गर्भावस्था

सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन – कारण, लक्षण और उपचार

माँ बनने की खुशी अद्भुत है – और इस समय आप इतनी उत्साहित हो सकती हैं कि अपने बच्चे की देखभाल खुद ही करना चाहती हैं। लेकिन यदि आपकी सिजेरियन डिलीवरी हुई है तो आपके लिए अपना खयाल रखना भी जरूरी है। सिजेरियन डिलीवरी की पूरी प्रक्रिया में ऑपरेशन किया जाता है जिसके बाद इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है। ऑपरेशन का घाव ठीक होने के लिए अपना पूरा समय लेता है और ठीक होने पर इसके टांके अपने आप सही समय पर ठीक हो जाते हैं। लेकिन यदि आपके घाव में इन्फेक्शन हो जाता है तो इसके लिए आपको अधिक सावधानी बरतने की जरुरत है।

सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन क्या है?

चूंकि सिजेरियन डिलीवरी में शरीर पर एक चीरा लगाया जाता है जो ऑपरेशन के बाद किसी अन्य घाव से अलग नहीं है। किसी भी तरह के घाव में माइक्रोब्स और बैक्टीरिया के पहुँचने की संभावना होती है। यदि ऐसा होता है तो आपके घाव में इन्फेक्शन हो सकता है जिससे आपको अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन होने के कारण

हाल ही में किए गए अध्ययनों के अनुसार डिलीवरी के बाद जिन महिलाओं को नायलॉन या स्टेपल के टांके लगते हैं उनमें इन्फेक्शन होने की संभावना अधिक होती है। इसके लिए सबसे अच्छा विकल्प पॉलीग्लाइकोलाइड (पीजीए) टांके हैं क्योंकि इनमें अब्सॉर्ब करने की क्षमता बेहतर होती है और यह बायोडिग्रेडेबल भी होते हैं।

यद्यपि मेडिकल में प्रगति के कारण इन्फेक्शन होने की संभावना आज बहुत कम है, लेकिन फिर भी कुछ कारणों से सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं;

  1. ऑपरेशन के दौरान या डिलीवरी के समय भी काफी मात्रा में ब्लीडिंग होना
  2. यदि सिजेरियन डिलीवरी और लेबर सामान्य से अधिक समय तक चलता है
  3. इन्फेक्शन को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाई न लेना या ऑपरेशन से पहले किसी भी तरह की देखभाल न करना
  4. यदि पहले भी सीजेरियन डिलीवरी हो चुकी है
  5. गर्भावस्था के दौरान प्रीनेटल जांच अनियमित होना
  6. अधिक समय के लिए स्टेरॉयड दवाओं का सेवन करना
  7. फीटल मेम्ब्रेन के साथ-साथ एमनियोटिक द्रव में भी इन्फेक्शन होना, जिससे लेबर के समय पर कोरियोएमियोनाइटिस होता है
  8. डायबिटीज या कोई ऐसी बीमारी होना जो इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है, जैसे कि एचआईवी
  9. ओबेसिटी या मोटापा से ग्रसित होना

सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन होने के संकेत और लक्षण

घाव कितना संक्रमित हो सकता है इस बात का अंदाजा केवल चीरे को देखकर ही लगाया जा सकता है। यदि आप अपना घाव खुद नहीं देख सकती हैं तो इसकी जांच किसी और व्यक्ति द्वारा की जानी चाहिए। आमतौर पर इन्फेक्शन होने के कुछ निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं, आइए जानते हैं;

  • जहाँ पर चीरा लगाया गया है वहाँ थोड़ा दर्द और लालपन होने के साथ-साथ सूजन भी हो सकती है।
  • डिलीवरी के बाद पेट दर्द कम होने के बजाय बढ़ने लगता है।
  • घाव से पानी या पस (मवाद) निकलता है।
  • घाव में बहुत ज्यादा दर्द और समय के साथ ठीक न होना।
  • इन्फेक्शन से ग्रसित महिला को 100.4 डिग्री फारेनहाइट से अधिक बुखार हो सकता है।
  • अत्यधिक जलन व दर्द के कारण पेशाब करने में कठिनाई होना।
  • योनि से डिस्चार्ज होता है और इसमें बहुत ज्यादा दुर्गंध भी आती है।
  • ब्लीडिंग इतनी बढ़ सकती है कि महिला को बार-बार पैड बदलने की आवश्यकता होती है।
  • ब्लीडिंग के समय पर खून गाढ़ा और थक्कों के रूप में भी दिखाई दे सकता है।
  • पैरों में फिर से सूजन और बहुत ज्यादा दर्द होता है।

सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन का निदान

  • आपको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करने से पहले कई डॉक्टर सिजेरियन के चीरे और घाव में इन्फेक्शन की जांच करते हैं। हालांकि कई महिलाओं को घर पहुँचने के कई हफ्तों के बाद यह इन्फेक्शन होता है।
  • मुख्य रूप से डॉक्टर पहले पट्टी या टांके निकाले बिना बाहर से ही चीरे के क्षेत्र की जांच करते हैं। ज्यादातर इस जगह पर लालपन और सूजन से भी डॉक्टर इन्फेक्शन के संकेतों का पता लगा सकते हैं।
  • कभी-कभी टांकों की जांच बारीकी से भी की जा सकती है या पट्टी हटाकर भी या देखा जा सकता है कि घाव कैसे भर रहा है। इन्फेक्शन होने से टांके आवश्यकता से पहले ही खुल जाते हैं।
  • यदि टांकों की जगह पर पस आ जाता है तो डॉक्टर घाव की जलन को कम करने के लिए इंजेक्शन की मदद से पस बाहर निकालते हैं। उसी समय पर घाव में बढ़ते बैक्टीरिया का स्वैब सैंपल लिया जा सकता है और जांच के लिए लैब में भेजा जा सकता है।
  • डॉक्टर यह भी जानना चाहेंगे कि आप घाव की देखभाल कैसे कर रही हैं और पिछले सप्ताह में वह किन संभावित तत्वों के संपर्क में आया है। यह डॉक्टर इन्फेक्शन के संभावित स्रोत को समझने के लिए बेहतर जानकारी दे सकता है।

सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन के प्रकार

सिजेरियन के बाद निम्नलिखित इन्फेक्शन हो सकते हैं, आइए जानते हैं;

1. सेलुलाइटिस

सिजेरियन के बाद जब चीरे के आस-पास के टिशू सूज जाते हैं और उस जगह पर लाल होने लगता है – इससे वह क्षेत्र अत्यधिक सूजा हुआ दिखता है – यह सेलुलाइटिस होने का एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह मुख्य रूप से स्टैफिलोकोकल या स्ट्रेप्टोकोकल स्ट्रेन से संबंधित विशेष प्रकार के बैक्टीरिया के कारण इन्फेक्शन का एक परिणाम है। इस समस्या में पस बहुत कम होता है ।

2. एब्डोमिनल ऐबसेस

सिजेरियन के बाद चीरे में यदि सूजन आ जाती है और वह अधिक संवेदनशील हो जाता है तो घाव के आस-पास भी सूजन आने लगती है। इससे बैक्टीरिया टिश्यू की कैविटी को संक्रमित करते हैं और यहाँ पस बनने लगता है। यह पस चीरे से बाहर भी निकल सकता है।

3. एनडोमेटराइटिस

कई बार इन्फेक्शन गर्भाशय तक पहुँच जाता है और इससे गर्भाशय की परत में जलन हो सकती है। यह भी ऊपर बताए हुए बैक्टीरिया के कारण होता है और इसके परिणामस्वरूप एंडोमेट्राइटिस नामक बीमारी हो जाती है। इस समस्या में तेज बुखार होने के साथ-साथ पेट में दर्द और योनि से डिस्चार्ज होता है।

4. थ्रश

यह शरीर में मौजूद फंगस के कारण होता है, जिसे कैंडिडा कहते हैं और आमतौर पर यह स्टेरॉयड लेने वाली उन महिलाओं को प्रभावित करता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इससे फंगल इन्फेक्शन हो सकता है या यहाँ तक कि मुंह को स्वस्थ रखने वाले बैक्टीरिया न होने के कारण मुंह में छाले भी हो सकते हैं।

5. मूत्र संक्रमण (यूरिनरी इन्फेक्शन)

कुछ महिलाओं को पेशाब के लिए कैथेटर की आवश्यकता हो सकती है। ई.कोली नामक बैक्टीरिया के कारण यह मूत्रपथ में इन्फेक्शन की संभावना को बढ़ाते हैं।

सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन के कॉम्प्लीकेशन्स

  1. नेक्रोटाइजिंग फासिसाइटिस – यह इन्फेक्शन शरीर के टिशू को प्रभावित करता है।
  2. फेशियल रपचर – इसमें शरीर के स्वस्थ टिशू घाव के संपर्क में आ सकते हैं।
  3. घाव में सड़न – टांके और ठीक हुई परतें फिर से खुल जाती हैं।
  4. घाव का खुलना – यह एक सबसे खराब स्थिति है जिसमें घाव पूरी तरह से खुल जाता है और अंदरूनी भाग बाहर निकलने लगता है।

सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन का इलाज

  1. घाव की नियमित रूप से जांच करें और सुनिश्चित करें कि वह ठीक से भर रहा है व उसमें कोई रिसाव नहीं हो रहा है।
  2. यदि घाव में अधिक पस भर जाता है तो इलाज के लिए इसे बाहर निकालना आवश्यक है।
  3. घाव को अच्छी तरह से साफ करने और बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए स्टेराइल सेलाइन सोल्युशन का उपयोग किया जाना चाहिए।
  4. यदि रिसाव अभी भी रुका नहीं है, तो इसे अब्सॉर्ब करने के लिए घाव को स्टरलाई स्ट्रिप से बांध दें।
  5. घाव की सफाई और मरहम-पट्टी नियमित रूप से होनी चाहिए।

सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन के लिए निवारक उपाय

  • ऑपरेशन के बाद के घाव की उचित देखभाल करें और किसी भी चिंता के मामले में तुरंत डॉक्टर को सूचित करें।
  • पूरे कोर्स के लिए एंटीबायोटिक प्रिस्क्रिप्शन का पालन करें और निर्धारित दवाएं ही लें।
  • घाव की सफाई और मरहम-पट्टी नियमित रूप से करें।
  • चीरे वाली जगह के ऊपर ढीले कपड़े पहनें और किसी भी तरह का लोशन न लगाएं।
  • बच्चे को दूध पिलाते समय उसे इस तरह से पकड़ें कि घाव पर दबाव न पड़े।
  • ध्यान रखें कि घाव के ऊपर की त्वचा मुड़नी नहीं चाहिए और न ही आप उसे छुएं।
  • यदि आपके शरीर का तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • यदि पस, दर्द या सूजन के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर को बताएं।

सिजेरियन के घाव का उपचार करने के टिप्स

  1. सुनिश्चित करें कि आप घाव में दर्द और सूजन के इलाज के लिए नियमित रूप से दवा ले रही हैं।
  2. छींकते समय अपने पेट को सहारा दें और पीठ पर बिना दबाव डाले सीधे चलें।
  3. ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लें।
  4. कोई भारी सामान न उठाएं।
  5. बच्चे को दूध पिलाने के बीच जितना हो सके आराम करें।

सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन और ब्रेस्टफीडिंग

यदि सिजेरियन के घाव में इन्फेक्शन हो जाता है तो आपके लिए बच्चे को दूध पिलाने में समस्या हो सकती है। इस दौरान निम्नलिखित पोजीशन की मदद से आप यह प्रक्रिया आसान बना सकती हैं, आइए जानें;

1. करवट से लेटना

इस समस्या में आप करवट से लेटकर बच्चे को दूध पिला सकती हैं। इस पोजीशन के लिए पहले आप अपनी करवट से लेट जाएं और फिर अपने बगल में बच्चे को लिटा दें। अब स्तनों को बच्चे की तरफ करें और उसे निप्पल पकड़ने दें। जब बच्चा दूध पीना शुरू कर देता है तो आप उसके सिर को सहारा दे सकती हैं।

2. फुटबॉल पोजीशन में बच्चे को दूध पिलाएं

घाव में तकलीफ होने के कारण आप बच्चे को फुटबॉल पोजीशन में भी दूध पिला सकती हैं। इसमें बच्चे को एक तरफ से पकड़ने के लिए अपनी कोहनी मोड़ें। फिर बच्चे को अपने एक हाथ पर लिटाते हुए उसके सिर को सहारा दें और उसके मुंह को निप्पल के करीब लाएं। ऐसा करते समय आप अपने हाथ को सहारा देने के लिए एक तकिए का उपयोग भी कर सकती हैं।

सी-सेक्शन से उबरते समय महिला में मौजूद एक आंतरिक इन्फेक्शन उसे कमजोर बना सकता है। इस दौरान खुद का खयाल रखने के साथ-साथ बच्चे का खयाल रखना काफी थका देने वाला होता है। ऐसे में आवश्यक है कि आप अपने साथी की सहायता लें और जल्द से जल्द ठीक हो जाएं ताकि आप मातृत्व की यात्रा को निर्धारित तरीके से शुरू कर सकें। सुनिश्चित करें कि आप सिजेरियन के घाव से जल्दी ठीक होने के लिए सभी सावधानियां बरतें।

यह भी पढ़ें:

सी-सेक्शन प्रसव – इसके लाभ और जोखिम क्या हैं?
सी-सेक्शन डिलीवरी से उबरना

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

जादुई हथौड़े की कहानी | Magical Hammer Story In Hindi

ये कहानी एक लोहार और जादुई हथौड़े की है। इसमें ये बताया गया है कि…

1 week ago

श्री कृष्ण और अरिष्टासुर वध की कहानी l The Story Of Shri Krishna And Arishtasura Vadh In Hindi

भगवान कृष्ण ने जन्म के बाद ही अपने अवतार के चमत्कार दिखाने शुरू कर दिए…

1 week ago

शेर और भालू की कहानी | Lion And Bear Story In Hindi

शेर और भालू की ये एक बहुत ही मजेदार कहानी है। इसमें बताया गया है…

1 week ago

भूखा राजा और गरीब किसान की कहानी | The Hungry King And Poor Farmer Story In Hindi

भूखा राजा और गरीब किसान की इस कहानी में बताया गया कि कैसे एक राजा…

1 week ago

मातृ दिवस पर भाषण (Mother’s Day Speech in Hindi)

मदर्स डे वो दिन है जो हर बच्चे के लिए खास होता है। यह आपको…

1 week ago

मोगली की कहानी | Mowgli Story In Hindi

मोगली की कहानी सालों से बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। सभी ने इस…

1 week ago