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रोल होना या पलटना बच्चे के डेवलपमेंट के सबसे पहले माइलस्टोन्स में से एक है। एक छोटा सा बच्चा जो खुद से कुछ नहीं कर सकता है, उसे पलटता या रोल होता देख कर बहुत आनंद आता है। यह स्किल बच्चे में समय के साथ धीमे-धीमे अपने आप ही आता है। इससे पता चलता है कि बच्चे के बाजुओं में ताकत बढ़ रही है। हालांकि आगे से पीछे और पीछे से आगे की ओर रोल होने के लिए अलग-अलग मसल्स और स्किल्स की जरूरत पड़ती है।
बच्चे किस उम्र में पलटना शुरू करते हैं? पेरेंट्स अक्सर यह सवाल पूछते हैं। दुर्भाग्य इसका कोई एक जवाब या कोई समय या उम्र नहीं है। कुछ बच्चे 3 से 4 महीने की उम्र में रोल होना शुरू कर देते हैं और कुछ 7 महीने की उम्र में भी रोल नहीं होते हैं। हालांकि 5 से 7 महीने के बच्चों में फ्लेक्सिबिलिटी आ जाती है जिसकी वजह से उनमें अलग-अलग दिशा में पलटने की स्किल्स डेवलप होने लगती है, जैसे आगे से पीछे, पीछे से आगे और अगल-बगल में वो आसानी से रोल होना शुरू कर देते हैं।
बच्चे को एक तरफ से दूसरी तरफ रोल करता देखने पर बहुत अच्छा लगता है। हालांकि इसके लिए आपको सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि बच्चे को एसआईडीएस के खतरे से सुरक्षित रखा जा सके। वे कौन से टिप्स हैं, आइए जानें;
प्रीमैच्योर बच्चे फुल टर्म बच्चे की तुलना में देर से पलटना शुरू करते हैं (इसमें उनकी वास्तविक उम्र मानी जा सकती है)। जैसे, 6 महीने का प्रीमैच्योर बच्चा जो दो महीने ही दुनिया में आ गया है उसकी उम्र 4 महीने मानी जाती है। इसलिए यदि वह 6 महीने में यह माइलस्टोन पूरा करता है तो वह 4 महीने के शिशु के समान ही हुआ और यह बिल्कुल सामान्य है।
हालांकि प्रीमैच्योर बच्चों में हेल्थ से जुड़ी समस्याएं या दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए हो सकता है कि वे समय के साथ विकसित नहीं हो रहे हों।
बच्चा पलटना या रोल होना धीरे-धीरे सीखता है। रोलिंग ओवर माइलस्टोन को पूरा करने के लिए निम्नलिखित डेवलपमेंट होते हैं, आइए जानें;
सभी बच्चे पलटना अक्सर अपने आप ही सीखते हैं। हालांकि इस स्किल को सीखने में पेरेंट्स बच्चों की मदद जरूर कर सकते हैं, इससे संबंधित कुछ टिप्स निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
आप शिशु को उसके दाहिने हाथ से खिलौना या अन्य वस्तु उठाकर बाईं ओर ले जाने के लिए प्रेरित करें। धीरे-धीरे आप बच्चे को उसके हाथ का सहारा लेकर दाहिने हिप पर मोड़ें और बाईं ओर रोल करें।
बच्चे अक्सर 2 से 5 महीने की उम्र में पलटना शुरू करते हैं। हालांकि इसमें पेरेंट्स उनकी मदद कर सकते हैं और निम्नलिखित टिप्स से उनके विकास का एक भाग बन सकते हैं, आइए जानें;
बच्चे को ऐसे कैरियर में न ले जाएं जिस में उसके पैर स्ट्रैडल पोजीशन में अलग-अलग रहते हैं और इसके बजाय आप उसे ऐसे कैरियर में रखें जिसमें उसके पैर मेंढक की पोजीशन में रहते हैं।
यदि बच्चा रोल कर सकता है तो इसका अर्थ है कि उसके गर्दन की मसल्स सिर को संभालने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत हो चुकी हैं। यह होने के बाद बच्चा क्रॉल करना शुरू करेगा जिसके बाद वह खड़ा होने में सक्षम हो जाएगा। एक बार जब बच्चा इस माइलस्टोन को पूरा कर लेगा तो वह शुरूआत में किसी की मदद लेकर और बाद में खुद से चलना भी शुरू कर देगा।
ज्यादातर बच्चे के पेट से पीठ के बल पलटते हैं क्योंकि यह करना बहुत आसान है। हालांकि कुछ शिशु शुरुआत में ही पीठ से पेट के बल रोल होने लगते हैं। यह बहुत दुर्लभ है पर नॉर्मल है और एक अच्छा संकेत भी है। पीठ से पेट के बल रोल होने के लिए ज्यादा ताकत की जरूरत होती है और इसलिए यदि बच्चा ऐसा करता है तो इसका यह अर्थ है कि वह पेट से पीठ के बल भी पलट सकता है।
बच्चे का बिस्तर पर पलटना पेरेंट्स के लिए आम समस्या है। बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें;
बच्चे को एसआईडीएस के खतरे से बचाने के लिए उसे सुलाते समय बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। ऐसी समस्याओं से बचने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें;
बच्चे के पलटना शुरू करने के बाद इस बात का ध्यान रखें आप जमीन पर ब्लैंकेट या मैट बिछाएं और उसे वहीं रखें। टेबल या किसी ऊंचे प्लेटफॉर्म पर रखने से बच्चा गिर भी सकता है। बच्चे को सुलाते समय उसे पीठ के बल एक टाइट बेडिंग पर सुलाएं। साथ ही बिस्तर से सभी खिलौने, तकिया या अन्य वस्तुएं हटा दें ताकि घुटन न हो।
रोल करना शुरू करने के लिए 3 महीने की उम्र सही है। पेरेंट्स की एक मुख्य चिंता यही है कि यदि बच्चा सोते समय रोल होता है या रात में रोल होता है तो इससे एसआईडीएस का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा पेरेंट्स की अन्य चिंताएं यह भी हैं कि बच्चा 7 महीने की उम्र तक रोल नहीं कर पाता है। हालांकि यदि बच्चा प्रीमैच्योर है तो वह देरी से पलटना शुरू करेगा। यदि बच्चे के साथ ऐसा भी नहीं है और फिर भी उसमें अन्य स्किल्स, जैसे बैठना या क्रॉलिंग अब तक विकसित नहीं हुए हैं तो पेडिअट्रिशन से संपर्क करें।
बच्चे में डेवलपमेंट का सबसे पहला माइलस्टोन पलटना है। यह बच्चे में एक मुख्य मोटर स्किल्स है। यह सिर्फ तभी होगा जब बच्चे की मसल्स डेवलप हो जाएंगी जिससे वह बेहतर तरीके से करने में सक्षम होगा। बच्चे को हर तरफ लुढ़कता, पलटता देखकर आप मुस्कुराएंगी पर आपको इससे संबंधित कुछ सावधनियों पर भी ध्यान देना चाहिए, जैसे उसकी सेफ्टी।
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