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होली रंगों का त्योहार है और इसमें सबसे ज्यादा उत्साह अगर किसी को होता है तो वे होते हैं बच्चे। ज्यादातर बच्चों के लिए होली फेवरेट त्योहार होती है और उन्हें इससे संबंधित कई सवालों के जवाब जानने होते हैं, जैसे इस साल होली कब है, होलिका दहन कब है या होली का क्या महत्व है और होली कब मनाई जाती है? पर क्या आप जानते हैं कि रंगों के इस त्योहार में विशेषकर बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। होली बच्चों के लिए मौज-मस्ती का त्योहार होती है और इसीलिए रंगों से खेलते समय वे अपनी ही धुन में रहते हैं। यद्यपि हम सभी त्योहारों की पूरी तैयारी करते हैं पर हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हर साल होली में बहुत सारे एक्सीडेंट होते हैं इसलिए आप अपने बच्चे को इससे संबंधित पूरी जानकारी जरूर दें ताकि त्योहार मनाते समय उसे कोई भी चोट न लगे।
होली एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग चाहे जहाँ पर भी हों पर वे एक दूसरे पर रंग व पानी डालकर पूरे दिल से सेलिब्रेट करते हैं। होली खेलने के लिए अक्सर हम ऐसे रंगों का उपयोग करते हैं जिसमें केमिकल्स होते हैं और इससे त्वचा में एलर्जी भी हो सकती है या बाल खराब हो सकते हैं। ये बड़ों व बच्चों, दोनों के बाल व डेलिकेट स्किन को डैमेज कर सकते हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि होली के त्योहार में आपको किसी भी प्रकार की हानि न हो और बच्चे भी धूमधाम से होली मना सकें। इसलिए यह पेरेंट्स पर निर्भर करता है कि समय रहते इससे बचने के उपाय खोज लें। होली में बच्चों को सुरक्षित रखने के कुछ टिप्स यहाँ बताए गए हैं, आइए जानें।
इस बार होली में इको फ्रेंडली चीजों का इस्तेमाल करके और नीचे दिए गए सुरक्षा के जरूरी उपाय अपनाकर आप और बच्चे एक यादगार होली मना सकते हैं।
इस बात का ध्यान रखें कि होली खेलते समय बच्चे के पास विशेषकर जब वह पानी से भरे टैंकर या टब का उपयोग हो रहा हो, तब उसका ध्यान रखने के लिए कोई न कोई बड़ा होना चाहिए। बच्चा पिचकारी में पानी भरते समय टब या ड्रम में गिर भी सकता है। इसलिए आप हमेशा अपने बच्चे के पास ही रहें। इससे बच्चे को किसी भी एक्सीडेंट से बचाने में मदद मिलती है।
होली खेलने के लिए नेचुरल रंगों का ही उपयोग करें। आप हल्दी, चंदन, हिना आदि से घर में ही हर्बल व त्वचा के लिए बेहतरीन रंग बना सकती हैं। केमिकल-युक्त टॉक्सिक रंगों का उपयोग न करें क्योंकि इससे बच्चे की त्वचा में रैशेज व एलर्जी हो सकती है। इको-फ्रेंडली रंग आसानी से साफ हो जाते हैं और इनसे त्वचा में किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती है। इसके अलावा इकोफ्रेंडली होली खेलने का आपका लक्ष्य भी पूरा होता है।
बच्चे को बताएं कि वह होली में पिचकारी का उपयोग बहुत ध्यान से करे ताकि इससे किसी को भी परेशानी न हो। उससे कहें कि वह किसी अन्य बच्चे के मुँह, आँख या कान में पानी स्प्रे न करे।
पानी के गुब्बारों से होली खेलने में मजा बहुत आता है पर इससे चोट भी बहुत ज्यादा लग सकती है। किसी के ऊपर पानी का गुब्बारा फेंकने से उसकी त्वचा, आंखें या कानों पर प्रभाव पड़ सकता है।
इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे अपने मुँह में रंग न डालें। इन रंगों में हानिकारक केमिकल होते हैं जिसे खाने से गंभीर रिएक्शन हो सकता है, जैसे उल्टी या इससे पॉइजनिंग भी हो सकती है।
इस बात का ध्यान रखें कि आप बच्चे को फुल कपड़े पहनाएं ताकि उसकी त्वचा पूरी तरह से ढकी हो। फुल स्लीव के कपड़े लड़के व लड़कियों दोनों के लिए ठीक रहते हैं। यह सिर्फ बच्चे को रंगों के संपर्क में आने से रोकने के लिए होता है।
बच्चों को होली के दिन दूसरों की स्वतंत्रता का सम्मान करना भी सिखाएं। अपने बच्चे को बताएं कि वे पड़ोसियों से अशिष्ट व्यवहार न करे व न ही ऐसा होने दे। गुस्से को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है। बच्चे को सिखाएं कि यदि कोई उसके साथ होली खेलना नहीं चाहता है तो उससे जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा आप बच्चों को अंडे व कीचड़ से होली न खेलने दें। गंदगी व खराब व्यवहार स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
आप अपने पास इमरजेंसी कॉन्टेक्ट्स की लिस्ट जरूर रखें। इसमें बच्चे के डॉक्टर, एम्बुलेंस और पास के अस्पताल का नंबर भी शामिल करें। यदि बच्चा अपने दोस्तों के साथ होली खेल रहा है तो आप अन्य बच्चों के पेरेंट्स का नंबर लेना भी न भूलें।
होली मनाने के लिए एक उचित और सुरक्षित वातावरण का चयन करें। यदि संभव हो, तो सुरक्षा के नियमों का पालन करने वाले ग्रुप्स और सोसायटी के होली कार्यक्रम में ही शामिल हों।
होली के दौरान इस्तेमाल किए गए कुछ रंगों या पदार्थों से बच्चों को एलर्जी होने का खतरा रहता है। इसलिए इस बारे में सावधान रहें।
होली खेलते समय केमिकल-युक्त रंगों से बच्चे की स्किन व उसके बालों को सुरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित टिप्स को फॉलो करें;
होली खेलने से पहले अपने बच्चे के शरीर पर तेल और क्रीम लगाएं। त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए कोकोनट ऑयल या ऑलिव ऑयल का उपयोग करें। यदि जरूरत हो तो आप बच्चे को सनस्क्रीन भी लगा सकती हैं ताकि वह सूर्य की हानिकारक किरणों से भी सुरक्षित रह सके। होली में इन टिप्स की मदद से बच्चे की त्वचा व बाल केमिकल-युक्त रंगों से सुरक्षित रहेंगे।
होली की एक रात पहले बच्चे के बालों में तेल लगाएं और इसे अगली सुबह भी दोहराएं। यदि बच्चे विशेषकर लड़की के बाल लंबे हैं तो होली खेलने से पहले उसके बाल बांध दें। बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए उसके सिर में स्कार्फ भी बांध दें।
होली में सभी लोग मिलकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और इस त्योहार को पूरे उत्साह से मनाते हैं। जाहिर है होली खेलने में बहुत मजा आता है पर इसमें कई बार एक्सीडेंट्स भी हो सकते हैं। आप ऊपर बताए हुए टिप्स को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चे को यह त्योहार सेलिब्रेट करने के लिए तैयार करें। होली में जब आपका बच्चा सुरक्षित रहेगा तब आपकी होली भी बेहतरीन व यादगार होगी।
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