को बचपन से ही उदारता की भावना को विकसित करने या सिखाने की शुरुआत करनी चाहिए। ताकि टीनएज आने तक यह उसके सामान्य व्यवहार में शामिल हो जाए।

बचपन से ही शुरु करें

7. बच्चे को उदार बनाने के लिए सहयोग करें

अगर आपका बच्चा किसी अन्य बच्चे या व्यक्ति की अकेले मदद नहीं कर पा रहा है, तो ऐसे में आपको उदार व्यवहार करने में देर नहीं करनी चाहिए और बच्चे को दूसरों के साथ उदार व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके लिए आप किसी एक दिन अपने बच्चे को सही जगह (मंदिर) आदि जगह लेकर जाएं और हर किसी को देखकर मुस्कुराएं। आप ऐसा व्यवहार करने के लिए अपने बच्चे को पहला कदम खुद उठाने दें।

8. उद्देश्य स्पष्ट करें 

अगर बच्चा उदारता वाला व्यवहार करते हुए किसी की मदद करना चाहता है तो ऐसे में एक बात का ध्यान जरूर रखें कि वो हमेशा दिल से ही मदद करें, न की दिखावे के लिए, या बदले में कुछ पाने की उम्मीद में। क्योंकि यह सोच यह न केवल दयालुता दिखाने के पूरे उद्देश्य को मिटा देती है बल्कि बच्चे को किसी और पर संदेह करने के लिए उकसा सकती है, जो उसके प्रति दयालु है। यह व्यवहार संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकता है।

9. दया और सफलता 

अगर आपका बच्चा बड़ा होकर दूसरों के साथ हमेशा अपनी तुलना करना शुरू करता है, तो इससे वो खुद को बेहतर बनाना छोड़ सकता है साथ ही दूसरों की मदद करना भी बंद कर सकता है, इसलिए बच्चे को इस बारे में बताएं कि सच्ची सफलता का क्या होती है और दया करना कैसे एक आंतरिक भावना है जिसे कोई भी बदल नहीं सकता है।

10. अकेले दयालु मत बनें

अपने बच्चे के दोस्तों से मिलें और उन्हें भी उदारता वाले किसी एक काम में मदद करने को कहें। उन्हें बताएं कि जब वो किसी का सहयोग करते हैं तो सभी लोग एक ही पक्ष में होते हैं और अगर कोई जानबूझकर उदार व्यवहार नहीं करता है, तो आपको उस व्यक्ति का साथ कभी नहीं देना चाहिए।

बच्चों को दयालुता सिखाने के 50 तरीके 

यहां ऐसे उदार कामों की एक सूची दी गई है जो आपके बच्चों को पसंद आएगी।

बच्चों को दयालुता सिखाने के 50 तरीके 

  1. किसी मित्र को पत्र लिखकर पोस्ट करना।
  2. स्कूल के विभिन्न स्टाफ सदस्यों को धन्यवाद कहना ।
  3. प्यासे बच्चे को पानी पिलाना।
  4. घर के खिलौनों को खुद साफ करना।
  5. दोस्त के जन्मदिन के लिए अपने हाथों से गिफ्ट बनाना।
  6. पुलिस अधिकारी को मिठाई खिलाना।
  7. सुपरमार्केट में अपने बैग के साथ किसी अन्य की मदद करना।
  8. जन्मदिन में मिले हुए गिफ्ट्स को दान करके, दूसरों को खुशी देना।
  9. अपने किसी जानने वाले के लिए कोई गाना लिखें।
  10. अनाथालय में खिलौने और किताबें बांटें।
  11. किचन में मां की मदद करना या कोई छोटा सा प्यारा सा नोट छोड़ना।
  12. जब भी मन करे, गले लग जाओ।
  13. ड्राइंग का अभ्यास करने के लिए पुराने छपे हुए कागजों का ही प्रयोग करें।
  14. अपने दोस्त को एक नई एक्टिविटी सिखाएं या शेयर करें, जो आपने सीखी हो।
  15. अपनी मां के साथ केक या मफिन्स बेक करें और उन्हें लोगों में बांटें।
  16. अपने टीचर के प्रवेश करने से पहले क्लास में ब्लैकबोर्ड को साफ करें।
  17. किसी ऐसे व्यक्ति के साथ खेलें जिसे आप खेल के मैदान में नहीं जानते हैं।
  18. बस ड्राईवर को ‘धन्यवाद’ कहें।
  19. वीडियो कॉल पर दूर-दराज के रिश्तेदारों से नियमित रूप से बात करें।
  20. अपना बिस्तर खुद लगाएं और मां के बिना कहे कमरे को साफ करें।
  21. मूवी नाइट के लिए खुद पहले से पॉपकॉर्न बना लें।
  22. किसी के सफर पर जाने के बाद उनके कुत्ते की देखभाल करने में मदद करें।
  23. बुजुर्ग लोगों की उनके सामान के साथ मदद करें।
  24. अपने बीमार दोस्त को ‘जल्दी ठीक हो जाओ’ वाला कार्ड गिफ्ट करें।
  25. रात का खाना बनाने में अपनी मां का हाथ बटाएं।
  26. अपनी सोसाइटी के चौकीदार को बिस्कुट का एक पैकेट गिफ्ट करें।
  27. हर दिन एक चैरिटी जार में थोड़े पैसे डालें और इसे एक जरूरी काम के लिए ही उपयोग करें।
  28. विनम्र रहें, मुस्कुराएं और होटल और रेस्तरां में सर्वरों को ‘धन्यवाद’ कहें।
  29. नल बंद करके अपने दाँत ब्रश करें।
  30. अपने पंसदीदा टीचर की तारीफ करते हुए अपने प्रिंसिपल को पत्र लिखें।
  31. दूसरे स्कूल के बच्चों के साथ खेलने को कहें।
  32. नमस्ते और अलविदा कहना सिखाएं।
  33. अपनी दादी के लिए कोई किताब या अखबार पढ़कर सुनाएं।
  34. किसी ऐसे दोस्त से बात करें जिससे आपने लंबे समय से बात नहीं की हो।
  35. कोई भी कपड़े या अन्य चीजों को किसी अनाथालय में दान करें।
  36. अपने डॉक्टर से मिलने के लिए जाते समय फूल लेकर जाएं।
  37. अपने पड़ोसी को उसकी किराने की खरीदारी में मदद करें।
  38. स्कूल में नए बच्चों से बात करें।
  39. वीकेंड पर खाने के लिए प्लेट लगाने में मदद करें।
  40. अचानक सभी के लिए नींबू पानी बनाकर लाएं। 
  41. अपने दोस्त के कुत्ते को घुमाने लेकर जाएं।
  42. एक पौधा लगाएं।
  43. अपने डाकिए को धन्यवाद कहें।
  44. अपने पिता की कार या बाइक को साफ करने में मदद करें।
  45. दूसरों को हंसाने के लिए अचानक कोई जोक सुनाएं।
  46. लाइब्रेरी की किताब में किसी कागज पर कुछ अच्छा लिखकर नोट छोड़ दें।
  47. कबूतरों और पक्षियों को दाना खिलाएं।
  48. खाना खाने के बाद अपनी थाली खुद धोकर रखें।
  49. एक नए बच्चे को दोस्ती का ब्रेसलेट दें।
  50. अपना छाता किसी के साथ शेयर करें।

जब आप दुनिया को मानवीय नजरिए से देखना शुरू करते हैं तो ऐसे में उदारता वाले कामों या दूसरों का सहयोग करना कोई मुश्किल काम नहीं होता है, इसलिए अपने बच्चे को बचपन से ही दूसरों की मदद करना सिखाएं ताकि वह बड़ा होकर एक अद्भुत इंसान बन सके, जिसे सभी प्यार भी करना चाहें।

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