In this Article
नाखून चबाना एक नुकसान रहित आदत है, जो कि बढ़ते बच्चों को अक्सर हो ही जाती है। ज्यादातर बच्चे समय के साथ इस आदत को अपने आप ही छोड़ देते हैं। लेकिन, कुछ बच्चों में यह आदत उनकी किशोरावस्था और वयस्क होने तक भी रह जाती है। 10 से 18 वर्ष की उम्र के बीच के लगभग 50% बच्चे अपने नाखून चबाते हैं। हालांकि यह एक परेशान करने वाली आदत है और यह पेरेंट्स पर निर्भर करता है, कि इसके छिपे हुए कारणों का पता लगाएं और बच्चे को इससे उबरने में मदद करें।
बच्चे विभिन्न कारणों से अपने नाखून चबाते हैं, जैसे एंग्जाइटी, तनाव, बोरियत और आराम। यहां पर बच्चों में नाखून चबाने की आदत के कुछ सबसे आम कारण दिए गए हैं:
नवजात शिशु और छोटे बच्चे खुद को आराम दिलाने के लिए अंगूठा चूसते हैं, जो कि प्राकृतिक है। यह उन्हें आराम दिलाता है, जब वे खेल रहे होते हैं या अकेले होते हैं। नाखून चबाना भी अंगूठा चूसने का ही एक बदला हुआ रूप है, जो कि बच्चों के बढ़ने के दौरान विकसित हो जाता है। ऐसे में बच्चे और टीनएजर्स भी नाखून चबाते हैं, क्योंकि इनसे उन्हें आराम महसूस होता है।
बच्चे जब बोर होते हैं या कोई बोरियत भरा काम करते हैं, तो वे अपने नाखून चबाने लगते हैं। यह तभी देखा जा सकता है, जब वे कोई एक्टिविटी नहीं कर रहे होते हैं और उनके हाथ आजाद होते हैं, जैसे टीवी देखते हुए या क्लास में बैठे हुए।
घर और स्कूल की स्थितियां बच्चों में तनाव और एंग्जाइटी का कारण बन सकती हैं, जिससे उनमें नाखून चबाने की आदत हो सकती है। ऐसी कई तनावपूर्ण स्थितियां होती हैं, जिनके कारण बच्चे परेशान हो सकते हैं, जैसे:
बच्चे दूसरों के व्यवहार को बहुत जल्दी अपना लेते हैं। नाखून चबाना भी एक ऐसी ही आदत है, जो कि बहुत आम है और जब वे अपने किसी भाई-बहन या परिवार के किसी सदस्य को ऐसा करता हुआ देखते हैं, तो उसकी नकल करने लगते हैं।
जींस के द्वारा आपकी आदतों का आपके बच्चों में चले जाना संभव होता है। अगर आपको भी बचपन में नाखून चबाने की आदत थी, तो हो सकता है कि आपके बच्चे भी अपने नाखून चबाएं।
बच्चों में नाखून चबाने की आदत छुड़ाने के लिए यहां पर कुछ प्रभावी उपाय दिए गए हैं:
अगर आप यह नोटिस करती हैं, कि बच्चा अक्सर तनाव या घबराहट में अपने नाखून चबाता है, जैसे स्कूल बदलने पर, किसी नई जगह पर रहने के लिए जाने पर या परिवार में झगड़े होने आदि पर, तो आपको उससे बात करने के लिए समय निकालना चाहिए। कोई ऐसा समय चुनें, जब वह अच्छे मूड में हो। उससे उन चीजों के बारे में बात करें, जिसे लेकर वह चिंतित हो सकता है।
उनके नाखूनों को काटना, नाखून चबाने की आदत को कम करने के लिए एक बहुत ही अच्छा तरीका है। हर सप्ताह उसके नाखून काटें और उन्हें फाइल करें। जब नाखूनों के रूखे किनारे नहीं होंगे, तब उन्हें चबाने की ललक भी बच्चों में नहीं उठेगी। लड़कियां अपने नाखूनों को सलून में जाकर खूबसूरत और चमकदार लुक दे सकती हैं। जब उनके नाखून खूबसूरत लगेंगे और सबका ध्यान आकर्षित करेंगे, तब उन्हें दोबारा काटने की कोशिश वह नहीं करेंगी।
अपनी घबराहट और तनाव को बाहर निकालने के लिए आप उन्हें कुछ और चीज दे सकते हैं। एंग्जाइटी को रिलीज करने के लिए स्ट्रेस बॉल बहुत अच्छा होता है। इसे अपने हाथों में घुमाने और दबाने से बच्चे बेहतर ढंग से रिलैक्स कर पाते हैं। बच्चों के हाथों को व्यस्त रखने वाली एक्टिविटीज और प्रोजेक्ट भी अच्छे ऑप्शन हैं। आर्ट और क्राफ्ट जैसी चीजें उन्हें तनाव से राहत भी देती है और उनकी कल्पनाशक्ति को भी बढ़ावा देती हैं। आउटडोर एक्टिविटी, प्ले टाइम और स्पोर्ट्स उनकी दबी हुई ऊर्जा को रिलीज करने के कुछ बेहतरीन तरीके हैं।
नाखून चबाने जैसी आदत ज्यादातर अनकॉन्शियस होती है। अधिकतर समय पर आपके बच्चे को यह पता नहीं होता है, कि वह अपने नाखून चबा रहा है और ऐसे में जब आप उसे ऐसा करने से रोकती हैं, तो वह चौंक जाता है। बच्चे से बात करें, कि वह अपने नाखून क्यों चबाता है और उसे कुछ गुप्त तरीके सजेस्ट करें, जिनसे ऐसा करने के दौरान उसे याद दिलाया जा सके। जब वह लोगों के बीच या पब्लिक में नाखून चबा रहा हो, तो उस समय उसे रोकने में ऐसे तरीके बहुत काम आते हैं और वह शर्मिंदा होने से भी बच जाता है। कंधे पर थपथपाना या फिर कोई ऐसा कोड वर्ड जो केवल आप दोनों ही जानते हों इसके लिए एक अच्छा तरीका हो सकता है।
जब आप देखती हैं, कि बच्चा अपनी एंग्जाइटी को हेल्दी तरीकों से सही दिशा की ओर चैनेलाइज करने में प्रगति कर रहा है, तो उसे प्रोत्साहन दें और इसके लिए उसे कुछ इनाम दें। इनाम के रूप में केवल आप दोनों ही आइसक्रीम खाने के लिए बाहर जाएं या फिर उसे कोई ऐसा नया खिलौना दें जो उसे पहले से ही पसंद हो। बच्चे नैचुरली अपने पेरेंट्स को खुश करना चाहते हैं और उनका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अच्छी और हेल्दी आदतें अपनाने के लिए उनके प्रयासों की तारीफ करना और उन्हें प्रोत्साहन देना अच्छा होता है।
अपने बच्चे को नाखून चबाने से रोकना बहुत ही झल्लाहट भरा हो सकता है। सभी बच्चों के लिए एक ही तरीका काम नहीं करता है, इसलिए समय के साथ अलग-अलग तरीके अपनाएं और उनके नतीजों पर ध्यान दें। आदतों को छोड़ना कठिन होता है और चूंकि एंग्जाइटी रातों-रात विकसित नहीं होती है, ऐसे में, नाखून चबाने की आदत को छोड़ना या किसी नई अच्छी आदत को अपनाने में थोड़ा समय लगता है। ऐसे में धैर्य बनाए रखें। अगर इनमें से कोई भी तरीका काम न करे और आपका बच्चा बहुत अधिक परेशान लगे, तो उसकी मदद के लिए आप अपने पीडियाट्रिशियन की सलाह भी ले सकती हैं।
मेडिकल स्टोर में ऐसे चाइल्ड सेफ लिक्विड उपलब्ध होते हैं, जिन्हें बच्चों में नाखून चबाने की आदत छुड़ाने के लिए ही बनाया गया है। आप अपने पीडियाट्रिशियन से ऐसे ही किसी लिक्विड के बारे में पूछ सकती हैं और उसके नाखून पर लगा सकती हैं। नाखूनों का कड़वा स्वाद बच्चे को याद दिलाएगा कि उसे अपने नाखून नहीं चबाने हैं।
अगर आप उसकी आदत को लेकर बहुत अधिक परेशान रहेंगी, तो वह एंग्जाइटी का शिकार हो सकता है। इसके अलावा अगर आप उस पर ध्यान न दें, तो आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए भी वह नाखून चबा सकता है।
यहां पर बच्चों में नाखून चबाने से संबंधित कुछ जटिलताएं दी गई हैं:
अगर आप यह समझ जाएं, कि आपका बच्चा नाखून क्यों चबा रहा है, तो आपकी आधी समस्या इतने में ही सुलझ सकती है और आप उसकी आदत छुड़ा सकती हैं। समय के साथ सकारात्मक तरीकों का इस्तेमाल करके उसकी इस आदत को छुड़ाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें:
बच्चों में गलसुआ (मम्प्स) होना
बच्चों में इनग्रोन टो नेल्स – कारण, लक्षण और इलाज
बच्चों में खाज (स्केबीज) की समस्या – कारण, लक्षण और इलाज
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…