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बच्चों की बढ़ती उम्र के साथ उनके स्वादानुसार खाद्य पदार्थों में बदलाव एक आम बात है। जाहिर है ऐसे में आप अपने बच्चे को नए स्वाद व इसमें उसकी प्रतिक्रिया को जानने के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करवाना चाहती होंगी। फल, प्राकृतिक और पौष्टिक खाद्य पदार्थ होने के कारण बच्चों के लिए एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प हो सकते हैं। लेकिन ऐसा जरुरी नहीं है कि फल सिर्फ फायदेमंद ही हों, क्योंकि कई फलों में अम्ल और तैलीय पदार्थ भी होता है जो बच्चों की पाचन क्रिया को प्रभावित करता है और कई बार उन्हें इनसे अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
6 महीने की उम्र के बच्चों के लिए संतरे का रस बनाना उचित नहीं है क्योंकि हो सकता है, उनका संवेदनशील पेट संतरे की अम्लीय प्रकृति को सहन करने में सक्षम न हो। संतरे में मुख्य रूप से साइट्रिक एसिड होता है जिसके परिणामस्वरूप बहुत छोटे शिशुओं की त्वचा पर चकत्ते भी दिखाई दे सकते हैं। इसलिए अपने बच्चे को एक वर्ष की आयु के आस-पास से ही संतरे खिलाने की शुरुआत करें।
बच्चों की बढ़ती आयु के साथ उनके खाद्य पदार्थों में फलों को शामिल करना एक बेहतरीन विकल्प है। यह उनके आहार में पोषण की आवश्यक मात्रा को पूर्ण करने में मदद करते हैं और साथ ही अन्य फायदे भी पहुँचाते हैं। बच्चों को संतरा खिलाने के निम्लिखित कुछ फायदे दिए हुए हैं, आइए जानते हैं;
संतरे में विटामिन और मिनरल जैसे पर्याप्त मात्रा में पोषण होता है। यह पोषक तत्व बच्चों के विकास में अधिक आवश्यक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि आपके बच्चे के शारीरिक विकास में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं तो एक गिलास संतरे का रस उसके पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर सकता है।
बच्चों का पाचन तंत्र धीरे-धीरे विकसित होने के कारण उनमें अपच की अधिक समस्याएं होती हैं। संतरे में कुछ ऐसे घटक मौजूद होते हैं, जो पाचन क्रिया को प्रोत्साहित करने में मदद करते हैं।
विकास के शुरुआती चरणों में बच्चे के आहार में उस प्रकार के फाइबर में कमी होती है जो मल त्याग में मदद करते हैं। बच्चों में कब्ज को कम करने के लिए फलों का सेवन एक बढ़िया विकल्प है। संतरे में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो आपके बच्चे को कब्ज की समस्या से निजात दिला सकता है।
संतरे में मिनरल और नमक की भरपूर मात्रा होती है जो इसे कैल्शियम और फॉस्फेट जैसे तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत बनाता है। संतरे का नियमित रूप से सेवन कमजोर हड्डियों व नर्म जोड़ों को मजबूत करने में मदद करता है। जोड़ों की समस्या मिनरल की कमी के कारण होती है जिसे ‘रिकेट’ के नाम से भी जाना जाता है।
ज्यादातर बच्चे सर्दी और खांसी के कारण अत्यधिक बीमार पड़ते हैं। बच्चे की इस समस्या को खत्म करने के लिए आप एक प्रसिद्ध व परखा हुआ घरेलू उपाय अपना सकती हैं। इसके लिए एक कप संतरे के जूस में चुटकी भर नमक और व शहद मिलाकर अपने बच्चे को दें। इस उपचार से आपके बच्चे की खांसी व सर्दी बहुत जल्द ठीक हो सकती है।
काली खांसी अन्य खांसी व सर्दी की समस्या से अलग होती है। इस समस्या के कारण गले में दर्द होता है और यह अत्यधिक संक्रामक भी माना जाता है। संतरे के रस में थोड़ा सा पानी डालकर इसे पतला करके अपने बच्चे को पिलाएं, उसे काफी आराम मिलेगा।
मंप्स या पैरोटाइटिस एक वायरल व संक्रामक समस्या होती है और यह बच्चों में अत्यधिक पाई जाती है। संतरे का रस, मंप्स या पैरोटाइटिस के इलाज का एक लोकप्रिय तरीका है और यह रस अन्य फलों के रस द्वारा संपूरित होता है। आधे कप रस को आधे कप पानी के साथ मिलाएं और अपने बच्चे को दें।
छोटे बच्चों में दस्त की समस्या अधिक खतरनाक है, इससे उन्हें डिहाइड्रेशन हो सकता है और उनमें ऊर्जा की कमी भी हो सकती है। संतरे के रस से शरीर में कम हुए पानी को वापस पाया जा सकता है और साथ ही यह शरीर में मिनरल की मात्रा को संतुलित करता है।बच्चे को संतरे का रस देने से पहले इसमें पानी मिलकार हल्का पतला कर लें।
यदि आपका बच्चे को भोजन चबाने में कठिनाई होती है तो उसे अपच की समस्या भी हो सकती है। ऐसे मामलों में बच्चे को कुछ दिनों के लिए बिना ठंडा किया हुआ संतरे का रस दें। जैसा कि मलत्याग की समस्या बार-बार होती है इसलिए आप उसे कुछ समय के लिए यह रस दें और फिर धीरे-धीरे उसे फिर से सामान्य आहार खिलाना शुरू करें।
टाइफाइड बुखार व्यक्ति की पाचन शक्ति को नष्ट करने के साथ-साथ पेट दर्द, खांसी, सिरदर्द, बुखार आदि के लिए जाना जाता है। इस समस्या में पीड़ित व्यक्ति केवल तरल पदार्थों का सेवन ही कर सकता है। टाइफाइड से पीड़ित बच्चे के लिए संतरे का रस सर्वश्रेष्ठ विकल्पों में से एक है।
जैसा कि पहले भी बताया गया है कि संतरे में अनेक पोषण तत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। आइए अब जानते हैं कि संतरे में कौन सा पोषक तत्व कितनी मात्रा में पाया जाता है। निम्नलिखित पोषक तत्व एक माध्यम आकार के संतरे में होते हैं, आइए जानें;
घटक | मात्रा |
पोटेशियम | 232 मिलीग्राम |
फॉस्फोरस | 32 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 15 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 50 मिलीग्राम |
सोडियम | 2 मिलीग्राम |
आयरन | 0.18 मिलीग्राम |
विटामिन ‘ए’ | 346 आई.यू. |
विटामिन ‘सी’ | 82 मिलीग्राम |
थायमिन | 0.09 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.07 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.59 मिलीग्राम |
फोलेट | 0.48 मिलीग्राम |
इसमें थोड़ी मात्रा में कॉपर, जिंक और मैंगनीज भी होता है।
सबसे पहले संतरे हो छील कर उसकी फांकों को साफ करके बीज निकाल दें। संतरे की फांकों को इतने छोटे टुकड़ों में काट लें कि बच्चा इसे सरलता से खा सके और उसके गले में भी न फंसे।
बच्चे को पहली बार में सिर्फ मीठे संतरे ही दें क्योंकि हो सकता है कि शुरुआत में उसे खट्टा स्वाद पसंद न आए। बच्चे को संतरे खिलाने से पहले यह जांचना न भूलें कि वह खराब या अजीब रंग का न हो।
अपने बच्चे को बाजार में मिलने वाला संतरे का रस या प्यूरी न दें। बाजार में मिलने वाले संतरों के स्वाद को बनाए रखने के लिए उनमें कई पदार्थ और चीनी मिलाई जाती है। आप अपने बच्चे के लिए बाजार से सिर्फ ताजे संतरे खरीदें और घर पर ही रस बनाएं।
वैसे तो संतरा ऐसे ही खाने में अच्छा लगता है किंतु यदि कभी आपको अपने बच्चे को कोई दूसरा स्वाद भी चखाना है तो आप संतरे के साथ विभिन्न फलों को मिला सकती हैं। संतरे के साथ निम्नलिखित विभिन्न फलों को मिलाया जा सकता है, आइए जानते हैं;
बच्चे को संतरा खिलाने से पहले निम्नलिखित सावधानियों का जरूर खयाल रखें
संतरे के छिलके, रेशे या बीज में खुद का एक अजीब सा स्वाद होता है। यदि यह चीजें आपके बच्चे के मुंह में गई तो वह पूरे संतरे को नापसंद कर सकता है और इससे बीज हटाना भी अत्यधिक अनिवार्य है।
अगर छिलके, रेशे और बीज निकालने के बाद भी आपके बच्चे को संतरे के छोटे-छोटे टुकड़े खाने में परेशानी होती है, तो आप बच्चे के लिए संतरे को मसल सकती हैं। आप अपने बच्चे को संतरा मसल कर प्यूरी के रूप में दें। इसे आपका बच्चा सरलता से खा सकता है और उसे यह स्वादिष्ट भी लगेगा।
आपको थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है परंतु अपने बच्चे के लिए मीठे संतरे ही चुनें। हो सकता है अभी आपका बच्चा संतरे के खट्टे स्वाद के लिए अधिक संवेदनशील हो। यदि संतरा मीठा होगा तो वह आपके बच्चे को भी अधिक पसंद आएगा।
अपने बच्चे को हमेशा ताजे और पूरी तरह से पके हुए फल ही खिलाएं। एक सर्वोत्तम संतरा चुनने के लिए खयाल रहे कि आप पका हुआ और हल्का कड़क संतरा ही लें। यदि संतरा दबाने पर नर्म लगता है तो ऐसे संतरे को न खरीदें।
यदि आप अपने बच्चे को साधारण रस के साथ-साथ संतरे के विभिन्न व्यंजन भी खिलाना चाहती हैं तो यहाँ कुछ विभिन्न व्यंजन दिए हुए हैं। निम्नलिखित व्यंजन साधारण रस से अलग व स्वादिष्ट भी हैं।
आवश्यक चीजें
विधि
आवश्यक चीजें
विधि
आवश्यक चीजें
विधि
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विधि
आवश्यक चीजें
विधि
आवश्यक चीजें
विधि
आवश्यक चीजें
विधि
आवश्यक चीजें
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यदि आपका बच्चा लगभग एक वर्ष का हो गया है और उसने ठोस आहार का सेवन करना शुरू कर दिया है तो आप उसे संतरे का रस दे सकती हैं। बच्चे को संतरे का रस पतला करके दें और साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि उसे अम्लीय पदार्थों से एलर्जी न हो।
एक वर्ष तक के बच्चों के लिए मेंडेरियन संतरे सुरक्षित होते हैं। बच्चे को संतरे देने के बाद उनकी प्रतिक्रिया पर जरूर ध्यान दें।
संतरे के स्क्वैश में मिठास के लिए अधिक मात्रा में अलग से चीनी मिलाई गई होती है। इसमें बहुत कम पोषण होता है और यह आपके बच्चे के दाँतों को नुकसान पहुँचा सकता है इसलिए अपने बच्चे को संतरे का स्क्वैश देने से बचें।
विटामिन ‘सी’ का एक अच्छा स्तर बनाए रखने के लिए वैकल्पिक खाद्य पदार्थ खरबूजा, पपीता, आलू और पालक हैं। इनमें सिट्रस फलों के गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं और इनमें खट्टा स्वाद व एलर्जी की संभावना कम होती है।
बच्चों के लिए हल्के खट्टे फल नुकसानदेह नहीं होते हैं। प्रिजर्वेटिव के रूप में नींबू की कुछ बूंदें एक बेहतर विकल्प हैं क्योंकि इन्हें सबसे अंत में मिलाया जाता है।
संतरे जैसे फल बहुत अच्छी मात्रा में पोषण प्रदान करते हैं और इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने के लिए भी किया जा सकता है। सुनिश्चित करें कि बच्चे की आयु उचित हो, तभी वह पौष्टिक व स्वादिष्ट आहार का आनंद ले सकेगा ।
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