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एक्यूप्रेशर, सबसे प्रभावी वैकल्पिक उपचारों में से एक है जिसका उपयोग कई लोग आम बीमारियों के इलाज के लिए करते हैं। यह बड़ों और बच्चों दोनों के लिए अच्छा काम करता है। हालांकि, तीन महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए इसका दबाव बहुत हल्का और कोमल होना चाहिए। छोटे बच्चों को ठीक करने के लिए हर प्रेशर पॉइंट सिर्फ कुछ सेकंड का ही होना चाहिए। आप रोजाना 10 से 20 मिनट तक इसे करें। लेकिन, क्या एक्यूप्रेशर ट्रीटमेंट वास्तव में इतना सुरक्षित है कि इसे आप बेबी के लिए उपयोग कर सकती हैं? छोटे बच्चों पर एक्यूप्रेशर थेरेपी के इस्तेमाल, इसके लाभ और अन्य जानकारियों के लिए आगे पढ़ें।
एक्यूप्रेशर एक प्राचीन चिकित्सा है जिसमें शरीर पर मुख्य प्रेशर पॉइंट पर दबाव डाला जाता है जिससे बीमारियां ठीक होती हैं व राहत मिलती है। इन मुख्य पॉइंट यानी ‘रिफ्लेक्स पॉइंट’ पर दबाव डालने पर शरीर में इससे जुड़े अंगों के दर्द में आराम मिलता है और बीमारी ठीक हो जाती है। एक्यूप्रेशर थेरेपी बहुत आम हो गई है और आजकल लोग इसे पारंपरिक उपचारों की तुलना में अधिक पसंद करते हैं क्योंकि इसमें किसी दवा के सेवन की आवश्यकता नहीं होती है और यह एक्यूपंक्चर के विपरीत नॉन-इनवेसिव भी है।
एक्यूप्रेशर थेरेपी बच्चों की आम बीमारियों को ठीक करने के लिए सुरक्षित है। यह देखा गया है कि इस वैकल्पिक उपचार के माध्यम से उनका इलाज अधिक आसानी से किया जा सकता है क्योंकि छोटे बच्चों एनर्जी ज्यादा होती है और उनके शरीर में टॉक्सिन का स्तर बड़ों की तुलना में बहुत कम होता है। हालांकि, बीमारी को अच्छी तरह से ठीक करने के लिए इसके सही तरीके का उपयोग करना और सही प्रेशर पॉइंट को दबाना जरूरी है। यदि इसे सही तरीके से नहीं किया गया तो अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे।
यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि एक्यूप्रेशर तभी प्रभावी होता है जब रोग का निदान सही ढंग से और विस्तार से किया गया हो और समस्याओं के कारणों की पूरी जानकारी होना भी जरूरी है।
एक्यूप्रेशर जिसे रिफ्लेक्सोलॉजी भी कहा जाता है, यह न केवल बड़ों में बल्कि शिशुओं में भी बीमारी का इलाज करने का एक अच्छा तरीका है। यह एक माँ और बच्चे के संबंध को बेहतर बनाने में भी मदद करता है (यदि माँ इस थेरेपी का अभ्यास करती है तो), क्योंकि इस उपचार के लिए त्वचा पर कुछ प्रेशर पॉइंट पर दबाव डालने की आवश्यकता होती है। यहाँ छोटे बच्चों को होने वाली कुछ आम समस्याएं और बीमारियां बताई गई हैं जिनके लिए एक्यूप्रेशर फायदेमंद साबित हो सकता है, आइए जानें;
बच्चे को एक्यूप्रेशर सेशन के लिए तैयार करने से पहले खुद को शांत करना महत्वपूर्ण है। यह सोचकर न घबराएं कि सेशन आपके बेबी के साथ अच्छा नहीं होगा। यदि सेशन के दौरान बच्चा सहज महसूस नहीं करता है तो आप इसे करना बंद कर सकती हैं। किसी भी प्रेशर पॉइंट को 10-20 सेकंड से ज्यादा न दबाएं। यदि आवश्यक हो तो आप 2-3 घंटे के बाद एक्यूप्रेशर थेरेपी दोबारा कर सकती हैं। एक्यूप्रेशर थेरेपी एक दिन में 10-20 मिनट से ज्यादा देर तक नहीं करनी चाहिए।
बच्चों में कब्ज की समस्या या रोते हुए बेबी के लिए सही प्रेशर पॉइंट को दबाकर एक्यूप्रेशर थेरेपी का अभ्यास किया जा सकता है। हालांकि यदि बच्चा एक्टिव है तो आप एक्यूप्रेशर थेरेपी का उपयोग डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें क्योंकि बच्चे में एक्टिवनेस होने से इसके परिणामों से समस्याएं हो सकती हैं। छोटे बच्चों को एक्यूप्रेशर सेशन के लिए कैसे तैयार करें, आइए जानते हैं;
एक्यूप्रेशर थेरेपी बच्चों की बीमारियों को ठीक करने का एक बेहतरीन और सस्ता तरीका है लेकिन यह ट्रीटमेंट का केवल एक ही वैकल्पिक रूप है। स्वास्थ्य से संबंधित गंभीर समस्याओं के मामले में घर पर खुद से एक्यूप्रेशर थेरेपी का उपयोग करने के बजाय डॉक्टर से चर्चा करने की सलाह दी जाती है। व्यक्ति को सही प्रेशर पॉइंट का पता होना भी बहुत जरूरी है। इसे सही तरीके से और सही तकनीक के साथ करने से बच्चे को स्वस्थ रखने में काफी मदद मिल सकती है।
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