‘दाद’ शब्द सुनते ही आमतौर पर हम सभी डर जाते हैं। खासकर अगर जब समस्या बच्चों के साथ हो, तो यह माता-पिता को और भी ज्यादा डरा देती है। इसे जितना कम आंका जाता है यह उससे कहीं ज्यादा आम है। आइए जानते हैं कि यह क्या होता है।
दाद क्या है?
‘रिंगवर्म’ या ‘दाद’ किसी कीड़े के कारण नहीं, बल्कि एक फंगस की वजह से उत्पन्न होने वाली समस्या है। यह किसी घाव या अन्य खुले हुए टिश्यूज के जरिए एपिडर्मिस (हमारी त्वचा की ऊपरी परत) में प्रवेश कर जाता है।
दाद होने के कारण क्या हैं?
फंगस के बहुत ही संकुचित प्रकृति होने की वजह से दाद को बहुत आसानी से ठीक किया जा सकता है। बच्चों में दाद के कारण निम्नलिखित हैं:
- इम्यूनिटी कम होने की वजह से दाद किसी को भी हो सकता है। छोटे बच्चों में दाद होने का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़े लोगों की तुलना में कम होती है और वो बड़े लोगों की अपेक्षा ज्यादा समय जमीन पर खेलने में बिताते हैं।
- 3-9 वर्ष की आयु के बच्चों में दाद होने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि वो स्कूल जाना शुरू करते हैं और आसपास के वातावरण और अन्य बच्चों के संपर्क में आते हैं।
- सिर में दाद आमतौर पर प्रभावित व्यक्ति के साथ टोपी या हेयर ब्रश साझा करने की वजह से हो सकता है। जबकि शरीर को प्रभावित करने वाला दाद आमतौर पर तौलिये को साझा करने के कारण होता है।
- पालतू जानवर से भी आपको या आपके बच्चे को दाद का इंफेक्शन हो सकता है। यह इंफेक्शन जानवर से सीधे संपर्क में आने के माध्यम से भी बच्चे तक पहुंच सकता है।
- कभी-कभी, दाद के दाने का केंद्र साफ दिख जाता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो किनारों के आसपास एक नए इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
बच्चों में दाद के लक्षण
बच्चों में होने वाले दाद के इंफेक्शन के इन लक्षणों पर जरूर ध्यान दें। जिससे शुरुआती अवस्था में ही समस्या को जड़ से खत्म किया जा सके।
- दाद का इंफेक्शन आमतौर पर त्वचा पर एक सपाट, पपड़ीदार परत के रूप में शुरू होता है, जिसमें थोड़ा उठा हुआ और लाल रंग का बाहरी छल्ला होता है, इसलिए इसका नाम अंग्रेजी में रिंगवर्म होता है। यह बाहरी रिंग समय के साथ फैल सकता है।
- अगर दाद सिर को प्रभावित करता है, तो यह उस प्रभावित जगह से बालों के झड़ने का प्रमुख कारण बन सकता है।
- सिर में बार बार खुजली होना, दाद के इंफेक्शन का एक और प्रमुख लक्षण माना जाता है।
- दाद के छल्ले या रिंग में फफोले हो सकते हैं या वो पपड़ीदार परत बन सकती है।
- बच्चे के चेहरे पर दाद होने पर भी, सिर के दाद के समान ही काफी खुजली महसूस हो सकती है। सूरज के संपर्क में आने पर, त्वचा में जलन या सामान्य से ज्यादा खुजली महसूस होती है।
- शरीर पर दाद के इंफेक्शन में कभी-कभी खुजली वाले लक्षण में कमी होने पर भी इसकी मौजदूगी हो सकती है।
- दाद के सभी मामले एक ही वलय या गोलाकार दिखने से शुरू होते हैं। अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, तो यह शरीर में अन्य जगहों पर भी तेजी से फैल सकता है।
- ‘रिंग’ का व्यास कुछ मिलीमीटर जितना छोटा हो सकता है और अंदर का क्षेत्र चिकना और सामान्य दिखाई देता है। समय के साथ, छल्ले के आकार में भी बढ़ोतरी होती है और यह बाहर की ओर फैलता है।
बच्चों में दाद की पहचान कैसे की जाती है?
आमतौर पर डॉक्टर देखते ही दाद को पहचान जाते हैं। शायद ही कभी, लैब टेस्ट के लिए त्वचा का सैंपल लिया जाता है, अगर यह कुछ और होने का संदेह पैदा करता है तो।
बच्चों के लिए दाद का उपचार
दाद एक तरह का इंफेक्शन होता है, लेकिन किसी भी तरह से यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है। आप कोई भी फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स या घरेलू उपचारों का विकल्प चुन सकते है, क्योंकि वो उतने ही प्रभावी होते हैं, जितनी की कोई दवाई।
मेडिकल उपचार
दाद के मेडिकल इलाज में टॉपिकल क्रीम, स्पेशल शैम्पू और खाने वाली दवाएं भी शामिल होती हैं।
1. ओटीसी क्रीम
दाद के उपचार में मुख्य रूप से बच्चों में दाद के लिए एंटिफंगल क्रीम शामिल होती हैं। इन टॉपिकल क्रीमों के दुष्प्रभाव की थोड़ी संभावना होती है।
2. स्पेशल शैम्पू
बच्चों के लिए दाद के शैम्पू बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और सिर की त्वचा पर दाद के लिए क्रीम से बेहतर विकल्प हैं।
3. दवा
आमतौर पर बाल रोग विशेषज्ञों द्वारा ही बच्चों को खाई जाने वाली दाद की दवा दी जाती है। वो भी अगर क्रीम या घरेलू उपचार असर नहीं कर रहे हों तो। सिर पर दाद के इलाज के लिए बच्चों के लिए दाद की क्रीम की तुलना में मौखिक दवा भी प्रभावी होती है।
4. हाइब्रिड
अगर बच्चा बहुत छोटा है तो पीडियाट्रिशन दवा, क्रीम और शैम्पू को एक साथ उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं।
घरेलू उपचार
आमतौर पर प्रकृति में एंटी-फंगल तत्व पाए जाते हैं, जैसे कि स्वयं फंगस होता है। हमारे घरों में उपयोग किए जाने वाले बहुत से प्राकृतिक उत्पादों में एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं जो दाद के इंफेक्शन का इलाज कर सकते हैं। लेकिन उनका प्रभाव हर बच्चे में अलग-अलग होता है और इसका कोई निर्णायक प्रमाण नहीं है।
1. लहसुन
लहसुन में पाए जाने वाले कंपाउंड एजोइन और एलिसिन में मजबूत एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जिससे वो आसानी से उपलब्ध लहसुन को एक बच्चे के दाद के इलाज के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
- लहसुन को पीसकर पेस्ट बना लें और लहसुन की तीव्रता को कम करने के लिए उसमें थोड़ा तेल मिला लें, ताकि इससे त्वचा में जलन न हो। कैरियर तेल भी त्वचा के लिए लहसुन से आवश्यक तेलों को अवशोषित करना आसान बनाते हैं।
- इस पेस्ट को बच्चे की त्वचा की प्रभावित जगह पर लगाएं और दस से पंद्रह मिनट के लिए छोड़ दें।
- बाद में इसे धो लें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार दोहराएं।
इस उपाय में लहसुन को लहसुन-तेल से बदला जा सकता है, लेकिन कैरियर तेल की अभी भी जरूरत होगी।
2. टी ट्री ऑयल
त्वचा के लिए टी ट्री ऑयल के फायदे, इसे बॉडी ऑयल, साबुन और अन्य कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के लिए एक लोकप्रिय इंग्रीडिएंट्स बनाते हैं। इसके एंटी-फंगल गुण इसे बच्चों में दाद के लिए लोकप्रिय घरेलू उपचारों में से एक बनाते हैं।
- लहसुन के पेस्ट या तेल की ही तरह, टी ट्री ऑयल को त्वचा पर लगाने से पहले वाहक तेल के साथ मिलाना पड़ता है।
- टी ट्री ऑयल को एक समान मात्रा में कैरियर तेल के साथ मिलाकर बच्चे की त्वचा पर लगाना शुरू करें। अगर यह मिश्रण त्वचा में जलन या खुजली को बढ़ाता है, तो कैरियर तेल और टी ट्री ऑयल के अनुपात को बढ़ाने का प्रयास करें।
- मिश्रण लगाने के बाद तेल को धोने से पहले दस से पंद्रह मिनट तक लगा रहने दें। इस प्रक्रिया को रोजाना तीन बार दोहराएं।
3. लैवेंडर ऑयल
लैवेंडर की विशेष सुगंध बच्चों को शांत करने और उनके मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है।
- लैवेंडर ऑयल को त्वचा पर लगाने से पहले कैरियर तेल के साथ मिलाना चाहिए। कैरियर तेल के लिए लैवेंडर ऑयल का अनुपात 1 बड़ा चम्मच (कैरियर तेल) के लिए 2 बूँदें (लैवेंडर ऑयल) है।
- इस मिश्रण को बच्चे की त्वचा पर 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें और धो लें। रोजाना तीन बार दोहराएं।
4. नारियल का तेल
नारियल के तेल में एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं।
- बच्चे में दाद वाली जगह पर नारियल का तेल लगाएं और रुई की मदद से इसे रगड़ें।
- इसे रात भर छोड़ दें और रोजाना दोहराएं।
5. एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर ने अपने अनेक फायदों के लिए लोकप्रियता हासिल की है। यह त्वचा के लिए भी अच्छा है और स्वास्थ्य के लिए भी। यहां दाद का इलाज करने के लिए आप क्या कर सकती हैं:
- एसीवी से एक वॉशक्लॉथ को गीला करें और इसे बच्चे के प्रभावित अंगों पर लगभग तीस मिनट तक रगड़ें।
- कुल्ला और प्रतिदिन दो बार दोहराएं।
- क्योंकि एप्पल साइडर विनेगर एसिडिक होता है, इसलिए यह सलाह दी जाती है कि आप इसकी थोड़ी मात्रा को पहले सामान्य और अप्रभावित त्वचा पर लगाएं ताकि यह जांचा जा सके कि बच्चे की त्वचा एसिड के प्रति अतिरिक्त संवेदनशील तो नहीं है।
6. नीम का तेल
नीम त्वचा से संबंधित विभिन्न समस्याओं के लिए सदियों पुराना उपाय है। यह दाद के इंफेक्शन का भी उपचार कर सकता है. यहां बताया जा रहा है कि आप दाद के इंफेक्शन के इलाज के लिए नीम के तेल का उपयोग कैसे कर सकते हैं:
- आप बस नीम के तेल को बच्चे के शरीर के प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं और तीस मिनट के बाद इसे धो सकते हैं।
- इसे रोजाना तीन बार दोहराएं।
- आप नीम का तेल, हल्दी पाउडर और तिल के तेल को बराबर भागों में मिलाकर इस मिश्रण को प्रभावित जगह पर लगा सकती हैं। इस मिश्रण को धोने से पहले एक घंटे के लिए छोड़ दें। दिन में दो बार दोहराएं।
7. हल्दी
हल्दी अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जानी जाती है। दाद के इंफेक्शन का इलाज करने के लिए हल्दी का प्रयोग निम्न प्रकार से करें:
- आधा चम्मच हल्दी पाउडर लें और इसमें ऑलिव ऑयल की कुछ बूंदें मिलाएं, जब तक कि मिश्रण एक पेस्ट जैसा न बन जाए।
- इस पेस्ट को बच्चे की त्वचा की प्रभावित जगह पर लगाएं और पतले जालीदार कपड़े से पट्टी बांध लें।
- दो घंटे के बाद, इसे धो लें और पेस्ट को दोबारा लगाएं। इस दिनचर्या को रोजाना जारी रखें, जब तक कि त्वचा पूरी तरह से बैक्टीरिया मुक्त न हो जाए।
8. ओरिगैनो ऑयल
ओरिगैनो ऑयल का उपयोग करके दाद का इलाज इस तरह करें:
- एक चम्मच ऑलिव ऑयल में 2-3 बूंद ओरिगैनो ऑयल की मिलाएं।
- इसे बच्चे की त्वचा के प्रभावित हिस्से पर मलें। आपको इसे बाद में धोने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह त्वचा द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है।
- रोजाना तीन बार दोहराएं।
9. एलोवेरा
एलोवेरा में कई एंटीसेप्टिक एजेंट होते हैं और यह बैक्टीरिया, फंगल और वायरल को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
- एलोवेरा की एक पत्ती काट कर खोल लें।
- पत्ती के अंदर पाए जाने वाले जेल को बच्चे की त्वचा के प्रभावित हिस्से पर मलें।
- जेल को धोने से पहले 30 मिनट के लिए ऐसे ही रहने दें। इस प्रक्रिया को प्रतिदिन दो बार दोहराएं।
10. कोलाइडल सिल्वर
- कोलाइडल सिल्वर की थोड़ी मात्रा का प्रयोग करें। बच्चे के बिस्तर पर जाने से पहले इसे प्रभावित जगह पर रुई के फाहे से रगड़ें।
- सलाह के मुताबिक, प्रभावित क्षेत्र पर पट्टी बांधें, हालांकि, यह कोई जरूरी नहीं है।
- अगली सुबह इसे धो लें और अगली रात इसे फिर से दोहराएं, जब तक कि लक्षण दूर न हो जाएं।
बच्चों में दाद से कैसे बचाव करें?
दाद को रोकने के लिए पहला कदम है, अच्छी साफ-सफाई रखना। नम सतहों और नम परिस्थितियों में फंगल इंफेक्शन तेजी से फैलता है, इसलिए अपने बच्चों को हर शॉवर के बाद खुद को पूरी तरह से सुखाना सिखाएं।
अन्य बच्चों के साथ तौलिये को साझा करना, एक सामान्य शॉवर में नंगे पैर चलना, स्विमिंग पूल, आदि ऐसे सामान्य तरीके हैं जिनसे बच्चों को दाद का इंफेक्शन हो सकता है।
अगर आपका पालतू जानवर अपना बहुत सारा समय घर से बाहर बिताना पसंद करता है, तो ऐसे में नियमित रूप से उसके लक्षणों को बारीकी से जानना चाहिए।
डॉक्टर से कब परामर्श करें?
दाद कोई गंभीर समस्या नहीं है, हालांकि, निम्नलिखित स्थितियों में आपको पीडियाट्रिशन से सलाह लेनी चाहिए:
- अगर दाद सिर पर है और इसके दो से ज्यादा धब्बे हैं।
- अगर ओटीसी क्रीम या घरेलू उपचार 2 सप्ताह में दाद को दूर नहीं करते हैं।
- अगर प्रभावित स्थान से मवाद के रिसाव का कोई संकेत मिलता है।
- अगर दाद के साथ बुखार आ रहा है।
अगर आपके बच्चे को दाद की समस्या है, तो ऐसे में दाद को परिवार के अन्य लोगों में फैलने से रोकने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाएं। अपने बच्चे की बिस्तर की चादर हर दिन बदलें और उसके विशेष उपयोग के लिए एक तौलिया अलग करें।
यह भी पढ़ें:
बच्चों में गलसुआ (मम्प्स) होना
बच्चों में खाज (स्केबीज) की समस्या – कारण, लक्षण और इलाज
बच्चों में एक्जिमा – कारण, लक्षण और उपचार