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बायोलॉजिकली, एक नवजात शिशु के स्वास्थ्य के लिए ब्रेस्टमिल्क सबसे बेहतर होता है, क्योंकि बच्चे को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए जिन चीजों की जरूरत होती है, ब्रेस्टमिल्क से उसे वह सब कुछ मिल जाता है। आमतौर पर सप्लीमेंट फार्मूला के इस्तेमाल का चुनाव न तो पेरेंट्स करते हैं और न ही डॉक्टर इसकी सलाह देते हैं। सप्लीमेंट फार्मूला का चुनाव केवल वैसी परिस्थिति में किया जाता है, जब माँ का शरीर पर्याप्त दूध बनाने में सक्षम नहीं होता है और फार्मूला का इस्तेमाल जरूरी हो जाता है। कामकाजी माँएं अक्सर काम के दौरान अपने शिशु के लिए फार्मूला का चुनाव करती हैं और जब वे घर पर होती हैं, तो ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं। जो माँएं पब्लिक प्लेस में बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने में झिझक महसूस करती हैं, वे भी ऐसी स्थिति में फार्मूला का चुनाव कर सकती हैं।
मार्केट में उपलब्ध मैन्युफैक्चर्ड फार्मूला के द्वारा आपके बच्चे के भोजन में जरूरी पोषक तत्वों को शामिल किया जा सकता है। आमतौर पर यह बारीक पाउडर के रूप में होता है और इसे पानी के साथ मिलाकर फीडिंग बोतल के माध्यम से बच्चे को दिया जा सकता है। हालांकि, आपके बच्चे की फीडिंग में शामिल करने के लिए इसे एक सप्लीमेंट के तौर पर बनाया जाता है। पर फिर भी जब तक आपका बच्चा कम से कम एक महीने का ना हो जाए, तब तक उसे कोई भी दूसरी चीज नहीं देनी चाहिए, फिर चाहे यह सप्लीमेंट ही क्यों ना हो, क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग आपके बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ाती है।
जिन शिशुओं में कुपोषण का खतरा होता है, उन्हें ब्रेस्टफीडिंग के साथ-साथ सप्लीमेंट देने की जरूरत भी हो सकती है, ताकि उन्हें सभी जरूरी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल सकें।
कुछ माँओं में डिलीवरी के बाद दूध का प्रोडक्शन नहीं होता है और कुछ को कम होता है। इन माँओं के लिए फार्मूला जरूरी होता है, क्योंकि उनके बच्चे को न्यूट्रिएंट्स देने का माध्यम केवल फार्मूला ही होता है। कुछ अन्य माँएं जो कि एचआईवी या टीबी जैसी किसी बीमारी से ग्रसित हों, अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए बहुत कमजोर होती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग के साथ सप्लीमेंट के रूप में फार्मूला देना बिल्कुल ठीक है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि चूंकि ब्रेस्टफीडिंग बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है, इसलिए दिन भर में कम से कम एक बार बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग देना चाहिए। फार्मूला बच्चे के विकास के लिए सभी जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है, लेकिन यह बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ाने में सक्षम नहीं होता है।
आपके बच्चे के भोजन में फार्मूला को शामिल करने का विचार के पीछे चाहे जो भी कारण हो, पर इसकी शुरुआत करने से पहले आपको कुछ बातें जान लेनी चाहिए।
आपके बच्चे को देने के लिए कौन से ब्रांड का फार्मूला सबसे अच्छा है, इसके लिए थोड़ी मार्केट रिसर्च करें और अपने डॉक्टर से परामर्श लें। चाहे स्टोर हो या नाम, ज्यादातर ब्रांड्स फार्मूला तैयार करते समय अलग-अलग फॉर्मूलेशन का इस्तेमाल करते हैं। आपके डॉक्टर आपको यह निर्णय लेने में मदद करने में सक्षम होंगे, कि आपके बच्चे की जरूरतों और उसे सप्लीमेंट देने की शुरुआत के कारण के आधार पर, कौन सा ब्रांड आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा है।
फार्मूला सोया और बकरी या गाय के दूध के बेस से तैयार होता है। यह या तो रेडी टू फीड लिक्विड के रूप में होता है या फिर पाउडर के रूप में होता है, जो कि ज्यादा प्रचलित है, जिसमें आपको फार्मूला तैयार करने के लिए पानी मिलाने की जरूरत होती है।
जो बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं या जिनकी इम्युनिटी कम होती है और जो बच्चे ब्रेस्टफीड के लिए सक्षम नहीं होते हैं, वैसे बच्चों के लिए रेडी टू फीड फार्मूला सबसे अच्छा होता है। रेडी टू फीड फार्मूला सही तरीके से तैयार होता है और इसमें पाउडर फार्मूला को तैयार करने के दौरान इस्तेमाल किए गए पानी के कारण इन्फेक्शन का खतरा कम होता है।
बच्चे को दूध पिलाते समय उसे सीधी पोजीशन में रखें, जिससे बोतल फर्श के समानांतर स्थिति में हो। बोतल को उसके ऊपरी होंठ पर रखें और उसके बोतल को स्वीकार करने का इंतजार करें। जब बच्चा एक बार बोतल को मुँह लगा ले, तब बोतल को थोड़ा सा टेढ़ा करें, जिससे कि उसके टिप पर दूध भर जाए। बच्चे को फार्मूला पिलाने के लिए जबरदस्ती ना करें।
चूंकि आपके दूध का उत्पादन आपके बच्चे की डिमांड पर निर्भर करता है, तो ऐसे में अगर आप नियमित रूप से सप्लीमेंट के इस्तेमाल की शुरुआत कर देते हैं, तो आपके दूध का प्रोडक्शन घट जाता है। अगर आप बच्चे को केवल सप्ताह में एक बार सप्लीमेंट्स देते हैं, तो ऐसे में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा जाता है।
अगर आप अपने दूध की सप्लाई खत्म नहीं करना चाहती हैं और साथ ही बच्चे को सप्लीमेंट भी देना चाहती हैं, तो ऐसे में बच्चे को सप्लीमेंट देने के समय आपको अपने ब्रेस्टमिल्क को पंप करने की कोशिश करनी चाहिए। इस तरह से आप अपने ब्रेस्टमिल्क को फ्रीज कर सकती हैं और उसका इस्तेमाल बाद में कर सकती हैं।
अधिकतर महिलाओं में दूध का प्रोडक्शन भरपूर होता है और वे अपने बच्चे को पर्याप्त मात्रा में दूध देने में सक्षम होती हैं। लेकिन अगर फिर भी आप यह जानना चाहती हैं, कि आपके बच्चे को उचित मात्रा में दूध मिल रहा है या नहीं, तो इसके लिए आप कुछ बातों पर नजर रख सकती हैं:
अधिकतर लेक्टेशन कंसल्टेंट के अनुसार, अगर बहुत अधिक इमरजेंसी न हो, तो बच्चे को सप्लीमेंट्स देने की शुरुआत करने से पहले कम से कम एक महीने की उम्र तक इंतजार करना चाहिए। इससे आपकी ब्रेस्टफीडिंग और दूध के उत्पादन को बेहतर रूप से स्थापित होने का समय भी मिलता है और फार्मूला के बोतल से कोई रुकावट भी नहीं आती है। एक बार बच्चा एक महीने का हो जाए, तो फिर आप कभी भी फार्मूला की शुरुआत कर सकते हैं।
बच्चे को ब्रेस्टमिल्क से फार्मूला की ओर रुख करना थोड़ा कठिन हो सकता है, क्योंकि ब्रेस्टमिल्क सप्लीमेंट फार्मूला से मीठा होता है। इसलिए अधिकतर बच्चे शुरुआत में इसे पीना नहीं चाहते हैं। पर प्रयास करना न छोड़ें। अगर बच्चे को अधिक भूख लगी हो, तो जो कुछ भी उसे दिया जाए, आमतौर पर वह उसे स्वीकार कर ही लेता है।
अगर बच्चा दूध पीने से मना कर रहा है, तो शुरूआत में बोतल फीडिंग के लिए आप अपने पति या परिवार के किसी सदस्य की मदद ले सकती हैं। जब बच्चा भूख के बजाय केवल आराम के लिए ब्रेस्टफीडिंग के मूड में हो, तब उसे फार्मूला देने के बजाय, जब उसे भूख लगी हो तब इसकी कोशिश करें।
अधिकतर कंसल्टेंट आपको पहली फीडिंग के दौरान पंप किए हुए ब्रेस्टमिल्क और फार्मूला का मिश्रण बच्चे को देने की कोशिश करने की सलाह देते हैं और अगर उसे फिर भी भूख लगी हो, तो इसके बाद उसे फार्मूला की एक नई बोतल दें।
चूंकि बच्चे ब्रेस्टमिल्क की तरह फार्मूला को तेजी से डाइजेस्ट नहीं कर पाते हैं, तो ऐसे में उनकी भूख कम हो सकती है। आप यह भी देखेंगे, कि बच्चे की पॉटी पहले की तुलना में ठोस और गहरे रंग का हो जाता है। इसमें से गंध भी अधिक आएगी और ब्रेस्टमिल्क की तुलना में बच्चे कम पॉटी करेंगे।
अगर आपका बच्चा अपनी फीडिंग को लेकर उत्साहित रहता है, तो अगर नियमित रूप से सप्लीमेंट दिया जाए, तो वह ब्रेस्टमिल्क के लिए मना करने लगता है, क्योंकि बोतल से जल्दी-जल्दी दूध निकलता है और वहीं ब्रेस्टमिल्क से दूध निकलने में अधिक समय लगता है। अगर सप्लीमेंट फार्मूला की शुरुआत करने के बाद आपको अपने बच्चे की पॉटी या उल्टी में खून दिखता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि यह दूध के प्रति इनटॉलरेंस का मामला हो सकता है।
दुनिया में ऐसी कोई भी चीज नहीं है, जो कि सही मायने में बच्चे के लिए माँ के दूध की जगह ले सके। जैसा कि हम देख चुके हैं, कभी-कभी माँ के पास बच्चे को सप्लीमेंट फार्मूला देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह जाता है। बच्चे को ब्रेस्टमिल्क और फार्मूला देना, केवल फार्मूला देने से कहीं बेहतर है और अधिकतर डॉक्टर फीडिंग के दौरान ब्रेस्टमिल्क और फार्मूला मिल्क को अल्टरनेटिव रूप से देने की सलाह देते हैं, ताकि बच्चे को वह इम्युनिटी भी मिल सके, जो उसे केवल ब्रेस्टमिल्क से मिल सकती है और साथ ही सप्लीमेंट फार्मूला से अतिरिक्त न्यूट्रिशन भी मिल सके।
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