पॉटी ट्रेनिंग

बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग देने की सही उम्र क्या है?

हर माता-पिता का अपने बच्चों को पॉटी के लिए ट्रेन करना भी उनके प्रति जिम्मेदारियों का एक अहम हिस्सा है, लेकिन यह एक ऐसा काम है जिसे सभी पेरेंट्स को सीखने की जरूरत होती है। बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देना आसान नहीं है, हालांकि आज के समय में बच्चों को पॉटी के लिए ट्रेन करने के कई तरीके और तरकीबें हैं, जिन्होंने निश्चित रूप से पेरेंट्स के काम को थोड़ा आसान बना दिया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देने की सही उम्र क्या है? क्या आपको इसे जल्दी शुरू करना चाहिए या बच्चे के तैयार होने तक इंतजार करना चाहिए? यदि आप एक बच्चे के माता-पिता हैं, तो आप जानना चाहेंगे कि आपको उसे पॉटी ट्रेनिंग देना कब शुरू करना चाहिए। इस बात को जानने के लिए इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें!

बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देना कब शुरू करें

दुनिया के कई हिस्सों में माता-पिता अपने बच्चों को चार महीने की उम्र से ही पॉटी ट्रेनिंग देना शुरू कर देते हैं। एलिमिनेशन कम्युनिकेशन नाम के मेथड में माता-पिता टॉयलेट या पॉटी के संकेतों को समझते हैं और फिर उसे अपने बच्चों के संकेतों से जोड़कर देखते हैं। लेकिन अधिकतर विशेषज्ञ इस मेथड का उपयोग करने का सुझाव नहीं देते हैं क्योंकि यह 18 महीने या उससे अधिक उम्र के बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देने के लिए सही नहीं है और बाद में समस्याएं पैदा कर सकता है। विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि बच्चे शारीरिक और भावनात्मक रूप से पॉटी करने के लिए तब तक तैयार नहीं होते जब तक कि उनकी उम्र 18 महीने से तीन साल के बीच न हो जाए। साथ ही, लड़कों को ठीक से सीखने में लड़कियों की तुलना में कुछ महीने अधिक लगते हैं। हालांकि, हर माता-पिता जो यह सोच रहे हैं कि अपने बच्चे को पॉटी ट्रेन कब करना चाहिए है, तो उनको बता दें कि सभी बच्चे एक जैसे नहीं होते हैं। कुछ बच्चों को 18 महीने की उम्र से पहले ही अच्छी तरह से पॉटी ट्रेन किया जा सकता है और वहीं कुछ को इसे सीखने में 3 साल से अधिक समय लग सकता है।

वैसे अपने बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग देने से पहले उनके तैयार होने के संकेतों को समझें, तभी आप आगे कुछ कर सकेंगी, कुछ संकेत इस प्रकार हैं:

  • वे नियमित रूप से पॉटी करते हैं और आप यह जरूर देखें कि उनके पॉटी करने का समय रोज एक जैसा है या नहीं।
  • वे आपको संकेत देंगे जब भी उनको पॉटी करनी होगी। उनके संकेत इस प्रकार हो सकते हैं, जैसे नैपी को पकड़ना, घुटनों को मोड़ना या नीचे झुकना।
  • जब भी उन्हें पॉटी करनी हो तो वे थोड़ा अकेला रहना पसंद करेंगे।
  • पॉटी के बाद वे नैपी बदलने के लिए इशारा करेंगे।

अगर आप पूरी तरह से भी बच्चों के संकेतों के बारे में अच्छे से जानते हैं, तब भी ऐसा समय होता है जब उन्हें पॉटी ट्रेनिंग के लिए फोर्स न करें, जैसे:

  • जब दूसरे भाई-बहन का जन्म हो या परिवार में कोई अन्य बदलाव हों।
  • नए घर में जाने पर या क्रिब से बिस्तर पर सोने की शुरुआत करने पर।
  • नया डे-केयर या प्री-स्कूल शुरू करने पर।
  • पैसिफायर का इस्तेमाल बंद करने पर।
  • बीमार होने पर।

2 साल की उम्र में पॉटी ट्रेनिंग

  • 2 साल की उम्र तक बच्चे अपने माता-पिता को पॉटी का इस्तेमाल करते हुए देखते हैं और पॉटी ट्रेन होने में अपना इंटरेस्ट भी दिखाते हैं।
  • माता-पिता को भी अपने बच्चों में पॉटी ट्रेनिंग की तैयारी देखनी चाहिए और उन्हें इसको सिखाने का प्रयास करना चाहिए।
  • दो साल के बच्चों को पॉटी ट्रेन करना भी आसान होता है क्योंकि वे अभी भी चीजें समझ रहे होते हैं और अपने माता-पिता को खुश करना पसंद करते हैं।

3 साल की उम्र में पॉटी ट्रेनिंग

  • ज्यादातर बच्चे 3 साल की उम्र में अच्छे से पॉटी ट्रेनिंग के लिए तैयार हो जाते हैं और 36 महीने की उम्र तक पूरी तरह से ट्रेन हो सकते हैं। कुछ बच्चों को थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है और यह 3.5 साल की आयु तक बढ़ सकता है।
  • इस उम्र में भी बच्चे अभी भी अपनी पॉटी को कंट्रोल करने से चूक सकते हैं, खासकर तब जब वे बीमार या घबराए हुए हों और यह बात बहुत सामान्य है।

4 साल की उम्र में पॉटी ट्रेनिंग

  • 4 साल की उम्र तक लगभग बच्चे पूरी तरह से पॉटी ट्रेन होते हैं। हालांकि, अगर वे हर हफ्ते में तीन से पांच रातों में अपनी पैंट में पेशाब करते हैं या पॉटी करते हैं, तो बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। सामान्य डाइग्नोसिस नॉक्टर्नल एनुरेसिस या बेडवेटिंग होता है।

बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग देना जरूरी है, लेकिन आपको कभी भी उन्हें इसके लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। जब तक आप अपने बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग के लिए तैयार होता नहीं देखते हैं, तब तक शुरू न करें। जब वह पूरी तरह से इसके लिए तैयार हो तब ही ट्रेनिंग शुरू करें। यह भी याद रखें कि एक बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देने में लगभग 8 महीने का समय लगता है। तो अपने बच्चे के साथ धैर्य रखें और वह बिना किसी कठिनाई के पॉटी के लिए ट्रेन होगा!

समर नक़वी

Recent Posts

भूकंप पर निबंध (Essay On Earthquake In Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसमें धरती अचानक से हिलने लगती है। यह तब होता…

1 week ago

Raising Left-Handed Child in Right-Handed World – दाएं हाथ वाली दुनिया में बाएं हाथ वाला बच्चा बड़ा करना

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उभरने लगते हैं। या…

1 week ago

माता पिता पर कविता l Poems For Parents In Hindi

भगवान के अलावा हमारे जीवन में किसी दूसरे वयक्ति को अगर सबसे ऊंचा दर्जा मिला…

1 week ago

पत्नी के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Wife In Hindi

शादी के बाद प्यार बनाए रखना किसी भी रिश्ते की सबसे खूबसूरत बात होती है।…

1 week ago

पति के लिए प्यार से बुलाने वाले नाम l Nicknames For Husband In Hindi

शादी के बाद रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। पति-पत्नी…

1 week ago

करण नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Karan Name Meaning In Hindi

ऐसे कई माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चे का नाम इतिहास के वीर महापुरुषों के…

2 weeks ago