गर्भावस्था

बिना पीरियड के पेट में दर्द: कारण और इलाज

महिलाओं में क्रैम्पिंग या पेट में दर्द आमतौर पर मेंस्ट्रुअल साइकिल यानी मासिक धर्म से जुड़ी होती है। पीरियड्स, जिसे माहवारी भी कहते हैं, उसमें जब गर्भाशय, गर्भावस्था की तैयारी के लिए बनी परत को हटाता है, तब ये यह क्रैंप होते हैं। लेकिन जब बिना पीरियड के ही आपको पेट में ऐंठन या मरोड़ हो, तो यह तकलीफदेह होने के साथ-साथ चौंकाने वाला भी हो सकता है। इस लेख में इस समस्या के बारे में अधिक जानकारी दी गई है। 

मुझे बिना पीरियड के पेट में दर्द हो रहा है, क्या मैं गर्भवती हूं?

अगर आपको पीरियड के बिना ही क्रैंप का अनुभव हो रहा है, तो इसके पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं। इसके कारण का पता लगाने के लिए, घर पर जो आप एक कदम उठा सकती हैं, वह है प्रेगनेंसी टेस्ट करना। दुर्लभ मामलों में एक नेगेटिव प्रेगनेंसी टेस्ट गलत रिजल्ट दे सकता है, इसलिए गायनेकोलॉजिस्ट से भी परामर्श लेना न भूलें। 

मुझे पीरियड के बिना क्रैंप क्यों हो रहे हैं?

पीरियड के बिना क्रैंप होने के कुछ कारण इस प्रकार हैं: 

1. पीरियड देर से आना

  • आप जिस क्रैंप का अनुभव कर रही हैं, उसका एक कारण केवल एक लेट पीरियड भी हो सकता है। जब आपका शरीर देर से ओवुलेट करता है, तो आपको मरोड़ का अनुभव हो सकता है। अगर आपकी मंथली सायकल अनियमित है और आपका शरीर इसके प्रति एडजस्ट कर रहा है, तो भी आपको क्रैंप का अनुभव हो सकता है।
  • ये क्रैंप शरीर के एक तरफ होते हैं और 2 घंटों से लेकर कुछ दिनों तक भी रह सकते हैं। इस तरह के क्रैंप में आमतौर पर गैस और कब्ज भी देखी जाती है।

2. इन्फ्लेमेटरी बॉवेल बीमारियां

  • जब आपका इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है, तो इसके कारण क्रॉनिक डिजीज या अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी बीमारियों के कारण पाचन तंत्र के हिस्सों में इन्फ्लेमेशन हो सकता है। इसके कारण आपको बिना पीरियड के ही गंभीर क्रैंप का अनुभव हो सकता है।
  • क्रॉन्स डिजीज के साथ आपको पेट के बीच के हिस्से में या दाईं तरफ नीचे की ओर दर्द का अनुभव हो सकता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस के मामलों में ये क्रैंप बाई तरफ निचले हिस्से में होते हैं।

3. रप्चर ओवेरियन सिस्ट

  • ओवरी में सिस्ट होना दर्दनाक हो सकता है। आज भारत में कई युवा महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं। जब एक बड़ा सिस्ट फटता है, तो आपको क्रैंप का अनुभव होता है।
  • सिस्ट के फटने से हमेशा दर्द नहीं होता है। अगर आपको दर्द हो रहा है, तो नाभि के निचले हिस्से में पेट के किसी भी तरफ तेज दर्द होगा।

4. प्रेगनेंसी का दर्द

  • पीरियड के बिना होने वाला हल्का क्रैंप, गर्भावस्था का एक शुरुआती लक्षण हो सकता है। जब फर्टिलाइज्ड अंडा गर्भाशय से जुड़ जाता है, तब यह दर्द होता है। इसे इंप्लांटेशन पेन भी कहा जाता है।
  • ये क्रैंप सौम्य होते हैं और लगभग आपकी गर्भावस्था के 4 सप्ताह की अवधि में होते हैं। चूंकि आमतौर पर यही वह समय होता है, जब आप पीरियड की उम्मीद कर रही होती हैं, ऐसे में प्रेगनेंसी टेस्ट कराना सबसे अच्छा होता है। अगर आपको पीरियड के बिना क्रैंप हो रहे हैं और सफेद डिस्चार्ज हो रहा है, तो आपको प्रेगनेंसी टेस्ट जरूर कराना चाहिए।

5. एक्टोपिक प्रेगनेंसी

  • जब बच्चा गर्भाशय के बाहर बढ़ता है, तब उसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहा जाता है। ऐसी प्रेगनेंसी के लिए सबसे आम जगह होती है फेलोपियन ट्यूब के अंदर। यह स्थिति मां के लिए जानलेवा होती है और ऐसे में बच्चे के जीवित रहने की संभावना नहीं होती है।
  • आमतौर पर पेट के निचले हिस्से में एक तरफ ये क्रैंप हल्के रूप में शुरू होते हैं। लेकिन फिर यह दर्द तेज हो जाता है। यह दर्द आपकी कमर और कंधों तक भी जा सकता है।

6. मिसकैरेज

  • गर्भधारण के 20 सप्ताह से पहले फीटस की होने वाली मृत्यु को मिसकैरेज कहा जाता है।
  • अधिकतर मामलों में पीरियड के बिना तेज क्रैंप का अनुभव होता है।

7. एंडोमेट्रियोसिस

  • यह एक गंभीर और क्रॉनिक स्थिति होती है, जिसमें गर्भाशय की परत के टुकड़े अन्य अंगों से जुड़ जाते हैं और बढ़ना शुरू कर देते हैं।
  • एंडोमेट्रियोसिस के कारण होने वाली ऐंठन, रेगुलर मरोड़ की तरह लगती है, पर यह कभी भी हो सकती है।

8. पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी)

  • यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है, जो कि आमतौर पर यौन संबंधों द्वारा फैलता है और आपके प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है।
  • यह क्रैंप आपके पेट के दोनों ओर महसूस होता है और आप कमर दर्द का भी अनुभव कर सकती हैं।

9. इंटरस्टीशियल सिस्ट

  • यह एक ऐसी बीमारी है, जो आपके ब्लैडर को प्रभावित करती है और इसे पेनफुल ब्लैडर सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है।
  • इसमें पीरियड के बिना पेट के निचले हिस्से में क्रैंप होता है। आप अपने जेनिटल्स में दर्द का अनुभव कर सकती हैं और पेट का निचला हिस्सा नाजुक लग सकता है।

10. इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आईबीएस)

  • इस एक ऐसा डिसऑर्डर है जिसमें डायरिया या कब्ज के साथ ब्लोटिंग और पेट में दर्द का भी अनुभव होता है।
  • आईबीएस से जुड़े क्रैंप अचानक होते हैं और पेट में महसूस किए जाते हैं। मल त्याग करते समय ये क्रैंप तेज हो सकते हैं। पीरियड के दौरान ये और भी बिगड़ सकते हैं।

11. अपेंडिसाइटिस

  • अपेंडिक्स नामक वेस्टिजियल ऑर्गन की सूजन को अपेंडिसाइटिस कहा जाता है। इस बीमारी में आमतौर पर तुरंत सर्जरी करने की जरूरत होती है।
  • यह क्रैंप आपकी नाभि में शुरू होता है और फिर पेट के दाईं ओर निचले हिस्से में चला जाता है। यह दर्द तेज होता है, जो कि आपकी नींद खराब कर सकता है और चलने, खांसने या छींकने पर और भी बिगड़ सकता है।

12. ओवेरियन कैंसर

  • यह कैंसर, अंडे के उत्पादन के जिम्मेदार ओवरी में होता है।
  • इससे उठने वाले मरोड़ को गैस या कब्ज समझने की भूल भी हो सकती है, क्योंकि यह दर्द स्पष्ट नहीं होता है। लेकिन आपके पेट के निचले हिस्से में ऐंठन और दबाव कम नहीं होता है।

13. पेल्विक फ्लोर मसल डिस्फंक्शन

  • इस स्थिति में ब्लैडर, गर्भाशय, वेजाइना और रेक्टम को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों के स्पैस्म शामिल होते हैं।
  • ये क्रैंप गंभीर होते हैं और पेट के निचले हिस्से में महसूस किए जाते हैं। इस दर्द के साथ जांघों के पास के हिस्से में और कमर में भी दर्द महसूस हो सकता है।

14. मेनोपॉज

  • मेनोपॉज महिला के प्रजनन जीवन का एक पड़ाव होता है, जिसमें ओवरी अंडे रिलीज करना बंद कर देती हैं। इसके बाद महिला बच्चे पैदा करने में अक्षम हो जाती है।
  • ये क्रैंप पीरियड में होने वाले क्रैंप से काफी मिलते-जुलते होते हैं। ये गर्भाशय के क्रैंप होते हैं, जो कि पीरियड के बिना होते हैं। डॉक्टर इसका कारण बताने में असमर्थ होते हैं और ये क्रैंप कुछ महीनों मे ठीक हो जाते हैं।

15. तनाव

  • अगर आप सो नहीं पा रही हैं, आपको सिर दर्द है और आप असामान्य रूप से उलझन महसूस करती हैं, तो हो सकता है आप तनाव से जूझ रही हों।
  • ये क्रैंप निश्चित रूप से पेट में ही हों, ऐसा जरूरी नहीं है – ये जांघों, पिंडलियों, पैरों आदि में भी हो सकते हैं।

हम सब जानते हैं, कि इनमें से कुछ बीमारियां काफी गंभीर हो सकती हैं और उनमें डॉक्टर की सलाह से इलाज कराना बहुत जरूरी होता है। 

16. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (एसटीआई)

  • दो लोगों के बीच यौन संबंध होने से सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन हो सकते हैं। इनमें से कुछ इंफेक्शन हैं एचपीवी, गोनोरिया, सिफीलिस, हर्पीस ,क्लैमाइडिया और एचआईवी। ओरल, एनल और वेजाइनल ये सभी सेक्सुअल कॉन्टैक्ट के अंतर्गत आते हैं।
  • जहां कुछ एसटीआई में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, वहीं इनमें से कुछ स्थितियों में पेट के निचले हिस्से में दर्द और क्रैंप जैसे लक्षण दिख सकते हैं। अगर आपको क्रैंप के अलावा दुर्गंध युक्त वेजाइनल डिस्चार्ज,  जेनिटल एरिया में चकत्ते या घाव, पेशाब करते समय जलन और दर्द और असामान्य वेजाइनल ब्लीडिंग जैसे अन्य लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

गर्भावस्था के क्रैंप्स और पीरियड्स के क्रैंप्स के बीच अंतर

प्रेगनेंसी क्रैंपिंग मेंस्ट्रुअल क्रैंप्स से बहुत अलग होती है। मुख्य रूप से यह गर्भाशय के कारण होता है, जो कि बढ़ते बच्चे के लिए जगह बनाने के लिए फैलता है। इस तरह के दर्द को राउंड लिगामेंट पेन कहते हैं। यह एक सौम्य दर्द होता है, जो कि चलने के दौरान तेज हो जाता है। राउंड लिगामेंट पेन, राउंड लिगामेंट के अत्यधिक फैलाव के कारण होता है, न कि गर्भाशय के फैलाव से। 

माहवारी के क्रैंप्स प्रेगनेंसी क्रैंप्स से अधिक गंभीर होते हैं। गर्भावस्था के क्रैंप्स के साथ ही अन्य कई लक्षण भी दिखते हैं, जैसे टेंडर ब्रेस्ट, बार-बार पेशाब आना, थकावट, मूड स्विंग और भूख का बढ़ना। 

पीरियड के बिना पेट में ऐंठन के लक्षण

ऊपर बताई गई बीमारियां कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जो कि पीरियड के किसी संकेत के बिना क्रैंप का कारण बन सकती हैं। पीरियड के बिना क्रैंप का सबसे निश्चित लक्षण होता है – मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग न होना। पर अगर यह दर्द अन्य लक्षणों के साथ आता है, तो ऐसे में किसी छिपी हुई मेडिकल स्थिति का पता लगाना जरूरी होता है। 

इलाज

पीरियड के बिना क्रैंपिंग का कारण बनने वाली ज्यादातर बीमारियों पर डॉक्टर का ध्यान आकर्षित करना जरूरी है। अगर यह क्रैंपिंग किसी ऐसी बीमारी का संकेत है, जिसमें इलाज की जरूरत है, तो डॉक्टर आपको सही सलाह दे सकते हैं। वे आपको आपकी बीमारी के लिए सही इलाज और दवाओं की सलाह दे सकते हैं। इनमें से कुछ बीमारियों में अपनी लाइफ स्टाइल में कुछ बदलाव लाने की जरूरत होती है। जब आप अपने डॉक्टर की सलाह को मानेंगी तो आप पूरी तरह से ठीक हो जाएंगी। 

कुछ अन्य स्थितियों को अपनी जीवन शैली में सिंपल बदलाव करके ठीक किया जा सकता है और मेडिकल अटेंशन की जरूरत नहीं होती है। 

अगर आप नीचे दिए गए टिप्स को फॉलो करती हैं, तो पीएमएस से राहत पाई जा सकती है और इससे बचाव भी किया जा सकता है: 

  • हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए एक्सरसाइज करना।
  • एक संतुलित आहार का सेवन करना, जिसमें साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ-साथ फल भी शामिल हों।
  • अपने भोजन में कैल्शियम की रोज की रेकमेंडेड खुराक को निश्चित रूप से शामिल करें।
  • ज्यादा नमक, कैफीन, अल्कोहल और स्मोकिंग से बचें।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • मेडिटेशन और योग के द्वारा अपने तनाव को कम करें।
  • जरनल के इस्तेमाल से अपने मूड को ट्रैक करें।
  • दर्द से राहत पाने के लिए ओवर द काउंटर दवाओं का इस्तेमाल करें।
  • विटामिन और मिनरल के अन्य विकल्पों का सेवन करें।

अगर आप मेनोपॉज से गुजर रही हैं, तो आपके आने वाले जीवन की क्वालिटी को लेकर अपनी उम्मीदों के बारे में डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा है। किसी भी तरह की असुविधा से राहत पाने के लिए आप अलग-अलग तरह के उपायों को भी आजमा सकती हैं: 

  • हर दिन कम से कम आधे घंटे के लिए एक्सरसाइज करें।
  • एक संतुलित आहार का सेवन करें, जिसमें साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ-साथ फल भी शामिल हों।
  • नमक, कैफीन, अल्कोहल और स्मोकिंग से बचें।
  • आमतौर पर डॉक्टर एक एस्ट्रोजेनिक ऑइंटमेंट की सलाह प्रिसक्राइब करते हैं।
  • हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के बारे में विचार करें।

दर्द से राहत पाने के लिए अन्य टिप्स

बिना पीरियड या प्रेगनेंसी के होने वाले क्रैंप से राहत पाने के लिए आप इन उपायों को आजमा सकती हैं: 

  • इसके लिए सबसे अच्छा होता है आराम करना। एक आरामदायक सोफा या बिस्तर पर एक ऐसी पोजीशन में लेटें, जिसमें आपको सबसे अधिक रिलैक्स महसूस हो।
  • जहां पर सबसे अधिक दर्द हो रहा हो, वहां पर गर्म सिंकाई करें।

  • इसके अलावा आप गुनगुने पानी से नहा भी सकती हैं। इससे आपकी मांसपेशियों को रिलैक्स होने में मदद मिलेगी और किसी तरह के तनाव से भी राहत मिलेगी।
  • अपने घर के पास के पार्क में जाकर थोड़ा टहल लें। टहलने से क्रैंप से आराम मिलता है।
  • एक कप गुनगुने पानी में नींबू डालकर पिएं या फिर हर्बल चाय लें।

क्रैंप के साथ दिखने वाले अन्य लक्षणों को नोट करें, खासकर अगर आपके पीरियड्स नहीं हैं, तो। ऐसी कई मेडिकल स्थितियां हैं, जिनमें हल्के से गंभीर क्रैंपिंग हो सकते हैं, जो कि कई दिनों तक रह सकते हैं। इस दौरान आप पेट के दर्द और मरोड़ से राहत पाने के लिए ऊपर दिए गए उपायों को आजमा सकती हैं। लेकिन 2 सप्ताह के बाद भी अगर दर्द में कोई कमी नहीं दिखती है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर को अपने सभी लक्षणों के बारे में अच्छी तरह से बताएं, ताकि वह जल्द से जल्द आपकी स्थिति को पहचान सके। 

हम आपको खुद अपनी जांच या खुद अपना इलाज करने की सलाह नहीं देते हैं। एक उचित जांच और इलाज के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि आपको दर्द से आराम मिल सके। अपने प्रियजनों के साथ दवाएं शेयर न करें, खासकर अगर वह पेन किलर है, तो। क्योंकि इनकी आदत पड़ सकती है। हम आपको क्रैंप की स्थिति और अन्य साइड इफेक्ट में होने वाले बदलावों के बारे में अपने फिजिशियन से लगातार बात करने की सख्त सलाह देते हैं। 

यह भी पढ़ें: 

अनियमित मासिक धर्म के 11 अप्रत्याशित कारण
मासिक धर्म से पहले 21 प्रारंभिक गर्भावस्था के लक्षण
पीरियड्स के बगैर क्रैम्प का अनुभव होना- कारण व दर्द से राहत के टिप्स

पूजा ठाकुर

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